हेलो दोस्तों, मैं हूं नयन, और आज मैं तुम्हें अपनी जिंदगी की एक सच्ची और गर्म कहानी सुनाने जा रहा हूं। ये कहानी बिल्कुल रियल है, और मुझे यकीन है कि ये तुम्हें पसंद आएगी। मेरी मम्मी का नाम अनीता सिंह है। मम्मी दिखने में इतनी क्यूट और सेक्सी हैं कि कोई भी उन्हें देखकर पागल हो जाए। उनकी दूध जैसी गोरी रंगत, गुलाबी होंठ, और होंठों के ठीक नीचे एक काला तिल जो उनकी खूबसूरती को और निखारता है। उनके कमर तक लंबे, घने बाल, गोरा चिकना पेट, और उस पर गहरी नाभि जो किसी का भी दिल लूट ले। मम्मी का फिगर 34-28-34 है, जिसकी वजह से जब वो बाहर निकलती हैं, तो हर कोई उनकी एक झलक पाने को बेताब रहता है। उनकी चाल, उनकी हंसी, और उनकी आंखों में छुपा वो नशीला अंदाज किसी को भी दीवाना बना देता है।
मम्मी एक हाउसवाइफ हैं, जो दिन-रात अपने परिवार की देखभाल में लगी रहती हैं। लेकिन मेरे पापा, जो एक बिजनेस मैन हैं, हमेशा अपने बिजनेस में डूबे रहते हैं। उन्होंने कभी ना तो घर की जिम्मेदारियों को समझा, ना ही मम्मी की भावनाओं को। पापा का मम्मी के प्रति बेरुखी भरा रवैया धीरे-धीरे मम्मी के दिल को तोड़ रहा था। मम्मी की आंखों में अक्सर एक उदासी छुपी रहती थी, जो शायद मैं ही देख पाता था।
एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मम्मी और पापा की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। वो दिन था मम्मी का बर्थडे। मम्मी सुबह से पापा के एक फोन कॉल का इंतजार कर रही थीं, लेकिन पापा मुंबई में अपनी मीटिंग में इतने व्यस्त थे कि उन्हें मम्मी का बर्थडे याद ही नहीं रहा। मम्मी ने दिनभर इंतजार किया, लेकिन जब पापा का कोई मैसेज या कॉल नहीं आया, तो मम्मी ने खुद पापा को फोन किया। उधर से पापा का गुस्सा भरा जवाब आया, “अनीता, तुम्हें जरा भी अक्कल है कि नहीं? मैं यहां मीटिंग में हूं, और तुम बेवजह डिस्टर्ब कर रही हो! ऐसा क्या जरूरी काम था कि अभी कॉल करना पड़ा?” पापा के इन कड़वे शब्दों ने मम्मी के दिल को चाकू की तरह चीर दिया। उस रात मम्मी अपने कमरे में अकेले बैठकर खूब रोईं। उनके आंसुओं में सिर्फ दर्द ही नहीं, बल्कि पापा के लिए जो इज्जत थी, वो भी धीरे-धीरे खत्म हो रही थी।
इस घटना के बाद मम्मी और पापा के बीच झगड़े बढ़ने लगे। एक रात तो पापा ने गुस्से में मम्मी को थप्पड़ तक मार दिया। मम्मी का दिल पूरी तरह टूट चुका था। अगले दिन पापा फिर किसी बिजनेस ट्रिप के लिए शहर से बाहर चले गए। उसी दिन मेरी बुआ और उनके पति, सुरेश अंकल, हमारे घर आए। मम्मी उस दिन बहुत उदास थीं, और उनकी आंखों में वो चमक गायब थी जो पहले कभी उनकी खूबसूरती का हिस्सा थी। बुआ और अंकल ने रात का खाना खाया और चले गए, लेकिन जाते-जाते सुरेश अंकल ने नोटिस किया कि मम्मी किसी गहरी परेशानी में हैं।
अगले दिन सुबह अंकल ने मम्मी को फोन किया, “अनीता जी, आप कैसी हैं? कल आप बहुत उदास लग रही थीं। क्या बात है? मुझे अच्छा नहीं लगा, इसलिए फोन किया।” मम्मी की आंखें छलक आईं, और वो रोते हुए बोलीं, “कुछ नहीं, भाई साहब, बस ऐसे ही।” अंकल ने मम्मी की रोने की आवाज सुनी और तुरंत बोले, “रुकिए, मैं अभी आ रहा हूं।” मम्मी ने हल्के से “जी” कहा और फोन रख दिया।
जब अंकल घर पहुंचे, मम्मी ने काली साड़ी और पीले रंग का ब्लाउज पहना था। उनकी गोरी कमर और गहरी नाभि उस साड़ी में और भी ज्यादा उभर रही थी। मम्मी की खूबसूरती ऐसी थी कि अंकल एक पल के लिए उन्हें देखते ही रह गए। मम्मी ने अंकल के लिए चाय बनाई, लेकिन अंकल ने चाय टेबल पर रख दी और बोले, “अनीता जी, चाय छोड़िए, पहले ये बताइए कि आपने कुछ खाया या नहीं?” मम्मी चुप रही, उनकी आंखें नीचे थीं। अंकल ने फिर कहा, “रुकिए, मैं अभी आता हूं।”
अंकल बाहर गए और पास के होटल से खाना पैक करवाकर लाए। उन्होंने खुद मम्मी के लिए खाना परोसा और बोले, “अनीता जी, पहले कुछ खा लीजिए।” मम्मी मना करने लगीं, लेकिन अंकल ने नयन की कसम दी, “अनीता जी, नयन की कसम, खाना खा लीजिए।” फिर अंकल ने अपने हाथों से मम्मी को खाना खिलाया। मम्मी की आंखों से आंसू टपक रहे थे। अंकल ने प्यार से कहा, “प्लीज, आप रोइए मत, बस खाना खा लीजिए।” मम्मी ने धीरे-धीरे सारी बात अंकल को बता दी—पापा की बेरुखी, थप्पड़, और उनकी उदासी। अंकल ने मम्मी को समझाया, उनके कंधे पर हाथ रखा, और फिर चले गए।
उस दिन से मम्मी के दिल में अंकल के लिए इज्जत और एक अजीब सा लगाव पैदा हो गया। अंकल भी रोज मम्मी को फोन करने लगे, “अनीता जी, खाना खा लिया? नयन कहां है? अपना ख्याल रखिए।” धीरे-धीरे मम्मी को अंकल की ये फिक्र इतनी अच्छी लगने लगी कि वो उनसे प्यार करने लगीं। दोनों के बीच चैटिंग शुरू हो गई। मम्मी की उदास आंखों में फिर से चमक लौटने लगी।
एक दिन अंकल ने मम्मी को मैसेज किया, “अनीता जी, प्लीज नाराज मत होना। पता नहीं क्यों, लेकिन मुझे लगता है कि मैं आपसे प्यार करने लगा हूं। मैं आपको गलत नहीं समझता, लेकिन मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं। मैं आपके बिना जी नहीं सकता। आई लव यू, अनीता जी।” मम्मी ने जवाब दिया, “सुरेश जी, मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूं। आपने जिस तरह मेरा ख्याल रखा, मेरी फिक्र की, उतना तो नयन के पापा ने भी कभी नहीं किया। लेकिन सुरेश जी, इस उम्र में अगर किसी को पता चल गया, तो हम दोनों की बदनामी होगी। मुझे माफ कीजिए। फिर भी, आई लव यू टू, सुरेश जी।”
अगले दिन अंकल मम्मी के लिए एक गुलाबी साड़ी लेकर घर आए। मैं अपने बेडरूम में पढ़ाई कर रहा था। मम्मी किचन में रोटियां बना रही थीं। अंकल चुपके से किचन में गए और मम्मी को पीछे से बाहों में जकड़ लिया। उनके हाथ मम्मी की गोरी कमर और नाभि पर फिसलने लगे। मम्मी डर गईं और बोलीं, “आह्ह, औऊ, सुरेश जी, ये क्या? नयन देख लेगा। प्लीज छोड़िए, आप भी ना!” मम्मी शर्म से नीचे देखने लगीं। अंकल को मम्मी का शर्माना बहुत पसंद आया। उन्होंने साड़ी मम्मी को दी और बोले, “अनीता, क्या मैं तुम्हें पसंद हूं?” मम्मी ने जवाब दिया, “मेरा मैसेज नहीं पढ़ा क्या? अगर मैं आपका प्यार स्वीकार ना करती, तो ये गिफ्ट ना लेती।”
अंकल ने खुशी से कहा, “थैंक्यू, अनीता जी, आज तुमने मुझे जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दी। आई लव यू, मेरी अनीता रानी।” इतना कहते ही अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा, उन्हें अपनी ओर खींचा, और उनकी कमर को कसकर पकड़ लिया। मम्मी बोलीं, “सुरेश जी, प्लीज, अभी नहीं। नयन घर पर है। आप जाइए अब।” लेकिन अंकल ने मम्मी के गाल पर एक गहरा चुम्बन किया और बोले, “जब नयन कॉलेज जाए, मुझे कॉल कर देना। और ये साड़ी पहन लेना।” फिर वो चले गए।
मैंने ये सब देख लिया था, लेकिन मेरी उत्सुकता और बढ़ गई। मैं जल्दी से कॉलेज के लिए निकल गया, लेकिन थोड़ी देर बाद चुपके से घर के पीछे की खिड़की से झांकने लगा। मम्मी ने जल्दी से वो गुलाबी साड़ी पहन ली, जो उनकी गोरी रंगत पर गजब ढा रही थी। उनकी गहरी नाभि और पतली कमर उस साड़ी में और भी सेक्सी लग रही थी। मम्मी ने अंकल को फोन किया। बीस मिनट बाद अंकल घर पहुंचे।
आते ही अंकल ने मम्मी को अपनी बाहों में जकड़ लिया। उनकी उंगलियां मम्मी की गर्दन पर फिसलीं, और वो मम्मी की गोरी गर्दन पर गहरे चुम्बन करने लगे। मम्मी की सांसें तेज हो गईं, और वो जोर-जोर से सिसकियां भरने लगीं, “आह्ह्ह, औऊ, अहह, इई, हां, ईई, ओह्ह्ह, सुरेश, आई लव यू। आह्ह, औऊ, बना लीजिए मुझे आज अपनी पत्नी। आह्ह, ओह्ह, मेरे राजा, आह्ह, ऐऊऊ!” अंकल ने जवाब दिया, “हां, मेरी जान, आज से मैं तुम्हारा पति हूं। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।”
मम्मी शर्म से लाल हो गईं, लेकिन उनकी आंखों में एक प्यास थी। अंकल ने मम्मी के गुलाबी होंठों को अपने होंठों से चूम लिया और उन्हें चूसने लगे। मम्मी के हाथ अंकल की पीठ पर रगड़ रहे थे, और अंकल मम्मी की कमर और नाभि को सहला रहे थे। बीच-बीच में अंकल मम्मी की गोल, मुलायम गांड को जोर से दबा देते, जिससे मम्मी सिहर उठतीं और एक हल्की सी “आह्ह” निकल जाती। अंकल ने धीरे से मम्मी की साड़ी का पल्लू हटाया। मम्मी की गहरी क्लीवेज और गोरे बूब्स का उभार उनके टाइट ब्लाउज में साफ दिख रहा था। अंकल पागल हो गए और बोले, “अनीता रानी, तुम तो गजब की सेक्सी हो। ऊपर वाले ने तुझे फुर्सत से बनाया है।”
मम्मी शर्माते हुए बोलीं, “आपकी भी ना, कुछ भी। अब जल्दी कीजिए, मेरे पतिदेव, कोई आ जाएगा।” अंकल ने फौरन मम्मी का ब्लाउज खोल दिया। उनकी ब्रा में कैद गोरे, मुलायम बूब्स बाहर निकल आए। अंकल ने ब्रा के ऊपर से ही मम्मी के बूब्स को जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया और उनकी क्लीवेज को चूमने लगे। मम्मी की सिसकियां तेज हो गईं, “आह्ह, औऊ, सुरेश जी, धीरे, आह्ह!” मम्मी ने शरारत से अंकल की पैंट की जिप खोली और उनका मोटा, सख्त लंड पकड़ लिया। वो उसे सहलाने लगीं, और उनकी आंखों में एक जंगली प्यास नजर आने लगी।
अंकल ने मम्मी की ब्रा का हुक खोला और उसे फेंक दिया। अब मम्मी के गोरे, गोल बूब्स पूरी तरह नंगे थे। अंकल ने दोनों बूब्स को अपने हाथों में लिया और जोर-जोर से दबाने लगे। मम्मी की सिसकियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह्ह, ओह्ह, सुरेश, आह्ह!” अंकल ने मम्मी का एक निपल अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगे। उनकी जीभ मम्मी के निपल पर गोल-गोल घूम रही थी। मम्मी की आंखें बंद हो गईं, और वो सुख के सागर में डूब गईं। अंकल इतने उतावले हो गए कि उन्होंने मम्मी के निपल को हल्के से काट लिया। मम्मी चीख पड़ीं, “आह, औऊ, माआआ, सुरेश जी, प्लीज, काटिए मत, दर्द होता है!”
अंकल ने मम्मी की साड़ी पूरी तरह खोल दी। अब मम्मी सिर्फ पैंटी में थीं। उनकी गोरी, चिकनी जांघें और पतली कमर अंकल को और पागल कर रही थी। अंकल नीचे बैठ गए और मम्मी की गहरी नाभि में अपनी जीभ डाल दी। वो मम्मी के पूरे पेट को चाटने लगे, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चख रहा हो। मम्मी का पेट गीला हो गया, और वो तड़पने लगीं। मम्मी ने कराहते हुए कहा, “मेरे पतिदेव, अब रहा नहीं जाता। प्लीज, कुछ करो। मैं मर जाऊंगी… मत तड़पाओ मुझे!”
अंकल ने मम्मी की पैंटी उतार दी। मम्मी की चिकनी, गीली चूत अब उनके सामने थी। अंकल ने बिना रुके अपनी जीभ मम्मी की चूत में डाल दी और उसे चूसने लगे। उनकी जीभ मम्मी की चूत के अंदर गोल-गोल घूम रही थी, और मम्मी को ऐसा सुख मिल रहा था जैसे वो स्वर्ग में पहुंच गई हों। मम्मी जोर-जोर से चिल्लाने लगीं, “आह्ह, औऊ, जान, ओऊ, ईई, उस्स, यस्सस, अब डाल भी दो अंदर, प्लीज!” अंकल का लंड अब पूरी तरह सख्त हो चुका था। उन्होंने मम्मी को बेड पर लिटाया और अपना मोटा, लंबा लंड मम्मी की चूत पर रगड़ने लगे। मम्मी की आंखों में प्यास और बेचैनी साफ दिख रही थी।
अंकल ने एक जोरदार झटका मारा, और उनका आधा लंड मम्मी की चूत में समा गया। मम्मी चीख पड़ीं, “ओह्ह, अहह, औऊ, हहह, अम्म्म, मेरे राजा, धीरे करो ना, आह्ह, इई, ओह्ह, प्लीज!” अंकल ने जवाब दिया, “अनीता, मेरी जान, आज तुमने मुझे जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दी है।” फिर अंकल ने धीरे-धीरे अपनी कमर हिलानी शुरू की। हर झटके के साथ उनका लंड मम्मी की चूत में और गहरा उतर रहा था। मम्मी की सिसकियां कमरे में गूंज रही थीं, “सुरेश जी, और जोर से कीजिए, हह, यस, अय्य्य, हस, ययय, यस्स, यस्यस, ईईस, यस्य्स्य, और जोर से चोदिए अपनी पत्नी को, बना दीजिए मुझे गर्भवती!”
अंकल ने और जोर लगाया, उनकी कमर तेजी से हिल रही थी। मम्मी की चूत पूरी तरह गीली थी, और हर झटके के साथ एक फच-फच की आवाज कमरे में गूंज रही थी। अंकल ने मम्मी के बूब्स को फिर से पकड़ा और उन्हें जोर-जोर से दबाते हुए चोदने लगे। मम्मी की आंखें बंद थीं, और उनका चेहरा सुख और प्यास से चमक रहा था। अंकल बोले, “हां, मेरी जान, मुझे भी अपना बच्चा चाहिए तेरे पेट में।” मम्मी ने जवाब दिया, “हां, मेरे राजा, मुझे अपनी रानी बना लो, आह्ह, और जोर से, चोदो मुझे!”
लगभग बीस मिनट तक अंकल मम्मी को बिना रुके चोदते रहे। मम्मी की चूत अब पूरी तरह अंकल के लंड के आकार में ढल चुकी थी। आखिरकार, अंकल ने एक गहरा झटका मारा, और उनका गर्म, गाढ़ा वीर्य मम्मी की चूत में भर गया। मम्मी ने एक लंबी “आह्ह्ह” निकाली और अंकल को अपने सीने से कसकर लगा लिया। दोनों पसीने से तर-बतर थे, लेकिन उनकी आंखों में एक अजीब सा सुकून था। अंकल ने मम्मी के होंठों पर एक लंबा, गहरा चुम्बन किया, और दोनों एक-दूसरे की बाहों में कुछ देर तक पड़े रहे।
दस मिनट बाद दोनों उठे, अपने कपड़े ठीक किए, और अंकल ने मम्मी को फिर से गाल पर एक प्यार भरा चुम्बन दिया। जाते-जाते अंकल ने कहा, “अनीता, मेरी रानी, मैं जल्दी फिर आऊंगा।” मम्मी ने शर्माते हुए मुस्कुराया और कहा, “सुरेश जी, आपने मुझे फिर से जिंदा कर दिया।” उस दिन के बाद मम्मी की आंखों में वो उदासी गायब हो गई। वो फिर से हंसने लगीं, और उनकी जिंदगी में एक नई चमक आ गई।