पूनम की बुर का भोसड़ा

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Virgin fuddi ki chudai sex story: 26 नवम्बर 2012 को पूनम की शादी समर से हुई और वो उसकी पत्नी बनकर समर के घर आई। पूनम एक साधारण सी लड़की थी, न ज्यादा गोरी न काली, मध्यम कद की, थोड़ी मोटी बॉडी वाली, साड़ी में लिपटी हुई, शादी के दिन लाल जोड़े में शर्म से झुकी हुई।

वैसे तो पूनम के अंदर न ऐश्वर्या राय वाली सुंदरता थी और न जैकलीन, कैटरीना कैफ या करीना कपूर की तरह गोरी चमड़ी, न ही वो माधुरी दीक्षित की तरह नाच सकती थी और न पलक की तरह गा सकती थी। पूनम में कोई खास गुण नहीं था, पर एक चीज थी जो उसे सारी लड़कियों से श्रेष्ठ बनाती थी।

जहाँ पूनम के मोहल्ले की सारी लड़कियाँ शादी से पहले ही लंड खा चुकी थीं और अपनी बुर का भोसड़ा पहले ही बनवा चुकी थीं, वहीं पूनम अभी कुंवारी थी। जहाँ बाकी लड़कियाँ बड़ी बेबाक थीं और लड़कों से बेधड़क बात करती थीं, वहीं पूनम बड़ी शर्मीली थी और अगर कोई लड़का उससे बात करना चाहता तो उसका दिल धड़कने लगता था।

इसका नतीजा निकला कि पूनम 26 साल की हो गई थी और आज तक उसने कोई लौड़ा नहीं खाया था, उसकी बुर का भोसड़ा नहीं बना था। वहीं मोहल्ले की मिथलेश, सीमा, ज्वाला और जुगल अपने-अपने यारों का लौड़ा पहले ही खा चुकी थीं।

खैर जो हुआ सो हुआ, 26 नवम्बर को पूनम की शादी समर से हो गई। समर एक 28 साल का जवान लड़का था, किराने की बड़ी दुकान चलाता था, मजबूत बदन वाला, काले बाल, हल्की दाढ़ी, शर्ट पैंट में हमेशा रहता। समर ने अभी तक सिर्फ 4 लौंडियाँ ही चोदी थीं।

पहले दिन कमरे में पूनम आई तो उसका भी मन था कोई उसे चोदे, वो घबराई हुई थी पर अंदर से उत्सुक भी। समर ने उसके कपड़े उतारे तो देखा फुद्दी कुंवारी थी। समर की खुशी का कोई ठिकाना न था।

पूनम ने अपनी झांटें भी नहीं बनाई थीं, बड़ी और काली-काली झांटें थीं। समर बोला, पूनम जा झांट तो बना ले तब प्रोगाम शुरू करूं। पूनम बोली नहीं मुझे शर्म आती है। समर खुद से बोला लगता है मुझे ही झांटें भी बनानी पड़ेंगी और अपनी दाड़ी बनाने का डिब्बा ले आया।

उसने चूत के आगे के कुछ बाल तितली के रूप में छोड़ दिए और पूनम की डिजायनदार झांटें बना दीं, क्रीम लगाकर धीरे-धीरे ब्लेड फेरते हुए, पूनम की टांगें फैलाकर, बीच-बीच में उंगली से चूत को छूकर देखते हुए कि कितनी चिकनी हो रही है। पूनम की चूत मोरनी के पंख जैसी थी, छोटी सी, चिकनी, खूबसूरत, कसी और अनचुदी।

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समर को दो साल से कोई बुर चोदने को नहीं मिली थी। उसने जिन लड़कियों को पटाया था उन सबकी शादी हो गई थी। और वो बस बिना देर किए सुहागरात मनाना चाहता था। किसी भूखे शेर की तरह वो पूनम की बुर पर टूट पड़ा और उसे चाटने लगा, जीभ से झांटों को हटाकर चूत के दाने को चूसते हुए, पूनम की कमर ऊपर उठ गई, वो सिसकारी लेने लगी।

बुर का दाना उसने बड़ी अच्छी तरह से चूसा, दांतों से हल्का काटा, जीभ अंदर घुमाई, पूनम के हाथ समर के बालों में फंस गए। पूनम गर्म हो गई और उसने अपनी दोनों टांगें पूरी फैला दीं, घुटने मोड़कर।

समर ने चूत में ऊँगली की तो पूनम के होश उड़ गए और वो चुदास से भर कर समर के सिर में अपनी उँगलियाँ फिराने लगी, नाखूनों से खरोंचते हुए। समर को और जोश चढ़ गया। बीच-बीच में समर पूनम की छोटी-छोटी चूचियों को भी चूस लेता, निप्पल को जीभ से घुमाता, दांत से खींचता तो जोश बढ़ कर दुगना हो जाता।

समर ने बुर को ध्यान से देखा और उसे एक बार और चाटा, पूनम की चूत से पानी टपकने लगा। समर बोला पूनी यकीन नहीं होता कि एक छोटी सी बुर फाड़कर पूरा बच्चा निकल आता है। पूनम ने पूछा क्या मेरे बच्चे भी यहीं से छोटी सी बुर फाड़कर होंगे। समर ने कहा हाँ।

समर का टोपा तो पहले से ही खुला था, लंड सीधा खड़ा, मोटा और लंबा। उसने पूनम की दोनों टांगों को कंधों की ओर मोड़ दिया और चूत में लौड़ा रखा, सुपारा चूत के मुंह पर रगड़ा, पूनम की सांस तेज हो गई। एक धक्के में ही लौड़ा पूनम की चूत की सील तोड़ते हुए अंदर चला गया, पूनम चीख पड़ी आआआह्ह्ह, चूत से गाढ़े खून की एक धार पूनम की जांघों से बह निकली, उसे बहुत दर्द हुआ, आंसू निकल आए।

अब समर अपनी पत्नी को हचक कर चोदने लगा, धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करता, हर धक्के में थप-थप की आवाज, पूनम की चूत टाइट थी, लंड को निचोड़ रही थी। मन ही मन समर कहने लगा पूनी तू इतनी सुंदर तो नहीं पर कुंवारी चूत देकर आज तूने मुझे जीत लिया।

पूनम ने ज्यादा विरोध भी नहीं किया और दर्द को सह कर अच्छे से लौड़ा खाया अपनी बुर का भोसड़ा बनवा लिया, धीरे-धीरे दर्द कम हुआ और मज़ा आने लगा, वो कमर हिलाने लगी। आखिर 26 साल बाद उसे चुदाई नसीब हुई थी इसलिए वो भी मन ही मन खुश हुई थी।

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समर का लौड़ा किसी खूंटे की तरह पूनम की मशीन में फंस गया था और उसे बिना रूके चोदते ही जा रहा था, अब तेज धक्के मारता, पूनम की छोटी चूचियां उछल रही थीं, वो आआह्ह्ह उउफ्फ्फ करने लगी। बीच में पूनम को दर्द हुआ तो उसने जरा रुकने को कहा, समर रुक गया।

पूनम ने सांस ली और थोड़ा आराम किया, चूत में उंगली डालकर देखा खून लगा था। जब इशारा हुआ तो फिर समर ने चुदाई शुरू की, अब पूनम को घोड़ी बनाया, पीछे से गांड पकड़कर थोकने लगा, चप-चप की आवाजें, पूनम के बाल खींचते हुए।

दो साल तक समर के लौड़े में जंग लग गई थी। आज पूनम की चूत चोदने से जब वो झड़ने को हुआ तो उसके माल की बाढ़ सी आ गई, उसके रस की फुहार फच्च फच्च करती हुई पूनम की बुर में छूट गई, लंड फड़फड़ा रहा था।

समर का लौड़ा जब ढीला पड़ गया तो उसने बुर से निकाल लिया और किसी कुत्ते की तरह फिर बुर को चाटने लगा, खून और रस का मिक्स चाटता। पूनम तो पागल हो रही थी और अपने सिर व हाथ-पैर पटक रही थी, ओओओह्ह्ह हां। समर अब कुछ समय के लिए रुको।

समर रसोई में गया और चाय बना लाया, दोनों ने चाय पी, कुछ देर टीवी देखा और बातें की। दो बजे फिर चुदाई का काम शुरू हुआ। इस बार पूनम ने समर को लौड़ा पिया, मुंह में लेकर चूसा, गोलियां भी चाटी, जीभ से टोपा घुमाया।

पूनम और समर दोनों ने जमकर चुदाई का सुख लिया, पहले मिशनरी में, फिर पूनम ऊपर चढ़कर, लंड पर उछली, और पहली रात 3 बार चुदाई का सुख लिया, हर बार अलग पोजीशन, पसीना बहता, बदन चिपके।

शादी के एक महीने तक 3-3 बार चुदाई चलती थी। दोपहर में दुकान होने के कारण समर कभी नहीं चोद पाता था पर रात में तो चुदाई होना तय रहता था।

दो साल बाद पूनम की बुर फाड़ कर एक लड़का पैदा हुआ जो बिल्कुल पूनम की शक्ल पर गया था। अब समर को यकीन हो गया था कि एक छोटी सी चूत क्या-क्या कर सकती है। लड़के का नाम किशोर रखा गया।

बाद में पूनम समर से खुल कर बात करने लगी थी तब उसने समर को बताया था कि उसके मोहल्ले में मिथलेश नाम की लड़की थी जो सबसे खूबसूरत थी। उसकी आँखें कटीली थीं और कमर पतली थी मगर वो लड़की जितनी खूबसूरत थी उतना ज्यादा ही लंड खाये बैठी थी।

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मिथलेश के दस यार थे और मोहल्ले का हर जवान लड़का उसे चोद चुका था। इसके बाद दीप्ति थी जो अपने मकान-मालिक के लड़के से चुदती थी। सुलेखा की चूची पुष्ट थी और उसके जीजा ने ही उसकी सील तोड़ी थी।

मीना अपने चाचा के लड़के का लंड खा चुकी थी। कुछ कॉलेज में फंसी थीं वे सब भी चुदक्कड़ हो बुर का भोसड़ा करवा चुकी थीं। इस प्रकार उसके साथ की लड़कियों की चुदाई हो चुकी थी।

पूनम ने इसे नाम दिया था किस्मत का खेल और ग्रहों की ताकत। पूनम ने समर को बताया था कि लड़कों को एक नीति अपनानी चाहिए, खाओ खुजाओ बत्ती बुझाओ और फिर सो जाओ।

पूनम ने समर को बताया था कि लड़कों को समय रहते लड़कियों को कस कर चोद लेना चाहिए क्योंकि अगर लड़की की शादी हो गई तो सब किए-कराये पर पानी फिर जाएगा। आखिर समोसा खाने के लिए होता है और जवान चूत लौड़ा खाने के लिए ही होती है।

समर पूनम की बात से सहमत था। आज पूनम की चूत 3 साल की चुदाई के बाद ढीली हो गई है पर समर आज भी उसे उसी प्रेम से चोदता है। इस प्रकार पूनम की सुहागरात पूरी हुई।

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