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मैंने अपनी बेटी को उसके पापा से चुदवाया – पार्ट 3

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कहानी का पिछला भाग:  मैंने अपनी बेटी को उसके पापा से चुदवाया – पार्ट 2

रिया को दर्द की दवा देकर सुलाने के बाद, मैं और अजय भी कब सो गए, पता ही नहीं चला। अगली सुबह जब आंखें खुलीं तो धूप तेज़ हो चुकी थी। बिस्तर पर नज़र घुमाई तो देखा कि हम तीनों अब भी वैसे ही नंगे पड़े हुए थे।

मैंने धीरे से अजय के लंड को छुआ, जो अब भी आधा खड़ा था। रात के खेल की यादें अभी ताज़ा थीं।

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रिया मेरे पास सोई हुई थी, उसके बदन पर हल्की लाल निशानियां साफ दिख रही थीं। उसकी चूत अब भी हल्की सूजी हुई थी, लेकिन उसके चेहरे पर शांति थी।

मैंने उसके गाल सहलाए और धीरे से उसके बालों को कान के पीछे किया।
“उठो बेटा… दोपहर हो गई है,” मैंने फुसफुसाते हुए कहा।

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रिया ने करवट बदली और धीरे से आंखें खोलीं। उसकी पलकें भारी थीं, लेकिन उसकी मुस्कान बता रही थी कि वह बीती रात से खुश थी।
“मम्मी… अभी बहुत थकान है,” वह नखरे दिखाते हुए बोली।

मैंने उसके गाल पर एक चुम्मा लिया और मुस्कुराई, “अभी और सोना है? कल रात पापा ने जो चुदाई की थी, उसका असर है न?”

रिया शरमा गई और अपना चेहरा तकिए में छुपा लिया।
“मम्मी… आप भी ना!”

मैंने रिया के पेट पर हाथ फेरा, “अब उठो… नहीं तो पापा तुम्हें दोबारा से चोद देंगे।”

रिया हंसते हुए उठी और जैसे ही उसने पैर बिस्तर से नीचे रखा, उसके चेहरे पर हल्का सा दर्द झलक गया।
“उफ्फ मम्मी… बहुत दर्द हो रहा है।”

मैंने उसे सहारा दिया और बाथरूम तक ले गई।
“पहली बार की चुदाई का यही नतीजा होता है बेटा। लेकिन चिंता मत करो, दो-तीन दिन में सब ठीक हो जाएगा।”

आधे घंटे बाद रिया नहा कर बाहर आई। उसका बदन अब भी ताज़ा था, लेकिन चूत के पास हल्की सूजन साफ दिख रही थी।

“कैसा लग रहा है अब?” मैंने पूछा।

रिया ने लंबी सांस ली और बालों में तौलिया घुमाते हुए बोली, “बहुत अच्छा मम्मी… लेकिन अभी भी हल्की जलन है।”

मैंने उसकी जांघों पर हाथ फेरते हुए कहा, “जलन होगी ही… पापा का लंड छोटा थोड़ी है! पहली बार में किसी की चूत इतनी आसानी से नहीं लेती।”

रिया शरमा कर मुस्कुराई और बोली, “सच में, मम्मी… पापा का लंड बहुत बड़ा है। जब अंदर जा रहा था, तो लगा चीर देगा।”

मैंने हंसते हुए कहा, “अब इसकी आदत डालनी पड़ेगी। यह तो बस शुरुआत है।”

अजय अब तक बिस्तर पर पसरा हुआ था। उसकी आंखें खुलीं और उसने हमें बाथरूम से बाहर आते देखा।

“क्या बातें चल रही हैं माँ-बेटी के बीच?” अजय ने मुस्कुराते हुए पूछा।

रिया ने हल्की शरारत भरी नज़र से अजय को देखा और बोली, “कुछ नहीं पापा… मम्मी बता रही थीं कि आपकी वजह से मेरी चूत अभी तक दुख रही है।”

अजय ने मेरी ओर देखा और मुस्कुराया, “सुमन, तुम तो सब खोलकर बता देती हो।”

मैंने कहा, “अब छुपाने की कोई जरूरत नहीं है।”

रिया धीरे से अजय के पास बैठ गई और उसके सीने पर हाथ फेरने लगी।
“पापा, अगली बार थोड़ी धीरे से किया करो न… मेरी चूत अभी भी जल रही है,” रिया ने मचलते हुए कहा।

अजय ने रिया के चेहरे को सहलाया और उसके बालों को चूमा, “अगली बार मैं और प्यार से करूंगा।”

रिया ने आंखें बंद कर लीं और धीरे से पापा के सीने पर सिर रख दिया।

शाम तक रिया अब पहले से काफी सहज महसूस कर रही थी। मैं जानती थी कि उसके अंदर अब एक नई आग जाग चुकी थी।

डिनर के बाद अजय बालकनी में बैठकर सिगरेट पी रहा था। मैं रिया के कमरे में गई और उसे अपने पास बुलाया।

“रिया, बेटा… आज रात तुम्हें पापा के पास जाना है,” मैंने धीमे स्वर में कहा, उसकी आँखों में झांकते हुए।

रिया ने मुझे देखते हुए हल्की मुस्कान दी। उसके चेहरे पर अब कोई झिझक नहीं थी, बल्कि एक नई चमक थी।
“मम्मी… मैं खुद इंतज़ार कर रही थी।”

मैंने उसकी बात सुनकर उसके गालों को चूमा और कहा, “बहुत अच्छे… लेकिन आज तुम खुद जाकर पापा को रिझाओगी।”

रिया ने सिर हिलाया और बोली, “ठीक है, मम्मी। लेकिन आप भी तो साथ रहेंगी ना?”

“बिल्कुल, बेटा… मैं वहां रहूंगी, लेकिन आज तुम्हें खुद पापा को अपनी तरफ खींचना है।”

मैंने अलमारी खोली और उसके लिए एक हल्की सी, पारदर्शी नाइटी निकालकर दी।
“इसे पहनकर जाओ, पापा की नज़रें खुद ही तुमसे हटेंगी नहीं,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा।

रिया ने कपड़े लिए और नाइटी पहनकर सामने आई। उसकी जवानी उस हल्के कपड़े के पीछे से झलक रही थी।
“बिल्कुल अपनी मम्मी जैसी लग रही हो,” मैंने उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए कहा।

रिया धीरे-धीरे बालकनी की ओर बढ़ी। मैं दरवाजे के पास खड़ी होकर सब देख रही थी।

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अजय कुर्सी पर बैठा हुआ था, और जैसे ही रिया उसके पास गई, उसकी नज़रें सीधी रिया की जांघों पर जा टिकीं।
“पापा, क्या सोच रहे हैं?” रिया ने धीमे स्वर में पूछा, उसकी गोद में बैठते हुए।

अजय ने हल्का सा हिचकिचाते हुए कहा, “कुछ नहीं, बेटा… बस ऐसे ही। तुम इस वक्त यहां क्या कर रही हो?”

रिया ने शरारत भरी नज़रों से उसे देखा, “मम्मी ने कहा कि मैं आपकी सेवा करूं… आपको अच्छा महसूस कराऊं।”

अजय ने मेरी ओर देखा, लेकिन मैंने इशारे से उसे चुप रहने के लिए कहा।

रिया ने धीरे-धीरे अपनी नाइटी का गला थोड़ा खिसकाया, जिससे उसके आधे मम्मे बाहर झांकने लगे।
“पापा… क्या मैं अच्छी लग रही हूँ?”

अजय के होंठ सूखने लगे थे, उसकी आँखें रिया के बदन पर टिकी हुई थीं।

“रिया… तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए,” अजय ने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में कोई सख्ती नहीं थी।

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रिया ने धीरे से अजय का हाथ पकड़कर अपने मम्मों पर रख लिया।
“मम्मी कहती हैं कि पापा की कोई चीज मुझसे छुपी नहीं होनी चाहिए… और अब तो मैं आपकी हूं।”

अजय की सांसें तेज हो रही थीं, और उसके लंड का उभार साफ दिखने लगा था।

यह सब देखकर मैं और ज्यादा गर्म हो रही थी। मैं भी बालकनी में गई और अजय के पीछे खड़ी होकर उसकी गर्दन पर किस किया।
“अजय, रिया अब बड़ी हो गई है… अब यह सब नई बात नहीं है। उसे सब सिखाना पड़ेगा।”

अजय ने मेरी ओर देखा और धीरे से मुस्कुराया, “तुम्हारी बेटी बिल्कुल तुम्हारी तरह है, सुमन।”

मैंने रिया की कमर से नाइटी खिसकाई, और वह अब पूरी तरह अजय के सामने नंगी थी।

“अब रिया… पापा के लंड को बाहर निकालो,” मैंने धीमे से कहा।

रिया ने धीरे-धीरे अजय के ट्राउज़र का बटन खोला और लंड बाहर निकाल लिया।

“मम्मी… पापा का लंड कितना बड़ा है,” रिया ने कहा, उसकी आँखें चमक रही थीं।

“अब उसे अच्छे से चाटो बेटा, यही तुम्हारी सीखने की शुरुआत है,” मैंने रिया को गाइड किया।

रिया ने अपनी जीभ बाहर निकाली और धीरे-धीरे अजय के लंड को चाटने लगी। अजय की कराहटें सुनकर मेरी चूत भी भीगने लगी थी।

अजय अब पूरी तरह से रिया के मुंह के अंदर धंस चुका था। रिया ने पहली बार में ही उसके लंड को गहराई तक ले लिया था।

“बहुत अच्छा कर रही हो, बेटा… ऐसे ही जारी रखो,” मैंने रिया की पीठ सहलाते हुए कहा।

अजय ने अपनी बेटी के बालों को पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसके मुंह में थ्रस्ट करने लगा।

रिया की आंखों से हल्का पानी निकलने लगा था, लेकिन वह बिना रुके सब झेल रही थी।

“पापा का लंड तुम्हारी चूत में भी ऐसे ही जाएगा, बेटा,” मैंने कहा, और रिया ने मुंह से लंड निकालकर मेरी ओर देखा।

“मम्मी, मैं तैयार हूं।”

अजय ने रिया को खींचकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टांगों को अलग किया। उसकी चूत अब भी हल्की सूजी हुई थी, लेकिन गीली थी।

“धीरे से अजय,” मैंने कहा, “अभी उसकी चूत को थोड़ा और प्यार चाहिए।”

अजय ने अपना लंड रिया की चूत के बाहर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेलने लगा।

“आह, पापा… उफ्फ,” रिया ने हल्की कराहट भरी।

मैं रिया के चेहरे पर झुककर उसके होंठ चूसने लगी, जिससे उसका ध्यान बंट सके। मेरे होंठों से उसके होंठ दबते ही उसकी उंगलियां मेरे बालों में उलझने लगीं।

“पापा… धीरे से,” रिया ने आंखें खोलकर धीरे से कहा।

अजय ने उसकी बात मानी और अपनी चाल धीमी कर दी। मैंने उसके बालों को सहलाते हुए उसके कान में फुसफुसाया, “अब तुम्हारी चूत को आदत डालनी होगी, बेटा… धीरे-धीरे ये सब आसान हो जाएगा।”

रिया ने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखा, “मम्मी, मुझे अच्छा लग रहा है… लेकिन पापा का लंड बहुत बड़ा है।”

अजय ने हल्की हंसी के साथ कहा, “अब तुम मेरी बेटी हो तो मेरी तरह सब झेलने की आदत डालनी होगी।”

रिया ने आंखें मूंद लीं और अजय के हर धक्के को महसूस करने लगी।

मैंने रिया के मम्मों को अपने हाथ में लेकर उन्हें सहलाना शुरू किया। उसकी चूत के अंदर अजय का लंड धीरे-धीरे फिसल रहा था और ऊपर से मैं उसके मम्मे चूस रही थी।

रिया के मम्मों की नोकें सख्त हो रही थीं। मैंने हल्के से उसकी चूची को अपने दांतों से काटा, जिससे उसके मुंह से तेज़ कराहट निकल गई।

“मम्मी, आह… प्लीज़, और जोर से,” रिया ने कहा।

अजय ने मेरे चेहरे की ओर देखा और मैं मुस्कुराई।

अब हम तीनों पूरी तरह से नंगे थे। रिया के मम्मे मेरी मुट्ठी में थे, उसकी चूत में अजय का लंड धीरे-धीरे धंस रहा था, और उसके होंठ मेरे होंठों के बीच कैद थे।

“सुमन, अब ज्यादा देर नहीं हो रही है… मैं फटने वाला हूं,” अजय ने कहा।

“नहीं… अभी नहीं,” मैंने अजय को रोकते हुए कहा, “रिया को और चुदाई चाहिए। अभी तो शुरुआत है।”

रिया ने खुद ही कमान संभालने का फैसला किया। उसने अजय के सीने पर हाथ रखा और कहा, “पापा, अब मैं खुद करूंगी।”

अजय पीछे हट गया और बिस्तर पर लेट गया। रिया ने अपनी चूत को उसके लंड पर सेट किया और धीरे-धीरे खुद बैठने लगी।

“आह… उफ्फ… मम्मी, यह कितना गहरा जा रहा है,” रिया ने अपनी कमर घुमाते हुए कहा।

“बस, बेटा… ऐसे ही… अब तुम पापा की लंड को पूरी तरह से अंदर लो,” मैंने कहा और रिया की कमर पर हाथ रखा।

रिया अब पूरी तरह से अजय के लंड के ऊपर बैठ चुकी थी। उसकी चूत अब गहराई तक सब कुछ महसूस कर रही थी।

अजय की आंखें बंद थीं और उसके हाथ रिया के मम्मों को कसकर दबा रहे थे। रिया अपनी कमर हिलाकर खुद को अजय के लंड पर ऊपर-नीचे करने लगी।

“पापा… उफ्फ… बहुत मजा आ रहा है,” रिया ने कहा।

मैंने रिया के चेहरे पर हाथ फेरा और कहा, “अब तुम्हें ये सब पसंद आने लगा है, बेटा। आगे से तुम्हारी चुदाई रोज होगी।”

“मम्मी, मैं चाहती हूं कि पापा मुझे हर दिन चोदें,” रिया ने जोर से कहा और अपनी चाल तेज कर दी।

अजय ने अपनी पकड़ मजबूत की और रिया की चूत में और तेज़ी से लंड घुसाने लगा।

रिया की चूत से पानी टपकने लगा था। उसके मम्मे हिल रहे थे और उसकी आवाज़ें पूरे कमरे में गूंज रही थीं।

“पापा, अब मैं झड़ने वाली हूं… आह… प्लीज़ और जोर से,” रिया ने कहा।

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अजय ने अपनी चाल तेज की और मैं रिया के पीछे बैठकर उसके मम्मों को दबाने लगी।

“हां, बेटा… सब बाहर निकाल दो,” मैंने कहा।

रिया का पूरा शरीर कांपने लगा और वह अजय के लंड पर बैठकर पूरी तरह झड़ गई। उसके मुंह से तेज़ कराहट निकली और वह अजय के सीने पर गिर पड़ी।

अजय ने भी रिया की चूत के अंदर ही झड़ने का फैसला किया और उसने अपने लंड से पूरा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया।

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मैंने रिया को सहलाते हुए कहा, “अब तुम्हारी चूत पापा के वीर्य से भर गई है। अब तुम औरत बन चुकी हो, बेटा।”

रिया मुस्कुराई और मेरी गोद में सिर रख दिया। अजय ने हमें दोनों को अपनी बाहों में भर लिया।

अगली सुबह सूरज की किरणें खिड़की से छनकर अंदर आ रही थीं। मैं सबसे पहले उठी और देखा कि रिया और अजय अब भी गहरी नींद में थे। रिया का सिर अजय के सीने पर टिका था और उनके बदन पर चादर आधी गिर चुकी थी। उनके नंगे बदन का नज़ारा देखकर मेरे अंदर फिर से हलचल होने लगी, लेकिन मुझे पता था कि आज हमें गांव के घर से वापस लौटना है।

मैंने धीरे से रिया के गालों पर हाथ फेरा और उसे जगाने लगी।
“रिया… उठो बेटा, आज हमें घर वापस जाना है। कल से तुम्हारा स्कूल भी शुरू हो रहा है,” मैंने फुसफुसाते हुए कहा।

रिया ने आँखें मिचमिचाईं और करवट बदल ली। “मम्मी… अभी थोड़ी देर और सोने दो ना,” वह बोली, उसकी आवाज़ में अब भी आलस था।

अजय की भी आंखें खुल गईं और उसने हल्की मुस्कान के साथ कहा, “सुमन, ये लड़की अब आराम की आदी हो गई है। कल से स्कूल जाना है और अब भी उठने का नाम नहीं ले रही है।”

मैंने हंसते हुए कहा, “अजय, ये तुम्हारी वजह से है। कल रात इतना सब कुछ हुआ कि ये थक गई होगी।”

रिया ने अजय के सीने पर सिर टिकाते हुए शरारती मुस्कान के साथ कहा, “पापा की वजह से ही तो… लेकिन मम्मी, अब आदत पड़ चुकी है।”

अजय ने उसकी कमर पर हल्की थपकी दी और कहा, “चलो, अब उठो। वरना तुम्हारी मम्मी मुझे ही डांटेगी कि मैंने तुम्हें बिगाड़ दिया।”

मैंने रिया के लिए गर्म पानी तैयार किया और उसे बाथरूम भेज दिया। वह हल्की लड़खड़ाती हुई बाथरूम में गई और नहाने लगी। मुझे पता था कि उसकी चूत अभी भी हल्की सूजी हुई होगी, लेकिन उसे अब इसका मज़ा आ रहा था।

अजय मेरे पास आया और पीछे से मुझे पकड़ लिया।
“सुमन, रिया अब पूरी तरह हमारी है। लेकिन क्या तुम सोच रही हो कि यह सिलसिला कब तक चलेगा?”

मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए कहा, “जब तक रिया चाहेगी, तब तक… और अगर उसने स्कूल में किसी लड़के से चुदाई की बात की तो?”

अजय ने मुस्कुराते हुए कहा, “वो नहीं करेगी… अब वो सिर्फ अपनी मम्मी और पापा के साथ चुदाई करेगी।”

रिया नहा कर बाहर आई, तौलिया उसके बदन से लिपटा हुआ था। उसके बाल अब भी गीले थे और उसकी गहरी आंखें हमें घूर रही थीं।
“मम्मी, पापा… इतनी बातें क्यों कर रहे हो? मैं सब सुन रही थी,” उसने शरारती अंदाज़ में कहा।

“अब जब सुन ही लिया है, तो कपड़े पहन लो। हम पैकिंग कर रहे हैं,” मैंने हंसते हुए कहा।

करीब दो घंटे में हम तैयार हो गए। गांव का घर बंद कर हम कार में बैठ गए और शहर की ओर चल पड़े। रास्ते में रिया मेरी गोद में सिर रखकर सो गई। मैं उसके बाल सहलाते हुए अजय की ओर देख रही थी, जो गाड़ी चला रहा था।

अजय ने मेरी ओर देखकर कहा, “अब जब घर जाएंगे, तो हमें थोड़ा संभलकर रहना होगा। पड़ोस में लोग हैं और तुम्हारी बहन भी अगले हफ्ते आने वाली है।”

मैंने सिर हिलाया, “मैं जानती हूं। लेकिन जब तक हम घर में होते हैं, दरवाजे बंद रहेंगे। और रिया भी अब समझदार हो गई है। वो जानती है कब क्या करना है।”

शाम को हम अपने घर पहुंचे। मैं और रिया ने सामान उतारा और अजय ने गाड़ी पार्क कर दी। रिया अपने कमरे में गई और बैग खोलकर स्कूल की तैयारी करने लगी।

रात के खाने के बाद, हम तीनों लिविंग रूम में बैठे थे। रिया ने अचानक कहा, “मम्मी, पापा… कल स्कूल के बाद क्या मैं जल्दी आ सकती हूं?”

अजय ने हैरानी से पूछा, “क्यों बेटा? कोई खास बात है क्या?”

रिया ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ… आप दोनों को मिस करूंगी।”

मैंने उसकी तरफ देखा और हंसते हुए कहा, “अब तुम पूरी तरह बिगड़ चुकी हो। लेकिन ठीक है, जल्दी आ जाना… पापा तुम्हारा इंतजार करेंगे।”

रिया ने स्कूल की यूनिफॉर्म पहनी, जो अब उस पर और ज्यादा टाइट दिख रही थी। उसकी बढ़ती जवानी अब छुपाए नहीं छुप रही थी।

अजय ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, “तुम्हारी स्कूल यूनिफॉर्म अब छोटी पड़ रही है।”

रिया ने आंख मारते हुए कहा, “क्या करूं पापा, आपकी बेटी अब बड़ी हो रही है।”

मैंने उसे गले लगाते हुए कहा, “चलो, अब स्कूल जाओ। लेकिन जल्दी लौट आना। पापा और मैं तुम्हारा इंतज़ार करेंगे।”

रिया ने बैग उठाया और स्कूल चली गई, लेकिन जाते-जाते उसने अजय की ओर एक बार फिर शरारती नज़रों से देखा।

अजय ने मेरी ओर देखते हुए कहा, “सुमन, तुम्हारी बेटी अब पूरे घर पर राज कर रही है।”

मैंने हंसते हुए कहा, “अजय, अब ये सिर्फ बेटी नहीं, तुम्हारी रखैल भी है।”

अजय ने मुझे पकड़कर बांहों में भर लिया, “और तुम मेरी पहली रखैल हो… जिसे मैं आज रात भी नहीं छोड़ने वाला।”

मैंने उसके होंठों पर किस करते हुए कहा, “तो फिर रात का इंतजार क्यों? अभी शुरू कर देते हैं।”

अजय ने मुस्कुराते हुए मुझे उठा लिया और हम दोनों रिया के स्कूल से लौटने से पहले एक बार फिर चुदाई में डूब गए।

स्कूल से लौटने के बाद रिया की चाल में कुछ अलग सा नशा था। जैसे ही उसने बैग उतारा, वह सीधे मेरे पास आकर पीछे से मुझे गले लगा लिया। मैं रसोई में चाय बना रही थी। उसकी नर्म उंगलियां मेरे पेट पर फिसलने लगीं, और उसकी सांसें मेरे कानों के पास गुदगुदी कर रही थीं।

“मम्मी… बहुत थक गई हूं,” उसने धीरे से फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक अलग सा खिंचाव था।

मैंने हल्के से उसके हाथ थपथपाए, “अरे बेटा, स्कूल में ऐसा क्या हुआ जो मेरी रानी इतनी थकी हुई है?”

रिया ने मेरे गले पर नर्म किस किया और धीरे से कहा, “स्कूल की बात नहीं है मम्मी… असली थकान तो कल रात की है।”

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उसकी बात सुनकर मेरे होंठों पर एक शरारती मुस्कान आ गई। मैंने मुड़कर उसकी आँखों में देखा, “कल रात पापा ने जो तुम्हारी चुदाई की थी, उसका असर है ना?”

रिया ने शरमा कर तकिया मुंह पर रख लिया, “मम्मी… आप भी ना!”

मैंने उसकी कमर सहलाते हुए कहा, “अभी तक पापा का लंड तुम्हारी चूत में घूम रहा है ना?”

रिया ने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, “मम्मी, पापा बहुत जोर से करते हैं… लेकिन मुझे अच्छा लगता है।”

मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “अब तुम्हारी चूत पापा के लायक बन चुकी है… आदत डालनी होगी।”

रिया ने मेरी ओर देखते हुए कहा, “मम्मी, आज मैं पापा को खुद बुलाऊंगी… मुझे कुछ अलग ट्राई करना है।”

मैंने हल्की मुस्कान के साथ पूछा, “अलग क्या?”

रिया ने आँख मारते हुए कहा, “आज पापा सिर्फ मेरे होंगे… और मैं उन्हें वैसे चोदूंगी जैसे मम्मी करती हैं।”

“वाह, मेरी बेटी अब खेल की मास्टर बन रही है!” मैंने हंसते हुए कहा।

आप यह बाप बेटी और मां की ग्रुप चुदाई की कहानी(group sex story) हमारे वेबसाइट दी इडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

रात के खाने पर रिया ने अजय को छेड़ना शुरू कर दिया। वह जानबूझकर झुककर अपने मम्मे दिखा रही थी और टेबल के नीचे से पांवों को अजय की जांघों पर रगड़ रही थी।

अजय थोड़ा असहज हुआ, लेकिन रिया की नज़रें उसके चेहरे पर ही टिकी थीं।

“रिया, तुम आज कुछ ज्यादा ही शरारत कर रही हो,” अजय ने मुस्कुराते हुए कहा।

रिया ने मासूमियत भरे अंदाज में कहा, “क्या पापा? मैं तो बस खाना खा रही हूं।”

लेकिन उसके होंठों पर खेलती शरारती मुस्कान साफ बता रही थी कि उसका इरादा कुछ और था।

“पापा, आप बस देखते रहिए… आज रात मैं आपको दिखाऊंगी कि मैं सिर्फ स्कूल की बच्ची नहीं हूं,” रिया ने धीरे से कहा।

मैंने उसकी बात सुनकर अजय की तरफ देखा और हल्का सिर हिलाया। अजय को समझ में आ गया था कि रात कुछ नया होने वाला है।

खाने के बाद रिया सीधे अपने कमरे में चली गई। मैं और अजय बिस्तर पर लेटे हुए थे, जब रिया नाइटी पहनकर हमारे कमरे में आई। उसकी नाइटी इतनी पारदर्शी थी कि उसके मम्मे और चूत साफ दिख रहे थे।

अजय की नजरें सीधी रिया के बदन पर टिक गईं।

“पापा, क्या मैं आज आपके पास सो सकती हूं?” रिया ने धीमे स्वर में पूछा।

अजय ने मेरी तरफ देखा और कहा, “रिया, अब तुम बड़ी हो गई हो। तुम्हें अपने कमरे में सोना चाहिए।”

रिया ने धीरे से अपनी नाइटी का गला नीचे खिसकाया, जिससे उसके मम्मे लगभग बाहर निकल आए।

“पापा… मैं बड़ी हो गई हूं, इसीलिए अब आपके प्यार की जरूरत है,” उसने कहा और धीरे से बिस्तर पर चढ़कर अजय की गोद में बैठ गई।

अजय के हाथ खुद-ब-खुद उसकी कमर पर चले गए। मैंने रिया की ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “अब इसे मत रोकना, अजय… यह तुम्हारी बेटी है, लेकिन अब तुम्हारी रखैल भी है।”

रिया ने अजय के होंठों पर हल्के से किस किया और धीरे से उनके लंड पर हाथ रख दिया।

“पापा, आज मैं आपके ऊपर रहूंगी… और मैं चाहती हूं कि आप मुझे वैसे ही चोदें जैसे मम्मी को चोदते हैं।”

अजय ने धीरे से रिया की नाइटी उतारी और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने रिया के मम्मों को सहलाया और उसके होंठ चूमे।

“आज रात हम दोनों मिलकर तुम्हारे पापा को खुश करेंगे,” मैंने कहा और अजय के लंड को रिया की चूत के पास सेट कर दिया।

“पापा, अंदर डालिए… मुझे अब और इंतज़ार नहीं होता,” रिया ने कहा, उसकी आवाज में हल्का कंपन था।

अजय ने धीरे से लंड रिया की चूत में घुसा दिया और उसका पूरा बदन थरथराने लगा। मैंने रिया के मम्मे चूसते हुए उसकी कराहटों का मजा लिया।

“अह्ह… मम्मी, पापा… उफ्फ,” रिया की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी।

अजय ने अपनी पकड़ मजबूत की और तेज़ी से रिया की चूत में धक्के मारने लगा। रिया की आँखें बंद थीं और उसके होंठों से लगातार आवाजें निकल रही थीं।

“और तेज़ पापा… मुझे पूरी तरह से फाड़ दीजिए,” रिया ने कहा और अजय की कमर कसकर पकड़ ली।

मैंने रिया के होंठों को चूमते हुए कहा, “अब तुम पूरी तरह औरत बन चुकी हो बेटा।”

अजय ने रिया की चूत में अपना सारा वीर्य निकाल दिया और उसके ऊपर गिर पड़ा।आप यह बाप बेटी और मां की ग्रुप चुदाई की कहानी(group sex story) हमारे वेबसाइट दी इडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

 

हम तीनों निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए, और रिया ने मेरी गोद में सिर रखकर आंखें बंद कर लीं।

“अब पापा के बिना तुम्हारा मन नहीं लगेगा,” मैंने उसके बाल सहलाते हुए कहा।

रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां मम्मी, अब पापा के लंड की आदत पड़ गई है।”

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