मेरा नाम रोहित है, और मेरी उम्र 25 साल है। मेरी दीदी, सुमन, 32 की है। उसकी एकलौती बेटी अरुशी अब 19 साल की हो चुकी है। मैं अक्सर सुमन के घर आता-जाता रहता हूँ। ज़्यादातर समय दीदी के कमरे में ही बिताता हूँ, लेकिन हाल ही में अरुशी को देखना कुछ अलग सा लगने लगा है।
पहले तो मैं सिर्फ दीदी के साथ ही वक़्त बिताता था, लेकिन अरुशी अब जवान हो चुकी है। उसकी चूचियाँ और फिगर देखकर मन में अजीब सा खिंचाव होने लगा। कई बार मेरी नज़रें उसकी चूचियों पर टिक जातीं और वह देखती, लेकिन कुछ नहीं कहती। मैं जानता था कि ये माहौल उसे भी प्रभावित कर रहा है।
एक रात दीदी के कमरे में था, जब अरुशी दरवाजे के पास खड़ी थी। शायद वह हमारी बातें सुन रही थी, लेकिन मैंने इसे नज़रअंदाज़ किया। मैंने दीदी से कहा, “दीदी, अब तो अरुशी भी जवान हो गई है। तुमने कहा था कि उसका मज़ा भी लेना है।”
दीदी हँसी और बोली, “तुम्हारी भांजी है, जो करना है करो। जवान हो गई है तो चोद दो साली को। जब मैं अरुशी की उम्र की थी, तब तक कई लंड खा चुकी थी।”
उसकी ये बातें सुनकर मेरे अंदर का प्यासा जानवर जाग गया। मैं जानता था कि दीदी मुझ पर पूरा भरोसा करती है। उसी रात दीदी ने मुझे अरुशी के कमरे में भेज दिया।
मैं जब अरुशी के कमरे में गया, तो दरवाज़ा खुला हुआ था। मुझसे रहा नहीं गया। उसकी मॅक्सी के नीचे झांकते उसकी चिकनी रानें दिख रही थीं। एक चूची बाहर निकली हुई थी, मानो जानबूझकर मुझे दिखाने के लिए।
मैं उसके पास गया और उसकी रानों पर झुक गया। वो आँखें बंद करके लेटी रही। मैंने धीरे से उसकी चूत पर हाथ फेरा और मुँह से चूम लिया। पूरा बदन करेंट की तरह झनझना उठा।
“क्या मस्त चीज़ है,” मैंने फुसफुसाते हुए कहा, “अब तो माँ के साथ बेटी का भी मज़ा लूँगा।”
अरुशी ने आँखें खोलकर मेरी ओर देखा लेकिन कुछ नहीं कहा।
“तुम्हारी माँ ने ही भेजा है, बेबी। तुम भी मज़ा लो, जैसे वो लेती है।”
मैं उसके उभारों को कसकर दबाने लगा और उसने धीरे से रानो को और फैला दिया।
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