हरेंद्र की बीवी अजीता, खूबसूरती का एक जीता-जागता उदाहरण थी। उसकी हर अदा में कुछ ऐसा था जो किसी को भी उसे एक बार फिर से देखने के लिए मजबूर कर देता। लेकिन हरेंद्र का दिल अजीता के लिए अपनी अलग तरह की चाहत से भरा हुआ था। वह हमेशा से चाहता था कि उसकी बीवी किसी और मर्द के साथ हमबिस्तर हो और उसे सामने से इस सबका नजारा करने का मौका मिले।
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हरेंद्र ने कई दिनों से अपने इस ख्याल को हकीकत बनाने की योजना बनाई थी। उसने अपने खास दोस्त अश्विन को घर बुलाने का निश्चय किया। अश्विन हरेंद्र का सबसे करीबी दोस्त था, और उसे पूरी तरह से भरोसा था कि अश्विन उसकी बीवी के साथ ऐसा कुछ करेगा जिससे उसकी ये फैंटेसी पूरी हो जाएगी।
उस दिन हरेंद्र ने अश्विन को घर बुलाया। अजीता उस समय अपने कमरे में थी और घर की सजावट कर रही थी। हरेंद्र ने उसकी खूबसूरती को निहारते हुए मन ही मन सोचा, ‘आज मेरी ख्वाहिश पूरी होने जा रही है।’
थोड़ी ही देर में दरवाजे की घंटी बजी और अश्विन अंदर आ गया। अश्विन ने आते ही हरेंद्र से बात शुरू की, लेकिन उसकी नजरें बार-बार अजीता की तरफ जा रही थीं।
हरेंद्र ने अश्विन से धीमे स्वर में कहा, “आज मैं तुम्हें एक खास वजह से बुलाया हूँ। मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी बीवी के साथ कुछ खास पल बिताओ और मैं ये सब देखूं।”
अश्विन थोड़ा हैरान हुआ लेकिन साथ ही उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई। “तू वाकई चाहता है कि मैं अजीता के साथ ये सब करूं?”
“हां,” हरेंद्र ने जवाब दिया, “ये मेरा सपना है।”
अश्विन ने सिर हिलाया और अब उसकी नजरें पूरी तरह से अजीता पर थीं।
हरेंद्र ने अश्विन को कमरे में ले जाकर बैठाया और फिर अजीता को बुलाया। अजीता को शुरू में कुछ समझ नहीं आया, लेकिन हरेंद्र ने उसे धीरे-धीरे सब समझा दिया।
अजीता पहले तो थोड़ी झिझकी, लेकिन फिर उसकी आंखों में एक अलग सी चमक आ गई। वह अश्विन की तरफ बढ़ी और उसके सामने खड़ी हो गई।
अश्विन ने उसके शरीर पर नजर डालते हुए कहा, “तू सच में बहुत खूबसूरत है, अजीता।” और फिर धीरे-धीरे उसके पास आकर उसकी कमर में हाथ डाल दिया।
अजीता ने एक हल्की सी सिसकारी भरी और अश्विन की तरफ देखती रही।
धीरे-धीरे अश्विन ने अजीता के होंठों को चूमना शुरू किया और साथ ही उसका ब्लाउज उतार दिया। अब अजीता के स्तन बाहर आ चुके थे, और अश्विन ने बिना देर किए उन्हें अपने हाथों से पकड़ लिया।
हरेंद्र इस सबको एक कोने से देख रहा था। उसकी बीवी किसी और मर्द के साथ, उसकी आंखों के सामने… यह सब उसे और भी उत्तेजित कर रहा था।
अश्विन ने अब अजीता को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया। उसने धीरे-धीरे अपनी जीभ को उसके शरीर पर घुमाना शुरू किया और अजीता का शरीर कांपने लगा।
हरेंद्र ने अब अपना हाथ अपने लिंग पर रखकर उसे मसलना शुरू कर दिया।
अश्विन ने अब अजीता की चूत को अपने होंठों से चूमते हुए उसकी जीभ अंदर-बाहर करनी शुरू कर दी। अजीता के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं, और उसकी चूत का रस बहने लगा।
अश्विन ने अब अपना लिंग निकालकर अजीता की चूत के सामने रखा और धीरे-धीरे अंदर डालना शुरू किया।
“उह्ह… अह्ह…” अजीता की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी।
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अब अश्विन के धक्के और तेज हो गए, और साथ ही उसकी चूत और गीली होती गई।
अचानक, हरेंद्र ने भी अपनी पैंट उतार दी और अपने लिंग को अपने हाथों में लेकर अश्विन के पास आया।
अश्विन ने एक नज़र हरेंद्र की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “चल, अब तू भी शामिल हो जा।”
हरेंद्र ने धीरे-धीरे अपना लिंग अजीता की गांड में डालना शुरू किया। अब दोनों मर्द, अजीता के शरीर के दो छोरों पर अपने लिंग से उसे भर रहे थे।
अजीता के मुँह से जोर-जोर से सिसकारियां निकलने लगीं, “आह्ह… ओह्ह… और… जोर से… हाँ… हाँ…”
अश्विन और हरेंद्र दोनों ने अब अपनी रफ्तार बढ़ा दी और एक साथ उसे जोर-जोर से चोदने लगे।
कमरे में बस तीनों की सिसकारियों और धक्कों की आवाज़ गूंज रही थी।
“उह्ह… अह्ह… और… हाँ… बस… ऐसे ही…” अजीता अब पूरी तरह से आनंद में थी।
करीब आधे घंटे तक यही चलता रहा और अंत में, अश्विन और हरेंद्र दोनों एक साथ झड़ गए।
अजीता का शरीर थरथराने लगा और वह बिस्तर पर लेट गई, पूरी तरह से संतुष्ट।
तीनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुराए। यह रात उन तीनों के लिए एक यादगार अनुभव बन गई थी, और अब वे जानते थे कि ये सब दोहराने का मौका फिर आएगा।
अगले दिन, हरेंद्र ने अपने दिमाग में पिछले रात के अनुभव को दोहराते हुए सोचा कि अब वे इस नये रिश्ते को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। उसके मन में एक अलग ही जोश था। जब उसने अजीता को देखा, तो उसकी आंखों में अब भी वही चमक थी जो रात को थी।
“तुम्हें अच्छा लगा?” हरेंद्र ने उससे पूछा, एक हल्की मुस्कान के साथ।
अजीता ने सिर हिलाकर हामी भरी, “बहुत मजा आया।” उसकी आवाज में एक मादकता थी, जैसे वह इस पल को बार-बार जीना चाहती हो।
हरेंद्र ने मन ही मन ठान लिया कि यह बस शुरुआत है। उसने अपने दोस्त अश्विन को दोबारा घर बुलाने का फैसला किया।
कुछ दिनों बाद, अश्विन फिर से हरेंद्र और अजीता के घर पहुंचा। इस बार माहौल और भी अलग था। तीनों के बीच की शर्म अब खत्म हो चुकी थी, और अब उन्हें पता था कि उन्हें क्या करना है।
हरेंद्र ने जैसे ही दरवाजा खोला, अश्विन मुस्कुराते हुए अंदर आया। इस बार उसने कोई औपचारिक बातें नहीं कीं, सीधे ही अजीता के पास जाकर उसे अपनी बाहों में भर लिया।
अजीता ने भी बिना किसी झिझक के अश्विन को अपने पास खींच लिया।
“आज तुम दोनों को और भी मजा दिलाऊंगा,” अश्विन ने कहते हुए अजीता के होंठों को चूमा।
इस बार हरेंद्र एक कोने में बैठकर ये सब देखने की बजाय और भी ज्यादा हिस्सा लेना चाहता था। वह अपने हाथों को मसलते हुए सोच रहा था कि इस बार उसे और भी ज्यादा आनंद आएगा।
अश्विन ने धीरे-धीरे अजीता के कपड़े उतारने शुरू किए, और उसने भी अश्विन के शर्ट के बटन खोलने में मदद की। कुछ ही पल में दोनों एक-दूसरे के सामने पूरी तरह से नग्न खड़े थे।
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हरेंद्र ने अपनी पैंट उतारी और बिस्तर पर आकर बैठ गया। उसने देखा कि कैसे अश्विन ने अजीता को बिस्तर पर लिटाया और उसके पूरे शरीर पर अपनी जीभ फिरानी शुरू की।
“आह्ह… और…” अजीता के मुँह से सिसकारी निकली।
अश्विन ने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया और उसके शरीर को पूरी तरह से उत्तेजना से भर दिया।
इस बार, हरेंद्र ने बिना देरी किए अपने लिंग को पकड़ा और अश्विन के पास जाकर खड़ा हो गया।
“चलो, अब इसे और दिलचस्प बनाते हैं,” हरेंद्र ने कहा और अजीता की गांड पर अपने लिंग को रखा।
अश्विन ने अपनी जीभ को उसकी चूत में डालना जारी रखा, और हरेंद्र ने अपनी गांड में धीरे-धीरे लिंग को धकेलना शुरू किया।
“ओह्ह… और जोर से…” अजीता अब दोनों मर्दों के बीच पूरी तरह से जकड़ी हुई थी।
दोनों के लिंग एक साथ उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में धंसते जा रहे थे, और उसकी सिसकारियां अब और भी तेज हो गई थीं।
करीब आधे घंटे तक दोनों मर्द उसके शरीर से खेलते रहे, और अंत में अश्विन और हरेंद्र एक साथ झड़ गए।
तीनों बिस्तर पर निढाल होकर लेट गए, उनकी सांसें तेजी से चल रही थीं।
इस बार, वे जानते थे कि यह रिश्ता अब और भी गहरा होने वाला था।
“हम अब हर बार ऐसा करेंगे,” अश्विन ने कहा, और हरेंद्र और अजीता ने हामी भरी। यह उनकी जिंदगी का एक नया मोड़ था, और अब वे इसे बार-बार जीने वाले थे।
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