Gay Sex Story:
सभी द इंडियन सेक्स स्टोरी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैं राजस्थान के नागौर से राज हूँ. मुझे काफी समय से अपनी यह कहानी लिखने का मन हो रहा था. अब मौका मिला है.
मैं अब पच्चीस साल का हो चुका हूं. मेरे लंड का साइड 6.5 इंच का है और मेरी गांड 36 की है. शरीर से पतला हूं और हाइट 5.7 इंच है. मेरी छाती पर छोटे छोटे बोबे भी उभरे हुए हैं जिनका आकार मीडियम साइज का हो चुका है. इसका कारण मैं आगे कहानी में बताऊंगा.
मैं द इंडियन सेक्स स्टोरी की सेक्स स्टोरी काफी लम्बे समय से पढ़ रहा हूं लेकिन पहली बार लिखने का प्रयास भी किया है जो मेरे ही जीवन की आपबीती है. अगर कुछ कमी रह जाये तो इग्नोर कर देना दोस्तो.
ये बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में आया था. मेरा पहला साल था कॉलेज में. कॉलेज घर से दूर था इसलिए हॉस्टल ले लिया था. शुरू में तो इसकी आदत नहीं थी लेकिन फिर घर से दूर रहने की आदत भी हो गई.
जब ये घटना हुई उस वक्त हॉस्टल में मेरी पहली दिवाली थी. मैं दिवाली की छुट्टियों के बाद हॉस्टल में आया था. अभी कॉलेज शुरू होने में एक दो दिन का समय था इसलिए बाकी विद्यार्थी भी धीरे-धीरे हॉस्टल में पहुंच रहे थे.
जिस कमरे में मैं रहता था उसमें मेरे साथ एक और दोस्त भी था. हम लोगों के अलग-अलग केबिन बने हुए थे लेकिन हम एक ही कमरा शेयर करते थे इसलिए वो अक्सर मेरे केबिन में अपना सामान या पैसे वगैरह रख लेता था.
जब वो घर से आया तो उसने मेरे केबिन में पांच हजार रूपये रख दिये. अगले दिन से क्लास शुरू हो गई. हम लोग कॉलेज में चले गये. मगर जब वापस आये तो जो पैसे उसने मेरे केबिन में रखे थे वो वहां पर नहीं थे.
उस दोस्त ने इल्जाम मेरे ऊपर ही लगा दिया कि मैंने उसके पैसे चुराये हैं. मगर मैंने वो पैसे नहीं चुराये थे बल्कि किसी और लड़के ने चुरा लिये थे. वार्डन से इसकी शिकायत करने पर उसने सबसे पूछताछ की लेकिन किसी के पास पैसे नहीं मिले.
वो दोस्त बोला कि तेरे केबिन से पैसे गायब हुए हैं इसलिए तुझको ही मेरे पैसे वापस देने होंगे. मैंने उसको समझाया कि मैंने पैसे नहीं लिये लेकिन वो नहीं माना. आखिर में मैंने उससे कहा कि ठीक है अगर तुझे यकीन नहीं है तो मैं पैसे दे दूंगा. लेकिन इतने सारे पैसे मैं एक साथ नहीं दे सकता.
मेरे पिताजी मुझे हजार रूपये ही देकर जाते थे. इसलिए मैंने उस दोस्त को कहा कि मैं थोड़े थोड़े करके तेरे पैसे लौटा दूंगा. वो मान गया. फिर जब भी मेरे पिता जी मेरे लिये पैसे लेकर आते तो मैं कुछ पैसे उनमें से मेरे दोस्त की उधारी के रूप में उसको लौटाने लगा. कई महीनों में मैंने उसके तीन हजार रूपये वापस कर दिये लेकिन अभी भी मुझे उसके 2 हजार रूपये और वापस करने थे.
फिर एक रात को वो कहने लगा कि मुझे मेरे पैसे अभी लौटा दे मुझे कुछ जरूरी काम है. मैंने कह दिया कि मेरे पास पैसे नहीं है.
वो बोला- तो फिर ठीक है, तुझे मेरा एक और काम करना होगा.
मैंने कहा- क्या काम करना है?
वो बोला- मैं रात को तेरे साथ चिपक कर सोऊंगा और तू किसी को कुछ नहीं बतायेगा.
मैंने उसकी बात मान ली.
उस दिन के बाद से वो रात को मेरी गांड पर लंड लगा कर सोने लगा. वो मेरे बोबे भी दबा देता था. उसका लंड मेरी गांड में रगड़ता था. कुछ दिन के बाद मुझे भी इस सब में मजा आने लगा.
अब वो रोज रात को मेरे बोबे दबाता और अपना लंड मेरी गांड पर घिसता था. हम दोनों ही मजे लेने लगे थे. अब मुझे पैसे चुकाने में कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि मुझे भी मजा आ रहा था. वो मेरे अंडरवियर को हटा कर अपना टाइट लंड मेरी गांड में लगा कर सोता था. मेरे बोबों को कस कर दबाता था.
ऐसे ही करते करते काफी दिन हो गये. फिर एक संडे था तो उस दिन सब लड़के खेलने के लिए जा रहे थे ग्राउंड में. उसने मुझसे कहा कि हम दोनों रूम पर ही रुकेंगे. हम बाकी लड़कों के साथ नहीं जायेंगे. उसके कहने पर मैं भी नहीं गया.
जब सब लोग खेलने के लिए चले गये तो उसने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और वो मुझे किस करने लगा. मेरे बदन को चूमने लगा. मुझे गर्दन पर किस करने लगा. उसका लंड तन कर एकदम से टाइट हो गया. उसने अपनी लोअर निकाल दी और बोला कि मेरे लंड को चूस अब.
उसने अपना लंड निकाल लिया और मेरे सामने करते हुए हिलाने लगा. मैंने नीचे बैठ कर उसके लंड को चूसने के लिए मुंह खोला तो उसके लंड अजीब सी गंध आ रही थी. लेकिन मुझे उसके पैसे देने थे इसलिए मुझे वो काम करना पड़ा. मैंने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया. उसके बाद मुझे भी लंड चूसने में मजा आने लगा.
मैंने काफी देर तक उसके लंड को चूसा. फिर वो बोला कि मैं तुझे जैसा करने कहूंगा अगर तू वैसा ही करेगा तो मैं तुझसे कभी पैसे नहीं मांगूंगा. मैं उसकी बात मान गया.
वो बोला- अब अपनी निक्कर उतार कर मेरे सामने नंगा हो जा.
उसके कहने पर मैंने अपनी निक्कर उतार ली और उसने मुझे बेड पर झुका लिया. वो मेरी गांड को दबाते हुए मसलने लगा. उसने मेरी गांड को चूमा और फिर उस पर ढेर सा थूक लगा दिया. उसने मेरी गांड के छेद पर थूक लगा लगा कर उसको बिल्कुल चिकनी कर दिया.
गांड को चिकनी करने के बाद उसने मेरी गांड के छेद पर लंड लगा दिया और लंड को मेरी गांड में घुसाने की कोशिश करने लगा. लंड अंदर नहीं गया. फिर उसने बालों में लगाने वाले तेल की शीशी उठाई और मेरी गांड और अपने लंड पर तेल लगा दिया. उसके बाद उसने मेरी गांड पर दोबारा से अपने लंड को रखा और धीरे-धीरे मेरी गांड में लंड को घुसाने लगा.
जैसे जैसे उसका लंड मेरी गांड के छेद को खोलने लगा मेरा दर्द हर पल बढ़ने लगा. मेरी चीख निकलने ही वाली थी कि उसने एक जोर का धक्का मारा और मेरे मुंह पर हाथ रखते हुए मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड मेरी गांड में पूरा उतर गया.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन चीख न निकले इसलिए उसने मेरे मुंह पर हाथ रखा हुआ था. कुछ देर तक वो मेरी गांड में लंड को देकर लेटा रहा. फिर जब मेरा दर्द कम होने लगा तो उसने मेरी गांड में अपने लंड को हिलाना शुरू किया.
अब मुझे भी अच्छा लगने लगा. उसका लंड जब मेरी गांड में अंदर बाहर हो रहा था तो मुझे भी मजा आने लगा था. अब मैं भी आराम से उसका लंड अपनी गांड में ले रहा था. उसने पांच-सात मिनट तक मेरी गांड की चुदाई अपने 6 इंच के लौड़े से की. उसके बाद दो तीन तेज शॉट लगाते हुए उसने मेरी गांड में ही वीर्य छोड़ दिया.
मुझे दर्द तो हुआ लेकिन गांड को चुदवाने में मजा भी आया. उसके बाद उसने एक कपड़े से मेरी गांड और अपने लंड को साफ किया. फिर हमने कपड़े पहन लिये.
मगर यहां पर एक समस्या और खड़ी हो गई थी.
जब हम दोनों चुदाई कर रहे थे तो एक और लड़के ने हम दोनों को देख लिया था. वो खिड़की में खड़ा होकर मेरी गांड चुदाई को देख रहा था. लेकिन चुदाई के दौरान हम दोनों को इस बात का पता नहीं लगा. उस दूसरे लड़के ने फिर दो-तीन लड़कों को और बता दिया.
जिसने मेरी गांड की चुदाई होते हुए देखा था उसका नाम विकास था. वो देखने में सांवला सा था लेकिन उसकी बॉडी काफी अच्छी थी. अब जब भी वो मेरे करीब आता तो किसी न किसी बहाने से मुझे छूने की कोशिश करता था. वो भी मेरी गांड मारने की फिराक में था.
कई बार जब मैं सामने से आ रहा होता तो वो मुझे आंख मार देता था और अपने लंड को मुझे दिखाते हुए सहलाने लगता था. उसने मेरे दोस्त से कह दिया कि अगर इसकी गांड नहीं दिलवाई तो मैं तुम दोनों के बारे में पूरे हॉस्टल में बता दूंगा.
मेरे रूममेट ने उसकी बात को कई दिनों तक टालने की कोशिश की लेकिन विकास अपनी बात पर अड़ा रहा. फिर एक दिन वो हमारे कमरे में हमारे साथ ही सोने के लिए आ गया. उसने रात को मेरे बोबों को दबाया और अपना लंड मेरी गांड पर लगाया. उसका तना हुआ लंड लगने पर मेरी गांड में भी खुजली सी हो रही थी.
उसके बाद उसने अपने कच्छे में मेरा हाथ दे दिया. मेरा हाथ उसके लंड पर चला गया. उसके लंड को पकड़ कर देखा तो विकास का लंड आगे से गीला था. मैंने कुछ देर तक उसके लंड को सहलाया और फिर अपने हाथ को चुपके से सूंघ कर देखा. विकास के लंड की खुशबू मस्त लग रही थी मुझे.
तब विकास ने कहा- एक बार मुंह में ले ले यार.
मेरे रूम मेट ने भी कह दिया- राज एक बार चूस ले इसका!
मैंने विकास का लंड चूसना शुरू कर दिया. वो अपनी आंखें बंद करके लंड को चुसवाने लगा. उसके हाथ मेरी गांड को सहला रहे थे. मुझे भी मजा आ रहा था.
फिर वो तेजी से मेरे मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगा. उसने मेरे सिर को पकड़ लिया और मेरे मुंह में पूरा लंड घुसाने लगा. फिर एकदम से उसने पूरा लंड गले तक घुसा दिया और उसका वीर्य मेरे मुंह में ही निकलने लगा. उसके वीर्य का स्वाद भी मस्त लगा मुझे.
पूरा वीर्य निकालने के बाद उसने लंड को बाहर निकाल लिया. फिर वो बोला- यार एक बार फिर से मुंह में ले ले.
मैंने उसका लंड दोबारा से मुंह में लिया तो उसने मेरे सिर को दबा कर मेरे मुंह में ही मूत दिया. मुझे गुस्सा आ गया और मैंने अपना पेशाब से भरा हुआ मुंह उसकी पकड़ छुड़ाया और फिर बाथरूम में जाकर थूक दिया.
उसके पेशाब का स्वाद दारू के जैसा था.
उस घटना के बाद एक दिन वो मुझे अपने अंकल के घर पर ले गया. उसके अंकल की उम्र 45 साल थी और उनका नाम सूरज था. वो भी काला सा था देखने में लेकिन बॉडी ठीक-ठाक थी. उसका लंड 7.5 इंच का था. उसकी बीवी उससे अलग रहती थी.
उनकी एक दुकान भी थी. दुकान पर बैठे हुए वो हर औरत को घूरते रहते थे इसीलिये उनकी बीवी अलग रह रही थी उनसे. दुकान के नीचे एक बेसमेंट बना हुआ था.
विकास ने सूरज अंकल से कहा- हम दोनों नीचे जाकर फिल्म देख लेते हैं अंकल.
अंकल ने भी हां कर दी.
मगर विकास को सीडी नहीं मिली. फिर अंकल नीचे आये और सीडी देते हुए मेरी तरफ आंख मार कर चले गये. शायद विकास ने सूरज अंकल को मेरे बारे में सब कुछ बता दिया था.
मैं और विकास फिर फिल्म देखने लगे. वो एक ब्लू फिल्म थी. उसमें एक अंग्रेज लड़का एक देसी लड़के की गांड मार रहा था. हम दोनों बेड पर बैठे हुए फिल्म देख रहे थे.
विकास का लंड तना हुआ था और उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया. फिर वो मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगा. वो मेरे होंठों को जैसे खा जाना चाह रहा था.
दस मिनट तक मेरे होंठों को चूसने के बाद उसने मेरे कपड़े निकलवा दिये. हम दोनों ही पूरे के पूरे नंगे हो चुके थे.
वो मेरे बोबों को दबाते हुए चूसने लगा. उसके बाद उसने मुझे उल्टा लेटा दिया. फिर मेरी गांड को अपने हाथों से फैला कर उसको चाटने लगा. पांच मिनट तक उसने मेरे छेद को चाटा और फिर अपना लंड चूसने के लिए कहा.
मैं विकास के लंड के टोपे को आइसक्रीम की तरह चूसने लगा. वो भी आहें भरने लगा था. पांच मिनट तक उसने लंड चुसवाया और फिर मेरी गांड पर तेल लगाने लगा.
मेरी गांड पर तेल अच्छी तरह से मलने के बाद उसने मेरी गांड में उंगली डाल दी. मुझे हल्का सा दर्द हुआ. अब मुझे भी मजा आने लगा. मैं मदहोश होने लगा. उसके बाद उसने अपने लंड पर तेल लगाया और फिर मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा.
मुझे घोड़ी बनाकर वो मेरे ऊपर घोड़े की तरह चढ़ गया. मेरी गांड को जोर से चोदने लगा. उसके बाद पांच मिनट तक मेरी गांड को जमकर चोदा और फिर अपने लंड को निकाल कर मेरे मुंह पर उसकी मुट्ठ मारने लगा. उसका वीर्य मेरे मुंह पर गिरने लगा तो मैंने मुंह खोल दिया और उसका वीर्य मेरे गले तक जाने लगा.
हम दोनों चिपक कर बैठ गये. वो दोबारा से मेरे बोबों से खेलने लगा और मैं उसके लंड को सहलाने लगा. कुछ देर के बाद उसने फिर से मुझे लंड चूसने के लिए कहा. मैं उसके लंड को चूसने लगा और फिर उसका लंड दोबारा से रॉड की तरह टाइट हो गया. मैंने नीचे झुक कर उसने लंड की खुशबू ली.
उसके बाद वो सीधा पीठ के बल लेट गया. उसका लंड उसकी टांगों के बीच में तना हुआ था. विकास ने मुझे अपने लंड पर बैठने के लिए कहा तो मैं गांड को उसके लंड के टोपे पर रख कर बैठ गया और मेरी गांड में उसका लंड उतर गया. मैं उसके लंड पर बैठ कर कूदने लगा. कुछ देर तक मैं उसके लंड से अपनी गांड को चुदवाता रहा.
पांच मिनट के बाद वो उठ गया और मुझे सीधा लेटा कर मेरी दोनों टांगों अपने हाथ में पकड़ कर मेरी गांड में लंड को पेलने लगा. उसके तेज धक्कों से मिल रहे आनंद के कारण मैं जल्दी ही सातवें आसमान पर पहुंच गया. पांच मिनट तक उसने मेरी गांड की जबरदस्त चुदाई की और वो मेरी गांड में झड़ गया.
मुझे उस दिन बहुत खुशी मिली. हम दोनों वहीं पर लेट कर सो गये.
एक घंटे के बाद अंकल ने आवाज लगाई तो हम दोनों उठे और कपड़े पहन कर ऊपर चले गये. फिर हम वापस जाने लगे तो सूरज अंकल ने मेरी गांड पर थपकी लगाई और आंख मार दी. फिर जब भी मैं अंकल की दुकाने के पास गुजरता तो वो मुझे आंख मार देते थे.
एक दिन अंकल ने मुझे बुला कर मुझे कुछ पैसे भी दिये. मुझसे बोले- कभी किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे कह देना शर्माना मत.
उसके बाद अंकल ने एक दिन अपनी दुकान पर बुला कर मेरी गांड भी मारी. वो कहानी मैं आप लोगों को अगली बार बताऊंगा.
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