तो बात कुछ दिनों पहले की है, जब मुझे कोटा से एक लड़की ने फेसबुक पर पिंग किया. और भी लडकियों की तरह उसको मेरी बॉडी (मेरे फोटो में) अच्छी लगी थी. उसने मेरी तारीफ में बहुत से कसीदे पढ़े थे और इस तरह से हम लोगो की बातचीत शुरू हो गयी. एक दिन बातों ही बातो में, उसने मुझसे मेरा नम्बर माँगा. तो उसे बात करने के बाद विश्वास हुआ, कि मैं में ही हु. फिर हम रोजाना फ़ोन पर बातें करने लगे. हम ज्यादातर रात को बात करते थे. क्योंकि दोनों को वक्त भी उसी समय मिलता था. सबसे बड़ी बात, उस समय सब सो जाते थे और कोई परेशान भी नहीं करता था. कुछ ही दिनों में हम लोग अच्छे दोस्त बन गये और हमने सेक्स चैट भी की. कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.
फिर एकदिन, मैंने उसकी फोटो मांगी. उसने मुझे एक दुसरे आईडी से मेसेज किया था और उसमे एक भी फोटो नहीं लगायी थी. उसने कुछ ही देर में मुझे अपनी फोटो भेज दी. दोस्तों, क्या कमाल की लड़की थी वो. उसे देखते ही, मेरा लंड तो खड़ा हो गया. उसके स्तन को देख कर लग रहा था, कम से कम ३६ के रहे होंगे. एकदम गोरी लड़की, जैसे मानो रोजाना दूध से नहाती हो. फिर मैंने उससे कुछ और फोटो मांगे, जो बिना कपड़ो के हो. तो पहले उसने मना कर दिया और ये सही भी था. कोई लड़की किसी को अपनी पर्सनल फोटो नहीं भेजती. भले ही हम अच्छे दोस्त थे, लेकिन कभी मिले जो नहीं थे. फिर मेरे काफी समझाने पर अपनी कुछ नंगी फोटो भेजी. लेकिन, उसने अपना चेहरा हटा दिया (ये उसने मेरे कहने पर किया).
फोटो अलग – अलग जगह जैसे की कुछ पूरी, कुछ उसकी चूत और उसकी गांड की भी थी. अब आप सोच ही सकते हो, मेरा क्या हाल हुआ होगा. मेरा तो फोटो देखते – देखते, मेरे लंड से थोडा पानी निकलने लगा. इतनी खुबसुरत लड़की की नंगी फोटो आपके सामने हो और आपकी हालत ख़राब ना हो, तो आपकी मर्दानगी पर शक होगा. फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही हमारी राते निकली. फिर आखिर वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे कब से इंतज़ार था. उसने मुझसे चुदाई के लिए पूछा.
मैंने मन में सोचा, नेकी और पुच – पुच. मैंने हामी भर दी और उससे पूछने पर पता चला, कि वो पहली भी अपने बॉय फ्रेंड से चुद चुकी है और अब किसी नये लड़के से चुदना चाहती है. फिर हमने एक दिन तय किया और उसने अपना पता भेजा. वो पता किसी गर्ल्स हॉस्टल का था. मैं आपको ये बता दू, कि वो १२थ क्लास की लड़की है और यहीं कोचिंग कर रही है. वो कोटा से बाहर की रहने वाली है. मैंने उससे पूछा, कि गर्ल्स हॉस्टल में एंट्री कैसे? उसने कहा – आप ब्स आ जाओ. बाकी सब मुझ पर चोद दो.
तो मैं उस दिन उसके हॉस्टल पहुच गया और वो बाहर ही खड़ी थी. मैंने उसे पहचान लिया. हमने एक दुसरे को हेलो किया और वो मुझे अन्दर ले गयी. उसने कुछ देर तक अपनी वार्डन से बात करी और फिर वो मुझे अन्दर ले गयी. मेरी तो फटी पड़ी थी. कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए. चूत चोदने आया था, कहीं खुद ही ना चुद कर चला जाऊ. आखिर हम उसके रूम में पहुचे. वो एक डबल रूम था. उसकी फ्रेंड घर गयी हुई थी, किसी शादी में. हमने थोड़ी देर बातें की, मगर ज्यादा नहीं. क्योंकि मैं अपना वक्त बातो में नहीं बिताना चाहता था. मैंने उसका हाथ पकड़ा और शुरू करने की इच्छा जताई. उसने कहा – इतनी भी क्या जल्दी है?
मैं – अब आ भी जाओ और इंतज़ार नहीं हो रहा है.
रानी – अभी इतनी भी क्या जल्दी है. थोडा आराम कर लो.
(लडकियों को भाव खाने का अधिकार तो उनके जनम के साथ ही मिल जाता है.)
मगर मैं वक्त बर्बाद करने के बिलकुल भी मूड में नहीं था. इसलिए उससे वहीँ पकड़ कर बिस्तर पर लेटा कर चूमने लगा और धीरे – धीरे दोनों के कपड़े खुलते चले गये.
मैं – साथ में नहाने का क्या ख्याल है?
रानी – हम्म्म्म .. लाफि तेज लगते हो. उसने मुझे एक प्यारी सी स्माइल दी और हामी भर दी.
फिर हम दोनों उसी के रूम में नहाने के लिए चले गये. कपड़े तो पहले ही उतार दिए थे. मगर मैंने उसको ब्रा और पेंटी में ही रहने दिया. हम दोनों नहाने के साथ – साथ एक दुसरे के जिस्म को चूम रहे थे. जैसे सालो से एक दुसरे के लिए प्यासे हो. हम और कुछ भी नहीं सोचना चाहते थे. बस एक – दुसरे के आगोश में खोये हुए थे. उसके पानी में भीगे होठो को चूसने का मज़ा ही कुछ और था. बस आज ही होठो का पूरा रस पीने का दिल कर रहा था. फिर मैं धीरे – धीरे नीचे की तरफ आया और उसके ब्रा के ऊपर से ही, उसकी चुचिओ को मसलने लगा. फिर नीचे जाकर उसकी नाभि पर एक चुम्बन किया, तो वो जैसे सिहर उठी और फिर मेरे करीब आने लगी.
फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और उन दो सफ़ेद कबूतरों को आजाद कर दिया. आआआआआह्हह्हह्हह्हह किया चुचे थे उसके. किसी को भी पागल कर देने के लिए उनकी एक झलक ही काफी थी. और आज वो मेरे तो सामने थे. फिर मैंने उसकी पेंटी को साइड में करके ऊँगली करनी शुरू की. वो पागलो की तरह मेरे लंड को मसल रही थी. फिर मैंने उसको नीचे बैठा कर लंड चूसने को कहा, तो वो नीचे बैठ कर मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी. फिर हम दोनों बाहर आये और अपनी आगे की रासलीला में लग गये. बाहर आते ही मैंने उसे बिस्तर पर घोड़ी बनाया.
फिर मैं पीछे से उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और चूत चाटने लगा. क्या चूत थी उसकी.. हलके – हलके बाल थे उसकी चूत को और भी खुबसुरत बना रहे थे. जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसके अन्दर डालता, वो और जोर – जोर से चिल्लाती. कुछ ही देर, मैं वो पूरी तरह से गरम हो गयी थी. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिका कर रगडा और उसकी चूत में दे दिया. बहुत गरम थी उसकी चूत… उसकी गर्मी मैंने अपने लौड़े पर महसूस की. मैंने अपने धक्के लगाने जारी रखे.. और वो आअहहह अहहाह ऊउह्ह्ह ऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ कर कर के चुदवा रही थी. हम ज्यादा जोर से आवाज़ नहीं कर सकते थे.
नहीं तो बाहर किसी को शक हो जाता. पर फिर भी हमने खूब मस्ती की. फिर मैंने उसे दिवार पर हाथ रख कर झुकने को कहा. फिर मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाल कर पूरा अन्दर पेल दिया और वहीँ खड़े होकर चुदाई करने लगा. वो सिर्फ ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् .. बस .. या.. एस बेबी.. फक मी… फक मी मोर… और जोर से आआहः.. कर रही थी. साथ ही साथ मैं उसकी चूची को भी दबा रहा था. फिर उसे पीठ के बल लिटा कर, उसके पैरो को चौड़ा कर एक बार और चोदने लगा. मैं उसके ऊपर झुक गया और उसे चोदता रहा.
बीच – बीच में मैं उसे चूमता भी रहा. उसके होठो को, तो कभी उसके चुचे .. फिर मैंने उसे एक दो और तरीके से चोदा. फिर मुझे लगा, कि मेरा निकलने वाला था. मैंने अपने लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया और सारे माल को उसके पेट पर डाल दिया. उसके साथ ही उसको चुमते – चुमते, मैं उसके पास ही सो गया. हम दोनों ही नंगे पड़े थे. एक दुसरे की बाहों में बाहे डाल कर. शाम को हम दोनों उठे और जब मैं कपड़े पहन कर जाने लगा. तो उसने मुझे धन्यवाद् कहा और उसने कहा – आज मुझे बहुत मज़ा आया. मैंने भी उसे धन्यवाद कहा और उसके होठो की तारीफ करके जाने लगा. मैं फिर से उसको एक बार और गले मिला और उसे किस किया और उससे विदा ली.
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