ठरकी टीचर और मोनिका की दूसरी मुलाकात – होटल में सुहागरात

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मोनिका ने सुबह-सुबह अपने घर से स्कूल के लिए निकलने का नाटक किया, लेकिन असल में उसके कदम आज किसी और ही दिशा में बढ़ रहे थे। उसे पता था कि आज का दिन खास होने वाला है। सूरज पहले ही उसे बता चुका था कि वह उसे स्कूल के रास्ते में अपनी कार से पिक करेगा। उसने अपना स्कूल बैग कंधे पर टांगा और घर से निकल गई, लेकिन उसके दिल में बस सूरज के साथ बिताने वाला वक्त ही घूम रहा था।

कहानी का पिछला भाग: ठरकी टीचर चुत के शिकार पर

सूरज ने शहर से बाहर एक होटल में कमरा बुक किया था, ताकि किसी को शक न हो और वे आराम से अपना समय बिता सकें। उसने सब कुछ पहले से ही प्लान कर लिया था, क्योंकि इस बार वह किसी भी तरह की जल्दीबाजी नहीं चाहता था। वह इस दिन को उनकी “सुवागरात” जैसा बनाने की तैयारी में था।

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जब मोनिका सड़क के किनारे पहुंची, तो सूरज अपनी कार में पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था। उसने मोनिका को देखते ही होंठों पर एक शरारती मुस्कान बिखेरी और कार का दरवाजा खोल दिया। मोनिका बिना कुछ कहे चुपचाप अंदर बैठ गई। उसकी सांसें तेज चल रही थीं, लेकिन उसके दिल में उत्सुकता साफ झलक रही थी। सूरज ने गाड़ी आगे बढ़ाई और दोनों बिना कुछ बोले शहर से बाहर निकल गए।

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रास्ते में सूरज ने अपनी एक हाथ से कार चलाते हुए दूसरे हाथ से मोनिका के हाथ को पकड़ लिया और धीरे से उसकी उंगलियों को सहलाने लगा। “आज हम तुम्हारा पसंदीदा फ्लेवर भी ट्राय करेंगे,” सूरज ने एक शरारत भरी आवाज़ में कहा, और फिर उसके चेहरे पर देख मुस्कराया। मोनिका हल्के से शर्मा गई लेकिन उसकी आँखों में साफ दिख रहा था कि वह आज इस सफर के लिए पूरी तरह तैयार है।

करीब आधे घंटे की ड्राइव के बाद, वे शहर से दूर एक छोटे से होटल में पहुंचे। होटल की लोकेशन सुनसान थी, जहां उन दोनों को कोई पहचानने वाला न हो। सूरज ने पहले ही होटल में बुकिंग कर ली थी। जैसे ही वे कमरे में पहुंचे, सूरज ने दरवाजा बंद किया और मोनिका को अपनी ओर खींच लिया। मोनिका ने बिना किसी हिचकिचाहट के सूरज को गले लगा लिया।

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सूरज ने उसे धीरे से बिस्तर की तरफ धकेला और खुद उसके ऊपर झुक गया। “आज का दिन खास है,” सूरज ने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा। “तुम्हें पता है, मैंने तुम्हारे लिए अलग-अलग फ्लेवर वाले कंडोम लाए हैं, ताकि तुम खुद चुन सको कि तुम्हें कौन सा फ्लेवर पसंद है।” सूरज ने बैग से चार अलग-अलग कंडोम के पैकेट निकाले – स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट, केला, और मिंट।

मोनिका ने शर्माते हुए एक नज़र उन पैकेटों पर डाली, फिर उसने स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का पैकेट उठाया। सूरज ने हंसते हुए कहा, “स्ट्रॉबेरी, अच्छा चुनाव है। अब देखते हैं कि ये कैसा लगता है।” उसने धीरे से अपने कपड़े उतारने शुरू किए और मोनिका को भी ऐसा करने के लिए इशारा किया। मोनिका थोड़ी झिझक के साथ, लेकिन धीरे-धीरे अपने कपड़े उतारने लगी। उसकी आंखों में हल्की शर्मिंदगी थी, लेकिन वह सूरज के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार थी।

सूरज ने स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का कंडोम पहना और मोनिका के पास जाकर उसे बिस्तर पर लिटा दिया। “आज तुम्हें मैं पूरी तरह से महसूस कराऊंगा कि असली मजा क्या होता है,” सूरज ने उसके कान में कहा और उसके होंठों पर अपना होंठ रख दिया। मोनिका की सांसें तेज हो गईं। सूरज ने उसके हर अंग को धीरे-धीरे छूना शुरू किया, उसके शरीर के हर हिस्से को महसूस करते हुए।

जैसे ही सूरज ने मोनिका की चूत पर लंड रगड़ना शुरू किया, मोनिका के चेहरे पर हल्का दर्द और उत्तेजना का मिश्रण था। वह जानती थी कि आज का अनुभव पिछले से कहीं ज्यादा गहरा और तीव्र होने वाला है। सूरज ने धीरे-धीरे अपना लंड अंदर डाला और मोनिका हल्के से कराह उठी। लेकिन सूरज ने उसकी गर्दन पर एक किस करते हुए उसे शांत किया और अपनी गति तेज कर दी।

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कमरे में सिर्फ उनकी सांसों और शरीर की टकराहट की आवाजें थीं। दोनों अपनी ही दुनिया में खोए हुए थे। जैसे-जैसे समय बीतता गया, सूरज ने अपनी गति को और तेज कर दिया, और मोनिका भी पूरी तरह से उसके साथ लय में आ गई। सूरज ने महसूस किया कि मोनिका पूरी तरह से उसके कंट्रोल में है, और उसने हर पल का भरपूर आनंद लिया।

काफी देर तक चले इस रोमांचक सफर के बाद, सूरज ने आखिरकार मोनिका के अंदर ही खुद को रिलीज कर दिया। मोनिका की आँखें बंद थीं, और उसके चेहरे पर तृप्ति की एक गहरी मुस्कान थी। दोनों कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे, एक-दूसरे की सांसों को सुनते हुए।

सूरज ने बिस्तर से उठकर एक और कंडोम का पैकेट निकाला और इस बार चॉकलेट फ्लेवर का कंडोम पहना। उसने शरारत भरी नजरों से मोनिका की तरफ देखा और कहा, “अब देखते हैं, तुम्हें चॉकलेट फ्लेवर कैसा लगता है।”

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मोनिका मुस्कुराई और बिना कुछ कहे सूरज के पास आई। वह धीरे-धीरे नीचे झुकी और सूरज का लंड अपने हाथों में लिया। उसने हल्के से सहलाना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे अपना मुंह खोलकर उसका लंड चूसने लगी। सूरज की सांसें तेज हो गईं, और वह सिर पीछे करके बिस्तर पर लेट गया।

मोनिका ने पूरी तसल्ली के साथ सूरज का लंड चूसना शुरू किया, उसके मुंह में चॉकलेट फ्लेवर का मजा फैल रहा था, और सूरज उस पल का पूरा आनंद ले रहा था। उसकी जीभ की हल्की-हल्की हरकतें और उसकी मुलायम होंठों का स्पर्श सूरज को एक अलग ही दुनिया में ले गया। मोनिका पूरी शिद्दत से उसका लंड चूस रही थी, और सूरज धीरे-धीरे शांत होने लगा।

कुछ मिनट बाद, सूरज ने मोनिका को अपने पास खींचा और उसके माथे पर एक किस करते हुए कहा, “तुम्हारी इस कला के आगे कोई नहीं टिक सकता।”

सूरज ने मोनिका के माथे पर एक और किस किया और उसके बालों को सहलाते हुए कहा, “तुम्हें आज का दिन कभी नहीं भूलेगा।”

मोनिका ने हल्के से मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा, उसकी आंखों में एक सुकून और संतुष्टि की झलक थी। उसने चुपचाप अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए, और सूरज ने भी अपने कपड़े ठीक किए। दोनों के बीच बिना किसी शब्द के एक अजीब सी समझ थी। वे जानते थे कि आज का दिन उनके बीच एक खास रिश्ता बना चुका था, जिसे वो आगे भी निभाने वाले थे।

सूरज ने होटल के कमरे की चाबी वापस रिसेप्शन पर दी और मोनिका को अपनी कार में बैठाकर वापस शहर की तरफ रवाना हो गया।

कुछ देर बिना कुछ बोले गाड़ी चलाते रहे। रास्ते में सूरज ने मोनिका की तरफ देखा और कहा, “भूख लगी होगी न? क्यों न कुछ खा लिया जाए?”

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मोनिका हल्की सी मुस्कान के साथ बोली, “हाँ सर, कुछ हल्का सा खा लेते हैं।” सूरज ने कार मोड़ ली और शहर से बाहर एक शांत से रेस्टोरेंट की तरफ ले गया, जहाँ उन दोनों को कोई पहचानने वाला न हो। रेस्टोरेंट छोटा था लेकिन आरामदायक। दोनों अंदर बैठे और मेन्यू देखने लगे।

“तुम्हें क्या खाना है?” सूरज ने मोनिका से पूछा। मोनिका ने मेन्यू को देखते हुए कहा, “सर, मैं पिज़्ज़ा खाऊंगी।” सूरज ने मुस्कराते हुए कहा, “अच्छा, पिज्जा तुम्हें पसंद है? तो पिज़्ज़ा ही सही।” उन्होंने वेटर को पिज़्ज़ा और कुछ ठंडे पेय का ऑर्डर दिया।

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जब पिज्जा आया, तो दोनों ने खाने की शुरुआत की। सूरज ने मोनिका को ध्यान से देखा, उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी और वह अपने खाने का मजा ले रही थी। “आज का दिन तो काफी मजेदार रहा, है न?” सूरज ने मुस्कुराते हुए कहा।

मोनिका ने सिर हिलाया, “हाँ सर, आप के साथ समय बिताकर हमेशा अच्छा लगता है।” सूरज ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “अभी तो और भी मजेदार समय आने वाला है।”

खाना खत्म करने के बाद, सूरज ने बिल चुकाया और दोनों फिर से कार में बैठ गए। सूरज ने कहा, “अब तुम्हें घर छोड़ना होगा, ताकि किसी को शक न हो कि तुम स्कूल नहीं गई थी।” मोनिका ने हल्की मुस्कान के साथ सहमति जताई।

सूरज ने मोनिका को उसके घर के पास उतार दिया और जाते हुए कहा, “अगली बार फिर मिलते हैं, और अगली बार का मजा इससे भी ज्यादा होगा।”

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मोनिका ने हंसते हुए कहा, “हाँ सर, अगली बार और भी बेहतर होगा।”

सूरज ने कार घुमाई और रेस्टोरेंट में बिताए समय को याद करते हुए मुस्कान के साथ अपनी अगली मुलाकात की प्लानिंग शुरू कर दी।

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