Bhai ke dost se chudai:
सभी प्रिय दोस्तो को मेरा नमस्कार! मेरा नाम मिशी है, मैं मथुरा में रहती हूँ. मैं द इंडियन सेक्स स्टोरी साइट की कहानियां रोज पढ़ती हूँ. आज मैं आप लोगों से अपने सेक्स का पहला अनुभव शेयर करना चाहती हूं.
ये बात तब की है, जब मैं अपनी बारहवीं पास करके दो साल घर पर ही बैठी रही थी. जिन दिनों मैं खाली बैठी थी उस समय मुझे बस अपनी चढ़ती जवानी की आग सताती रहती थी. मेरे दो भाई हैं, जो एक ही क्लास में पढ़ते थे, जिस कारण उनके कई दोस्त थे.
हमारा घर अच्छी कॉलोनी में होने की वजह से उन्मुक्त वातावरण था और मेरे भाई के सारे दोस्त मेरे घऱ आते थे. हमारे घर के पास ही भाई का एक बेस्ट फ्रेंड रहता था, जिसका नाम तो कुछ और है … मगर मैं प्यार से उसे भोसड़ी के बुलाती थी. वो प्यार से मुझे भोसड़ी की कुतिया कह कर बुलाता था.
वो दरअसल मेरा आशिक था, पर अभी तक हमारे बीच में चुदाई का सिलसिला शुरू नहीं हो सका था.
वो हमारे यहां बहुत आता था, जिस कारण मेरी शुरूआती जवानी उसने भरपूर निहार ली थी. वो मेरे घर झूठ बोलकर मुझे घुमाने ले जाता था. उसे मेरे चूचे बहुत पसंद थे.
ओह सॉरी दोस्तो … मैंने अपना कातिल फिगर तो आपको बताया ही नहीं है.
मैं पूरी गोरी चिट्टी हूँ, भरा हुआ बदन है. मेरे बूब्स 36 इंच के हैं, मेरी कमर 34 और मेरी गांड 38 इंच के लगभग की होगी.
वो मेरे मम्मों को मसलता रहता था. मुझे लगता है कि आज मेरे मम्मों की जो साइज़ है, वो उसके दबाने से ही हो गई है.
एक बार मेरे दूर के रिश्तेदार के यहां शादी थी, जिसमें सबको जाना था. मैंने ये बात उसको बताई, तो उसने मुझे घर पर ही रुकने को कहा.
मैंने मना कर दिया, पर वो नहीं माना. मैं भी उससे बहुत प्यार करती थी, उससे चुदना भी चाहती थी. मगर उसको कैसे समझाऊं कि मैं अपने घर वालों से घर पर रुकने के लिए क्या कहूंगी.
ये सोचते सोचते वो दिन आ गया. उसी दिन मैं नहाते टाइम गिर गई और मेरे पैर में मोच आ गई. शायद कामदेवता भी नहीं चाहते थे कि मैं शादी में जाऊं. पैर में मोच की वजह से मैंने शादी में जाने से मना कर दिया और मैं अकेली ही घर पर रुक गई. मेरे मम्मी पापा और दोनों भाई शादी में चले गए. वहां से उनकी 8 दिन बाद वापसी थी.
जिस दिन वो सभी निकले, उस दिन तो मैंने अपने भोसड़ी वाले को कुछ नहीं बताया. लेकिन उस रात मेरे मन में गुदगुदी सी हो रही थी. मेरा मन उसको अपने अकेले होने की बात बताने का हो रहा था कि उसे बता दूँ, मैं अकेली हूँ. लेकिन मुझे एक अजीब सा डर लग रहा था.
जैसे तैसे सुबह हुई. मैं नहाकर कपड़े पहन रही थी. इतने में गेट बजा. मैंने सोचा कि प्रेस वाला कपड़े देने आया होगा.
मैंने रुकने का कहते हुए जोर से कहा- जरा रुको … अभी खोलती हूँ.
मैंने कपड़े पहने और गेट खोला, तो मैं देखती रह गई. सामने मेरा भोसड़ी वाला और मेरे भाई के कुछ दोस्त खड़े थे.
उनसे मैंने कहा- आओ.
उसने बाकी के दोस्तों को दरवाजे से ही विदा किया और घर में अन्दर आ गया.
उसने अन्दर आते ही मुझे हग किया. मैंने भी कसके उसे हग किया.
वो बोला- दिखाओ कौन से पैर में चोट आई है?
मैंने पूछा- तुम्हें कैसे पता कि मेरे पैर में चोट आ गई है?
उसने कहा- आज सुबह ही तेरे भाई का फ़ोन आया था. उसने बताया कि मीशी साथ में नहीं आई है, उसके पैर में चोट लग गई है. तू उसका ध्यान रखियो. मैंने कह दिया कि ठीक है … और बस मैं यहां तेरा ध्यान रखने आ गया.
ये सुनते ही मैं हंसने लगी और उससे बोली- मेरे भाई ने ही मेरे लिए मेरा उद्घाटनकर्ता भेज दिया.
ऐसे कह कर हम दोनों हंसने लगे.
उसके बाद वो बोला कि जान आज से रात दिन ये बंदा आपकी सेवा में है.
मैंने इठलाते हुए कहा- ओके … तो अब बताओ गुलाम क्या करोगे मेरे लिए?
वो बोला- पहले तो मैं कुछ खाने पीने का लाता हूँ … उसके बाद आकर तुम्हें चोदता हूँ.
यह सुनकर में सुन्न सी हो गई.
वो चला गया.
मैं सोचती रह गई कि आज पता नहीं क्या होगा. मेरे मन में भी लड्डू फूट रहे थे. पहली बार मेरी चूत फटने वाली थी.
कुछ देर बाद वो आया. उसके हाथ में एक बैग था, जिसमें बियर की 4 केन और एक पिज्जा था. मैंने केन देखकर उस पर गुस्सा किया. पर उसने मुझे मना लिया और मुझसे चिपक कर मेरे होंठ को चूसने लगा. मैं भी अपने भोसड़ी वाले के प्यार से पिघल गई और पूरी तरह चिपक गई.
वो मेरे होंठ को जानवर की जैसे चूसे जा रहा था और मेरे मम्मों दबाए जा रहा था. मैं वासना के नशे में खोए जा रही थी. उसने मेरा सूट निकाल दिया. अब मैं ब्रा पेंटी में हो गई थी. मुझे पहली बार उसके सामने यूं हो जाने में शर्म सी आ रही थी.
वो मुझसे बोला- डार्लिंग बियर पियोगी.
मैंने मना किया, पर उसने मुझे कसम दे दी, तो मुझे मानना पड़ा.
मैंने एक घूंट बियर पी, तो मुझे उल्टी आने लगी. पर मैं पी गई. धीरे धीरे हमने एक एक केन खत्म कर दी. तब तक हम दोनों पूरे नंगे हो गए थे.
मैंने पहली बार उसका लंड देखा था. वो इतना मोटा और बड़ा लग रहा था. मैं नशे में थी. वो अपने लंड को मेरे मुँह के करीब लाया और बोला- मेरी कुतिया … ले इसे चूस.
मैंने मना कर दिया.
उसने मेरे चूतड़ पर एक चांटा मारा और कहा- साली कुतिया रंडी … इसको चूस नहीं तो मैं तेरे ऊपर सूसू कर दूंगा.
मैंने उसकी बात मान ली और लंड को मुँह में ले लिया. शुरू में लंड से मुझे स्मेल सी आ रही थी. लेकिन धीरे धीरे मुझे लंड अच्छा लगने लगा और मैं मदहोश होकर पूरा लंड चूसने लगी.
वो मुझे प्यार से गाली देने लगा. उसका इस वक्त मुझे गाली देना बड़ा अच्छा लग रहा था.
तभी उसने मुझे रोका और कहा- चल 69 में मजा करते हैं.
मैंने मान लिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. उसकी जीभ का खुरदुरा स्पर्श मुझे अपनी चूत पर बड़ा मादक लग रहा था. मेरी बड़ी कामना थी कि मैं अपने भोसड़ी वाले से अपनी चूत चटवाऊं … मगर मुझे उसके साथ कभी ऐसा मौका ही नहीं मिला था और न ही मैं संकोच के कारण उसके साथ ऐसा कह सकी थी.
उसका मेरी चूत को यूं मस्ती से चाटना, मुझे ज्यादा देर सहन नहीं हुआ. मेरे मुँह से सीत्कार निकलने लगीं. मैं ‘आह मोरी मइया … मर गई … आह..’ करने लगी.
वो पागल सा ही हो गया था और मेरी चूत पर बियर डालने लगा. मेरी चूत में बियर भर कर वो चूत चूसने लगा.
अब मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था. मैं भी उसके लंड को पूरा अन्दर लेकर चूसे जा रही थी. उसका लंड पूरा कड़क हो गया था … मेरे मुँह में भी नहीं आ रहा था. पर मैं नशे में मस्त थी और लंड चूसे जा रही थी.
कुछ देर बाद मेरे भोसड़ी वाले का शरीर एकदम कड़क सा हो गया और उसी समय उसके लंड में से चिकना सफेद सा पानी से निकलने लगा, जिससे मेरा मुँह भर गया. मुझे उल्टी आने लगी, पर उसने मुझे वीर्य जबरदस्ती पीने को कहा.
मैं उसकी बात मान कर लंड का रस पी गई. तभी मेरी चूत में से भी पानी निकला, उसको उसने चाट कर साफ कर दिया.
मुझे पहली बार सुकून मिला था. मैं निढाल हो गई थी. मुझे भूख भी लगने लगी थी. मैंने उसको बोला, तो उसने झट से पिज्जा का डिब्बा उठा कर मेरे सामने कर दिया. फिर हम दोनों ने मिल कर पिज्जा खाया और नंगे ही सो गए.
शाम को 6 बजे मेरी आँख खुली, तो मैंने देखा कि वो पैर पसारे हुए सो रहा था और उसका लंड तना हुआ खड़ा था.
मैंने उसे जगाया और उठ कर जाने लगी.
उसने मुझे पकड़ लिया और अपने पास खींच लिया. मैं कटे पेड़ सी उसकी बांहों में गिर गई.
उसने मुझे नीचे दबा लिया. अभी मैं कुछ समझ पाती कि भोसड़ी वाले ने अपना लंड मेरी चूत में झटके से पेल डाला.
लंड घुसते ही मैं चिल्ला उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और रोने लगी. उसने मेरी एक नहीं सुनी और झटके मारने लगा. मैं दर्द के मारे मरी जा रही थी.
कुछ देर बाद मुझे अच्छा लगने लगा और मैं भी गांड उठा कर चुदवाने लगी. उसकी लम्बी चुदाई में मेरा दो बार पानी निकल गया और वो कुत्ते की तरह मुझे चोदे जा रहा था. मैं बेहोश सी हो रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत में लोहे की रॉड घुसेड़ दी गई हो. कुछ देर बाद मेरी चूत में से सूसू निकल गई और वो झट से लंड बाहर निकाल कर मेरा सूसू पीने लगा.
उसी समय उसने अपना लंड मेरे मुँह के पास लाकर पिचकारी मारते हुए अपना पानी मेरे मुँह पे निकाल दिया. उससे मेरा पूरा मुँह भीग गया.
फिर हम दोनों थक कर लेट गए.
कुछ देर बाद मैंने नीचे कुछ गीला सा महसूस किया. मैंने देखा तो बेड की चादर खून में सन गई थी. मैं डर गई.
उसने मुझे समझाया कि फर्स्ट टाइम ऐसा होता है.
फिर इसके बाद हम दोनों साथ में ही नहाए. उसने 8 दिन में मुझे रात दिन चोदा. मुझे अपनी सूसू भी पिला दी. मेरी गांड भी मारी. मुझे सेक्स का पूरा मजा दिया
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