मैं जब 24 साल की थी उस समय मेरी नौकरी Delhi में लग गई थी. टेम्परेरी थी. जीजू ने कोशिश करके लगवा दी थी. मैं अपनी बड़ी बहन के यहाँ रहने लगी थी. उन्होंने मुझे घर के पीछे वाला रूम खाली करके दे दिया था. वो कमरा बड़ा और हवादार था. जीजू और दीदी दोनों ही नौकरी करते थे. जीजू इंजिनियर है और दीदी हॉस्पिटल मैं नर्स हैं.
कुछ ही दिनों में समीर भी मेरे से घुल मिल गया था. वो मुझसे छेड़ छाड़ भी करता था. मुझे उसे देख कर तरह तरह के विचार भी आने लगते थे. समीर एक सजीला जवान था. मुझे तो वह पहले से ही खूबसूरत लगता था. दीदी को नाईट शिफ्ट भी करनी पड़ती है. जब हम घूमने जाते थे तो समीर दीदी का हाथ पकड़ कर चलता है. दीदी भी चलते समय कभी कभी समीर के चूतड़ों को सहला देती थी. उसे देख कर मुझे भी झुरझुरी होने लगती थी.
मेरे मन में भी हलचल होने लगती थी कि कोई मेरे भी गांड की गोलाईयों को भी सहलाये. वो कभी कभी मेरा हाथ भी पकड़ लेता था, मैं भी उसका हाथ नहीं छुडाती थी. मेरे हाथ काँप जाते थे, जिसे वो महसूस कर लेता था. कितने ही मौकों पर उसका हाथ मेरे बूब्स या चूतड से भी टकरा जाता था. शायद जीजू जान करके ऐसा करता था. मैं जान कर के भी अनजान बनी रहती थी.
घर पर रात को मैं उनके रूम के पास छुप कर आती, और कुछ सुनने की कोशिश करती थी. उस समय वो लोग चुदाई में लगे रहते थे… मुझे बाहर उनकी आवाजे आती थी… मुझे भी चुदवाने की फीलिंग होने लगती थी.
मैं किसी तरह अपने मन को काबू में रख रही थी. मेरी उत्तेजना जब अधिक बढ़ जाती तो मैं उंगली को चूत में डाल कर अन्दर बाहर करके अपना पानी निकल देती थी. हाथ से करते समय भी समीर को ही सोच कर अपना पानी निकाल देती थी. अब समीर ने मुझे कैसे चोदा… इसके बारे में बताती हूँ…
दीदी की नाईट ड्यूटी थी. घर के पास सर्कल पर बी एच इ ऐल की बस पर हम तीनों मोटरसाईकल पर दीदी को पहुँचाने गए. दीदी की बस आने पर वो उसमे चली गई. उसी समय बरसात शुरू हो गई. हम दोनों भीगने लगे थे.
वहाँ से भीगते हुए हम दोनों सीधे घर आ गए. भीगने से मेरे कपड़े बदन से चिपक गए थे. घर आ कर वो मेरे शरीर के उभारों को आनंद ले कर देखने लगा. मैं शरमा गई. मेरे मुंह से निकल गया..” जीजू, मत देखो न ऐसे…मुझे शर्म आती है…” समीर ने शरारत से आँख मार दी… और मैं शरमा कर मेरे रूम में अन्दर भाग गई. Ghar me maine jiju se chudva hi liya
हम दोनों नहा कर फ्रेश हो कर जीजू के कमरे में बैठ गए. समीर अलमारी से व्हिस्की की बोतल निकाल लाया.
“यार ठण्ड लग रही है…एक पैग पी लेता हूँ…तुम भी थोडी सी ले लो..”
“नहीं..नहीं…” मैं उसकी हरकते नोट कर रही थी. मुझे लग रहा था आज जीजू मूड में हैं. मैंने सोचा आज अच्छा मौका है, पटाने का…
उसने धीरे धीरे पीना चालू कर दिया. कह रहा था – “नेहा तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है क्या…”
“हाँ…था..अब नहीं है..”
“अच्छा, वो तुम्हारे साथ कुछ करता था..”
” धत्त…जीजू… मुझे शर्म आती है…”
” मत बताओ…लो थोड़ा सा पी लो…अच्छा लगेगा…”
मैंने सोचा अच्छा मौका है… जीजू समझेगा मैं नशे में हूँ… और नशे में ऐसा कर रही हूँ…
“अच्छा जीजू…थोड़ा ही देना..”
“वाह ये हुई न बात…ये लो ” उसने एक पैग बना कर दिया.
मैंने पीने का नाटक किया. थोडी सी ड्रिंक पास में गिरा दी..और गिलास मुंह से लगा लिया..
कुछ ही देर में समीर को व्हिस्की चढने लगी. बोला- “यार तेरी दीदी तो एकदम मस्त है…”
वो कुछ आगे बोलता उसके पहले ही मैंने उसके होंठों पर उंगली रख दी… मैंने भी नशे में होने का नाटक किया..
“मस्त आप है..जीजू…”
“नहीं…मस्त तो तू है… जरा देख अपने को..”
“क्या देखूं…मुझे तो तुम ही दिखाई दे रहे हो…”
अब समीर मस्ती में आ गया था… उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया… मैं जान करके उसकी गोदी में गिर गई. उसने मुझे बाँहों में कस लिया… Ghar me maine jiju se chudva hi liya
मैंने कहा- “जीजू…ये नीचे क्या लग रहा है…”.
मैं थोड़ा कसमसाई… पर उसका लंड था की घुसता ही जा रहा था. मैं थोड़ा उठ गई… मैंने जान कर के ऐसे उठी की अपनी चूतड की गोल गोल फ़ांकें उसके सामने हो गई…
उसने मेरे दोनों चूतडों को दबा दिया…
मैं जैसे नशे में बोली- “हाय रे..जीजू मर गई…क्या कर रहे हो…”
समीर ने कहा – ” नेहा… मज़ा आया न..अब तुम बिस्तर पर लेट जाओ…”
“नहीं..नहीं…तुम कुछ गड़बड़ करोगे…”
ज्यादा नहीं…बस थोड़ा सा…”
“अच्छा.. ठीक है..”
मेरा मन तो खुशी के मरे उछल रहा था…मैं धीरे से जा कर बिस्तर पर लेट गई.
जीजू ने कहा – “अब आँखे बंद कर लो…”.
“हटो जीजू…जरूर तुम… देखो छेड़ना मत…”मैंने आँखें बंद कर ली… जीजू पलंग पर पास आकर बैठ गए…और उनका हाथ हौले हौले से मेरे बदन को गुदगुदाने लगा. वो मेरी दोनों टांगों को धीरे धीरे सहलाने लगे…और ऊपर की तरफ़ आने लगे. मेरे नितम्बों पर उनका हाथ घूमने लगा… मुझे सनसनी सी होने लगी… वो जान करके अपना हाथ मेरी चूत पर भी टकरा देता था… तब जोर का करंट जैसा लग जाता था…
फिर धीरे धीरे उसने मेरी चूत पर कब्जा कर लिया… मैं सी सी कर सिस्कारियां भरने लगी. अब उसका हाथ मेरे बूब्स को सहला रहा था… एक हाथ चूत पर…और एक हाथ बूब्स पर… “नेहा…कैसा लग रहा है…”
मेरे मुंह से अचानक निकल गया – ” जीजू…तुम्हारे हाथो में तो कमाल है… अब कुछ कर दो न… कुछ भी करो..”
जीजू ने मेरे बूब्स भींचने चालू कर दिए…दूसरा हाथ मेरी चूत की गहराई नापने लगा…उसकी बेताबी बढाने के लिए मैंने कहा – “जीजू… बस अब नहीं… दूर हटो…”
मैं बिस्तर से नीचे उतर गई. समीर भी मेरे पीछे आ गया था…उसने पीछे से हाथ डाल कर मेरे बूब्स पकड़ लिए… “नेहा… प्लीज़ करने दो… तुम्हे देख कर मेरा मन कब से कर रहा था की बस एक बार तुम्हे दबा दूँ. तुम्हारे ये उभार…गोलाईयां देख कर मुझसे रहा नहीं जाता है अब…”
समीर का लंड मेरे चूतड़ों में घुसा जा रहा था. मुझे उसके लंड का साइज़ तक चूतड़ों में महसूस हो रहा था.
मैंने मुस्करा कर जीजू की तरफ़ देखा… और कहा ” पहले अपना ये मेरे हाथ में दो..”
“क्या…हाथ में क्या दूँ ?”
“वो… अपना मोटा सारा लंड…”
लंड का नाम सुनते ही वो तो जैसे पागल हो उठा.” मेरा लंड… वऊऊ… अरे पकड़ लो न… पूरा लंड तुम्हारा ही है…”
मेरी तमन्ना पूरी होने लगी थी. मेरा मन आनंद से भर उठा. मुझे लगा अब चुदाई में ज्यादा देर नहीं है… मैंने नशे में होने का नाटक करते हुए कहा – “हाय रे जीजू…मत करो न…मुझे गुदगुदी होती है… देखो न तुम्हारा नीचे का डंडा…मेरी गांड में लग रहा है…”उसका लंड नीचे से गांड में घुसने के लिए जोर मार रहा था. उसके मोटे लंड का स्पर्श मुझे पूरा महसूस हो रहा था. मैंने अपने आप को उसके हवाले करते हुए कहा- “दूर हटो न…जीजू… तुम्हारा लंड तो गांड में घुसा जा रहा है..”.Ghar me maine jiju se chudva hi liya
लंड और गांड का नाम सुनते ही समीर बेकाबू हो गया और जोश में भर कर बोला – “नेहा..तुम्हारी गांड ही इतनी प्यारी है..की उसे देखते ही लंड को घुसा देने का मन करता है…”. जीजू ने भी खुली भाषा का इस्तेमाल किया… देसी भाषा सुनते ही मैं तरंग में डूब गई.
अब उसने और कास के पकड़ लिया था. मेरे बूब्स मसलने लगा, चुन्चियों को खीचने लगा… और ऊपर से कमर हिला हिला कर लंड को गांड की दरारों में मारने लगा…
“जीजू…बस भी करो…कोई आ जाएगा न…”
“नेहा…कोई नहीं आएगा… “. उसने अपना पजामा उतार दिया और कहा…”देख ये कितना टन्ना रहा है..” फिर उसने अपना कुरता भी उतार दिया और पूरा नंगा हो गया…
मैंने कहा – “जीजू…ये क्या करते हो… मुझे शर्म आ रही है…”
उसने मेरी एक नहीं सुनी. और मुझे उठा लिया…और बिस्तर पर प्यार से लेटा दिया. उसका लंड कड़क हो गया था. बहुत ही टन्ना कर फुफकार रहा था…
मेरा पजामा और कुरता खींच कर उतार दिया.मैं तो यही चाह रही थी. कहा – “अरे क्या कर रहे हो… मैं तो नंगी हो जाऊँगी न…”
बोला – “नंगे बदन आपस में रगड़ खायेंगे तो मज़ा भी तो आएगा “उसने मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया. मेरी चूत भी गीली हो गई थी. मैं बहुत खुश थी कि अब मैं चुद जाऊँगी. मैंने अपनी टांगे फैला दी और समीर को अपने ऊपर चढ़ने का न्योता दिया. Ghar me maine jiju se chudva hi liya
वो मुस्करा कर पास आया और मेरी दोनों टांगो के बीच में आकर बैठ गया. उसने मेरी चूत सहलाई और चेहरा पास लाकर चूत को प्यार किया. मेरे चूत के दाने को जीभ से घुमा कर चाटना शुरू कर दिया. मैं झनझना उठी… मुंह से आह निकल गई. अब वो मेरी चूत चाटने लगा. उसके हाथों ने मेरे बूब्स को मसलना चालू कर दिया. मुझे नशा सा आने लगा. कहने लगी – ” मज़ा आ रहा है…जीजू…आ ह…हाय रे…और चूसो…निकाल दो मेरा पानी…आह्ह्ह्ह…”
समीर ने मेरी टांगे और ऊपर कर दी अब मेरी गांड उसके सामने थी. टांगे थोडी और फ़ैलाकर उसने अपना मुह मेरी गांड के छेद पर लगा दिया और जीभ निकर कर छेद को चाटने लगा. मुझे गुदगुदी होने लगी. उसने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में घुसा दी. मैं आनंद के मारे मैंने आंखे बंद कर ली. मैं समझ गई थी कि वो मेरी गांड मारने कि तय्यारी कर रहा है. समीर ने कहा – “तुमने तो पहले से ही गांड में चिकनाई लगा रखी है ”
“हाँ जीजू…मुझे आज लग रहा था कि तुम आज कुछ न कुछ ऐसा ही करने वाले हो…इसलिए मैंने तो पूरी तय्यारी कर ली थी… आह जीजू… मज़ा आ रहा है…और करो…मैंने खुशबू वाली क्रीम लगाई है… आह रे…पूरी जीभ अन्दर डाल दो…”
समीर उठा और तकिया मेरी कमर के नीचे रख दिया. मेरी गांड अब थोडी ऊपर हो गई थी… उसने अपना लंड छेद पर रख दिया…
“नेहा… मेरी प्यारी नेहा… गांड मराने को तैयार हो जाओ…”
“हाँ मेरे राजा… घुसा दो अन्दर… मार लो गांड मेरी…”… तो लो मेरी जान… ” उसके लंड की सुपारी गांड में घुस गई… मेरी गांड की चुदाई शुरू हो गई थी… मैं मन ही मन झूम उठी…
“..हाय… घुस गया रे… राजा…लगाओ…जोर लगाओ जीजू…”
” येस…येस… ये लो… आह… आया…आह…”
जीजू का लंड अन्दर घुसा जा रहा था…मुझे अन्दर जाता हुआ महसूस हो रहा था…फिर उसने बाहर निकाला और जोर लगा कर एक ही झटके में पूरा ही घुसेड दिया…
“हाय जीजू… मज़ा आ गया… धक्के लगाओ…हाँ…हाँ… थोड़ा जोर से… और जोर से…”
“मेरी जान… तुम्हारी गांड तो बिल्कुल मक्खन मलाई है… इतनी चिकनी कि बहुत मज़ा आ रहा है… देखो लंड कैसे फटाफट चल रहा है…”
गांड में लगाई हुयी चिकने से दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा था. और अब तो मीठा मीठा मज़ा भी आ रहा था. मुझे लग रहा था समीर लम्बी रेस का घोड़ा है… वो जोर जोर से धक्के मारने लगा…मैं तकिये के कारण ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही थी. पर उसके धक्को का पूरा मज़ा ले रही थी…
अचानक वो रुक गया और धीरे से अपना पूरा लंड बाहर निकाल लिया. मुझे छेद के अंदर ठंडी सी हवा लगी…जैसे कुछ खाली हो गया हो… उसने नीचे से तकिया हटा दिया. Ghar me maine jiju se chudva hi liya
अब वो मेरे ऊपर आकर धीरे से लेट गया और अपना बदन का पूरा भर मेरे पर डाल दिया. मेरे होटों को अपने होटों में दबा लिया… और चूसने लगा… उधर नीचे भी लंड अपना रास्ता दूंढ रहा था. मैं भी कसमसा कर लंड को निशाने पर लेने की कोशिश कर रही थी. मेरी चूत पानी से चिकनी हो गई थी. आखिर लंड ने रास्ता दूंढ ही लिया. उसके लंड की मोटी सुपारी मेरी चूत में सरक गई. मेरी आह निकाल गई.. मैंने नीचे से जोर लगाया तो लंड और अन्दर सरक गया. मैं तड़प गई. कहा – ” जीजू…आह…धक्का मरो ना… क्या कर रहे हो…हाय रे…चोदना शुरू करो ना..”
समीर ने अपना बॉडी अपनी दोनों कोहनियों पर उठा लिया. मेरा बदन अब फ्री हो गया था. उसने लंड को बाहर खींचा और जोर से अन्दर धक्का दे दिया. उसका पूरा लंड भीतर तक बैठ गया. मेरे मुंह से चीख निकल गई. चूत गीली होने से धक्के मारने पर फच फच की आवाजें गूंजने लगी…
” राजा और जोर से…लगाओ…हाय रे…पूरा घुसा दो…जड़ तक… घुसेड दो… हाँ…हाँ… चोद दो..राजा…जोर से.. चोद दो…”
“हाँ मेरी रानी… तुम्हे देख कर ये लंड कब से तड़प रहा था… चोदूंगा रे… कस के चोदूंगा… ले… ले…और ले… फाड़ ही दूँगा..आज तो…”
“आह रे.. मेरे जीजू…सुच में..फाड़ मेरी चूत…लगा..जोर से…दे…दे…जोर दे दे..हाय…सी..सी…सी…चुद गई रे… मेरी माँ…”
“हाँ..हाँ… मेरी जान…आज तो फाड़ डालूँगा…तेरी चूत को…ये ले…पूरा लंड..ले..ले..ये ले..और ले… मेरी जान… क्या चीज़ हो तुम…” Ghar me maine jiju se chudva hi liya
उसके धक्के तेज होने लगे लगे. फच फच की आवाजे भी तेज होने लगी. मैं भी नीचे से चूत उछाल उछाल कर जोर से चुदवा रही थी. मेरी कमर भी तेजी के साथ चल रही थी. मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आ रहा था. मेरी सिसकियाँ भी बढ़ने लगी… मेरे मुंह से अपने आप निकलता जा रहा था – “मेरी चूचियां मसल डालो जीजू… हाँ…जरा जोर से मसलो… मज़ा आ रहा है… हाय…मसलो डालो… झटके दे दे..के चोदो राजा..हाँ..हा…ऐसे ही…चोद डालो मेरे राजा…”
मेरी सिस्कारियां बढती जा रही थी. मेरे चूतड अब तो अपने आप ही नीचे से उछल उछल कर उसके लंड को अन्दर बाहर कर रहे थे. समीर के धक्के भी जोरदार पड़ रहे थे… उसके मुंह से सिस्करिआं तेज होने लगी… अचानक ही उसके मुंह से निकला – “नेहा… नेहा… मैं तो गया… हाय..मैं गया…मुझे कस के पकड़ ले ना…अरे..रे..रे..गया…हा आया… हा आया. ”
मैं समीर से जोर से चिपक गई मेरा भी निकलने ही वाला था… वो अपना लंड जोर से चूत में दबाने लगा ने…और मैं… मैंने अपने दोनों टंगे ऊँची करके चूत को लंड पर गडा दिया… और पूरा जोर लंड पर लगा दिया…
ऊऊईई ए…हाय राम…मर गई ए… पानी निकल गया या…अरे…निकला रे…हाय…चोद दे…चोद दे..हाय रे आह…आह…आआह्ह्… गई ..गऽऽई…अआः…चुद गई…चुद गई…आह…आःह्छ ” सिसकारी भर कर मैंने पानी छोड़ दिया… उधर समीर ने अपना लंड निकला और मेरे बूब्स पर अपना लावा उगलने लगा… रुक रुक कर उसका लंड रस उछाल रहा था…]
मैंने तुंरत उसका लंड अपने मुंह में ले लिया. और उसका चिकना चिकना रस चाटने लगी. लंड को पूरा साफ़ करके मैं आराम से लेट गई. समीर भी मेरी बगल में लेट गया… वो हाँफ रहा था. मैं करवट लेकर उस से लिपट गई… हम वैसे ही नंगे पड़े रहें और हम दोनों कब सो गए हमें पता भी नहीं चला…
वीडियो भी देखे: देखे कैसे साली ने अपने जीजा के लण्ड से अपनी चुत की आग बुझाई
मेरी जीजू के साथ चुदाई की कहानी बहुत दिनों तक चलती रही…पर ऐसी बातें ज्यादा दिन छुपती नहीं… दीदी को शक हो गया था… दीदी ने शांत रह कर समझदारी से काम लिया.. और कोशिश करके मुझे मेरा अपोंय्ट्मेन्ट इंदौर की एक इन्स्टीच्यूट में करवा दिया. मुझे इंदौर जाना पड़ा.
कैटेगरी: Jija Sali Sex Story - साली की चुदाई, Antarvasna Sex Stories - अन्तर्वासना सेक्स कहानियाँ, Desi Girl Chudai, Hindi Sex Story, Kamukta Hindi Sexy Story, Xxx Kahani, देसी कहानियां - Desi Kahani.
टैग्स: Chudai ki kahani, Hardcore Chudai ki kahani, oral sex story, पोर्न सेक्स स्टोरी, लंड चुसाई, हिंदी सेक्स कहानी.
Related Posts💋
Pati Ne Karai Bahu Sasur Ki Chudai-2 |
Pati Ne Karai Bahu Sasur Ki Chudai-1 |
Mummy ki Saheli ki Chudai |
Lockdown Mein Girlfriend Ki Chudai |
Sheetal ko Patakar Dost ke Ghar Par Choda |