नमस्कार दोस्तो, यह कहानी मेरी पहली और सच्ची कहानी है चचेरी बहन की चुदाई की … अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।
मेरा नाम है आनंद और मैं गाजीपुर (उ.प्र.) से हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाइट 5 फीट 9 इंच है। मैं दिखने में थोड़ा स्मार्ट हूँ, ऐसा लोग कहते हैं। मैं अभी दिल्ली में रहता हूँ जहाँ मैं जॉब कर रहा हूँ।
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मैं इंडियन सेक्स स्टोरी और अन्तर्वासना को पिछले 7 सालों से पढ़ रहा हूँ। यह कहानी पांच साल पहले जून महीने की है। जब मैं छुट्टी में घर गया था। क्या बताऊँ दोस्तो, मैं अपने चाचा की लड़की यानि मेरी छोटी बहन (प्रिया) से पूरे दो साल बाद मिला था। वो देखने में एकदम भोजपुरी स्टार अक्षरा सिंह जैसी लग रही थी। वो मुझ से डेढ़ साल छोटी है, उसका फिगर 34-32-36 था.
मेरे चाचा जी आर्मी में हैं और मेरी चाची गृहिणी हैं. उनके तीन लड़के और दो लड़कियां हैं. चाचा बहुत कम ही घर पर रहते हैं. चाची अकेली घर का सारा काम करती है. चाचा के न होने के कारण चाची ही खेत का काम भी करती थी.
उस दिन बाहर खेतों में काम अधिक था इसलिए शाम को आते ही वह खाना खाकर सोने छत पर चली गयी। छत पर सबका बिस्तर लगा हुआ था.
चाची के बगल में उनके तीन बच्चे सोये हुए थे. मेरा और चाचा के बड़े लड़के और प्रिया का बिस्तर दूसरी छत पर लगा हुआ था. मैं और मेरे चाचा का लड़का सो रहे थे.
कुछ देर बाद प्रिया सोने के लिए छत पर आयी और मैं और चाचा का लड़का एक साथ सोये थे. प्रिया चाचा के लड़के बगल में आकर सो गयी। मेरे सोने के कुछ समय बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरा हाथ कहीं जा रहा है. कुछ समय तक मैं सोने का नाटक करता रहा।
मैं देखना चाहता था कि मेरा हाथ कौन टच कर रहा है. प्रिया ने मेरा हाथ अपनी चूची पर ले जाकर रख दिया. उसके बाद उसने कुछ समय तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की क्योंकि भाई बीच में सोया था.
कुछ समय बाद वह अपनी चूची पर मेरा हाथ रख कर मसल रही थी. तभी भाई जग गया. भाई के जाग जाने के कारण अब हम दोनों में कोई भी हरकत नहीं करना चाह रहा था. प्रिया ने मेरा हाथ यूं का यूं रहने दिया. मुझे अब तक बहुत मजा आ रहा था लेकिन अब मेरी गांड भी फटने लगी थी कि कहीं भाई देख न ले और प्रिया को छेड़ने का सारा इल्जाम मेरे सिर पर आ जाये.
उसकी चूची पर से अब भी मेरा हाथ नहीं हटा था. फिर जब भाई दोबारा सो गया तो कुछ समय बाद मैंने उसकी कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर चूची बहुत तेज दबा दी. इधर मेरा लन्ड खड़ा होने लगा. कुछ समय बाद मैंने उसकी पजामी में हाथ डालना चाहा लेकिन उसने डालने नहीं दिया. शायद भाई बीच में सोया था इसलिए वो मुझे ऐसा नहीं करने देना चाहती थी.
फिर मैंने कामुक बहन की पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
कुछ समय बाद मुझे अपने हाथ पर पानी पानी सा लगा. उस समय तक वह झड़ चुकी थी. फिर वह उठ कर बैठ गयी. उसके बाद मैंने उस रात कुछ नहीं किया और हम सो गये।
अगले दिन हम दोपहर में टी.वी. देख रहे थे. उस समय घर पर छोटा भाई ही था और कोई नहीं था. तभी उसने मेरी जांघों पर हाथ चलाना शुरू कर दिया. मैं उसके हाथों को बार-बार हटा रहा था क्योंकि दिन का मामला था और कोई भी आ सकता था.
शाम हुई तो चाची खाना खाकर सोने गई. मैं टी.वी. देख रहा था. मैंने बोला- आप लोग सो जाओ. मैं टी.वी. देख कर सो जाऊंगा।
सभी लोग छत पर जाकर सोने लगे। कुछ समय बाद प्रिया छत से नीचे आयी और मेरे बगल में बैठ गयी. वह अपने हाथ कभी मेरे पैर पर तो कभी मेरे गाल पर चला रही थी। काफी देर तक वो ऐसे ही करती रही.
मुझ से नहीं रहा गया और लाईट ऑफ करके मैंने प्रिया को अपने गोद में बैठा लिया. उसकी चूचियों को खूब रगड़ा और किस करने लगा.
लगभग पांच मिनट तक यही खेल चलता रहा. उसके बाद ऊपर से कोई आवाज आई और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गये. मुझे भी प्रिया के साथ ये सब करने में बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैं उसके हाथ में लंड देना चाह रहा था लेकिन उसी वक्त फिर वो उठ कर चली गई. ऊपर छत पर जाने के बाद वो सो गई.
अगले दिन प्रिया के तीनों भाई और बहन 9 बजे के करीब स्कूल चले गये. चाची किसी काम से बाजार गई थी.
उनके जाते ही मैंने दरवाजे को कुन्डी लगाई और अन्दर आकर देखा तो प्रिया खाना बना रही थी. मैंने पीछे से जाकर प्रिया को पकड़ लिया. उसकी कुर्ती के ऊपर से उसके चूचों के साथ खेलना शुरू कर दिया.
वो मुझे हटाने लगी लेकिन मैंने उसके चूचों को नहीं छोड़ा और उनको दबाता रहा. मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैंने प्रिया की गांड पर अपना लंड लगा दिया था. फिर उसने भी कुछ नहीं कहा और मैं आराम से प्रिया के चूचों को दबाने लगा. वो भी अब गर्म होने लगी थी.
फिर मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया. उसकी ब्रा को भी निकाल दिया. वो ऊपर से नंगी हो गई और मैं उसके चूचों को पीने लगा. किचन में नंगी प्रिया के चूचों के साथ खेलते हुए मुझे भी जोश आने लगा था. मैंने उसकी चूचियों को जोर से पकड़ कर दबा दिया. बीच-बीच में मैं उसके चूचों के निप्पलों को काट भी लेता था. उसके मुंह से चीख सी निकल जाती थी लेकिन उसको भी मजा आ रहा था.
मैंने प्रिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया तो वो मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
फिर मैंने प्रिया की पजामी को नीचे करने की कोशिश की तो उसने मेरे हाथों को रोक लिया. मैंने थोड़ा जोर लगाया तो उसने अपने हाथ हटा लिये. मैंने प्रिया की पजामी को नीचे कर दिया और उसकी पैंटी मुझे मेरी नजरों के सामने दिखाई देने लगी. उसकी चूत उभरी हुई सी दिख रही थी.
मैंने प्रिया की चूत पर हाथ फेर दिया तो वो चिहुंक सी गई. उसकी चूत काफी गर्म हो चुकी थी. उसकी चूत पर हाथ लगाते ही मेरे लंड का जोश भी और ज्यादा बढ़ गया. मैंने अपनी पैंट की चेन को खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया. मैं अब प्रिया के होंठों को चूसने लगा और मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया.
वो मेरे लंड को पकड़ कर मेरे लंड के टोपे को आगे और पीछे करने लगी. मेरा लंड काफी देर से खड़ा हुआ था तो इस वजह से मेरे लंड को जब उसके हाथ का कोमल सा स्पर्श मिला तो मुझे बहुत मजा आने लगा.
मेरी कामुक बहन भी मेरे गर्म लंड को पकड़ कर मजे से उसके टोपे को आगे-पीछे करने में लगी हुई थी. उसको मेरे लंड का साइज पसंद आ गया था. वो उसको बार-बार हाथ में भर कर नाप रही थी. कभी मेरी गोलियों को छेड़ रही थी तो कभी मेरे लंड के सुपारे को मसल रही थी.
उसकी हरकतों से मेरे लंड के अंदर से भी कामरस निकलना शुरू हो गया था.
मैंने वहीं पर खड़े हुए ही उसकी चूत पर अपने लंड को सटा दिया. मेरा मन कर रहा था कि मैं वहीं पर उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दूं. मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था. फिर मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर प्रिया की चूत पर फिराया और अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी.
प्रिया एकदम से उछल पड़ी.
मैंने उसके अपनी बांहों में उठा लिया. उसकी गांड को दबाने लगा और उसकी चूत मेरे लंड पर आकर सट गई. मैं अपनी गांड को आगे धकेल कर उसकी चूत पर लंड के धक्के देने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था ये सब करने में.
मेरा लंड प्रिया की चूत में घुसने ही वाला था कि तभी उसने मुझे अपने से अलग कर दिया, वो बोली- अंदर चलो कमरे में.
उसके कहने पर हम कमरे की तरफ जाने लगे. उसकी गांड पीछे से नंगी दिखाई दे रही थी. जब वो चल रही थी तो मैं उसकी गांड को पकड़ कर दबा रहा था. मेरा लंड बार-बार झटके दे रहा था.
मैंने प्रिया की गांड को कस कर दबा दिया तो वो उछल गई और उसकी पजामी उसकी टांगों में उलझ गई जिसके कारण वो एकदम से संतुलन खो बैठी और नीचे गिर पड़ी. मगर उसने अपने हाथ नीचे जमीन पर टिका लिये.
उसकी नंगी गांड मेरे सामने उठ कर आ गई. मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर लगा दिया और मैं भी प्रिया के ऊपर ही झुक गया. पीछे से उसकी नंगी गांड पर लंड लगा कर मैं उसके चूचों को दबाने लगा. उसको चोदने का मन करने लगा.
लेकिन वो उठने की कोशिश कर रही थी. उसने मुझे पीछे धकेल दिया और फिर वो उठ गई.
हम दोनों उठ कर कमरे में चले गये. कमरे में जाते ही वो बेड पर लेट गयी. उसने अपनी पजामी निकाल दी. वो मेरे सामने अब पूरी नंगी हो चुकी थी. उसने अपनी टांगें खोल दी थी और मैं समझ गया कि वो भी लंड को अंदर लेने के लिए तैयार है.
मैंने अपनी पैंट को निकाल दिया और फिर अपने अंडरवियर को भी निकाल कर एक तरफ डाल दिया. वो बोली कि शर्ट भी निकाल दो. वो मुझे पूरा का पूरा नंगा देखना चाहती थी. मैंने भी उसके कहने पर अपनी शर्ट निकाल दी और मैं भी पूरा नंगा हो गया. वो मेरे नंगे शरीर को ऊपर से नीचे तक देख रही थी.
फिर मैं उसके ऊपर जाकर चढ़ गया. मैंने उसकी टांगों को फैला दिया और उसके चूचों को पीते हुए अपना लंड उसकी पानी छोड़ रही चूत पर रगड़ने लगा. उसके मुंह से सीत्कार निकलने लगे. आह्ह् … स्स्स … उम्म… मैं भी अपना लंड उसकी चूत पर लगा रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
कुछ देर तक उसके चूचों को पीने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर लगा दिया और एक जोर का धक्का लगा दिया.
मेरा लंड बहन की चूत में नहीं घुस पाया क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी. मेरा लंड उसकी चूत पर फिसल गया. फिर मैंने दोबारा से लंड को उसकी चूत पर लगाया और दोबारा से लंड का जोर उसकी चूत के मुंह पर देकर मारा तो लंड का सुपारा उसकी चूत में चला गया. मुझे मजा आ गया लेकिन प्रिया चिल्ला पड़ी. उसकी चूत खुल गई थी.
मैंने उसको शांत करने की कोशिश की लेकिन वो चुप नहीं हो रही थी और दर्द से कराह रही थी. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया. उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया. उसकी चूत पर भी तेल लगा दिया. तेल लगाने के बाद मेरा लंड और उसकी चूत दोनों ही बिल्कुल चिकने हो गये थे.
मैंने अपने लंड से उसकी चूत की मालिश की और फिर उसका दर्द कम हो गया. मैंने दोबारा से अपने लंड के सुपारे को उसकी चूत पर लगा कर एक धक्का मारा. अबकी बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.
वो फिर से दर्द से चिल्ला पड़ी ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’
लेकिन अबकी बार मैंने अपने लंड को बाहर नहीं निकाला. मेरे लंड को उसकी गर्म चूत में जाकर बहुत मजा आ रहा था इसलिए मैं उसकी चूत का मजा लेना चाहता था. मैंने उसकी आवाज को कम करने के लिए उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. उसकी चूत में भी मैं साथ ही साथ दबाव बनाता गया और धीरे-धीरे करके मैंने पूरा का पूरा लंड प्रिया की चूत में उतार दिया.
फिर मैं कुछ देर तक रुका रहा. जब वो पूरी तरह से शांत हो गयी तो मैंने धीरे से प्रिया बहन की चूत में धक्के लगाने शुरू किये. उसको दर्द होने लगा. इसलिए मैं बहुत धीरे से उसकी चूत को खोल रहा था. मैंने उसकी टांगों को खोल कर देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था. उसकी चूत फट गई थी. लेकिन मैंने उसको कुछ नहीं कहा.
वापस उसके ऊपर आकर मैं उसके चूचों को पीने लगा तो वो भी फिर मजा लेने लगी. अब मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा था. मैंने उसकी चूत में लंड को पूरा घुसा दिया. अब मैंने तेजी के साथ उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया और उसकी चूत की चुदाई करने लगा.
वो भी अब मजे से मेरे लंड को लेने लगी. उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट ली और मेरे होंठों को चूसने लगी.
मेरा जोश और ज्यादा तेज हो गया तो मैं और तेजी से उसकी चूत की चुदाई करने लगा. उसकी टाइट चूत को चोद कर मुझे बहुत ही आनंद मिल रहा था. वो भी मेरे लंड के मजे ले रही थी. पांच-सात मिनट तक उसकी चूत की चुदाई मैंने उसी तरह की और फिर मैंने उसको उठने के लिए कहा.
जब वो उठी तो उसने अपनी चूत से निकला हुआ खून देखा और डर गई.
मैंने कहा- घबराने की बात नहीं है. तुम्हारी चूत की झिल्ली फट गई है. इसलिए ये हल्का सा खून निकल आया है.
फिर मैंने उसको घोड़ी बना लिया. उसकी गांड बहुत मस्त थी. मेरा मन उसकी गांड की चुदाई करने का भी कर रहा था लेकिन अभी ये हमारा पहली बार था तो अभी मैं उसकी गांड में लंड डाल कर उसको डराना नहीं चाहता था.
वैसे तो उसने मुझे कई दिनों से परेशान कर रखा था लेकिन वो इस बात को नहीं जानती थी शायद कि चुदाई करवाने में दर्द भी झेलना पड़ता है. इसलिए मैं उसको और ज्यादा दर्द नहीं देना चाह रहा था.
मैंने फिर प्रिया को घोड़ी बना कर झुका लिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया. अब उसकी चूत अंदर से भी पूरी की पूरी चिकनी हो चुकी थी. इसलिए जब मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाला तो मेरा लंड एकदम से अंदर चला गया.
एक तो लंड पर तेल लगा हुआ था और दूजा उसकी चूत ने अपना कामरस छोड़ना चालू कर दिया था. इधर मेरे लंड से चिकना पदार्थ निकल रहा था. मैंने उसकी चूत को में लंड को डाल कर एक धक्का लगाया और पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो आह्हह … करके रह गयी.
फिर मैंने उसके चूचों को पकड़ लिया. अब पोजीशन ठीक थी तो मैंने उसकी चूत की चुदाई शुरू कर दी.
मैं पीछे से चूत में पूरा लंड घुसा कर उसको अंदर और बाहर कर रहा था. मेरे लंड के धक्के अब तेज हो गये थे. उसकी चूत के अंदर जब लंड जा रहा था तो पच्च-पच्च की आवाज हो रही थी.
मैंने उसकी चूत में अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी. वो फिर दर्द से चीखने लगी लेकिन अबकी बार मैं नहीं रुका. मैंने दस मिनट तक इसी पोज में उसकी चुदाई की और फिर मेरे लंड का माल मैंने प्रिया की चूत में ही गिरा दिया.
हम दोनों नंगे थे और मैं उसके ऊपर ही लेट गया. कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा. कुछ मिनट के बाद मैं उठा. फिर वो भी उठ गयी.
सच में दोस्तो, अपनी कामुक चचेरी बहन की चूत की चुदाई करके मजा आ गया था मुझे. वैसे वो भी खुद ही मेरा लंड लेना चाहती थी. इसलिए मैंने मौके का पूरा फायदा उठाया.
मगर फिर उस दिन चाची के आने का टाइम हो गया था तो मैंने अपने कपड़े पहन लिये.
उसने भी अपने कपड़े पहन लिये. मैं कई दिनों तक चाची के घर में रहा लेकिन फिर हमको चुदाई का मौका नहीं मिल पाया.
उसके बाद फिर मेरी जॉब दिल्ली में लग गई थी तो मैं दिल्ली में आ गया था. उसके बाद मुझे कभी प्रिया की चूत को चोदने का मौका नहीं मिला. उसकी चूत की वो पहली चुदाई याद करके आज भी मेरा लंड खड़ा हो जाता है. मैं मुठ मार कर ही उसकी चूत के बारे में सोच कर अपना पानी निकाल लेता हूँ और अपने लंड को शांत कर लेता हूँ.
तो दोस्तो, आपको मेरी कामुक चचेरी बहन की चुदाई की ये कहानी कैसी लगी. इस बारे में कमेंट करके बताना मुझे.
Nayi Nayi Jawan Chacheri bahen ki chudai ki kahani in Hinglish
Namaskar Dosto, Yeh Meri Pehli Aur Sachchi Kahani Hai Chacheri Behan Ki Chudai Ki… Agar Koi Galti Ho Toh Maaf Karna.
Mera naam hai Anand aur main Ghazipur (U.P.) se hoon. Meri age 21 saal hai aur meri height 5 feet 9 inches hai. Log kehte hain ki main thoda smart hoon. Abhi main Delhi mein rehta hoon aur ek job karta hoon.
Main Antarvasna pichhle 7 saal se padh raha hoon. Yeh kahani 5 saal pehle ki hai, jab main June ke mahine mein chhutti par ghar gaya tha. Kya bataun dosto, main apni chachi ki beti yaani meri chhoti behan Priya se poore 2 saal baad mila tha. Uska figure 34-32-36 tha aur woh bilkul Bhojpuri star Akshara Singh jaise lag rahi thi.
Aap yah Bhai Bahen ki chudai ki sex story in Hindi, hamari Indian Sex Stories ki No.1 website www.theindiansexstory.com par padh rhe hai.
Mere chacha ji Army mein hain aur chachi ek ghar waali aurat hain. Unke 3 ladke aur 2 ladkiyan hain. Chacha ji zyada tar ghar par nahi rehte, aur chachi hi sara kaam dekhti thi. Khet ka kaam bhi unhi ke zimmedari thi.
Us din bahar khet mein kaam zyada tha, toh shaam ko woh seedha khaana khaake chhat par so gayi. Chhat par sabka bistar laga hua tha.
Chachi ke bistar ke paas unke 3 bacche so rahe the. Mera, chacha ke bade ladke aur Priya ka bistar doosri chhat par tha. Main aur chacha ka beta ek saath so rahe the.
Thodi der baad Priya sone ke liye chhat par aayi aur chacha ke ladke ke bistar ke paas aa kar so gayi. Jab main so raha tha, mujhe mehsoos hua ki mera haath kahin touch ho raha hai. Maine kuch der tak sone ka naatak kiya.
Main dekhna chahta tha ki mera haath kaun touch kar raha hai. Priya ne mera haath uthakar apni choochi par rakh diya. Uske baad kuch der tak koi reaction nahi di, kyunki bhai beach mein so raha tha.
Thodi der baad Priya ne apni choochi par mera haath rakh kar masalna shuru kar diya. Tabhi bhai jag gaya. Bhai ke jaagne ki wajah se hum dono chup ho gaye. Priya ne mera haath wahi par rehne diya. Mujhe kaafi maza aa raha tha, lekin meri gand phat rahi thi ki kahin bhai dekh na le aur Priya ko chedne ka ilzaam mujh par na aa jaye.
Phir jab bhai dobaara so gaya, toh maine uski kurti ke andar haath daal kar choochi zor se daba di. Idhar mera lund khada hone laga tha. Maine uski pajami ke andar haath daalne ki koshish ki, lekin usne mana kar diya, shayad isliye kyunki bhai paas so raha tha.
Fir maine uski pajami ke upar se hi uski chut mein ungli karni shuru kar di. Thodi der baad mujhe apne haath par gilaapan mehsoos hone laga. Woh us waqt tak jhad chuki thi. Fir woh uth kar baith gayi aur hum dono so gaye.
Agle din dopahar ka time tha aur hum TV dekh rahe the. Us waqt ghar mein sirf chhota bhai tha aur koi nahi tha. Tabhi Priya ne meri jaanghon par apna haath chalana shuru kar diya. Main uska haath baar-baar hata raha tha, kyunki din ka time tha aur koi bhi aa sakta tha.
Shaam ko sab log khaana kha kar chhat par so rahe the. Maine kaha, “Tum log jaake so jao, main TV dekh kar so jaunga.” Sab chhat par chale gaye. Thodi der baad Priya wapas neeche aayi aur mere paas sofa par baith gayi. Usne apna haath kabhi mere pair par rakha, toh kabhi mere gaal par.
Main thoda aur control nahi kar paaya aur maine light off karke Priya ko apni god mein bitha liya. Maine uski choochiyon ko zor-zor se masalna shuru kar diya aur uske honthon ko kiss karne laga. Lagbhag 5 minute tak yeh sab chalta raha, lekin phir oopar se kisi ki awaaz aayi, aur hum dono ek doosre se alag ho gaye.
Us din ke baad mujhe Priya ke saath aur karne ki ichha badhne lagi thi. Mera lund tab bhi khada tha aur main chahta tha ki Priya mere lund ko haath mein le, lekin woh wapas chhat par chali gayi.
Agle din subah ke time, ghar mein sirf hum dono the. Priya ke teen bhai aur behan school gaye hue the aur chachi bazaar gayi thi. Main soch raha tha ki aaj toh zarur kuch maza lena hai.
Jaise hi sab log chale gaye, maine darwaza andar se kunddi laga di aur andar aakar dekha toh Priya kitchen mein khaana bana rahi thi. Maine peeche se jaakar Priya ko pakad liya aur uski kurti ke upar se uski choochiyon ko masalna shuru kar diya.
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Pehle toh Priya mujhe hataane lagi, lekin main aur zor se uske choochiyon ko dabaane laga. Mera lund tab tak itna khada ho gaya tha ki uski gand par lag raha tha. Usne kuch nahi kaha, aur main uske choochiyon ke saath aur khelne laga. Dheere-dheere Priya bhi garam hone lagi thi.
Maine uski kurti upar uthai aur uski bra ko nikal diya. Ab woh upar se bilkul nangi thi. Maine uski choochiyon ko zor-zor se daba kar unhe chaatna shuru kar diya. Beech-beech mein uske nipple ko kaat bhi raha tha, jiski wajah se woh cheekh bhi rahi thi. Par uski cheekh mein maza tha, kyunki uska shauk bhi badhta ja raha tha.
Maine Priya ka haath pakad kar apne lund par rakh diya, aur woh mere lund ko pakad kar dheere-dheere sehlane lagi. Uski naram ungliyon ka touch mere lund ko aur bhi garam kar raha tha.
Maine uski pajami ko neeche karne ki koshish ki, lekin usne pehle mera haath roka. Maine thoda aur zor lagaya, toh usne apne haath hata liye. Maine uski pajami neeche kar di, aur uski panty meri aankhon ke saamne aa gayi. Uski chut ubhri hui aur laal-hot lag rahi thi.
Maine dheere se uski chut par haath phira diya, toh woh ekdum chihunk gayi. Uski chut tab tak bilkul garam aur geeli ho chuki thi. Jaisi hi maine haath lagaya, mera lund bhi aur tez dhaadakne laga. Maine apni pant ki chain kholi aur lund ko bahar nikal liya.
Phir maine Priya ka haath apne lund par rakha diya. Usne mere lund ko mazbooti se pakad kar uske tope ko aage-peeche karna shuru kar diya. Uska naram haath mere lund ke upar jaise jadoo kar raha tha. Mujhe itna maza aa raha tha ki main aur control nahi kar paa raha tha. Priya ko mere lund ka size pasand aa gaya tha. Kabhi woh mere goliyon ke saath khel rahi thi, toh kabhi mere lund ke supare ko masti mein masal rahi thi.
Maine wahin khade-khade uski chut par apne lund ko sataa diya. Mera mann kar raha tha ki turant apne lund ko uski chut ke andar ghusa doon, lekin maine apne aap ko rok liya. Maine haath neeche le jaa kar uski chut par phiraya aur dheere-dheere apni ungli uski chut ke andar dal di. Priya ekdum uchhal padi, lekin maza le rahi thi.
Maine usse apni baahon mein utha liya aur uski gand ko zor se dabaane laga. Uski chut meri lund par lag rahi thi, aur main apni gand ko aage-dheere karke dhakke maar raha tha.
Mera lund uski chut ke andar ghusne hi wala tha, lekin tabhi usne mujhe roka aur bola, “Andar chalo, kamre mein.”
Kamre mein jaate hi Priya bed par late gayi aur apni pajami utar di. Ab woh meri nazron ke saamne puri nangi thi. Usne apni taange khol di, aur main samajh gaya ki woh lund ke liye bilkul tayaar hai.
Maine apni pant aur underwear utar kar ek taraf rakh diye. Usne muskurate hue kaha, “Shirt bhi utaro, tumhe pura dekhna chahti hoon.” Main turant apni shirt bhi utaar kar bilkul nanga ho gaya.
Priya mere nange jism ko upar se neeche tak dekh rahi thi. Main uske upar chadh gaya aur uski taange aur zyada khol di. Uske choochon ko chooste hue apna lund uski chut par ragadne laga. Uske muh se siitkaar nikal rahi thi, “Ahhh… Ssss… Ummm…”
Thodi der uske choochon ko choosne ke baad, maine apne lund ko uski chut ke chhed par lagaya aur ek zor ka dhakka maara.
Mera lund behan ki chut mein nahi ghus paya kyunki uski chut bohot tight thi. Mera lund uski chut par fisal gaya. Fir maine dobara se lund ko uski chut par lagaya aur dobara se lund ka zor uski chut ke muh par dekar maara toh lund ka supara uski chut mein chala gaya. Mujhe maza aa gaya, lekin Priya chilla padi. Uski chut khul gayi thi.
Maine usko shaant karne ki koshish ki, lekin woh chup nahi ho rahi thi aur dard se karaah rahi thi. Fir maine apne lund ko bahar nikal liya. Uske baad maine apne lund par thoda sa tel laga liya aur uski chut par bhi tel laga diya. Tel lagane ke baad mera lund aur uski chut dono hi bilkul chikne ho gaye the.
Maine apne lund se uski chut ki maalish ki aur fir uska dard kam ho gaya. Maine dobara se apne lund ke supar ko uski chut par laga kar ek dhakka maara. Abki baar mera aadha lund uski chut mein utar gaya.
Woh fir se dard se chilla padi, ‘Ummh… Ahh… Hay… Ohh…’
Lekin abki baar maine apne lund ko bahar nahi nikala. Mere lund ko uski garam chut mein jaakar bohot maza aa raha tha, isliye main uski chut ka pura maza lena chahta tha. Maine uski awaaz ko kam karne ke liye uske hothon ko choosna shuru kar diya. Uski chut mein bhi saath-saath main dabav banata gaya aur dheere-dheere karke maine poora ka poora lund Priya ki chut mein utaar diya.
Fir main kuch der tak ruka raha. Jab woh poori tarah se shaant ho gayi, toh maine dheere se Priya behan ki chut mein dhakke lagane shuru kiye. Usko dard hone laga, isliye main bohot dheere-dheere uski chut ko khol raha tha. Maine uski tangon ko khol kar dekha toh uski chut se khoon nikal raha tha. Uski chut phat gayi thi. Lekin maine usko kuch nahi kaha.
Wapas uske upar aakar main uske choochon ko peene laga toh woh bhi phir maza lene lagi. Ab mera lund dheere-dheere uski chut mein andar-bahar hone laga tha. Maine uski chut mein lund ko poora ghusa diya. Ab maine tezi ke saath uski chut mein lund ko chalana shuru kiya aur uski chut ki chudai karne laga.
Woh bhi ab maze se mere lund ko lene lagi. Usne apni taange meri kamar par lapet li aur mere hothon ko choosne lagi.
Mera josh aur zyada tej ho gaya toh main aur tezi se uski chut ki chudai karne laga. Uski tight chut ko chod kar mujhe bohot hi anand mil raha tha. Woh bhi mere lund ke maze le rahi thi. Paanch-saat minute tak uski chut ki chudai maine usi tarah ki aur fir maine usko uthne ke liye kaha.
Jab vo uthi to usne apni chut se nikla hua khoon dekha aur dar gayi.
Maine kaha- ghabrane ki baat nahi hai. Tumhari chut ki jhilli fat gayi hai. Isliye ye halka sa khoon nikal aaya hai.
Phir maine usko ghodi bana liya. Uski gaand bahut mast thi. Mera mann uski gaand ki chudai karne ka bhi kar raha tha lekin abhi ye hamara pehli baar tha to abhi main uski gaand mein lund daal kar usko darana nahi chahta tha.
Waise to usne mujhe kai dinon se pareshan kar rakha tha lekin vo is baat ko nahi jaanti thi shayad ki chudai karwane mein dard bhi jhelna padta hai. Isliye main usko aur zyada dard nahi dena chaah raha tha.
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Maine phir Priya ko ghodi bana kar jhuka liya aur peeche se uski chut mein lund daal diya. Ab uski chut andar se bhi poori ki poori chikni ho chuki thi. Isliye jab maine peeche se uski chut mein lund daala to mera lund ekdum se andar chala gaya.
Ek to lund par tel laga hua tha aur dooja uski chut ne apna kaamras chhodna chalu kar diya tha. Idhar mere lund se chikna padarth nikal raha tha. Maine uski chut mein lund ko daal kar ek dhakka lagaya aur poora lund uski chut mein utaar diya.
Woh aahhh… karke reh gayi.
Phir maine uske choochon ko pakad liya. Ab position theek thi to maine uski chut ki chudai shuru kar di. Main peeche se chut mein poora lund ghusa kar usko andar aur bahar kar raha tha. Mere lund ke dhakke ab tez ho gaye the. Uski chut ke andar jab lund ja raha tha to pach-pach ki awaaz ho rahi thi.
Maine uski chut mein apne lund ki speed badha di. Woh phir dard se cheekhne lagi lekin abki baar main nahi ruka. Maine das minute tak isi pose mein uski chudai ki aur phir mere lund ka maal maine Priya ki chut mein hi gira diya.
Hum dono nange the aur main uske upar hi let gaya. Kuch der tak main uske upar hi pada raha. Kuch minute ke baad main utha. Phir woh bhi uth gayi.
Sach mein dosto, apni kamuk chacheri behen ki chut ki chudai karke maza aa gaya tha mujhe. Waise woh bhi khud hi mera lund lena chahti thi. Isliye maine mauke ka poora faayda uthaya. Magar phir us din chachi ke aane ka time ho gaya tha to maine apne kapde pehen liye.
Usne bhi apne kapde pehen liye. Main kai dinon tak chachi ke ghar mein raha lekin phir humko chudai ka mauka nahi mil paya.
Uske baad phir meri job Dilli mein lag gayi thi to main Dilli mein aa gaya tha. Uske baad mujhe kabhi Priya ki chut ko chodne ka mauka nahi mila. Uski chut ki woh pehli chudai yaad karke aaj bhi mera lund khada ho jaata hai. Main muth maar kar hi uski chut ke baare mein soch kar apna paani nikaal leta hoon aur apne lund ko shaant kar leta hoon.
To dosto, aapko meri kamuk chacheri behen ki chudai ki yeh kahani kaisi lagi. Is baare mein comment karke batana mujhe.
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