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ममेरे भाई ने पोर्न वीडियो दिखा कर कुवारी चुत चोदी – 2

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मेरी चूत की चुदाई की कहानी का पहला भाग
मेरे ममेरे भाई के साथ मेरी कुंवारी चूत की चुदाई-1
अब तक आपने पढ़ा कि मेरे ममेरे भाई अर्पित ने मेरे मामा-मामी की गैरमौजूदगी में मुझे अपने जाल में फंसा लिया था। इस वक्त मैं उसके साथ बिस्तर पर लगभग नग्न पड़ी थी।
अब आगे:

अर्पित मेरे मम्मों को दबाते दबाते बहुत आनंद ले रहा था। उसने मुझसे पूछा- आशना, तुम्हें कैसा लग रहा है?
मैं कुछ नहीं बोली, बस ‘उंहह..’ कहकर शर्मा गई। वो समझ गया कि मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है। अब वो थोड़ा सख्त होने लगा था और अपने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को मसलने लगा। आप यह भाई बहन की चुदाई की मस्त कहानी हमारी इंडियन सेक्स स्टोरीज की वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

कुछ समय बाद उसने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया। जैसे ही उसने मुझे सीधा किया, मेरे तने हुए मम्मों को देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गया। उसने तुरंत मेरी दोनों चूचियों को अपने हाथों से पकड़ लिया। उसने एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और दूसरी को मसलने लगा। वो अपने हाथ से मेरे निप्पल को भी सहलाने लगा। फिर उसने दोनों मम्मों को एक साथ पकड़ लिया और एकसाथ ही चूसने लगा। मेरी दोनों चूचियां उसके मुँह में जाने से मैं और भी उत्तेजित हो गई।

कुछ देर तक मेरी चूचियों से खेलने के बाद वो बेड पर उठा। फिर धीरे-धीरे उसने मेरी पैंटी को निकालना शुरू कर दिया।
मैंने कहा- अर्पित, बस बस … यही ठीक है … और आगे नहीं, प्लीज़।

यह सुनकर वो हंस पड़ा और बोला- तुम क्या बोल रही हो? इतना सब होने के बाद तुम अब मना कर रही हो। अभी तो हमने शुरुआत ही की है। तुम्हें जो देखना था, वो तो अभी तुमने देखा ही नहीं।
ये सुनकर मैं शर्माने लगी और साथ ही हंस भी पड़ी।

जैसे ही उसे समझ आया कि मैं भी तैयार हूँ, उसने मेरी पैंटी को नीचे खींच दिया।
अब मैं उसके सामने पूरी नग्न थी। उसने मेरी कोमल, भीगी चूत को देखा।

वो बोला- आशना, तेरी चूत बहुत जवान है। आज मुझे तेरा मज़ा लेने में बहुत आनंद आएगा।
ऐसा कहकर उसने मेरी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।

मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसके स्पर्श का आनंद लेने लगी। थोड़ी देर बाद, चूत पर हाथ फेरते हुए उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत के अंदर डाल दी। मैं और भी उत्तेजित हो गई और मेरी चूत पूरी गीली हो गई।

उसकी उंगली मेरी चूत में घूमने लगी और मैं थोड़ी देर में ही चरम सीमा पर पहुंच गई। मैंने अंगड़ाई ली। उसे पता चल गया कि मैं अब चरम पर पहुंच गई हूँ।

फिर उसने धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत से बाहर निकाली और चाटने लगा।
मैंने कहा- ये क्या कर रहे हो?
उसने कहा- इसमें जो मज़ा है, तुम्हें नहीं पता।
उसकी इस बात से मैं शर्मा गई।

फिर उसने मेरे शरीर को चूमते-चूमते अपना मुँह मेरी चूत के पास ले गया। उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ रख दी और ऊपर से नीचे तक चाटने लगा। आप यह भाई बहन की चुदाई की मस्त कहानी हमारी इंडियन सेक्स स्टोरीज की वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
मेरी चूत पर उसकी जीभ फिरते ही मैं बहुत गर्म हो गई। मैंने अपने हाथ उसके सिर पर रख दिए। मैं भी आनंद लेने लगी ‘आअहह … अहह …’ मुझे अपने भाई से अपनी चूत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था। वो ज़ोर से मेरी चूत को चाट रहा था।

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कुछ देर बाद, मेरी चूत बहुत गीली हो गई। तभी उसने मुझे बेड पर उल्टा लेटा दिया और मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा। वो थोड़ी देर बेड से हट गया। मैं औंधी लेटी थी, इसलिए मुझे नहीं पता चल रहा था कि वो क्या कर रहा है, पर थोड़ी देर बाद मुझे अपनी गांड पर कुछ गर्म अहसास हुआ।

जैसे ही उसने मेरी गांड को छुआ, मुझे पता चल गया कि ये तो अर्पित का लंड था। उसका लंड बड़ा और गर्म था। मैं उत्तेजित हो गई। आज मैं किसी लड़के का लंड पहली बार देखने वाली थी।

वो मेरी पीठ पर चढ़कर मेरे शरीर पर लेट गया। उसका लंड मेरी गांड से टकरा रहा था। उसने कहा- आशना, आगे की ओर घूम जाओ … पर अपनी आंखें बंद रखना … ठीक है!
मैंने कहा- ठीक है।

मैंने आंखें बंद रखकर आगे की ओर घूम गई। मैं महसूस कर रही थी कि वो अपना लंड लेकर मेरे सामने खड़ा है। पर मैंने आंखें बंद रखीं। उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया।
आआअहह … आज मैंने किसी लंड को पहली बार अपने हाथों में लिया था।

तभी उसने थरथराती आवाज में कहा- आशना … अब आंखें खोलो।
मैंने अपनी आंखें खोल दीं। मैंने जैसे ही आंखें खोलीं कि सामने अर्पित का बहुत लंबा लंड मेरे हाथ में था। पहले तो मैं थोड़ी डर गई और मेरे हाथ से लंड छूट गया।
अर्पित हंस पड़ा और बोला- अरे तुम तो लंड देखकर ही डर गईं।
मैंने कहा- नहीं, ऐसा नहीं।

मैं शर्मा गई।
उसने कहा- आशना, शर्माओ मत … बस इसके मज़े लो।
मैंने भी हंसते हुए उसे ज़ोर से किस किया और अपने हाथ से फिर से उसके लंड को पकड़ लिया। मैंने अपने भाई के लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी। उसे भी मज़ा आने लगा। मैंने भी उसके पूरे शरीर को चूमना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे चूमते-चूमते मैं उसके लंड के पास चूमने लगी।

उसने कहा- क्यों आशना, तुमको तो लंड पसंद नहीं था ना … मुँह में लेना?
मैंने कुछ नहीं कहा और बस लंड को चूसने का मज़ा लेती रही। एक ओर मुझे ऐसा लग रहा था कि ये सब ग़लत है और एक तरफ लग रहा था कि अब पूरे मज़े कर ही लूँ। न जाने फिर कब ऐसा मौका मिले। ये सोचकर मैं उसका लंड चाटती रही।

जब मेरे मुँह में उसका लंड था और मैं चूस रही थी, तब अचानक मेरे मुँह के अंदर कुछ हुआ। जब तक मैं उसका लंड मुँह से निकाल पाती, उसके पहले ही मेरा मुँह उसके वीर्य से भर गया। भाई का लंड मेरे मुँह के अन्दर होने की वजह से उसकी पिचकारी बहुत अंदर तक चली गई। उसके लंड का आधा वीर्य मेरे गले के अन्दर भी चला गया।

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आआहह … मैंने तुरंत अपने मुँह से उसका लंड बाहर निकाला। मैं पूरी डर गई थी।
उसने हंसते हुए कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- तुम्हारा वीर्य मेरे अन्दर चला गया है … कुछ हुआ तो?

ये सुनते ही वो ज़ोर से हंस पड़ा। उसने कहा- इस मुँह से निगलने से कुछ नहीं होता … मेरी रानी … नीचे के मुँह से निगलोगी तो कुछ होगा समझी। फिर कुछ कैसे होता है, तुम्हें पता ही होगा।
मैं हंस दी। चूंकि मुझे उसके लंड का स्वाद मजेदार लगा था इसलिए मैंने अपने मुँह में बचे वीर्य का स्वाद लेने लगी।

कुछ देर तक हम दोनों यूं ही पड़े रहे। आप यह भाई बहन की चुदाई की मस्त कहानी हमारी इंडियन सेक्स स्टोरीज की वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

फिर मेरे भाई ने कहा- आशना, बस अब तुम मेरा लंड फिर से चूसो और खड़ा कर दो।
मुझे उसका लंड चूसने में बहुत मज़ा आया था। इसलिए मैंने फिर से उसका लंड अपने मुँह में लिया और बहुत ही शांति से लंड को चूसने लगी। अबकी बार मैं उसके लंड को प्यार से चूस रही थी, जिससे उसे भी मज़ा आए। मैंने पूरे लंड को गले तक लेकर बड़ी मस्ती से चूसा।

उसने मेरे दूध मसलते हुए कहा- आशना, तुम बहुत मस्त लंड चूसती हो यार।
यह सुनते ही मुझे भी मजा आ गया और मैंने बहुत प्रेम से उसका लंड चूसा। थोड़ी देर में उसका लंड एकदम लंबा और कड़क हो गया। उसने मुझे बेड पर लेटा दिया।
अब उसने कहा- आशना, अब तुम ज़न्नत के नज़ारे देखने के लिए तैयार हो जाओ।

यह सुनकर मैं बहुत शर्मा गई, मैं समझ गई थी कि भाई का लंड अब मेरी चूत फाड़ेगा।

भाई ने ये कहते हुए मेरी टांगें फैला दीं और अपना लंड सेट करके मेरी चूत में डाल दिया।

‘आहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओओओ उहह.’

जब उसका लंड मेरी चूत के अंदर गया, तो मेरे मुँह से चीख निकल गई। मुझे बहुत दर्द महसूस हुआ।
मैंने अर्पित से कहा- मुझे बहुत दर्द हो रहा है… कृपया इसे बाहर निकाल दो… मुझे नहीं चुदवाना है।
वो बोला- अरे डार्लिंग… अभी तो मेरा लंड आधा ही अंदर गया है। अगर तुम्हें दर्द हो रहा है, तो मैं निकाल देता हूँ।

ऐसा कहकर वो मुझे थोड़ी देर किस करता रहा। उसका आधा लंड मेरी चूत में था, और उसके एक ही झटके ने मेरा चूत का परदा तोड़ दिया।
कुछ पल बाद मेरा दर्द कम होने लगा, तो मैंने उससे पूछा- मुझे इतना दर्द क्यों हो रहा है?
वो बोला- तुम्हारी सील एक ही बार में टूट गई है इसलिए… लेकिन अब दर्द नहीं होगा।

वो थोड़ी देर तक अपना लंड मेरी चूत में डालकर बातें करता रहा। जब मेरा दर्द कम हुआ, तो उसने बातें करते-करते मेरी चूत में एक जोर का धक्का दे दिया।
इस बार उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरे मुँह से फिर से सिसकारी निकल गई- आआअहह… मैं मर गई!

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लेकिन वो लगातार मेरे चूत में धक्के दे रहा था, और मुझे तेज़ी से चोदता रहा। मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन वो मुझे बेरहमी से चोदता रहा।
‘आआहह… आअहह… उउइई माँआअ… मैं मर गई…’

थोड़ी देर बाद उसने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए। किस करते हुए उसने मुझे चोदना जारी रखा। उसके किस करते ही मेरे मुँह से आवाज़ निकलना बंद हो गया, और मैंने चुदाई का मज़ा लेना शुरू कर दिया।

उस दिन अर्पित ने मुझे एक घंटे तक चोदा। उस समय मैं न जाने कितनी बार उत्तेजित हुई, मुझे होश नहीं रहा। आप यह भाई बहन की चुदाई की मस्त कहानी हमारी इंडियन सेक्स स्टोरीज की वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

काफी देर बाद मुझे अपनी कुंवारी चूत के अंदर एक अजीब अहसास हुआ। मैंने देखा, अर्पित ने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया था। वीर्य छोड़ते ही उसने फिर से मुझे चोदना शुरू कर दिया। ये उसके लंड के अंतिम धक्के थे।

कुछ समय बाद वो थक कर मेरे ऊपर ढेर हो गया। उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे किस करने लगा। मैंने भी उसे किस करने लगी।

थोड़ी देर बाद वो मेरे बगल में बेड पर लेट गया। उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया और बोला- आज तुमको चोदकर मुझे बहुत मज़ा आया।
मैंने कहा- आज मैंने अपनी पहली चुदाई अपने भाई से करवा ली।
उसने पूछा- अब फिर से कब? मैंने हंसते हुए कहा- जब मम्मी-पापा बाहर जाएंगे!

हम दोनों हंसते हुए एक-दूसरे से चिपक गए। मेरी चुदाई न जाने कितनी बार हुई। मैं अपने भाई के लंड की दीवानी हो चुकी थी।

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