website banner-not ads-just-self-branding

बॉयफ्रेंड ने कामदेव की तरह मेरी चूत का काम लगाया

5
(2675)

सभी मोटे-मोटे लंड वाले मर्दों को चूमते हुए और रसीली चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए मैं आप सबका दिल से स्वागत करती हूँ। ये मेरी पहली कहानी है, जो मैं आप सभी दोस्तों के साथ साझा कर रही हूँ। इसे पढ़कर आपकी चूत गीली हो जाएगी और लंड खड़ा हो जाएगा, ये मैं गारंटी देती हूँ।

मेरा नाम दिव्यांशी दुबे है। मैं उत्तर प्रदेश के ललितपुर के एक छोटे से गाँव में रहती हूँ। मैं 22 साल की जवान, गोरी और सेक्सी लड़की हूँ। मेरा बदन अब पूरी तरह खिल चुका है। मेरी जवानी उफान पर है। मेरे दूध, जो पहले छोटे-छोटे आम जैसे थे, अब 36 इंच के बड़े, रसीले और गोल-मटोल हो गए हैं। मेरी गांड पीछे को उभरी हुई है, और मेरा फिगर 36-32-36 का है। मेरे गोरे गाल, रसीले होंठ और चिकना बदन देखकर गाँव के सारे जवान लड़के मेरे दीवाने हैं। जब मैं खेत की ओर जाती हूँ, तो लड़के मेरे पीछे लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। भगवान ने मुझे इतना खूबसूरत बनाया है कि हर कोई मेरी गांड को सहलाने की तमन्ना रखता है। पर ये मौका सिर्फ कुछ खुशकिस्मत लोगों को ही मिला है। मेरा अफेयर गाँव के ही एक लड़के पिंकू के साथ चल रहा था। मैं उससे बहुत प्यार करती थी, लेकिन हमने अभी तक चुदाई नहीं की थी। पिंकू मेरे साथ बाहर-बाहर प्यार करता था, पर अब उसका मन चूत मारने को करने लगा।

एक दिन, जब हम खेत के पास वाले आम के बाग में मिले, पिंकू ने मुझसे कहा, “दिव्यांशी, अब मुझसे रहा नहीं जाता। मेरा लंड रोज तेरा नाम लेकर तन जाता है। मुझे तेरी चूत चाहिए।” उसकी बात सुनकर मेरे गाल शर्म से लाल हो गए। मैंने थोड़ी नाराजगी और शरमाते हुए कहा, “क्या तू मुझसे सिर्फ प्यार नहीं कर सकता? चूत ही चाहिए तुझे?”

“नहीं, मेरी जान! अब बस तेरी चूत चाहिए, कोई बहाना नहीं,” पिंकू ने बेशर्मी से कहा।

मेरे मन में डर, शर्म और चुदास का तूफान चल रहा था। मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “ठीक है, कल सुबह 10 बजे मेरे घर आ जा। जो करना है, कर लेना।”

अगले दिन सुबह 10 बजे तक मेरे घरवाले खेत में काम करने चले गए। मैंने काले और लाल रंग का सलवार-कमीज पहना था, जो मेरे गोरे बदन पर बहुत जच रहा था। मेरे लंबे बाल खुले थे, और मैंने हल्का मेकअप किया था। पिंकू ठीक समय पर आ गया। उसने मुझे देखते ही अपनी बाहों में भर लिया और मेरे रसीले होंठों को चूमना शुरू कर दिया। वो मेरे होंठों को काट-काटकर चूस रहा था, जैसे कोई भूखा शेर अपने शिकार को चबा रहा हो। उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। मैं सिसकने लगी, “…आह्ह… स्सीईई… अअअ… हा हा सी सी…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उसका चेहरा लाल हो गया था, और उसकी आँखों में वासना साफ दिख रही थी। उसने मेरी कमीज के ऊपर से मेरे 36 इंच के दूध दबाने शुरू किए। मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया। मैं उसे अपने छोटे से कमरे में ले गई, जहाँ एक पुरानी खटिया पड़ी थी। आज पहली बार मेरी चूत की सील टूटने वाली थी। मेरे मन में डर, शर्म और उत्तेजना का मिश्रण था।

पिंकू ने मेरे रसीले दूधों को सहलाना शुरू किया। उसके खुरदुरे हाथ मेरी चिकनी चूचियों पर फिर रहे थे। मेरे पूरे बदन में झुनझुनी सी होने लगी। मैं चुदाई के बारे में कुछ नहीं जानती थी। मुझे लगता था कि चूत सिर्फ मूतने के लिए होती है। लेकिन पिंकू मुझे सब सिखा रहा था। वो मेरी गोल-गोल, हॉर्न जैसी चूचियों को धीरे-धीरे दबाता रहा और साथ में मेरे होंठों को चूसता रहा। मैं धीरे-धीरे चुदासी हो रही थी। “…आह्ह… सी सी… उह्ह…” मेरी सिसकारियाँ और तेज हो गईं।

“ये सब तुझे कहाँ से पता, पिंकू?” मैंने भोलेपन से पूछा, मेरी आवाज में शरम और उत्सुकता थी।

“मेरे दोस्त ने बताया था। उसने अपनी भाभी को चोदा है,” पिंकू ने हँसते हुए कहा।

“क्या चूत सिर्फ चोदने के लिए होती है, जिसमें लड़के लंड डालकर चोदते हैं?” मैंने शरम से लाल होते हुए पूछा।

“हाँ, मेरी रानी! भगवान ने चूत को लंड से चुदने के लिए ही बनाया है,” पिंकू ने कामुक अंदाज में कहा।

फिर वो मेरे गोरे-गोरे गालों पर चूमने लगा। उसने मेरे गालों पर दाँत गड़ाकर पप्पी ली। मेरे गोरे रंग की वजह से गाँव के सारे लड़के मेरे दीवाने थे। पिंकू आज कामदेव बन चुका था। उसने मेरे गालों को चूमा, फिर मेरे गले पर चूमना शुरू किया। उसकी गर्म साँसें मेरे गले पर पड़ रही थीं। मुझे गुदगुदी और मज़ा दोनों हो रहे थे। मैं सिसकने लगी, “…आह्ह… स्सीईई… उह्ह… ओह्ह…” गले पर चुम्मन से मेरा बदन गर्म होने लगा। मैं चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार थी।

इसे भी पढ़ें:  Bhaiya se Train me chod diya

पिंकू ने मेरी कमीज को धीरे से ऊपर उठाया। मेरा गोरा, चिकना पेट नजर आया। वो उसे देखकर पागल हो गया। उसने अपने खुरदुरे हाथों से मेरे पेट को सहलाना शुरू किया, फिर अपनी गर्म जीभ से चाटने लगा। उसकी जीभ मेरे पेट पर गोल-गोल घूम रही थी। मैं मज़े में तड़प रही थी, “…आह्ह… हा हा… सी सी…” मेरे बदन में आग सी लग रही थी। कुछ देर बाद मैंने अपनी कमीज उतार दी। मेरी काले रंग की ब्रा में मेरे 36 इंच के दूध तने हुए थे। पिंकू ने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी। वो बेशर्मी से अंडरवियर उतारकर मेरे सामने खड़ा हो गया। उसका 9 इंच लंबा, मोटा लंड किसी लोहे के हथियार जैसा दिख रहा था। मैं बार-बार उसे देख रही थी। मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई थी। मेरे मन में डर और उत्तेजना दोनों थे।

“क्या ब्रा उतारना जरूरी है?” मैंने शरमाते हुए, अपनी बाहें छाती पर रखकर पूछा।

“हाँ, मेरी रानी! जब तक तेरी नंगी चूचियाँ नहीं देखूँगा, मेरा लंड पूरा तन नहीं पाएगा,” पिंकू ने वासना भरी नजरों से कहा।

मुझे अपनी चूचियाँ दिखाने में बहुत शरम आ रही थी। मेरे गाल लाल हो गए। फिर भी मैंने हिम्मत करके ब्रा का हुक खोला। मेरे मस्त, रसीले 36 इंच के दूध आजाद हो गए। पिंकू की आँखें चमक उठीं। उसने मुझे खटिया पर लिटा दिया। गाँव में ज्यादातर घरों में खटिया ही होती है, शहरों जैसे महंगे बेड नहीं। मैं खटिया पर लेटी थी, सिर्फ सलवार और नीली चड्डी में। पिंकू मेरी चूचियों को मसलने लगा। मेरे दूध इतने चिकने और गोरे थे कि वो उन्हें दबा-दबाकर मज़ा ले रहा था। मैं चुदास में डूबकर सिसकने लगी, “…आह्ह… अई… सी सी… हा हा…”

पिंकू के खुरदुरे हाथ मेरी चूचियों पर नाच रहे थे। मेरे दूध दूध जैसे सफ़ेद और गोल थे। वो मेरी जवानी पर मर रहा था। उसने पहले मेरी चूचियों को मसला, फिर मेरे निप्पल्स के साथ खेलने लगा। मेरे निप्पल्स किसी गाड़ी के हॉर्न की तरह तने हुए थे। “साली! आज तेरे इन मस्त दूधों को काटकर खा जाऊँगा,” पिंकू ने कामुक होकर कहा।

“काट ले, मेरे राजा! मैं भी कटवाने को तैयार हूँ,” मैंने चुदास में डूबकर जवाब दिया।

पिंकू की वासना और भड़क गई। वो मेरे ऊपर झुक गया और मेरे निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसकी गर्म जीभ मेरे निप्पल्स पर फिर रही थी। मैं मज़े में तड़प रही थी, “…आह्ह… उह्ह… सी सी…” वो मेरे दूध को उसी तरह चूस रहा था जैसे कोई बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है। मेरे पूरे बदन में आग सी लग गई। मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और चूमने लगी। वो मेरी चूचियों को देख-देखकर चूस रहा था। मेरी चूत में खलबली मच रही थी। मैं लंड की प्यासी होकर सिसकने लगी, “…आऊ… आऊ… हम्म… अह्ह… सी सी… हा हा…”

“पिंकू, मेरे जान! मेरे दूध का सारा रस पी जा, एक बूँद भी मत छोड़,” मैंने चुदास में डूबकर कहा।

ये सुनकर पिंकू दुगने जोश में आ गया। उसने मेरे नर्म-नर्म दूधों को दाँत गड़ाकर चूसना शुरू किया। मुझे दर्द और मज़ा दोनों हो रहे थे। वो मेरे निप्पल्स को चूहे की तरह कुतर रहा था। मैं सिसक रही थी, “…आह्ह… सी सी… उह्ह…” उसने मेरे एक दूध को मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से मसलने लगा। मेरे निप्पल्स सख्त हो गए थे। वो उन्हें चूस-चूसकर लाल कर रहा था। मेरे बदन में वासना की लहरें दौड़ रही थीं। मैं उसका सिर पकड़कर अपनी चूचियों पर दबाने लगी।

“क्या तेरा मुँह चुदाई हुआ है, दिव्यांशी?” पिंकू ने वासना भरी आँखों से पूछा।

“नहीं, मेरे राजा,” मैंने शरमाते हुए कहा, मेरी आवाज में चुदास साफ थी।

पिंकू ने अपने 9 इंच के मोटे लंड को हाथ में लिया और मुठ मारने लगा। उसका लंड धीरे-धीरे और सख्त हो गया। वो किसी तेज चाकू की तरह दिख रहा था। उसने खटिया से उतरकर मेरे सिर के पीछे खड़े होकर अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया। मैं चूसने लगी। पहली बार लंड का स्वाद मुझे अजीब लगा, लेकिन धीरे-धीरे मज़ा आने लगा। मैं खटिया पर लेटकर चूस रही थी, और पिंकू मेरे सिर के पीछे खड़ा होकर चुसवा रहा था। मैंने उसके लंड को हाथ से सहलाना शुरू किया। उसका लंड गर्म और सख्त था। मैंने उसे जीभ से चाटा, फिर मुँह में लेकर चूसने लगी। पिंकू ने मेरे सिर को पकड़कर तेजी से मुँह चोदना शुरू किया। मैं गर्म हो रही थी, “…हम्म… उह्ह… सी सी…”

इसे भी पढ़ें:  Bhabhi ki chut ki chatni bnaya

फिर मैं खटिया से उतरकर जमीन पर घुटनों के बल बैठ गई। “ले रंडी, इसे अच्छे से चूस,” पिंकू ने बेशर्मी से कहा। उसने मेरे रसीले होंठों के बीच अपना लंड फिर से घुसा दिया। मैं पहली बार ऐसा कर रही थी। मुझे पहले लगता था कि लंड सिर्फ मूतने के लिए होता है, लेकिन आज मुझे चुदाई का असली मज़ा पता चला। मैं उसके लंड को हाथ से मुठ मारते हुए चूस रही थी। पिंकू ने मेरे दोनों कान पकड़े और मेरे मुँह को तेजी से चोदने लगा। उसका लंड अब बिल्कुल लोहे जैसा हो गया था। उसमें से माल टपक रहा था, जो मेरे होंठों पर लग गया। मेरे होंठ चिपचिपे हो गए थे।

पिंकू और चुदास में आ गया। उसने अपना लंड मेरे गालों, आँखों और माथे पर रगड़ना शुरू किया। “साली छिनाल! आज तेरे सारे छेद चोद डालूँगा,” उसने वासना में डूबकर कहा। वो पाँच मिनट तक मेरे चेहरे पर लंड रगड़ता रहा। मेरा चेहरा उसके माल से चिपचिपा हो गया था। मेरे होंठों पर उसका माल चमक रहा था। मैं शरम और चुदास के मिश्रण में थी।

“चल, खटिया पर लेट जा,” पिंकू ने हुक्म दिया।

मैं खटिया पर लेट गई, सिर्फ नीली चड्डी में। पिंकू ने मेरी सलवार की डोरी खोली और उसे धीरे-धीरे नीचे सरका दिया। मेरी नीली चड्डी मेरी चूत के रस से गीली हो चुकी थी। “साली, तेरी बुर की हालत देख, पूरी पानी-पानी हो गई है,” पिंकू ने हँसते हुए कहा। उसने चड्डी के ऊपर से मेरी चूत को चाटना शुरू किया। मैं तड़पने लगी, “…उंह… उंह… हम्म… अह्ह… अई…” मेरे बदन में आग लग रही थी। फिर उसने मेरी चड्डी उतार दी। मेरी गुलाबी चूत नजर आई, जो रस से भीगी थी। पिंकू ने मेरी चूत पर अपने होंठ रखे और चूसना शुरू किया। वो मेरी चूत की एक-एक कली को चाट रहा था। मैं इतना मज़ा ले रही थी कि एक बार झड़ गई। पिंकू को चुदाई का अच्छा अनुभव था। वो मेरी चूत के दाने को सहलाते हुए जीभ से अंदर तक चाट रहा था। मैं बार-बार अपनी कमर और सीना उठा रही थी, “…आह्ह… सी सी… हा हा…”

“मेरे जान, और कितनी देर चूसोगे?” मैंने चुदास में पूछा, मेरी आवाज काँप रही थी।

“जल्दी क्या है, मेरी रानी? चुदाई का मज़ा धीरे-धीरे ही आता है,” पिंकू ने कहा।

उसने 15 मिनट तक मेरी रसभरी चूत को चाटा। वो मेरी चूत के दोनों पट खोलकर जीभ अंदर डाल रहा था। मैं तड़प रही थी, “…उंह… उंह… आह्ह… सी सी…” फिर उसने अपने लंड को मुठ मारकर और सख्त किया। उसने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की गद्दी पर रगड़ना शुरू किया। मुझे अजीब सा यौन सुख मिल रहा था। वो रगड़ता रहा, फिर धीरे से धक्का मारकर लंड अंदर डाल दिया। “…आह्ह… उह्ह… सी सी…” मैं सिसकने लगी। पिंकू ने मुझे चोदना शुरू किया। उसका 9 इंच का लंड मेरी टाइट चूत में धीरे-धीरे घुस रहा था। मैं दर्द और मज़े में सिसक रही थी, “…आह्ह… सी सी… हा हा…”

“चोद मेरे सोना! …उंह… उंह… आआआ… सी सी…” मैंने अपनी टाँगें और खोल दीं।

पिंकू को डबल जोश चढ़ गया। वो तेज-तेज धक्के मारकर मुझे चोदने लगा। मेरी चूत बहुत टाइट थी, क्योंकि मैं कुंवारी थी। आज पिंकू ने मेरी सील तोड़ दी। मैं मज़े में झूम रही थी, “…फट फट… आह्ह… हा हा… सी सी…” मेरी चूत से चुदाई की तेज आवाजें गूँज रही थीं। मैं अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगी और उन्हें दबाने लगी। पिंकू मेरे ऊपर चढ़कर मुझे पेल रहा था। उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “…हूँउउउ… हूँउउउ… ऊँ ऊँ… सी सी… ओह्ह…”

पिंकू थक ही नहीं रहा था। वो नॉन-स्टॉप मुझे पेल रहा था। उसने मेरे दूधों को फिर से मसलना शुरू किया। मैं अपनी चूत के दाने को सहलाने लगी। मेरी चूत से रस टपक रहा था। पिंकू ने मेरे एक निप्पल को मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। मैं तड़प रही थी, “…आह्ह… उह्ह… सी सी…” उसने मेरी चूत को और तेजी से चोदा। मेरी चूत की दीवारें उसके लंड से रगड़ रही थीं। “…फट फट… फट फट…” चुदाई की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने अपनी टाँगें पिंकू की कमर पर लपेट दीं। वो और जोश में आ गया। उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया और साथ में धक्के मारता रहा। मैं चिल्ला रही थी, “…आह्ह… सी सी… चोद मेरे राजा… और जोर से…”

कुछ देर बाद पिंकू ने लंड बाहर निकाला और फिर से मेरी चूत को चाटने लगा। वो मेरी चूत के रस को चूस रहा था, जैसे कोई भूखा कुत्ता खाना खाता है। मैं फिर से झड़ गई, “…उंह… उंह… आह्ह…” मेरी साँसें तेज थीं।

इसे भी पढ़ें:  दादा जी ने बूढ़े लंड से मेरी जवान चूत की नथ उतार दी

“और चोद, पिंकू! अभी मज़ा पूरा नहीं आया,” मैंने चुदास में चिल्लाकर कहा।

पिंकू ने मेरे दोनों पैर ऊपर उठाए और चूत में लंड डालकर तेजी से चोदने लगा। वो मुझे दबाकर पेल रहा था। मैं अपनी चूत के दाने को सहलाती और चाटती रही। पिंकू की वासना चरम पर थी। वो तेज-तेज झटके देकर झड़ गया। उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। मैं तृप्त होकर सिसक रही थी, “…आह्ह… सी सी…” फिर उसने कपड़े पहने और चला गया, क्योंकि मेरे घरवाले आने वाले थे। मैंने भी जल्दी से अपनी सलवार-कमीज पहनी।

कुछ दिन बाद हमें फिर मौका मिला। पास के गाँव में चौधरी के लड़के की शादी थी, और मेरे घरवाले मुफ्त की दावत उड़ाने गए थे। मैंने पिंकू को रात 8 बजे बुलाया। वो आ गया।

“तेरे घरवाले कहाँ हैं?” पिंकू ने पूछा।

“पास के गाँव में शादी है। सब वहाँ फ्री का खाना खाने गए हैं,” मैंने कहा।

“तो हमारे पास ढेर सारा टाइम है,” पिंकू ने खुश होकर कहा।

हम कमरे में गए। मैंने लाल रंग का सलवार-कमीज पहना था। पिंकू ने मुझे चूमा, फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए। मैं सिर्फ काली ब्रा और नीली चड्डी में थी। पिंकू भी नंगा होकर मेरे पास खटिया पर लेट गया और मेरे 36 इंच के दूध दबाने लगा। आज वो कुछ ज्यादा प्यार दिखा रहा था।

“देख, तेरे लिए मोबाइल लाया हूँ,” पिंकू ने एक स्मार्टफोन दिखाते हुए कहा।

“सच में? मेरे लिए? ये तो बहुत अच्छा है!” मैंने खुशी से चिल्लाया।

“पर, मेरी रानी, इसके बदले तुझे मुझे कुछ स्पेशल देना होगा,” उसने कहा।

“क्या लोगे?” मैंने शरमाते हुए पूछा।

“आज मुझे तेरी गांड चाहिए,” पिंकू ने बेशर्मी से कहा।

मुझे डर लग रहा था। मेरी सहेलियों ने बताया था कि गांड मराने में बहुत दर्द होता है। लेकिन पिंकू की जिद के आगे मुझे झुकना पड़ा। उसने मेरे नितंबों को चूमा और सहलाने लगा। मेरी गांड बहुत सेक्सी थी। वो उसे मार-मारकर सहलाने लगा, फिर चाटने लगा। मैं चुदास में सिसकने लगी, “…मम्मी… सी सी… हा हा… ऊँ ऊँ… उंह…” उसकी जीभ मेरे छेद को छूती तो मेरा रोम-रोम खड़ा हो जाता था। वो 10 मिनट तक मेरी गांड चाटता रहा।

फिर उसने अपने लंड पर थूक लगाकर उसे चिकना किया और मेरी गांड के मुलायम छेद में घुसा दिया। शुरू में बहुत दर्द हुआ, “…आह्ह… सी सी… पिंकू, धीरे…” मैं चिल्ला रही थी। लेकिन धीरे-धीरे मैंने बर्दाश्त किया। पहले उसका 5 इंच लंड अंदर गया। वो उसी में चोदने लगा। फिर उसका पूरा 9 इंच का लंड मेरी गांड में समा गया। पिंकू ने मेरे कुल्हों को पकड़कर तेजी से गांड मारना शुरू किया। मैं खटिया पर घोड़ी बनी थी। “…आई ईई… पिंकू, बेटीचोद! तूने मेरी कुंवारी गांड फाड़ दी… सी सी… आह्ह…” मैं चिल्ला रही थी।

पिंकू ने मेरी गांड को छलनी कर दिया। फिर उसने मेरी चूत भी चोदी। वो रात भर मुझे पेलता रहा। मैं मज़े में डूबकर सिसक रही थी, “…आह्ह… उह्ह… सी सी… फट फट…” आखिर में वो झड़ गया और कपड़े पहनकर चला गया।

दोस्तों, आपको मेरी ये चुदाई की कहानी(Hindi Sex Story, Chudai Kahani, Boyfriend Girlfriend Sex, Chut Chudai, Gand Marna, Sexy Kahani, Jawani Ki Kahani, Rasili Chut, Lund Chusna, Desi Sex Story, Village Love Story) कैसी लगी? अपने कमेंट्स जरूर बताएँ।

Related Posts

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 5 / 5. Vote count: 2675

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment