निकिता का वैलेंटाइन वीक (Nikita ka valentine’s week)

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मेरा नाम निकिता है। मैं एक अच्छे घर से हूँ, लेकिन बचपन से ही मुझे कुछ अलग करने का शौक रहा है। मैं हमेशा अपने परिवार के रिवाजों को तोड़ने की सोचती थी। और, मैं काफी नॉटी भी हूँ।

ये मेरी पहली कहानी है और आने वाली सभी कहानियां मैं द इंडियन सेक्स स्टोरीज डोर कॉम पर ही डालूंगी।

मेरा फिगर 34-26-34 है, और मैं 5’6″ की हूँ। मेरे बाल का रंग काला है, और मेरी आँखें कहीं कहीं हरी हैं। मैं अपने रूप रंग पर काफी गर्व करती हूँ।

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मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ, और मैं आर्यभट्ट कॉलेज में पढ़ती हूँ। ये बात सेकेंड ईयर की है, जब मैं कॉलेज में थोड़ी अधिक समझदार हो गई थी साथ ही और भी ज्यादा सेक्सी हो गई थी।

कॉलेज में मेरी दोस्ती तुषार और केशव से हो गई थी। तुषार बहुत अमीर था, उसके पापा एक बड़े बिजनेसमैन थे। वह हमेशा नई बाइक खरीदता रहता था, और हर महीने एक नई बाइक लेकर आता था। उसकी नज़र हमेशा मुझ पर रहती थी, खासकर मेरे बूब्स पर। मुझे लगता था कि वह मुझे सिर्फ मेरे शरीर के लिए देखता है।

केशव बहुत हसमुख था, उसकी मुस्कराहत से सबको प्यार हो जाता था। वह एक मिडल-क्लास फैमिली से था, लेकिन उसके अंदर एक अजीब सा कॉन्फिडेंस था। वह हमेशा मुझे देखकर मुस्कराता रहता था, जैसे वह मुझे कह रहा हो कि तुम मेरी दुनिया हो। आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

पहले साल की परीक्षाओं में, मैं केशव की मदद से फेल होने से बची। वह मुझे रात-दिन पढ़ाता रहा, हालांकी बदले में वो मेरे हॉस्टल में आकर मेरे रूम में ही रहा, मेरी आदत है रात में सिर्फ पैंटी और टी शर्ट में पढ़ने की और उसकी भी निक्कर में पढ़ने की आदत थी, उसकी दया से अपने एग्जाम पास कर पाई। मैंने उसे धन्यवाद दिया, और हमारी दोस्ती और गहरी हो गई।

एक दिन, मुझे पैसों की शॉक जरूरत पड़ी। मेरे पापा का बिजनेस ठीक नहीं चल रहा था, और मुझे कॉलेज की फीस देनी थी। तुषार ने मुझे पैसे देने में मदद की, और मैं उसकी आभारी हो गई।

अब, मैं उनके प्रति आकर्षित होने लगी थी। लेकिन मैं समझ नहीं पा रही थी कि कौन सा सही है। तुषार का पैसा या केशव का प्यार, मुझे क्या चुनना चाहिए?

एक दिन मैं अपने रूम में जा रही थी, तभी केशव ने मुझे रोक लिया। उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे घूमने के लिए कहा। हम कॉलेज के पीछे के गार्डन में गए। मेरी नज़र केशव के लंड पर पड़ी, उसका लंड शायद खड़ा था क्योंकि शायद उसने उसे देख लिया था उस दिन मैंने पतली सी टॉप पहनी थी जिसमें मेरे निपल भी हल्के से उभरे थे वहाँ उसने मुझे अपने दिल की बात बताई, और उसकी आँखों में सच्चाई थी जो मुझे आकर्षित कर रही थी।

“निकिता, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। तुम मेरी दुनिया हो। मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता। मैं तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहता हूँ। क्या तुम मेरी हो?”

उसके शब्दों में गर्मी थी, और मुझे लगा कि वह मेरे लिए सही है। लेकिन अगले दिन, तुषार ने मुझे कॉलेज के कैंटीन में प्रोपोज किया। उसने मेरे लिए एक बड़ा सा केक लेकर आया और उस पर “निकिता, आई लव यू” लिखवाया था। वहाँ सभी लोग हमें देख रहे थे, और मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था।

मैं सच में कॉन्फ्यूज थी। दोनों लड़के मुझे पसंद थे, और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन सा सही है। केशव का प्यार या तुषार का पैसा। मैंने दोनों को कोई जवाब नहीं दिया और समय लेने का फैसला किया।

मैं अपने रूम पर पहुँची और सोचने लगी। केशव बहुत शार्मिला है, लेकिन मुझे नहीं पता कि वो मेरी वासना पूरी कर पाएगा या नहीं, क्या वह मेरे लिए सही है? दूसरी तरफ, जिसकी नज़र हमेंशा मेरे जिस्म पर ही रहती है तुषार पैसों के अलावा कुछ और भी कर सकता है या नहीं? मुझे उसकी सच्चाई पर शक था।

मैं रोज की तरह पैंटी और टॉप में लेट गई, मैंने देखा कि आज 6 फरवरी है, वैलेंटाइन वीक की शुरुआत है। मुझे एक आइडिया आया। क्यों ना दोनों को एक टास्क दिया जाए? इससे मुझे पता चलेगा कि कौन सा लड़का मेरे लिए सही है।

मैंने दोनों को मैसेज किया, “मैं तुम दोनों को एक चुनौती देना चाहती हूँ। वैलेंटाइन वीक में, हर दिन तुम दोनों मुझे एक यादगार और सेक्सी सरप्राइज दो। लेकिन इस बार, केशव, तुम्हारी शार्मिलापन काम नहीं करेगी। तुम्हें कुछ और सोचना होगा। और तुषार, तुम्हारे पैसे काम नहीं करेंगे। तुम्हें दिल से कुछ करना होगा।”

“जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद आएगा, वह मेरा वैलेंटाइन होगा।”

अब मैं इंतजार कर रही हूँ कि हर दिन क्या होगा। केशव या तुषार कौन मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करेगा?

7 फरवरी – रोज़ डे

मैं कॉलेज में पहुँची, तो तुषार ने मुझे एक खूबसूरत गुलाब दिया। पहले तो मैंने सोचा कि यह एक आर्टिफिशियल गुलाब है, लेकिन जब मैंने इसे खोला, तो मेरी आँखें फटी रह गईं। यह एक लाल रंग की पैंटी थी, जो मुझे बहुत ही आकर्षक लग रही थी।

“तुम्हारे लिए, मेरी जान,” उसने कहा, मेरे हाथ में गिफ्ट थमाते हुए। “मैं चाहता हूँ कि तुम इसे पहनकर मेरे सामने आएं। मैं तुम्हारी सुंदरता को देखकर पागल हो जाऊँगा।” आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

मैं उसकी बात सुनकर थोड़ा शर्मा गई, लेकिन मेरे दिल में एक अलग ही उत्तेजना थी।

उसके बाद, केशव ने मुझे एक खूबसूरत गुलाब और एक प्यारा सा लेटर दिया। लेटर में लिखा था:

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एक प्यारा सा गुलाब तुम्हारे लिए लाया हूँ, लेकिन इसकी पंखुड़ी से भी ज्यादा सुंदर पंखुड़ियाँ तुमने अपनी पैंटी में छुपा रखी हैं। ना जाने कब उस गुलाब की पंखुड़ियां मैं सूंघ पाउंगा, जो तुम्हारे प्यार के रस से भरा हुआ है।

तुम मेरी जान हो, मेरी सब कुछ हो। आई लव यू, निकिता।

ये पढ़ कर सच में मेरी चूत में हलचल हुई, केशव ऐसा कुछ लिख पाएगा मैंने सोचा नहीं था, मैं मुस्कुरा कर गुलाब ले आई

रात को सच में मैं गुलाब से अपनी चूत सहलाने लगी थी

8 फरवरी – प्रोपोज डे

मैं कॉलेज में पहुँची, तो केशव ने मुझे एक अनोखा प्रोपोजल दिया। उसने अपनी अंडरवियर हल्की से नीचे की, और मैंने देखा कि उसने अपने अंडरवियर के अंदर अपने पेट पर “आई लव यू निकिता” लिखवाया हुआ था। मुझे उसकी सच्चाई और प्यार पसंद आया।

लेकिन तुषार ने भी कुछ खास करने का फैसला किया। उसने मुझे एक खूबसूरत फोटो एल्बम दिया, जिसमें हमारे साथ बिताए गए पलों की तस्वीरें थीं। एल्बम के आखिरी पेज पर लिखा था:

“निकिता, तुम मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत तस्वीर हो। मैं तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी का हर पल बिताना चाहता हूँ। तुम्हारे लिए, मैं अपनी जान भी दे सकता हूँ। आई लव यू।”

अब अगले दिन की बारी है –

मैं तुषार और केशव दोनों के गिफ्ट से बहुत खुश हुई। तुषार का गिफ्ट, चॉकलेट फ्लेवर कंडोम, बहुत रोमांटिक था, जिस पर लिखा था – “मेरी जान, तुम्हारे लिए मेरी दिल की धड़कन। 14 फरवरी को यह हमारे काम आएगा, जब मैं तुम्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाऊँगा।” यह गिफ्ट मुझे उसकी गंभीरता और प्यार की गहराई का एहसास कराता था, लेकिन मुझे लगता था कि वह मुझे सिर्फ मेरे शरीर के लिए देखता है।

लेकिन केशव का गिफ्ट, लंड के डिज़ाइन की चॉकलेट, भी बहुत प्यारा था, जिस पर लिखा था – “तुम्हारी सुंदरता ने मेरी जिंदगी को बदल दिया। इसे चूस कर खाना, तुम्हें मजा आएगा, जैसे मैं तुम्हारे प्यार में खो जाता हूँ। मेरी जान, तुम्हारे लिए मेरी हर धड़कन।” यह गिफ्ट मुझे उसकी मज़ेदारी और प्यार की सच्चाई का एहसास कराता था।

10 फरवरी टेडी डे

तुषार ने मुझे कैंटीन में बुलाया और एक खूबसूरत टेडी गिफ्ट किया और साथ में एक बियर भी दी। दोनों ने साथ में बियर पी। मैं थोड़ी शराब के नशे में थी, तुषार ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और हमारे बीच एक गर्म किस हो गया।

लेकिन तभी मुझे याद आया कि मैं केशव के साथ भी अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती है। मैं तुषार से अलग हुई और अपने कमरे पर चली गई।

मैं तुषार के साथ बिताए गए गर्म पलों के बाद अपने कमरे में पहुँची, लेकिन मेरे दिमाग में केशव की यादें भी घूम रही थीं। तभी मैंने देखा कि मेरे कमरे में एक टेडी बियर खड़ा था। मैंने सोचा कि यह तुषार का गिफ्ट होगा, लेकिन तभी वह टेडी बियर जीवंत हो गया और मुझे हग कर लिया। वह टेडी बियर केशव था।

मैंने केशव से कहा – “यह क्या है? तुमने टेडी बियर का कॉस्ट्यूम पहना हुआ है?” केशव ने मुस्कराते हुए कहा – “हाँ, मैं तुम्हें सरप्राइज़ करना चाहता था।” मैंने कहा – “मैं भी यह कॉस्ट्यूम पहनना चाहती हूँ।” केशव ने कहा मैं नहीं उतार सकता ना ही तुम पहन सकती हो क्योंकि इसे पहनने के लिए सभी कपड़े उतारते हैं, और अंदर से मैं भी नंगा हूं – “ठीक है, मैं तुम्हारी मदद करूँगा। लेकिन इसे पहनने के लिए तुम्हें अपने सारे कपड़े उतारने होंगे।” आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

मैंने केशव की बात सुनकर अपने कपड़े उतारने शुरू किए। जब मैंने अपनी ब्रा उतारी, तो केशव ने नोटिस किया कि मेरी गर्दन पर एक किस का निशान था। केशव को यह देखकर एक अजीब सी फीलिंग आई। वह सोच में पड़ गया कि क्या मैं तुषार के साथ इतनी जल्दी आगे बढ़ गई है? लेकिन उसने अपने ख्यालों को दबा दिया और मेरी मदद करना जारी रखा।

केशव ने मुझे टेडी बियर का कॉस्ट्यूम पहनाया। जब मैं पूरी तरह से तैयार हो गई, तो केशव ने मुझे देखकर मुस्कराया और कहा – “तुम बहुत सुंदर लग रही हो।” मैंने भी केशव को देखा और कहा – “तुम भी बिना कपड़ो के बहुत हैंडसम लग रहे हो।”

अब मैं और केशव एक दूसरे को नंगा देख चुके थे, और हमारे बीच एक गर्म और रोमांटिक पल बित रहा था। लेकिन केशव के मन में एक सवाल था – क्या मैं सच में उसे प्यार करती हूँ? या वह सिर्फ मुझे अपने समय पास करने के लिए इस्तेमाल कर रही है?

11 फरवरी – प्रॉमिस डे

मैंने केशव और तुषार के सामने खड़े होकर कहा, “मैं तुम दोनों से एक वादा चाहती हूँ। अगर हमारी शादी होती है, तो तुम मुझे खुश रखोगे? मैं बचपन से ही रोक-टोक से तंग आ गई हूँ। मैं अपनी जिंदगी में खुलकर जीना चाहती हूँ।”

केशव ने मेरी आँखों में देखा और कहा, “मैं तुम्हें वादा करता हूँ, निकिता। अगर हमारी शादी होती है, तो मैं तुम्हें कभी भी रोक-टोक नहीं लगाऊँगा। तुम अपनी मर्जी से जी सकती हो, तुम्हारी खुशी मेरे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगी।”

तुषार ने भी मेरी बात सुनी और कहा, “मैं भी तुम्हें वादा करता हूँ, निकिता। मैं तुम्हारी हर ख्वाहिश का ख्याल रखूँगा, तुम्हारी खुशी मेरे लिए सब कुछ होगी। तुम अपनी जिंदगी में खुलकर जी सकती हो, मैं तुम्हारा साथ दूँगा।”

मैंने दोनों को देखा और कहा, “मुझे घर पर कपड़े पहनना पसंद नहीं है। मैं अपने घर में अपनी मर्जी से रहती हूँ। क्या तुम दोनों मुझे इस मामले में भी आजादी देंगे?”

केशव ने मुस्कराते हुए कहा, “तुम्हारी मर्जी है, निकिता। तुम अपने घर में जैसे चाहो वैसे रह सकती हो। मैं तुम्हें कभी भी रोक-टोक नहीं लगाऊँगा। तुम नंगी रहो, मुझे कोई समस्या नहीं है।”

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तुषार ने कहा, “मैं भी तुम्हें इस मामले में आजादी दूँगा, निकिता। लेकिन मैं तुम्हारे लिए हमेशा तैयार रहूँगा।”

मैंने कहा, “और मुझे चूत के बाल काटना पसंद नहीं है।”

केशव ने कहा, “तुम्हारी मर्जी है, निकिता। तुम चुत के बाल काटो या न काटो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

तुषार ने मुस्कराते हुए कहा, “मैं तुम्हारी चूत के बाल काट दूँगा, निकिता। तुम्हें कभी भी तुम्हारी चूत के बाल काटने की चिंता नहीं करनी होगी।”

मैंने दोनों की बात सुनकर मुस्कराया और कहा, “मैं तुम दोनों से प्यार करती हूँ। मैं तुम दोनों के साथ अपने जीवन को बिताना चाहती हूँ। लेकिन मुझे पहले अपने दिल की बात सुननी होगी।”

केशव और तुषार ने मेरी बात समझी और कहा, “हम तुम्हें समय देंगे। तुम अपने दिल की बात सुनो और जो भी तुम्हें सही लगे, वह करो। हम तुम्हारे लिए हमेशा तैयार रहेंगे।” आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

12 फरवरी – हग डे

मैंने केशव और तुषार दोनों को अपने घर पर आमंत्रित किया। मैं उन दोनों के साथ समय बिताना चाहती थी और अपने दिल की बात समझना चाहती थी।

जब केशव और तुषार पहुँचे, तो मैंने उन्हें गले लगाकर हग किया। केशव ने भी मुझे हग किया और कहा, “मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ निकिता। तुम मेरी जिंदगी हो।”

तुषार ने भी मुझे हग किया और कहा, “मैं तुम्हारे लिए हमेशा यहाँ हूँ निकिता। तुम मेरी सबसे बड़ी ताकत हो।”

मैंने दोनों को देखा और कहा, “मैं तुम दोनों से प्यार करती हूँ। तुम दोनों मेरे लिए सब कुछ हो।”

उस रात, तीनों ने एक साथ बैठकर बातें कीं और एक दूसरे को समझने की कोशिश की। फिर, वे एक दूसरे को हग करके सो गए। उस पल, उनके बीच कोई दरार नहीं थी, केवल प्यार और समझ थी।

केशव ने मुझे अपनी बाहों में लेकर कहा, “मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा।”

तुषार ने मेरे हाथ को पकड़कर कहा, “मैं तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा।”

मैंने दोनों को देखा और मुस्कराई। मैं जानती थी कि वे दोनों मेरे लिए सब कुछ करेंगे।

पूरी रात मैं दो मर्दों के बीच थी, वो चाहे तो आज ही मुझे चोद देते पर शायद उनको सच में मेरा प्यार चाहिए था

13 फरवरी – किस डे

सुबह मैंने उन दोनों को मेरे कमरे पर ही रुकने को कहा। मैं उन दोनों के साथ समय बिताना चाहती थी और अपने प्यार को आगे बढ़ाना चाहती थी।

जब केशव और तुषार नहाकर पहुँचे, तो मैंने उन्हें एक सुंदर स्माइल देकर गले लगाया। फिर, मैंने कहा – “आज किस डे है, तुम दोनों को पता है। मैं तुम दोनों को एक ऑप्शन देना चाहती हूँ। तुम कहाँ किस करना चाहते हो?”

तुषार ने मुस्कराते हुए कहा – “मैं तुम्हारे दोनों बूब्स पर किस करना चाहता हूँ।”

केशव ने कहा – “मैं तुम्हारी चूत पर किस करना चाहता हूँ।”

मैंने दोनों को देखा और कहा – “ठीक है, मैं तुम दोनों की इच्छा पूरी करूँगी।”

फिर, मैं कुछ समझ पाती तभी तुषार ने मेरी ब्रा निकाली दी और मेरे स्तन चूस डाले, शायद जिन स्तनों को वो हमेंशा नजरों से ही चूसना चाहता था ये उसकी खुशी थी, उसने किस के बहाने मेरे स्तन लाल कर दिए

मैंने तुषार को हटा दिया पर अब केशव ने कहा पीछे रहने वाला था.. उसने तुरंट मेरी पैंटी में हाथ डाला और नीचे कर दी.. मुझे लगा था क्योंकि मेरी झांटे बहुत ज्यादा बढ़ी हुई थी वो ज्यादा किस नहीं करेगा.. पर उसको तो जैसा सारा रस आज ही पी लेना था. उसने चूत से लेकर गांड तक सब जगह किस किया.. तभी वो मेरी चूत पर हाथ लगाने लगा तो मैंने उसे रोक दिया

मैंने दोनों को गले लगाकर कहा – “मैं तुम दोनों से प्यार करती हूँ।”

उस पल, उनके बीच केवल प्यार और खुशी थी। वे एक दूसरे के साथ खुश थे, और उनका प्यार बढ़ता जा रहा था।

मैंने उन्हें कहा कल फैसले का दिन है ये मेरे लिए बहुत मुश्किल होगा पर मैं जिसे चुनूंगी ना सिर्फ सिर्फ डेट करूंगी ब्लकी कल ही उसके साथ सेक्स भी करूंगी

मैं चाहती हूं तुम लोग मेरी पसंद को ना सिर्फ स्वीकार करो बल्कि सम्मान भी करो, इसलिए तुम दोनों कल पूरा दिन ही यहीं रहोगे|

आख़िर वो दिन आ गया था जिसका हम तीनों को इंतज़ार था.. आज वैलेंटाइन डे है आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

आज मैंने तुषार का दिया चॉकलेट फ्लेवर कंडोम पहले से निकाल कर रखा था और वही पैंटी पहनती थी जो उसने दी थी… और गुलाबी रंग की ड्रेस पहनी थी

हमारे कॉलेज में दारू कोई बड़ी बात नहीं थी तो मैं वहां पर पीना सीख गई और अक्सर पार्टी में मैं शराब पीती हूँ। धीरे धीरे मुझे इसकी लत भी लग गई पर रोजाना नहीं पीती, आज तो मेरी जिंदगी का सबसे रंगीन दिन था तो मैंने तुषार को दारू लेन के लिए बोल दिया शाम को पार्टी शुरू हो गई खाना खाते गए दारू पीते गए धीरे-धीरे बात आगे बढ़ गई और अब समय था मेरे फैसले का मैंने दोनों को स्माइल दी और बोली: तुषार तुम बहुत अच्छे हो पर शायद तुम मुझे खुश नहीं रख पाओगे

तुषार का शायद दिल टूट गया था, या शायद कोई बार थी वो बोला.. अगर तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें खुश नहीं रख पाऊंगा तो चुनो जो तुम्हें खुश कर सके |

यह सुनकर मैं भी बोल पड़ी तो क्या मैं केशव को चुन लूं, उससे चुदवा लूं सेक्स संबंध बना लू, उसने कहा बना लो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता सच बात तो ये है कि तुषार ने मेरा काम आसान कर दिया था,

तो मैं बोल दे फिर देख लेना तुम आगे कुछ मत बोलना। तुषार भी यही बोला कि ठीक है मैं कुछ नहीं बोलूंगा तुम्हारी जो मर्जी है करो मैं तुम्हारी मर्जी में कभी में दखल अंदाजी नहीं करूंगा। इतना कहते ही मैं मचल गई क्योंकि मैं दारु के नशे में थी शराब ज्यादा पी ली थी केशव भी ज्यादा पी लिया था और तुषार ने भी ज्यादा पी ली। इतने में ही तुषार सोफे पर लेट गया और धीरे-धीरे उसकी आंख लग गई क्योंकि वह ज्यादा पी लिया था मैं उठी और बस अपना टॉप निकाली और केशव ने के गोद में बैठ गयी।

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उसने तुरंत है मेरी ब्रा को खोल दिया और मैं अपने पजामे को उतार दी। अब हम दोनों वाइल्ड होकर एक दूसरे को चूमने लगे किस करने लगे हैं। केशव मेरी चुचियों को दबाने लगा मेरे होंठ को चूसने लगा मेरे गाल पर अपने दांत काटने लगा मेरा गर्दन को किस करने।

मैं पागल होने लगी दोस्तों क्योंकि जब वह अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों चुचियों को मसल रहा था तो मेरी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया था। मैं कामुकता की हद को पार कर गई थी मेरे पास नाउ भड़क उठी थी मेरे अंतर्वासना भड़क उठे थे अब मुझे बस अपने केशव के लंबे लंड का इंतजार था।

मैं तुरंत ही उसके जांगिया से लंड बाहर निकाल ले और तुरंत ही चूसने लगी केशव लेट गया और मैं उसके लंड को चूसने लगी। वह मेरे चुचियों को सहला रहा था और आह आह आह की आवाज निकाल रहा था। मैं आइसक्रीम की तरह उसकी मोटे लंड को चूस रही थी।

केशव बहुत ज्यादा ही सेक्सी और काम हो गया उसने मुझे नीचे पटक दिया और मेरे दोनों पैरों को अलग-अलग करके मेरी चूत को चाटने लगा। दोनों चूचियों को मसलते हुए जब मेरी चूत को चाटते तो मैं पानी पानी होने लगी ऐसा लगता था मेरे पूरे शरीर में करंट आ गया। तुषार जाग गया वह देखने लगा कि हम दोनों क्या कर रहे हैं पर उसने मुझे कुछ बोला नहीं ना तो केशव को कुछ बोला वह बैठकर हम दोनों को देखने लगा।

तभी केशव मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और अपना मोटा लंड मेरी चूत पर लगाया और जोर से अंदर घुसा दिया। मैं ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह करने लगी और धक्के पर धक्के देने लगा मेरी चूचियों को मसल था और धक्के देता अपना मोटा लंड मेरी चूत में जोर जोर से घुसाने लगा।

मैं भी अपना गांड उठा उठा कर अपने केशव से चुदवाने लगी तुषार की तरफ जब मैं निहारते थी तो वह चुपचाप देख रहा था और मैं अपना गांड उठा उठा कर चुदवाने लगे दोस्तों बहुत मजा आ रहा था, केशव मुझे वही कंडोम लगा कर चोद रहा था जो तुषार ने गिफ्ट किया था, मैं केशव को अपनी बाहों में भर ले अपनी चुचियों को उसके मुंह में डाल दी ताकि वह सके वह मेरी सूचियों को चूसते हुए मेरे गांड में उंगली करने लगा और जोर-जोर से अपने मोटे लंड को मेरे चूत के अंदर पेलने लगा।

फिर वह अलग अलग तरीके से मुझे चोदने लगा कभी ऊपर से चोदता कभी वह बैठकर चोदता कभी वह साइड होकर चोदता कभी गांड के पीछे से चोदता। जो जो कर रहा था उसे मैं बहुत खुश थी क्योंकि उसका मोटा लंड मेरी गांड के एकबिच में एक पतली सी दरार में जब अंदर बाहर निकल रहा था तो मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ था और मेरे मुंह से आवाज निकल रही थी जो काफी कामुकता से भरी थी। आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

इस तरह से केशव करीब 2 घंटे तक मुझे चोदा हम तीनों ही नशे में थे हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे तुषार चुपचाप वहां बैठकर देख रहा था। आखिरकार उसने अपना पूरा माल मेरी चूत के अंदर डाल दिया। हम दोनों शांत हो गए और हम तीनों ही वही पर सो गए। सुबह जब उठे तो तुषार मुझे देख कर कह रहा था कि रात को तो तुमने अपनी वासना शांत कर ली मैं भी हंस कर बोल दी हां। तुमने ही तो बोला था चुदवाने। आप यह कहानी इंडिया की नम्बर 1 सेक्स कहानी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

तो वे बोला कोई बात नी अब केशव तेरा है और तू उसकी दोनो खुश रहना पर कपडे तो पहन ले.. नंगी ही सो गई थी

तभी केशव बोला.. भूल गया क्या ये मेरे साथ नंगी ही रहेगी… और अभी तो इसकी चुदाई बाकी है तू जा.. तुषार बाय करने के लिए मुदा ही था कि मैं कुतिया बन कर चुद रही थी

कहानी का अगला भाग:-  निकिता और रिया का नंगापन

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