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ट्रेन में मिले अफ्रीकन जोड़े के साथ ग्रुप सेक्स

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Group Sex Story: सुशील बनारस का रहने वाला था। पिछले साल मुंबई में उसके कॉलेज का सेमिनार आयोजित किया गया था। सेमिनार खत्म होते ही उसने उसी दिन बनारस के लिए ट्रेन पकड़ ली। जब ट्रेन पर चढ़ा, तो अकेला था। उसने अपना सामान ठीक से लगाया और इत्मीनान से बैठ गया। थोड़ी देर बाद, एक खूबसूरत औरत आकर उसके सामने बैठ गई। उसने भी अपना सामान बर्थ के नीचे रखा, पानी की बोतल निकाली और पीने लगी। फिर उसने तकिया लगाया और आराम से बैठ गई।

टीटी आया तो सुशील को पता चला कि उसका नाम नैना था। उसने लिस्ट में जाकर देखा कि वह 32 साल की महिला थी। वापस आकर वह आराम से बैठ गया। फिर चायवाला आया तो सुशील ने उसे चाय ऑफर की। नैना मुस्कराई और उसने चाय स्वीकार कर ली। उस समय सुशील लगभग 30 साल का था और स्मार्ट बंदा था। धीरे-धीरे उसने नैना को चिप्स वगैरह भी ऑफर किए।

सुशील ने पूछा कि वह कहां जा रही है। उसने जवाब दिया कि वह बनारस जा रही है। फिर सुशील ने पूछा, “क्या आप वहीं की रहने वाली हैं?” नैना ने कहा, “नहीं, मैं मुंबई की रहने वाली नहीं हूँ। मैं बनारस की हूँ।” सुशील ने कहा, “तो आपको हिंदी नहीं आती होगी।” नैना हंसकर बोली, “हिंदी खूब आती है। मैं तो बनारस की ही पढ़ी-लिखी हूँ। मेरे पापा यहीं पर सर्विस करते हैं और मैं भी जॉब करती हूँ। आप अपने बारे में कुछ बताइए।”

सुशील ने बताया, “मैं बनारस के एक कॉलेज में प्रोफेसर हूँ। मुंबई में एक सेमिनार में गया था और अब वापस जा रहा हूँ। यह लंबा सफर है, आपका साथ है तो सफर अच्छा कट जाएगा।” नैना ने सहमति में सिर हिलाया और कहा, “बिल्कुल, मैं भी यही सोच रही हूँ।”

थोड़ी देर बाद सुशील ने अपने बैग से एक व्हिस्की की बोतल निकाली और दो गिलास साफ करके रख दिए। उसने हिचकिचाते हुए पूछा, “मैडम, क्या आप मेरा साथ देंगी?” नैना ने बोतल की तरफ देखा और मुस्कराते हुए बोली, “वैसे तो मैं पीती नहीं हूँ, लेकिन इस समय आपका साथ दे सकती हूँ।” सुशील ने धन्यवाद कहा और दोनों ने शराब का मजा लेना शुरू कर दिया। वे इधर-उधर की बातें करने लगे।

कुछ देर बाद, सुशील ने अपने बैग से किताबें निकालीं और टेबल पर रख दीं। साथ ही, उसने बैग से एक ढीली-ढीली नेकर निकालकर रख ली और कहा, “मैं कपड़े बदलकर आता हूँ।” बाथरूम जाते समय सुशील ने पीछे मुड़कर देखा तो पाया कि नैना सेक्स की कहानियां पढ़ रही थी। दरअसल, उसने जानबूझकर सुपर हॉट चुदाई की कहानी वाली किताब सबसे ऊपर रख दी थी। यह देखकर सुशील का लंड नेकर के अंदर ही खड़ा हो गया।

जब वह वापस आया, तो नैना ने उससे पूछा, “यह किताब तुम्हारी है?” सुशील ने जवाब दिया, “हाँ, यह मेरी है।” नैना बोली, “इसमें तो बड़ी गंदी-गंदी सेक्स की कहानियां हैं।” सुशील ने कहा, “लंबे सफर में ऐसी कहानियां बड़ा साथ देती हैं।” नैना ने मुस्कराते हुए कहा, “मुझे ये कहानियां बहुत अच्छी लग रही हैं। मैं सारी कहानियां पढ़ना चाहती हूँ। इसलिए इसे अपने पास रख लेती हूँ। मुझे मालूम हो गया है कि इन कहानियों को अकेले में नंगे होकर पढ़ने में ज्यादा मजा आएगा।”

सुशील ने हल्के अंदाज में जवाब दिया, “इन कहानियों को आप उसके साथ भी पढ़ सकती हैं जिनसे आपके सेक्स संबंध हों।” नैना ने हंसते हुए कहा, “इन कहानियों के जरिए भी सेक्स संबंध बनाए जा सकते हैं। मैं तो सोच रही हूँ कि कहानियां लिखने वाले का लंड तो बड़ा जबरदस्त होगा। मुझे मिल जाए तो मैं उसको अपना सब कुछ दे दूं और लिपटकर प्यार करूं।”

यह सुनकर सुशील बहुत खुश हुआ और उसका लंड सनसना गया। नैना बोली, “अच्छा, अब मैं कपड़े बदल लेती हूँ।” सुशील ने कहा, “मैं बाहर चला जाता हूँ।” नैना बोली, “बाहर जाने की क्या जरूरत है? यहीं बैठे रहो। मुझे कोई शर्म नहीं है। मैं कोई गांव की लड़की नहीं हूँ।”

सुशील यह सुनकर बहुत खुश हुआ। उसने देखा कि नैना ने एक ढीला-ढाला गाउन पहन लिया था। उसके नीचे उसने कुछ भी नहीं पहना था, क्योंकि सुशील ने उसे ब्रा उतारते हुए देखा था। यह देखकर वह और ज्यादा उत्तेजित हो गया।

सुशील ने देखा कि नैना अब गाउन में पूरी तरह सहज हो चुकी थी। वह दोनों गिलास लेकर फिर से शराब पीने लगे। एक पैग खत्म हुआ तो दूसरा शुरू हो गया। इसी दौरान नैना ने सिगरेट निकाली और सुशील की तरफ बढ़ाई। सुशील ने सिगरेट ले ली और दोनों साथ में सिगरेट पीने लगे। जैसे ही दूसरा पैग खत्म हुआ, नैना ने अपने गाउन के दोनों बटन खोल दिए। उसकी चूंचियां साफ नजर आने लगीं। सुशील का लंड भी उछाल मारने लगा।

सुशील ने नैना से कहा, “तुम बहुत सुंदर हो।” नैना ने मुस्कराते हुए अपनी चूंचियों की तरफ इशारा करते हुए कहा, “और ये?” सुशील ने कहा, “ये तो इतनी अच्छी हैं कि मन करता है इन्हें चबा जाऊं।” नैना ने जवाब दिया, “तो चबा लो ना।” यह कहते हुए उसने सुशील का हाथ पकड़कर अपनी चूंचियों पर रख दिया।

सुशील ने बिना समय गंवाए नैना को अपनी बाहों में भर लिया। उसने नैना की चूंचियों को दोनों हाथों से जोर से मसलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपने होंठ नैना की चूंचियों पर लगा दिए और उन्हें चूसने लगा। नैना इस दौरान धीरे-धीरे नीचे खिसकती गई और सुशील की नेकर नीचे सरका दी। उसने एक हाथ से सुशील का लंड पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसके चूतड़ों को सहलाने लगी।

इस बीच नैना के मुंह से निकला, “यार सुशील, मेरे दूसरे हाथ में एक काला लंड होता तो कितना अच्छा होता। मैं काले लंड की तलाश में बहुत दिनों से घूम रही हूँ।” सुशील ने मुस्कराते हुए कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ कि गोरी चूत वालियां सब काले लंड की तलाश में रहती हैं।” नैना ने पूछा, “तुम्हें कैसे मालूम?” सुशील ने जवाब दिया, “ठीक वैसे ही जैसे काली लड़कियां गोरे लंड की तलाश में रहती हैं।”

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नैना ने हंसते हुए कहा, “तो मेरे लिए एक काला लंड ढूंढ कर लाओ। मेरी चूत काले लंड के लिए तरस रही है।” सुशील ने जवाब दिया, “तुम चिंता मत करो। मेरे कई दोस्त काले हैं। एक क्या, मैं तुम्हें तीन-चार काले लंड एक साथ दिलवा दूंगा।” यह सुनकर नैना ने सुशील का लंड जोर से चूसना शुरू कर दिया।

सुशील को यह देखकर और ताव आ गया। उसने अपना लंड नैना की चूत में डाल दिया और जोर-जोर से चोदने लगा। चुदवाते हुए नैना चिल्लाई, “माँ के लौड़े, तू चोदने में एकदम हरामी है। बहन चोद, लगता है कई बुर चोद चुका है।” सुशील ने हंसते हुए जवाब दिया, “तू भी तो भोसड़ी वाली, कई लंड से चुदवा चुकी है।”

नैना ने फिर सुशील का लंड पकड़कर जल्दी-जल्दी मुठियाने लगी। सुशील का लंड झड़ने की कगार पर आ गया। नैना ने कहा, “अबे मादर चोद, मेरे मुंह में झड़ जा। मुझे बड़ा अच्छा लगता है। वैसे भी तेरा लंड मुझे बहुत पसंद है।” सुशील वास्तव में झड़ गया। नैना ने उसके झड़ते हुए लंड को रंडी की तरह चाटना शुरू कर दिया।

इसके बाद दोनों ने खाना खाया और सोने चले गए। सुबह करीब 5 बजे, सुशील की आंख खुली। उसने देखा कि नैना बिस्तर पर पूरी तरह नंगी लेटी हुई थी। सुशील का लंड फिर से खड़ा हो गया। उसने नैना की चूंचियों पर अपना लंड फिराना शुरू कर दिया। नैना सहसा जाग गई और उसने सुशील का लंड पकड़ लिया। इसके बाद दोनों ने एक और चुदाई शुरू कर दी।

सुबह के लगभग 10 बजे, उनके डिब्बे में एक काला आदमी घुसा। उसके पीछे एक काली औरत भी थी। उन्होंने सुशील से बर्थ नंबर पूछा। सुशील ने बताया कि वे सही जगह पर आए हैं। उनकी बर्थ ऊपर की थी। दोनों ने सुशील से नीचे बैठने की अनुमति मांगी। सुशील ने कहा, “आपका हक है। शौक से बैठिए।” वे दोनों खुश हो गए और धीरे-धीरे बातचीत शुरू हुई।

बातों से पता चला कि काले आदमी का नाम जेम्स और औरत का नाम लिकिया था। वे दोनों पति-पत्नी थे। शाम के करीब 7:30 बजे, जेम्स ने शराब की एक बोतल निकाली और कुछ खाने का सामान भी रखा। उसने सुशील और नैना को साथ में शराब पीने का ऑफर दिया। नैना ने मुस्कराकर सहमति दी।

जेम्स ने बातचीत के दौरान बताया कि वह और उसकी पत्नी लिकिया साउथ अफ्रीका के रहने वाले हैं। हालांकि, वे पिछले 15 सालों से मुंबई में रह रहे थे। सुशील और नैना ने उनसे पूछा कि वे बनारस क्यों जा रहे हैं। लिकिया ने बताया कि उनके एक दोस्त अपनी पत्नी के साथ बनारस में रुके हुए हैं और उनसे मिलने जा रहे हैं।

नैना ने मजाकिया लहजे में पूछा, “आप लोगों की दोस्ती इतनी गहरी है क्या?” लिकिया ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “हां, इतनी गहरी कि वे सिर्फ हमसे मिलने के लिए बनारस आए हैं।” नैना ने और खुलकर पूछा, “कोई खास वजह है?” इस पर लिकिया ने थोड़ा झिझकते हुए कहा, “असल में उसका लंड मुझे बहुत पसंद है।”

यह सुनकर सुशील और नैना दोनों चौंक गए। सुशील ने धीरे से नैना के कान में कहा, “अब तुम्हारी मन की मुराद पूरी हो जाएगी।” नैना ने हंसते हुए कहा, “क्या मतलब?” सुशील ने जवाब दिया, “अब तुम्हें काला लंड यहीं मिल जाएगा।” नैना ने मुस्कुराते हुए खुशी जाहिर की।

बातचीत का सिलसिला जारी रहा। सुशील ने जेम्स से पूछा, “आपको क्या पसंद है?” जेम्स ने सीधा जवाब दिया, “अपनी बीवी की चूत और उसकी चूंची।” नैना ने हंसते हुए पूछा, “और आपकी बीवी को क्या पसंद है?” लिकिया ने जवाब दिया, “मुझे जेम्स का लंड पसंद है और जेम्स के दोस्त को मेरी चूत।”

नैना ने अब खुलकर पूछा, “तो क्या आप लोग अपनी बीवियों को अदल-बदल कर चोदते हैं?” जेम्स ने बिना झिझक जवाब दिया, “हां, और वह भी एक-दूसरे के सामने।” नैना ने हैरानी से पूछा, “आप लोगों को कोई शर्म नहीं आती?” जेम्स ने हंसते हुए कहा, “बिल्कुल नहीं। हम लोग जानवरों की तरह एक-दूसरे की बीवी पर टूट पड़ते हैं। दोनों बीवियां एक-दूसरे के लंड पर टूट पड़ती हैं, और फिर हम लोग जमकर चुदाई करते हैं।”

इतनी बातचीत के बीच तीन पैग शराब और पी जा चुकी थी। तभी लिकिया ने अपनी टी-शर्ट उतार दी। उसकी नंगी चूंचियां बाहर निकल आईं। सुशील ने इतनी बड़ी-बड़ी चूंचियां पहले कभी नहीं देखी थीं। नैना ने हंसते हुए कहा, “आप ब्रा नहीं पहनतीं क्या?” लिकिया ने जवाब दिया, “मेरे नाप की ब्रा बाजार में मिलती ही नहीं, इसलिए मैं हमेशा बिना ब्रा के रहती हूं।”

सुशील देख रहा था कि जेम्स लिकिया की चूंचियां मसलने लगा था। यह देखकर सुशील को और ताव आ गया। उसने भी नैना की चूंचियां खोल दीं और उन्हें मसलने और चूसने लगा। हालांकि, उसकी निगाह लिकिया की चूंचियों पर थी। जेम्स भी दिखा रहा था कि वह लिकिया की चूंचियां मसल रहा है, लेकिन उसकी निगाह नैना की चूंचियों पर टिकी हुई थी।

तभी लिकिया ने सुशील की पैंट खोल दी और उसका लंड पकड़ लिया। लंड तो पहले ही खड़ा था। लिकिया के हाथ में आकर और सनसना गया। लिकिया ने हंसते हुए कहा, “हाय जेम्स, जरा देखो, यह गोरा लंड कितना सुंदर लग रहा है। कितना प्यारा-प्यारा है। झांटे भी नहीं हैं, तो और चिकना लग रहा है।” यह कहते हुए लिकिया ने लंड चूसना शुरू कर दिया।

नैना से अब रहा नहीं गया। उसने जेम्स का बरमुडा खींचकर फेंक दिया। जब उसने जेम्स का लंड देखा, तो भौचक्की रह गई। उसके मुंह से निकला, “हाय रे, इतना बड़ा लंड! अरे सुशील, देखो तो साला बिल्कुल गधे का लंड लग रहा है। मादरचोद, 10 इंच से कम नहीं होगा। भोसड़ी का!”

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तभी लिकिया बोली, “अरे नैना, तुम इसे जरा हिलाओ और दोनों हाथों से ऊपर-नीचे करो। साला एक फुट का हो जाएगा।” नैना ने हंसते हुए कहा, “हां यार, आज तो मेरी चूत को मजा ही मजा मिलेगा। बिचारी इतने दिनों से काले लंड के लिए तरस रही थी।” यह कहते हुए नैना ने जेम्स को बर्थ पर चित लिटा दिया।

नैना ने जेम्स की टांगों के बीच नंगी होकर बैठकर उसके लंड से खेलना शुरू कर दिया। उसने लंड को कई बार चूमा, सुपाड़ा चाटा, और झांघों पर हाथ फिराया। फिर उसने इत्मीनान से लंड को चूसना शुरू कर दिया।

उधर, लिकिया ने सुशील को चित लिटा दिया और उसका लंड चूसने में जुट गई। थोड़ी देर में सुशील ने देखा कि नैना अपनी चूत को जेम्स के लंड के पास ले गई। उसने धीरे से लंड को अपनी चूत के अंदर डाला और उचककर पूरी तरह लंड पर बैठ गई।

नैना ने जेम्स के लंड पर बैठकर खुद ही ऊपर-नीचे होने लगी। उसकी गोरी चूत में काला लंड पूरी तरह से समा चुका था। वह इस पर बैठकर जोर-जोर से चुदाई का आनंद ले रही थी। नैना के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। वह हर बार ऊपर उचकते और नीचे आते हुए चिल्ला रही थी, “ओह! इतना बड़ा लंड! मेरी चूत में ऐसा लंड पहले कभी नहीं घुसा। मजा आ रहा है!”

करीब 15 मिनट बाद जेम्स ने नैना को पलट दिया और खुद ऊपर आकर जानवरों की तरह चोदने लगा। वह नैना की टांगें पकड़कर उसके अंदर जोर-जोर से धक्के मार रहा था। नैना दर्द और आनंद से चिल्ला रही थी, “जेम्स, बहनचोद, पूरा लंड पेल दे! मेरी चूत को फाड़ डाल! मेरी बुर में पूरा घुसेड़ दे, साले!”

उधर, लिकिया ने सुशील के लंड को अपनी चूत में ले लिया था। वह अपनी काली चूत में गोरा लंड लेकर बेहद खुश थी। लिकिया ने अपने शरीर को उछालते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया, “ओह! आज पहली बार मुझे इतना मस्त गोरा लंड मिला है! तेज-तेज चोदो, मेरी चूत का कचूमर निकाल दो!” वह अपनी गांड उछालते हुए बार-बार सुशील से कह रही थी, “घुसा दो पूरा लंड! मेरी चूत जल रही है! माँ के लौड़े, तू तो बड़ा चोदू है!”

जेम्स ने अब नैना को पलटकर पीछे से चोदना शुरू कर दिया। वह नैना की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मार रहा था। नैना चिल्लाते हुए कह रही थी, “जेम्स, बहनचोद, मेरी बुर फाड़ दे! और तेज! और जोर से!”

करीब आधे घंटे तक दोनों औरतों की जोरदार चुदाई हुई। सुशील और जेम्स ने अपनी-अपनी बीवियों को पूरी ताकत से चोदा। आखिरकार, सुशील का लंड झड़ने की कगार पर आ गया। जब वह झड़ने लगा, तो लिकिया ने तुरंत उसका लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चाट-चाटकर साफ कर दिया।

उधर, जेम्स का लंड भी झड़ने लगा। नैना ने उसे अपने मुंह में ले लिया और चूसते हुए उसका सारा पानी निगल लिया। उसने चाट-चाटकर जेम्स के लंड को पूरी तरह साफ कर दिया। इसके बाद सभी ने आराम किया और खाना खाया।

सुबह के करीब 5 बजे, सुशील की आंख खुली। उसने देखा कि नैना जेम्स के लंड को सहला रही थी। नैना ने मुस्कुराते हुए कहा, “सुशील, बनारस पहुंचने से पहले एक बार और चुदवा लेती हूँ।” सुशील हंसते हुए बोला, “इसमें क्या? अब तो लंड तुम्हारा है, खूब चुदवा लो।”

यह सुनकर लिकिया ने सुशील का लंड पकड़ लिया और बोली, “मैं भी बिना चुदवाए नहीं जाऊंगी। मुझे भी चुदाई चाहिए।” इसके बाद, एक बार फिर से दोनों औरतों ने अपने-अपने तरीके से चुदाई का आनंद लिया।

ट्रेन अब बनारस पहुंचने वाली थी। जेम्स ने सुशील से कहा, “सुशील, तुम हमारे दोस्त कोको के घर चलो। अपनी बीवी नैना के साथ।” (जेम्स नैना को सुशील की बीवी समझ बैठा था)। सुशील ने नैना से पूछा, “तुम्हारा क्या ख्याल है?” नैना ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है, मैं तैयार हूँ। पर कोको का लंड कितना बड़ा है?”

लिकिया ने हंसते हुए जवाब दिया, “कोको का लंड जेम्स के लंड से भी बड़ा है। तभी तो मुझे वह ज्यादा पसंद है।” यह सुनकर नैना बोली, “तब मैं जरूर चलूंगी। दो-दो काले लंड एक साथ देखने और चुदवाने का मजा और ज्यादा होगा। सुशील, तुम्हें भी दो-दो काली चूतें चोदने को मिलेंगी।”

सुशील ने कहा, “ठीक है, चलो।” थोड़ी देर में वे लोग कोको के घर पहुंच गए।

कोको के घर पहुँचने के बाद सभी ने एक-दूसरे का परिचय कराया। कोको और उसकी पत्नी लोली ने मेहमानों का स्वागत किया। सुशील ने देखा कि लोली बहुत खूबसूरत थी। उसका रंग काला था, लेकिन उसकी बॉडी का आकर्षण किसी को भी दीवाना बना सकता था। सुशील का लंड उसे देखते ही खड़ा हो गया। उधर, कोको ने नैना को नंगा कर दिया और उसकी चूंचियों को मसलना शुरू कर दिया। नैना को यह देखकर कोई शर्म नहीं आई, बल्कि वह इस हरकत से और उत्तेजित हो गई।

लोली ने झट से सुशील को नंगा कर दिया और उसका लंड पकड़कर अपने मुंह में डाल लिया। वह गप्प से लंड चूसने लगी। सुशील को यह देखकर और महसूस करके बेहद आनंद आ रहा था। उधर, नैना ने भी कोको के साथ पूरी मस्ती करना शुरू कर दिया। उसने खुद आगे बढ़कर कोको से अपनी चूंचियां मसलवाईं और उनके साथ खेलने लगी।

थोड़ी देर बाद, नैना और लोली दोनों पूरी तरह से मस्ती में डूब चुकी थीं। नैना ने एक हाथ से जेम्स का लंड और दूसरे हाथ से कोको का लंड पकड़ लिया। वह बारी-बारी से दोनों लंडों को चूसने लगी। चूसते-चूसते नैना ने कहा, “अब मैं इन दो जंगी लंडों से एक साथ चुदवाऊंगी। एक चूत में, तो दूसरा चूंचियों में। एक बुर में, तो दूसरा गांड में। एक मुंह में, तो दूसरा हाथ में।”

नैना ने बिना किसी झिझक के अपनी चूत और गांड दोनों जगह लंड लेने की तैयारी कर ली। उधर, लोली ने सुशील के लंड को अपनी चूत में डाल लिया और जोर-जोर से चुदाई शुरू कर दी। लोली की काली चूत गोरे लंड का मजा लेते हुए बार-बार तड़प रही थी। वह चिल्ला रही थी, “ओह सुशील! घुसा दो पूरा! मेरी चूत को फाड़ डालो! तेज चोदो! माँ के लौड़े, तुम तो कमाल के हो!”

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कोको ने नैना को पलटकर पीछे से चोदना शुरू कर दिया। नैना की चिल्लाहट पूरे कमरे में गूंज रही थी, “कोको, तेरे लंड का साइज तो गधे से भी बड़ा है! और तेज! और गहराई तक घुसा!” जेम्स ने इस बीच नैना के मुंह में अपना लंड डाल दिया और उसे जोर-जोर से चुदवाने लगा।

करीब आधे घंटे तक यह जोरदार चुदाई चलती रही। नैना ने दो-दो लंड एक साथ अपनी चूत, गांड, और मुंह में लेकर पूरे जोश के साथ चुदाई का आनंद लिया। उधर, लोली और सुशील भी अपनी मस्ती में पूरी तरह से खोए हुए थे। सुशील ने लोली की चूंचियों को जोर से मसलते हुए चिल्लाते हुए कहा, “तेरी चूत और चूंचियां दोनों लाजवाब हैं! आज तुझे फाड़कर ही दम लूंगा!”

आखिरकार, जेम्स और कोको का लंड झड़ने की कगार पर आ गया। नैना ने दोनों लंडों को अपने मुंह में लेकर उनके झड़ते हुए पानी को पूरी तरह से निगल लिया। उधर, लोली ने सुशील के झड़ते हुए लंड को अपने मुंह में लेकर चाट-चाटकर साफ कर दिया।

इसके बाद सभी ने एक साथ बैठकर खाना खाया और थोड़ी देर आराम किया। नैना और लोली दोनों एक-दूसरे से बातचीत करने लगीं और इस अनुभव को बेहद खास बताते हुए हंसने लगीं।

खाना खाने और थोड़ा आराम करने के बाद माहौल फिर से गर्म होने लगा। कोको ने नैना की ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “नैना, तुमने तो अभी तक दो लंडों का मजा लिया है, लेकिन अब हम इसे और ज्यादा मस्तीभरा बनाएंगे।” यह सुनकर नैना ने शरमाते हुए जवाब दिया, “कोको, तुम जैसा कहोगे, मैं वैसा ही करूंगी। वैसे भी, तुम्हारा लंड और जेम्स का लंड मेरे लिए काफी नहीं हैं। मुझे और चाहिए!”

लोली ने भी सुशील की ओर देखते हुए कहा, “सुशील, क्या तुम तैयार हो मुझे और मस्त करने के लिए? मैं चाहती हूं कि तुम मुझे पहले से भी ज्यादा जोर से चोदो।” सुशील ने हंसते हुए कहा, “तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी करूंगा। अब तो तुम्हारी चूत और चूंचियों का कचूमर निकाल दूंगा।”

कोको ने नैना को पलंग पर लेटाया और उसकी टांगों को चौड़ा कर दिया। उसने अपने बड़े लंड को नैना की चूत में डाल दिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। नैना दर्द और आनंद के मिले-जुले एहसास से तड़प उठी। वह चिल्ला रही थी, “ओह कोको, और तेज! और गहराई तक! मेरी चूत को फाड़ डालो! तुम दोनों के लंड का मजा ही अलग है।”

उधर, जेम्स ने नैना की गांड को निशाना बनाते हुए अपना लंड उसमें डाल दिया। अब नैना एक ही समय में दोनों जगह चुदाई का आनंद ले रही थी। उसने चिल्लाते हुए कहा, “जेम्स, और जोर से! कोको, और तेज! तुम दोनों मिलकर मुझे पागल कर दोगे। मेरी चूत और गांड दोनों अब तुम्हारी हैं।”

लोली ने इस दौरान सुशील को खींचकर अपने ऊपर बैठा लिया। उसने सुशील का लंड अपनी चूत में डाल लिया और तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी। लोली की काली चूत सुशील के गोरे लंड का पूरा आनंद ले रही थी। वह जोर-जोर से कह रही थी, “ओह सुशील! तुम तो चुदाई के बेताज बादशाह हो! और तेज! मेरी चूत को पूरा भर दो। मुझे और चाहिए!”

करीब 45 मिनट तक यह मस्ती चलती रही। नैना और लोली दोनों के चेहरे पर चुदाई का संतोष साफ झलक रहा था। आखिरकार, जेम्स और कोको ने अपना पानी नैना के शरीर पर निकाल दिया। उधर, सुशील ने लोली की चूत में झड़ते हुए अपनी गर्मी छोड़ दी। लोली ने सुशील के झड़ते हुए लंड को चाटकर साफ कर दिया और मुस्कुराते हुए कहा, “सुशील, तुमने आज मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया।”

नैना ने भी हंसते हुए कहा, “कोको और जेम्स, तुम दोनों ने मेरी चूत और गांड को फाड़कर रख दिया। लेकिन मुझे इतना मजा कभी नहीं आया था। अब मैं हमेशा के लिए तुम दोनों की दीवानी बन गई हूं।”

इसके बाद सभी ने थोड़ा आराम किया और अपने अनुभव को याद करते हुए हंसी-मजाक किया। लोली ने नैना से कहा, “तुम्हें दो काले लंडों का मजा मिला, और मुझे एक गोरा लंड। अब मुझे यकीन है कि हमारे बीच की दोस्ती और गहरी हो जाएगी।” नैना ने हंसते हुए जवाब दिया, “यह तो शुरुआत है। अगली बार और ज्यादा मजा करेंगे।”

सुबह होते ही सभी ने मिलकर नाश्ता किया। जेम्स और कोको ने सुशील और नैना को अपने दोस्त के घर आने का न्योता दिया। नैना ने कहा, “अगर वहां भी ऐसे ही मस्ती होगी, तो मैं जरूर आऊंगी। दो-दो लंडों का मजा लेने का मौका मैं कभी नहीं छोड़ूंगी।”

सुशील ने भी मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे भी अब दो काली चूतों का इंतजार रहेगा। यह अनुभव मेरे लिए हमेशा खास रहेगा।” इसके बाद सभी ने एक-दूसरे को अलविदा कहा और अपनी-अपनी राह चल पड़े।

 

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