सुप्रिया दी , रेनू और ज्योति की चुदाई

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विशु अपने ससुराल गया हुआ था । उसकी दोनों सालियों ने बड़े प्यार से बुलाया था । मुझे भी मन नहीं लग रहा था । सो मैं भी बाहर कहीं घुम आने को सोंच रहा था । सो मैनें ऑफिस से पंद्रह दिनों की छुट्टी ले ली और विशु की बड़ी बहन सुप्रिया दीदी के घर चला आया । आज बहुत दिनों बाद सुप्रिया दी के घर आया । सुप्रिया दी तीसरे नम्बर पर थी । उम्र भले ही 36 हो रही थी लेकिन 28-29 से ज्यादा की नहीं लगती थी । अपूर्व सुन्दरता की मालकिन, साईज 34-32-36 , नितंब तक लहराते लम्बे बालों को जब लहराकर चलती थी तो ब्रह्मचारी का भी तप भंग हो जाता था । सुप्रिया दी के दोनो बच्चे हाॅस्टल में रहते थे । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

घर में सुप्रिया दी , जीजाजी और उनकी बहन ज्योति और रेनू रहती थी । ज्योति और रेनू में एक साल का अंतर था । रेनू 22 की थी और शोभा 21 की । ज्योति और रेनू भी दोनो कमसिन कली थी ज्योति गोल मटोल चेहरे और गुलाबी गालों वाली, बिल्कुल जापानी गुड़िया की तरह लगती थी , गोल चेहरा , गोल गोल बुब्स ( चुचियाँ ), भरी हुई जांघें और बिल्कुल गोल नितंब । पूरा शरीर लगता था कि रूई से भी ज्यादा सॉफ्ट था । वहीं रेनू छरहरे बदन और तीखे नयन नक्श वाली , पतले गुलाबी होठ और सेव जैसे गुलाबी गाल , सुन्दर बुब्स ( चुचियाँ ) और नितंब उसकी सुन्दरता को और भी ज्यादा बढ़ा देते थे । वैसे जीजाजी भी कम स्मार्ट नहीं थे । मस्त कसरती इकहरा बदन , चौड़ी छाती और सुन्दर चेहरे वाले हैंडसम युवक थे । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।
मैं जब सुप्रिया दी के घर पहुँचा तो रात के सात बज गये थे । मैने बेल बजाया तो अंदर से सुप्रिया दी की ही आवाज आई , पूछी – कौन ? मैने आवाज दी – सुप्रिया दी , मैं प्रिंस । वैसे सुप्रिया दी को मालूम था कि मैं आने वाला हूँ , वे मेरा ही इंतजार कर रही थी क्योंकि मेरी और सुप्रिया दी की आज सुबह ही डेढ़ घंटे बात हुई । सुप्रिया दी जानती थी कि जब मन नहीं लगता है तो मैं सुप्रिया दी और उसके किसी और बहन के घर चला जाता हूँ । लेकिन इस बार सुप्रिया दी के घर जाने की खास वजह थी और वह थी कि परसों सुप्रिया दी का जन्मदिन था । वैसे सुप्रिया दी और जीजाजी ने भी कहा था कि इस बार मैं भी तुम्हें खास सरप्राईज मिलेगा । सो मैं भी बहुत उत्सुक था । दरवाजा सुप्रिया दी ने ही खोला । गुलाबी गाउन में बहुत सुन्दर लग रही थी । अधखुले गुलाबी गाउन से झाँकते उसके दोनों उरोज बहुत ही सुन्दर लग रहे थे । वैसे सुप्रिया दी ही नहीं , जीजाजी , ज्योति और रेनू भी हमसे एकदम खुली हुई थी और हमारे बीच कोई परदा भी नहीं था । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

सुप्रिया दी ने मुझे देखा तो पूरा खुश हो गयी । फिर हम सबके लिए कॉफी बनाई और हम बैठकर बातें करने लगे । जीजाजी बोले – सफर कर आये हो , थक गये होगे । नहा धो लो तब तक खाना तैयार हो जाता है फिर खाना खाते हुए हम बाकि बातें करेंगें । फिर मैं भी तौलिया लेकर बाथरूम में नहाने चला गया । सचमुच नहाने के बाद मैं अपने आप को रिलैक्स और एकदम तरोताजा महसूस कर रहा था । फिर मैं तौलिया पहनकर ही बाथरूम से बाहर चला आया । फिर मैने सुप्रिया दी को आवाज दी । जब सुप्रिया दी आयी तो मैने उसके जन्मदिन के लिए लाये कीमती ड्रैस उसे दिया तो उसने लपक कर मुझे अपने बाँहों में कस ली और मेरे होठो पर अपने दहकते होठो को रख दी और एक जोरदार Kiss दी और करीब दस मिनट तक सुप्रिया दी ने मेरे होठो को अपने होठों से ।ip-।ock कर मुझे प्रेम से सारोबर कर दिया । घर में सभी लोग थे ।

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फिर मैने जीजाजी, ज्योति और रेनू के लिए लाये उपहार उन्हें दिये । जीजाजी ने भी मुझे लगे से लगा लिया और ज्योति और रेनू ने जोरदार ।ip-।ock Kiss कर अपनी खुशी जताई । फिर हमलोगों रात का खाना खाया ढ़ेर सारी बातें की फिर जीजाजी बोले – प्रिंस आज तुम थक गये हो , आराम करो , सो जाओ , कल सुबह बातें करेगें । मुझे भी नींद आ रही थी बिस्तर पर जाते ही मुझे भी कसकर नींद आ रही थी । रात को मुझे भी कपड़े पहन कर सोने की आदत नहीं थी । सो मैं भी सारे कपड़े उतार कर एक छोटा सा सूती गमछा कमर में लपेट कर लेट गया । कमरे का दरवाजा खुला ही था । वैसे भी अब रात को कौन देखने वाला था । वैसे भी सुप्रिया दी के यहाँ भी सभी रात को नाम मात्र के कपड़े में सोते हैं । सबका कहना था कि पूरे शरीर में हवा लगनी चाहिए । जल्दी ही मुझे गहरी नींद आ गयी । सुबह सुबह मीठा मीठा सपना आ रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ और मेरे चारो ओर तीन चार अप्सरायें लिपटी हुई है वो भी पूरे नग्न रूप में , कोई मेरे लंड को चूस रही है , तो कोई मेरे होठो को , तो कोई अपने स्तनों से मेरे शरीर की मालिश कर रही है , कोई मुझे जाम पिला रही है ।

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मैं स्वर्ग के आनंद में डूबा सपने देख रहा था कि तभी अधखुली नींद में मुझे महसूस हुआ कि कोई सचमुच मेरे लंड को चूस रहा है । मेरी आँख खुल गयी । मैं आश्चर्य चकित रह गया । मेरा गमछा कब का खुल चुका था और मैं बिल्कुल ही नंगा था और सुप्रिया दी सचमुच मेरा लंड मुंह में लेकर बहुत प्यार से चूस रही थी । सुप्रिया दी उपर से नीचे तक पूरी नंगी थी बदन पर एक कपड़ा भी नहीं । सुप्रिया दी के मुलायम मुलायम होठो का मेरे लंड पर स्पर्श से मुझे स्वर्गीय आनंद का अहसास हो रहा था लग रहा कि सपना सचमुच सकार हो गया है । मुझे जागा हुआ देख कर सुप्रिया दी ने मेरे लंड पर एक प्यारा सा चुम्बन लिया और कहा – प्रिंस ! गुड मार्निंग ! कैसा लगा मेरा सरप्राईज ? मैंनें सुप्रिया ही को अपने उपर खिंच लिया और उसके ओठो को चुमते हुए कहा सुप्रिया दी , गुड मार्निंग , सचमुच बहुत सुन्दर सरप्राईज दिया आपने ! कहते हुए सुप्रिया दी को बाहों में समेंट लिया और उपर ने नीचे तक चुम्बन की झड़ी लगा दी । तभी जीजाजी , ज्योति और रेनू तीनों ने एक साथ कमरे में प्रवेश किया और तीनो एक साथ बोल उठे – प्रिंस, गुड मार्निंग ! कैसा लगा सुप्रिया दीदी का सरप्राईज ? कह कर तीनों हँस पड़े ।

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मैं समझ गया कि यह इनकी ही शरारत है । लेकिन मैं यह देख कर भौच्चक और आश्चर्यचकित रह गया कि जीजाजी , ज्योति और रेनू तीनों ही पूरे नग्न अवस्था में थे यह मेरे लिए और भी बड़ा सरप्राईज था । जीजाजी का उत्तेजित लंड सलामी दे रहा था । वहीं ज्योति और रेनू को तो नग्न अवस्था में देखकर आँखें चौधिंया गयी । उपर से नीचे तक क्या वर्णन करूँ , वो वर्णन से परे लग रहीं थी दोनों के गोल गोल बुब्स ( चुचियाँ ) और गुलाबी निप्पलों को देख कर तो मन को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था और सबसे सुन्दर दोनों की गुलाबी और मखमली चुत । क्या कहने ! एकदम मक्खन की तरह मुलायम और चिकनी और खास बात कि चुत में एक भी बाल नहीं थे एकदम मुलायम और चिकनी , जी चाह रहा था कि अभी लपक कर चाट लूँ और जी भर चूंसू । तभी रेनू और ज्योति ने भी मेरे लंड को चूस कर एक एक प्यारा सा चुम्बन दिया और गुड मार्निंग कहा । मैं सचमुच बहुत आश्चर्यचकित था । तभी जीजाजी बोले – घबराओ नहीं प्रिंस , तमाशे और भी हैं बाकि । फिर सुप्रिया दी को बोले – सुप्रिया, आज इसको स्पेशल कॉफी पिलाओ । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

हाँ , पिलाती हूँ , कहकर सुप्रिया जी बड़ी अदा से उठी । जाते जाते उसके मटकते गोल गोल नितंबों के उपर लहराते बाल बहुत ही सुन्दर लग रहे थे । सुप्रिया दी एक जग में दूध , कॉफी बनाने की मशीन और बाकि समान यहीं ले आयी । तब तक मैं भी ब्रश कर फ्रेश हो गया था । मैं सुप्रिया दी के कॉफी बनाने के तरीके को देखने लगा ।
सुप्रिया दी ने जग के दूध को ज्योति के गर्दन पर डालना शुरू किया । मैं चुपचाप देख रहा था कि यह कैसा काफी बनाने का तरीका है ? लेकिन जो भी हो कुछ स्पेशल जरूर बनने वाला था । हाँ तो सुप्रिया दी ने जग का दूध ज्योति के गर्दन में धीरे धीरे डालना शुरू किया । जग का दूध ज्योति के दोनो स्तनों को भिंगोते हुए बहते हुए ज्योति की चुत में समाने लगा और नीचे बहने लगा । जिसे जीजाजी ने ज्योति के चुत से पूरा का पूरा दूसरे खाली जग में छान लिया , और बचे हुए दूध को जीजाजी ने ज्योति के स्तनों और चुत से चाट लिया । फिर इस दूध को सुप्रिया दी ने रेनू के गर्दन पर धीरे धीरे डालना शुरू किया । उसी तरह सारा का सारा दूध रेनू के दोनो स्तनों को भिंगोंते हुए रेनू के चुत में समाने लगा और नीचे गिरने लगा जिसे जीजाजी ने जग में रेनू के सुन्दर चुत से टपकते दूध को छान लिया और बचे दूध को रेनू के स्तनों और योनि से चाट लिया । अब उसमें चीनी डालने की बारी थी । अब चीनी कैसे डाला जाय तो जीजाजी इसका हल निकाला । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

रेनू एक कटोरी में चीनी ले आई । जीजाजी ने अपना उत्तजित लंड पहले उस जग के दूध में डूबाया तो जीजाजी का लंड दूध से पूरा सारोबोर हो गया फिर उसी लंड को चीनी के कटोरी में डूबा दिया तो लंड के चारो ओर बहुत सारा चीनी चिपक गया और फिर इस चीनी वाले लंड को दूध वाले जग में डाल कर लंड को दूध वाले जग में हिलाकर चीनी को मिलाने लगे इस तरह उन्होने कई बार किया । इस तरह उन्होनें अपने लंड से ही दूध में चीनी मिलाया । अब काॅफी पाउडर मिलाने की बात थी । तो सुप्रिया दी वहीं पलंग पर लेट गयी और अपने पैरो को फैला ली ।

सुप्रिया दी की सुन्दर गुलाबी योनी अंदर तक दिखने लगी तब रेनू ने थोड़ा सा कॉफी पाउडर सुप्रिया दी के चुत के अंदर डाला और ज्योति एक कप दूध लेकर सुप्रिया दी की चुत में डालने लगी दूध सुप्रिया दी की चुत को भिंगोते हुए के अंदर समाने लगा और चुत से नीचे टपकने लगा । चुत से होते हुए उसमें काॅफी पाउडर मिक्स करते हुए नीचे गिरने लगा जिसे जीजाजी ने जमा कर लिया और जग वाले दूध में मिला दिया । इस प्रकार सबके यानी सुप्रिया दी और दोनो लड़कियों रेनू और ज्योति की चुत और बुब्स ( चुचियाँ ) से होते हुए और जीजाजी के लंड की मदद से काॅफी की सामग्री तैयार हुई ।

फिर उस स्पेशल सामग्री से सुप्रिया दी ने स्पेशल काॅफी तैयार की । सचमुच काफी स्वादिष्ट काॅफी बनी थी । हम सब नग्न ही बैठ कर कॉफी पीने लगे । इधर सुप्रिया दी मेरी गोद में बैठ गयी तो उधर ज्योति और रेनू जीजाजी की गोद में बैठ कर जीजाजी के उत्तेजित लंड से खेलने लगी और जीजाजी उन दोनों के स्तनों को दबाने सहलाने लगे और चुत में अँगुली करने लगे । इधर मैं भी एक हाथ से सुप्रिया के स्तनों को सहलाने और दबाने लगा तो दूसरे हाथ से काॅफी का कप लेकर काॅफी पीने लगा ।

उधर ज्योति और रेनू भी जीजाजी के उत्तेजित लंड से खेल रही थी । जीजाजाी बोले कॉफी के साथ कुछ नमकीन हो जाता तो अच्छा था । रेनू और ज्योति चहक उठी – हाँ , हाँ , क्यों नहीं ? यहाँ छ: छ: रसगुल्ला है और तीन तीन समोसा । बोलो प्रिंस क्या खाओगे ? रसगुल्ला या समोसा ? मैं बोला – काॅफी के साथ तो समोसा ही ठीक रहेगा ? ज्योति हँसते हुए बोली – भाभी तुम्हारे भाई को समोसा पसंद है । अपने भाई को खिलाओ अपना समोसा । प्यार से खिलाना और पूरा का पूरा खिलाना । सभी हंस पड़े । सुप्रिया दी बोली – तुम क्यों नहीं खिला देती । तुम्हारा तो अभी ताजा और गर्म है ।

ज्योति बोली – बहन की चुत पर सबसे पहला और सबसे ज्यादा हक भाई का ही होता है और भाई के लंड पर पहला और सबसे ज्यादा हक बहन का ही होता है । कहते हुए उसने जीजाजी का लंड एक बार चूस लिया । फिर बोली – हरेक बहन को चाहिए कि किसी और को खिलाये या खिलाये अपने भाई को अपना चुत सबसे पहले और जी भर कर जब तक भाई का मन ना भरे तब तक खिलाना चाहिए आखिर सबसे ज्यादा प्यारा तो वही होता है और हरेक भाई को बचपन से ही बहन की चुदाई जरूर करनी चाहिए । इससे भाई बहन का प्यार बढ़ता है अब मुझे ही देखो भैया मुझे तब से चोद रहें हैं जब मैं तेरह साल की थी और आज तक चोद रहें हैं । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

वह भाई ही क्या जो अपनी बहन को ना चोदे और वह बहन ही क्या जो अपने भाई से न चुदवाये । कहते हुए उसने जीजाजी को चुम लिया । अब भाभी नखरे मत करो और भाई को खिलाओ अपना समोसा । सुप्रिया दी बोली – ठीक है ननद रानी जैसी आपकी आज्ञा । कहते हुए सुप्रिया दी उठी और मेरे मुँह में अपनी चिकनी और मखमली चुत घुसा दी । मैने भी उसका सम्मान करते हुए काॅफी का कप वहीं बगल के टेबल पर रखा और दोनों हाथों से सुप्रिया दी के नितंबों को कसकर दबाते हुए सुप्रिया दी की चुत में अपनी मुंह और जीभ डाल दिया । फिर मैने सुप्रिया दी को वहीं पलंग पर लिटा दिया और उसके दोनों पैरों को मोड़कर उसकी जाँघों को पूरी खोलते हुए उसकी सुप्रिया दी की चुत के दोनो ओर की पंखुड़ियों को दोनों हाथों से फैलाकर को चुत के अंदर पूरी गहराई तक अपना जीभ डाल दिया और अपनी जीभ को चुत के अंदर चलाते हुए सुप्रिया दी की चुत को चाटने चूसने लगा और दोनों हाथों से सुप्रिया दी सोने के कटोरे जैसे स्तनों सहलाने , दबाने और मसलने लगा । सुप्रिया दी आह ….उई …..उई मां ……करने लगी ।

जब मैं उसके क्लोिटिस यानी जी स्पॉट पर जीभ चलाने लगा तो उससे बर्दाश्त नहीं हुआ उसने कस कर मेरा सिर अपनी चुत में दबा लिया और दोनों जाँघों को सटाकर मेरे सिर को जकड़ लिया , मेरा दम घुटने लगा तो मैने दोनों हाथो से सुप्रिया दी के जाँघो को फैलाकर चुत के अंदर मुंह और जीभ घुसा दिया । सुप्रिया दी बार बार बिस्तर पर अपने नितंबों उछाल रही थी । फिर एक बार जोर से अपने नितबों को उछाला और शांत हो गयी । वह झड़ गयी थी और मैने सुप्रिया दी का चुत का अमृत रस पी गया था । सुप्रिया दी बोली – 69 करो ना मुझे भी तुम्हारा रस पीना है , मैं 69 के पोजिशन में आ गया । अब मेरे मुंह में सुप्रिया दी की चुत थी और सुप्रिया दी की मुंह में मेरा लंड । सुप्रिया दी फिर जोश में आ गयी थी ।

मैने सुप्रिया दी की चुत में अपना मुंह डाल कर चूसने लगा तो सुप्रिया दी ने मेरा पूरा का पूरा लंड अपने मुंह में गड़प लिया और चूसने लगी मेरा पूरा लंड जड़ तक सुप्रिया दी के मुंह मे चला गया था और वह अपने मुलायम होठो से पूरा मुंह में भरकर आईसक्रीम की तरह चूस रही थी । इधर मैं सुप्रिया दी के दोनों पैरों को मोड़कर दोनों जाघों को फैलाकर अपनी पूरी जीभ सुप्रिया दी के चुत में डालकर चूस रहा था मैं सुप्रिया दी के गर्भाशय के मुंह तक घुसाकर चाट चूस रहा था और साथ ही अपना लंड को ज्यादा से ज्यादा अंदर तक सुप्रिया दी के मुंह में डाल रहा था । सुप्रिया दी पूरे जोश के साथ मेरा लंड जोर जोर से चूस रही थी तो मैं भी तेजी से सुप्रिया दी की चिकनी और मक्खन जैसी चुत पर अपना मुंह चला रहा था जब मैं सुप्रिया दी के चुत के जी -स्पॉट पर जीभ चलाता तो सुप्रिया दी उछल पड़ती और ऐसा लगता की मेरा पूरा का पूरा लंड आज खा ही जाएगी ।

इस बीच मैं एक बार झड़ भी चुका था और सुप्रिया दी ने मेरा पूरा का पूरा लंड का रस पी लिया था और मैने सुप्रिया दी का चुत का रस । क्योंकि सुप्रिया दी दो तीन बार झड़ चुकी थी और मैने सारा का सारा चुत का रस पी लिया था । लेकिन ना सुप्रिया दी छोड़ने का नाम ले रही थी ना मैं । आखिरकार हम दोनों एक साथ झड़ गये और हमने एक दूसरे का चुत का रस और लंड का रस मन भर कर चाट चूसकर पीया और हम अलग हो गये । उधर हमें देखकर जीजाजी और ज्योति से भी रहा नहीं गया और जीजाजी ज्योति को घोड़ी बनाकर उसपर सवार हो गये । हमने देखा कि ज्योति घोड़ी बनी हुई है और जीजाजी पीछे से अपना लंड उसकी चुत में घुसेड़ कर जोरदार चुदाई कर रहें हैं और ज्योति जोर जोर से आह….उह….. उई मां …..आह ….आह …चीख रही है । थोड़ी देर बाद वे दोनों भी झड़ गये । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

तब तक रेनू स्तन, चुत और लंड वाले दूध से हम सब के लिए एक एक कप कॉफी और बना चुकी थी । उधर ज्योति की चुत से जब जीजाजी ने अपना लंड निकाला तो ज्योति की चुत से टप टप कर संभोग रस टपक रहा था । रेनू ने एक कप में उस संभोग रस को जमा किया और चम्मच से हम सभी के कप में डाल दिया और हमें पीने को दिया । रेनू मेरे गोद में बैठ कर काॅफी पीने लगी । हम सब कॉफी पीने लगे तो सुप्रिया दी ने बताया कि आज Sunday है और Sunday का दिन हमारे लिए खास होता है । क्योकिं इस दिन तुम्हारे जीजाजी और ज्योति ,रेनू की भी छुट्टी रहती है । इस दिन हमारे यहाँ कोई कपड़े नहीं पहनता है । वैसे तो हम सब रोज ही रात को बिना कपड़ों के नंगे ही सोते है लेकिन रविवार को हम लोग सभी पूरे दिन रात पूरा एकदम नंगे ही रहते हैं जैसा तुम देख रहे हो और कोई कहीं नही जाता है हम लोग इन दिन पूरा खुलकर injoy करते हैं ।

कोई भी किसी के साथ कुछ भी कर सकता है बस सबको मजा आना चाहिए और इस दिन हम सब साथ मिलकर एक साथ नहाते भी हैं । फिर सुप्रिया दी ने बताया कि हमारे लिए योनि पान और लिंग पान विशेष महत्व रखता है । हम सबका मानना है कि हमारे शरीर के लिए हमारे शरीर के तत्व ही सबसे सही और सबसे ज्यादा लाभदायक हैं । इसलिए ये भी हम तीनों का चुत का रस रोज पीते हैं और हम तीनों इनके लंड का रस पीतीं हैं ।

असलदर स्पर्म में बहुत सारे पोषक तत्व रहते हैं जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है । हम तीनों तो अपने चेहरे पर भी इनके लंड का रस यानी वीर्य ही लगाती हैं , हम तीनों ने आज कभी भी कोई कॉस्मेटिक यूज नहीं किया है ना ही हम कभी आज तक ब्युटी पार्लर गयी हैं । हमारी शरीर और सुन्दरता का यही राज है । सचमुच सुप्रिया दी , रेनू और ज्योति का जो नेचुरल ब्यूटी और चमकता दमकता चेहरा और चिकना और साॅफ्ट शरीर था इसका यही राज था । जिसको पाने के लिए लड़कियां और औरते ब्यूटी पार्लर में हजारो लाखो रूपये ब्यूटी पार्लर में उड़ा आती है लेकिन तब भी नहीं मिल पाता है ।

मैं रेनू को गोद में बैठाये काॅफी पी रहा रहा था और रेनू के स्तनों को सहला और दबा रहा था और रेनू भी मेरे लंड से खेल रही थी फिर पता नहीं उसे क्या मन हुआ वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी । इतनी कमसिन लड़की के चूसने ले मुझे फिर से जोश आने लगा और मेरा लंड जल्दी ही सलामी देने लगा । रेनू मेरे गोद में बैठ गयी तो मैेनें अपना लंड रेनू की चुत में घुसेड़ दिया । रेनू ने भी बिना कुछ बोले अपनी चुत में मेरा लंड ले लिया और उछल उछल कर मेरे लंड की सवारी करने लगी । चूंकि रेनू की चुत बहुत कमसिन थी इसलिए लगातार आह .. .उह….आह ….मर गयी , आह …चीख रही थी । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

मैने भी रेनू के दोनों स्तनों को पकड़कर भींच लिया और दबादबा कर और नीचे से धक्का मार मार कर उसकी चुत में अपना लंड तेजी से अंदर बाहर करने लगा । फिर रेनू पलट कर अपना मुंह मेरी ओर कर लिया और मेरे होठो पर अपना ओठ रख दिया । मैंने भी उसे बाँहों में कस लिया और उसके होठों को चूसते हुए नीचे से जोर जोर से लगातार धक्के लगाने लगा । इसी बीच रेनू झड़ गयी तो चूकिं मैं नहीं झड़ा था सो रेनू को घोड़ी बनाकर उसकी सवारी करने लगा । रेनू की छोटी सी चुत बहुत टाईट थी लेकिन मजा खुब आ रहा था । इस बार हम और रेनू एक साथ झडे़ और रेनू भी निढाल हो गयी । रेनू के चेहरे पर संतुष्टी के भाव साफ दिख रहे थे । फिर भी ने हमारे संभोग रस को काॅफी में डाल कर पिया । हम सभी को खुब मजा आया । तब काॅफी पीते हुए सुप्रिया दी जीजाजी और दोनों बहनों की कहानी बताने लगी ।

जीजाजी और उनकी बहन ज्योति

कॉफी पीते हुए सुप्रिया दी ने जीजाजी और ज्योति की कहानी सुनाई । सुप्रिया दी ने बताया कि जब मैं शादी होकर आयी थी तो ज्योती और ज्योति यहीं रहती थी । गांव में कोई अच्छा स्कुल तो था नहीं सो दोनों बहन यहीं तुम्हारे जीजाजी के पास रहकर पढ़ती थी । दोनों बहन उस समय फ्रॉक पहनती थी ना खाना बनाने तुम्हारे जीजाजी को ढंग का आता था ना दोनो बहन को । मैं आयी तो पूरे घर को समेट कर पहले व्यवस्थित की और सबको बढ़िया बढ़िया खाना बनाकर खिलाने लगी । जल्दी ही मैं ज्योति और रेनू की सबसे प्यारी भाभी बन गयी । एक बार जब मैं ज्योति के बालों में कंधी कर रही थी तो देखी कि सारे बाल गंदगी से उलझे हुए हैं शरीर पर भी मैल जमा हुआ था । लगता था दोनों ठीक से नहाती भी नहीं थी । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

उस दिन मैं ज्योति को जबर्जस्ती अपने साथ नहलाने ले गयी और खुब मल मल कर नहलाया । उसके बाद रेनू को भी पकड़ी और घसीट कर नहलाने ले गयी और उसे भी खुब मल मल कर नहलाया । आज दोनों एक दम साफ सुथरी और सुन्दर लग रही थी । उसके बाद यह रोज का क्रम हो गया मैं दोनों बहनों को नहलाने के बाद ही खुद नहाती । हम लोग उपर छत पर खुले में ही नहाते थे क्योंकि छत चारों और से घिरा हुआ था और उपर छज्जा डाला हुआ था तो किसी बाहरी आदमी को दिखाई देने का सवाल ही नहीं पैदा होता था । इसलिए मैं पूरी नंगी होकर ही नहाती और इन दोनों को भी पूरी नंगी कर देती । पहले तो ये खुब शरमाती थी , लेकिन जब मैं भी इनके साथ पूरी नंगी होकर नहाने लगती तो धीरे धीरे इन दोनों का भी शर्म और संकोच खत्म हो गया और ये भी मेरे साथ पूरी नंगी होकर देर तक नहाने लगी और इंजोय करने लगी । मैं इनकी चुचियों को दबा दबाकर , चूस चूसकर और चुत में अगुंली डालकर खुब मजा देते हुए नहलाती ।
एक दिन तुम्हारे जीजाजी छत पर लगे कमरे में ही सोये हुए थे और हम तीनों हमेशा की तरह पूरी नंगी होकर नहा रही थी तो तुम्हारे जीजाजी ने सोंचा कि केवल मैं अकेले ही नहा रही हूँ तो उनको भी शरारत सूझी और वे भी पूरा नंगे ही मेरे साथ नहाने आ गये यहाँ ज्योति और रेनू को पूरी नंगी देखकर एकदम से चौंक पड़े और जाने लगे तो मैने उनका हाथ पकड़ लिया और प्यार से समझाया कि आओ हमारे साथ नहाओ नहाने से कुछ नहीं होता है गांव के तलाब में सब साथ नहाते हैं कि नहीं ? तो फिर यहाँ नहाने से क्या हो जाएगा ? आओ ना हमें भी अच्छा लगेगा ।

ये सब तो तुम्हारी ही बहनें है और कितनी छोटी हैं अभी भैया भाभी के साथ मजे नहीं करेगी तो कब करेगी आ जाओ ना ! साथ नहाने से कुछ नहीं होता है बहुत खुशामद करने के बाद मैने रेनू और ज्योति को इशारा किया तो ज्योति और रेनू ने भी मनाते हुए साथ नहाने के लिए अपने भैया को रिक्वेस्ट करने लगी तो ये मान गये और हमारे साथ नहाने लगे । क्योकिं मैं ज्योति और रेनू की जान से भी प्यारी फैवरेट भाभी थी । इसलिए मैं जो कहती वे दोनों वही करती । मैंने उनके सामने ही पहले रेनू को नहलाया और उसके बाद ज्योति को । उसके बाद इनके भी पीठ आदि पर साबुन लगाकर नहाने में हेल्प की । पहले दिन तो वैसा कुछ नहीं हुआ लेकिन इनकी दोनों बहनों के प्रति मेरा असीम प्यार देखकर ये भी गदगद् हो गये और इसके बाद हम चारो अक्सर साथ नहाने लगे । हमारे बीच संकोच लगभग खत्म हो गया था ।

मैं भी अब कहने लगी कि मैं अकेले क्यों दोनों को नहलाऊँ । भाई का भी तो कुछ फर्ज बनता है । मैं ज्योति को नहला देती हूँ तुम रेनू को नहला दो । फिर उस दिन के बाद मैं ज्योति को नहलाने लगी और ये रेनू को । धीरे धोरे इन्हे भी रेनू को नहलाने में मजा आने लगा और मैने देखा कि ये खुब मजा ले लेकर देर तक साबुन मल मल कर रेनू को नहला देते हैं । एक दिन सब्जी काटते हुए मेरी अंगुलीं थोड़ी कट गयी तो मैने तुम्हारे जीजाजी को रिक्वेस्ट किया कि प्लीज आज ज्योति को भी नहला दो ना ! तो वो जल्दी ही मान गये और उस दिन पूरा मन लगाकर ज्योति को नहलाया । उस दिन के बाद अगर मैं ज्योति को नहलाती तो ये रेनू को और अगर मैं रेनू को नहलाती तो ये ज्योति को ।

चूकिं ज्योति के सीने में सुन्दर सुन्दर गोल गोल भरे भरे स्तन यानी बुब्स ( चुचियाँ ) विकसित हो गयी थी और अच्छी गोलाई लिए हुए थी तो एक दिन मैने इन्हें नहलाते हुए बताया कि इन्हे नहलाते समय थोड़ा सहलाया किजीए तो ये लड़की के लिए अच्छा होता है कहते हुए मैने ज्योति के स्तनों को सहलाने का तरीका बताया । फिर मैने कहा कि नहलाते समय ज्योति की चुत भी साफ कर दिया किजीए । मैं रोज कर देती हूँ कहकर मैने ज्योति की चुत में अंगुली घुसाकर साफ कर बतला दिया । बोली – तुम्हारे भैया , तुम दोनों बहनों को एकदम प्यार नहीं करते हैं , यहाँ तक की ठीक से नहला भी नहीं देते हैं । फिर उसने भी ज्योति की चुत में अँगुली घुसाकर चुत को साफ कर दिया ।

इस तरह वे दोनो बहनों को नहलाते समय दोनों के स्तनों को भी खुब सहलाते दबाते और प्यार करते और देर तक चूसते भी और फिर चुत को साफ करने के लिए रोज देर तक उन दोनों की चुत में अंगुली करते । और घुसाकर चुत को साफ कर देने लगे । फिर मैने एक दिन ज्योति की चुत को चाट चूस कर तुम्हारे भैया को कहा – अरे ज्योति और रेनू बहन है तुम्हारी , कम से कम नहलाते समय भी तो थोड़ा प्यार कर लिया करो । लो इसे चूसो चाटो , प्यार करो , कहकर ज्योति की चुत को उनके होठो से सहा दिया । वो ज्योति की चुत को चाटने लगे ।

ज्योति को भी खुब मजा आने लगा । वह अपने भैया का सिर अपनी चुत में दबा दबा कर अपनी चुत को चटवाने , चूसवाने लगी । अब रेनू को जलन होने लगी । बोली – भैया हमको एक दम प्यार नहीं करते हैं केवल ज्योति को करते हैं । मैने भी रेनू का पक्ष लिया और इनको बोलो चलो रेनू को भी प्यार करो और देर तक खुब प्यार करना । फिर रेनू की चुत को उनके मुंह में घुसा दिया वे रेनू की चुत को चाटने चुसने लगे । रेनू को भी खुब मजा आने लगा । अब तुम्हारे जीजाजी का रोज का सबसे जरूरी काम हो गया दोनो बहनों को नहला देना और नहलाते हुए उनके स्तनों को खुब दबाना सहलाना और चूसना और साथ ही दोनो बहन की चुत को देर तक चाटना चूसना । चूकिं अब रेनू के भी बुब्स ( चुचियाँ ) अच्छे से उभर आये थे इसलिए इनको भी खुब मजा आता । अब तो उनको नहाने नहलाने में इतना मजा आने लगा कि मुझे भी वही नहला देते । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

बदले में मैं भी उनको वहीं नहला देती और दोनो बहनो के सामने उनके लंड को खूब चूसती । चूंकि मैं हम सभी एक साथ नंगे ही नहाते थे किसी को किसी को कोई संकोच नहीं था । फिर मैने ज्योति को भी अपने भैया का लंड चूस देने को कहती तो वो भी रेनू को दिखाकर अपने भैया का लंड अपने मुंह में लेकर देर तक चूस लेती । तब रेनू कहाँ पीछे रहने वाली थी वह भी अपने भैया का लंड तुरंत मुंह में ले लेती और चूसने लगती । मेरा नम्बर तो सबसेे बाद में आता । दोनों बहनों के चूस लेने के बाद मैं तुम्हारे जीजाजी का लंड चूसती । अब तुम्हारे जीजाजी को भी यह सब खुब अच्छा लगने लगा था । तुम्हारे जीजाजी भी देर तक अपनी दोनो बहनों का और मेरी चुत और बुब्स ( चुचियाँ ) देेर तक दबाते चूसते और सहलाते । नहाते नहाते ही हम चारो को इतना मजा मिलने लगा जितना चुदाई कराने में भी नहीं आता है । अब ये रोज का रूटींन हो गया ।
एक दिन ज्योति ने मुझसे पूछा – भाभी सैक्स क्या होता है ? मैने पूछा – क्यों ? तो उसने बताया कि मेरे क्लास की लड़कियां बात करती है कि लड़का और लड़की के बीच सैक्स होता है ? मुझे बताओ ना कैसे होता है ? सुनकर मैं मुस्कुरायी बोली , कल बताऊँगी । फिर मैने तुम्हारे जीजाजी से बात की । बताया आज ज्योति सैक्स के बारे में पूछ रही थी । यही उमर होती लड़कियों के बिगड़ने की । अगर तुम्हारी बहन किसी लड़के के चक्कर में पड़ गयी तो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे । तुम्हारी बहन वैसे भी बहुत भोली भाली है कोई शहर का लड़का पटाकर ऐसा वैसा कुछ कर दिया तो तुम ही समझो क्या होगा ? तुम्हारे जीजाजी बोले – तुम बताओ क्या करना चाहिए कि ये सब ना हो । जैसा तुम कहोगी वैसा ही करूँगा ।

जो तुम बोलोगी वही करूँगा । मैनें समझाया – इस उमर में लड़कियों में सैक्स सबसे ज्यादा उफान पर होता है और अगर इसे चोद कर संतुष्ट नहीं किया जाय तो वह किसी ना किसी आवारा लड़के के चक्कर में पड़ कर अपना जीवन बरबाद कर ही लेती है । मैं भी एक औरत हूँ और मैं यह अच्छे से जानती हूँ और तुम जानते ही हो कि आजकल क्या क्या हो रहा है ।
इसलिए मैं चाहती हूँ कि तुम ज्योति से चोद दो और खुब चोदकर कर उसे खुश रखो और सैक्स संतुष्टी प्रदान करो तो वह उसका मन शांत रहेगा और अच्छे से पढ़ लिख सकेगी और घर की बात घर में ही रहेगी । बाहर कहीं बदनामी भी नहीं होगी । जीजाजी ने पूछा – यह कैसे होगा ? तो मैने जीजाजी को कहा – ये सब मुझ पर छोड़ दो और मैं जैसा कहती हूँ वैसा करो । कहकर मैने पूरी योजना तुम्हारे जीजाजी को समझा दी । फिर मैने दूसरे दिन ज्योति को लड़का लड़की के बीच सैक्स कैसे होता है ? क्यों होता है ? सैक्स कैसे किया जाता है ? सबकुछ विस्तार से समझा दिया । फिर बोली कि तुम्हारे भैया आने दो कर के बताऊँगी ।

तुम्हारे जीजाजी दो तीन की छुट्टी ले ली और मैने ज्योति को भी दो तीन दिन की छुट्टी ले लेने को कहा । तबीयत खराब है कहकर स्कूल में आवेदन भिजवा दिया । दिन में जब रेनू को जब ये नहलाकर और तैयार कर स्कुल भेज दिये तो घर में मैं , ज्योति और तुम्हारे जीजाजी रह गये । तब मैने रोज की तरह ज्योति और तुम्हारे जीजाजी के साथ छत पर नहाने गयी । पहले मैं नंगी हो गयी , फिर ज्योति को और उसके बाद तुम्हारे जीजाजी को । जब हम तीनो नग्न हो गये तो मैने प्यार से एक चुम्बन ज्योति की योनी पर लिया । ज्योति थोड़ा शरमा गयी फिर मैने इनके लंड को चुमा और मुंह में लेकर थोड़ी देर चूसने लगी । फिर मैने ज्योति को भी अपने भैया का लंड मुंह में लेकर थोड़ा चूसने को कहा तो उसने भी बड़े ध्यान ले लंड को देखते हुए अपने मुंह में लेकर आईसक्रिम की तरह चूसने लगी ।

फिर मैने अपनी योनी को फैलाकर अपनी चुत के अंदर का नजारा दिखलाया और बताया कि तुम्हारे भैया अपने लंड को मेरी इसी चुत रोज घुसाते हैं । ज्योति ने पूछा – कैसे ? तो तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को गोद में उठा लिया और साथ में बने कमरे के डबल बेड के गद्दे पर लाकर प्यार से लिटा दिया । मैं भी ज्योति के बगल में लेट गयी । तुम्हारे जीजाजी ने पहले मेरे बदन को सहलाने शुरू किया और फिर मेरे स्तनों को दबाने और चूसने के बाद मेरी चुत में मुंह लगा दिया । ज्योति ध्यान से सब देख रही थी फिर तुम्हारे जीजाजी मुझे छोड़कर ज्योति को चुमने लगे । माथे से चुम्बन लेते हुए होठो पर दस मिनट तक तक ।ip-।ock किस लिया और फिर उसके पूरे बदन को सहलाने और चुमने लगे ।

ज्योति उत्तेजना से कांपने लगी । जीजाजी ने उसके स्तनों को चुसते सहलाते दबाते हुए जब चूसना शुरु किया तो मारे उत्तेजना के उसे बर्दाश्त करना मुश्किल होने लगा तब उसके स्तनों को दबाते सहलाते हुए जीजाजी ने उसके दोनों पैरो को मोड़कर और दोनों जाघों को अलग कर उसकी चुत में अपना मुंह लगा दिया और अपनी जीभ को उसकी चुत में डाल दिया वह चिंहुंक पड़ी । जीजाजी ने कसकर पकड़ते हुए अपना जीभ उसकी चुत में अंदर तक डाल दिया । वह अपने निंतंबों को जोर जोर गद्दे पर उछालने लगी और मुंह से आह… उह…उई …. चिल्लाने लगी फिर जोर का चीख मारकर शांत हो गयी फिर तुम्हारे जीजाजी ने उसे प्यार से उठाकर बिठाया और अपने उत्तेजित लंड को मेरी योनी में डालकर मेरी चुदाई करने लगे और साथ साथ ज्योति को भी सब समझाने लगे ।

देखो इस तरह डालते हैं इस तरह सैक्स करते हैं । तुम्हारी चुत अभी छोटी है । मैं धीरे धीरे अपना ये लंड डालकर इसके छेद को बड़ा करूँगा । कहकर उसकी चुत में अंगुली घुसाकर अंदर बाहर करने लगे और सबकुछ बताते हुए दिखाते हुए मेरे साथ संभोग करने लगे । शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन उसके बाद अच्छा लगने लगेगा आदि आदि । ज्योति जो जो पूछती वो मेरे साथ प्रैक्टिकल करके बताते गये । बताने के साथ ज्योति को भी खुब प्यार करते रहे । मेरी चुदाई पूरा हो जाने बाद मैं उठी और ज्योति को प्यार करते हुए चुम लिया और पूछा – अब सब कुछ समझ गयी ना ? उसने हाँ में सर हिलाया । तुम्हारे जीजाजी नें उसके होठो पर एक कसकर चुम्बन लिया और गोद में उठाकर बाहर ले आये और उस दिन बड़ी तबियत से तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को अपनी गोद में बैठाकर कर नहलाया और पूरे बदन पर सैक्सी तरीके से सहलाते चूमते हुए साबुन लगाकर देर तक मला और उसके स्तनों को भी कई बार चूसा ।

नहाने के बाद भी उस दिन हमने कपड़े नहीं पहने और जब तक रेनू स्कूल स्कूल से नहीं आ गयी करीब छ: घंटे लगातार ज्योति को गोद में बिछाकर , लिटाकर उसके स्तनो को चूसते, सहलाते , उसकी चुत में छेड़छाड़ करते हुए खुब प्यार किया । दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गये मानों एक दूसरे में समा गये । रेनू ने आकर देखा तो हँस पड़ी और बोली लगता है भैया और दीदी नहाकर सीधे सो गये कपड़े भी नहीं पहने हैं । मैने बताया कि ज्योति की तबीयत खराब हैं ना इसलिए वो वैसे ही सो गयी है और तुम्हारे भैया उसको प्यार कर रहें हैं । यह सुनकर रेनू के मन में भी थोड़ी जलन की भावना लगी और वह भी कपड़े आदि खोल कर खाना खाई और जाकर वैसे नंगी ही अपने भैया के उपर लेट गयी तो तुम्हारे जीजाजी ने उसे बाहों में ले लिया । मैं भी हालांकि नंगी ही थी तो मैने रेनू को बता दिया नहाने के बाद फुरसत ही नहीं मिली कपड़े पहनने की । फिर मैने ज्योति को उठाया और उसे अपनी गोद में बिठाकर प्यार से खाना खिलाया ।

तुम्हारे जीजाजी ने रेनू को दबोचकर अपने से सटा लिया और लेट गये बोले मैं थोड़ी देर बाद खाऊँगा तब तक रेनू को थोड़ा प्यार कर लूं । कहकर रेनू को प्यार करने लगे । उसके होठो से लेकर उसकी योनी तक को करीब एक घंटे तक खुब चुमा और चूसा फिर उसे गोद में उठाकर डांईनिग टेबल पर ले आये और उसे गोद में बैठाकर ही खाने खाने लगे । तुम्हारे जीजाजी का उत्तेजित लंड रेनू के दोनो जाँघों के बीच घुसकर उसकी चुत से सटकर रगड़ खा रहा था तो जीजाजी ने बताया कि तुम गोद से गिर नहीं जाओ इसलिए इसको खड़ा कर इसको टिका दिये हैं अब तुम नहीं गिरोगी ।

कहकर उसकी चुत को सहलाते हुए अंगुली करते हुए खाना खाने लगे । रेनू को भी अच्छा लग रहा था वह भी अपने भैया के लंड से खेलने लगी । फिर खाना खाकर वे रेनू को वैसे दबोचे हुए लेट गये और उसे प्यार करने लगे । रेनू भी अपने भाई का साथ देने लगी । बहुत देर प्यार करने के बाद जब रेनू का मन भर गया तो तुम्हारे जीजाजी उठकर कपड़े पहन लिये और टीवी देखने लगे तक तक रेनू सो चुकी थी । उधर मैं ज्योति को दूसरे रूम में ले जाकर समझा रही थी कि प्यार क्या होता है ? शादी क्या होता है ? सैक्स क्या होता है ? घर के बाहर किसी लड़के से प्यार करेगी तो क्या क्या खतरे हैं ? किस तरह तुम्हें ब्लैकमेल करेगा ? तुम्हारी गंदी फोटो नेट पर डाल देगा ।

फिर घर गांव में तुम्हारी कितनी बदनामी होगी , वगैराह वगैराह …..इसलिए सैक्स, प्यार जो भी करना है अपने भैया से ही करो और वह मेरी पूरी बात समझकर अपने मन और दिमाग में पूरी तरह से बैठा ले रही थी और उसने अंत में मेरी कसम खाकर बोली कि जब तक मेरी शादी नहीं हो जाती तब तक अपने भैया से ही सैक्स , चुदाई और प्यार करूँगी और इसके अलावे किसी लड़के की ओर भूलकर भी नहीं देखुँगी । मैने उसे प्यार से चुम लिया । फिर उसने एक रिक्वेट कि भाभी आज जैसे हम लोग चुदाई वाला खेल खेलें भैया को प्लीज बोलना ना कि रोज मेरे और तुम्हारे साथ खेले और मुझे खुब प्यार करे । मैने कहा – ठीक है मैं तुम्हारे भैया को बोल दूंगी कि रेनू के स्कुल जाने के बाद मैं , ज्योति और आप आज की तरह रोज सैक्स वाला खेल खेलेगें और तुम्हें खुब प्यार करेगें ।

भला मैं अपनी इतनी प्यारी ननद को कैसे मना कर सकती हूँ और तुम्हारे भैया तो तुम्हें जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं । तुम्हारे लिए तो हमारी जान हाजिर है । कहकर मैने उसे गले से लगा लिया और उसके चुत पर एक जोरदार पप्पी ली और कहा कि तुम्हारे भैया जल्दी ही तुम्हारी भी चुत में अपना लंड घुसाकर मेरी तरह तुम्हें भी प्यार करेगें । कहकर मैं उसके साथ ही लेट गयी और हम एक दूसरे की बुब्स ( चुचियाँ ) और चुत से छेड़छाड़ करने लगे । तब तक तुम्हारे जीजाजी भी आ गये और बोले ननद भाभी में क्या बातें हो रही है ? मैने प्यार से तुम्हारे जीजाजी को बैठाकर ज्योति की बात बता दी तो जीजाजी ने ज्योति को चुमकर कहा – अरे क्यों नहीं ! ज्योति तो हमारी जान है , ये जो कहेगी हम वही करेगें । मैने कहा – रेनू तो सो रही है , अभी प्यार करो ना ।

सुनकर तुम्हारे जीजाजी ज्योति के उपर लेट गये और उसे अपने नीचे दबाकर जकड़ लिया और प्यार करने लगे । ज्योति के पूरे शरीर पर हौले हौले अपने होठो को फिराने लगे , ज्योति को मानो स्वर्ग का आनंद मिल रहा था वो आँख बंद कर आहें भर रही थी । जब उसके भैया ने उसके चुत में अपने होठो को हौले हौले फिराने लगे तो वह कुनमुना उठी और अपने होठों भींच लिया । उसके भैया उसके पूरे शरीर को अपने हाथों और होठो से हौले सहला रहे थे और ज्योति जोश , उत्तेजना और आनंद से आँखे बंद किये जोर जोर से सिसकारी मार रही थी । आखिर वह आंनंद बर्दाश्त नहीं कर पायी और अपने भैया अपने उपर खींच कर दबोच ली और बोली भैया इतना प्यार किजीएगा तो मैं प्यार और खुशी के मारे ही मर जाऊँगी ।

ज्योति के भैया ने ज्योति के होठो पर अपना होठ रख दिया और ज्योति के मुंह के अंदर मुंह डालकर उसके होठों को चुभलाने लगा । ज्योति उसका भरपूर साथ देने लगी । फिर जीजाजी ने ज्योति को घंटो प्यार किया । दूसरे दिन रेनू के स्कूल जाने जाने के बाद यह प्रोग्राम बना कि आज ज्योति की सील तोड़ी जाय यानि चुत छेदन किया जाय । ज्योति 18 साल की कमसिन कली थी 18 वाँ तो अभी अभी चढ़ा था पूरी तरह जवान भी नहीं हुई । लेकिन सुप्रिया दी ने बताया कि बहन के जवान होने से पहले ही उसके भाई को उसका योनि भेदन जरूर चोद कर देना चाहिए यानी चोद लेना चाहिए ताकि उसे सैक्स की तलब लगे तो उसे अपनी भाई ही याद आये यानि बहन को सैक्स की भूख लगने से पहले ही भाई को चाहिए कि बहन को अपना स्वादिष्ट लंड खिला देना चाहिए और उसके बाद उसे लगातार इतना खिलाना चाहिए कि इसे थोड़ी सी भी सैक्स की भूख न लगे ना लंड की कमी महसूस हो । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

खैर आज ज्योति का योनि भेदन कर सील तोड़ने का प्रोगाम था तो मैने सब तैयारी पहले ही कर ली थी । मैने तुम्हारे जीजाजी को बुलाकर समझाया कि आज का काम थोड़ा कठीन काम है यानि काम एक बार शुरू करना है तो काम पूरा करके ही रूकना है बीच में नहीं । इसलिए एक्ट्रा जोश और एनर्जी की जरूरत पड़ेगी इसलिए ये दो वियाग्रा की गोली खा लो । ज्योति कितना भी चिल्लाये चीखे छोड़ना नहीं । मैने ज्योति को पहले ही दर्द की दो गोलियां दूध में मिलाकर खिला दी थी इसलिए अब अगर कोई उसे हाथ पैर भी काट देता तो उसको दर्द का बिल्कुल अनुभव नहीं होता साथ ही मैने औरतो को जोश दिलाने वाली गोली भी खिला दी थी । ताकि ज्योति भी पूरा मुड में रहे ।

ज्योति की चुत में जीजाजी का लंड आसानी से घुसे इसके लिए चिकनाई भी रख ली थी । रेनू के स्कूल जाते ही हम सब नंगे हो गये और जीजाजी ने ज्योति को दबोच लिया और गोद में उठाकर बेड पर ले आये । तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को अपनी गोद बिठाकर प्यार से एक लाल गुलाब , बड़ा सा चाॅकलेट और एक सुन्दर सा ड्रेस गिफ्ट किया । फिर हम दोनों ने ज्योति के गालों और होठो पर प्यारा सा चुम्बन लिया क्योकि आज ज्योति रानी के चुत का उद्घाटन होने वाला वह भी अपने प्यारे भाई के लंड से । फिर जीजाजी ने ज्योति को होठो पर अपना होठ रख दिया और होठो को चूसने लगे साथ ही उसके दोनो स्तनों को प्यार से सहलाने और दबाने लगे फिर तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को बेड पर लिटा दिया और ज्योति के दोनो पैरो को मोड़कर दोनो जाँघो को फैलाया और अपनी अंगुलियों से हौले हौले ज्योति की योनी को सहलाने लगे ।

ज्योति भी पूरा मूड में आने लगी तो तुम्हारे जीजाजी ने अपना मुंह ज्योति की चुत में लगा दिया और जीभ से ज्योति की चुत को चुसने चाटने लगे साथ ही उसके स्तनों को भी सहलाने और मसलने लगे ज्योति जोश के मारे बिस्तर पर अपने नितंबों को जोर जोर से उछालने लगी । सुप्रिया ने आगे बताया – मैने अपनी एक चुची ज्योति के मुंह मे डाल दी , ज्योति जोर जोर से सुप्रिया दी की चुची चूसने लगी ।

जीजाजी अपनी बीच वाली अंगुली को चिकनाई में डुबाकर ज्योति की चुत में प्रवेश कराने लगे । काफी दिक्कत हो रही लेकिन आधी से ज्यादा अँगुली ज्योति की चुत में प्रवेश हो गयी , तब उसने अपने लंड पर चिक्कनाई लगाकर ज्योति की चुत में रगड़ना शुरू किया उसके बाद अपने लंड के टोपे को ज्योति के चुत के छेद के मुंहाने पर रखा और धिरे धिरे ताकत लगाकर ज्येति की चुत में घुसाना शुरू किया , लंड कुछ प्रवेश किया उसके बाद जीजाजी एक जोरदार धक्का दिया तो लंड ज्योति की चुत को चीरते हुए आधा अंदर प्रवेश कर गया ।

दर्द के दवा की वजह से ज्योति को दर्द का अहसास कम हो रहा लेकिन फिर भी उसके आँखों में आँसु निकल आये थे । सुप्रिया दी लगातार उसके स्तनों को सहला रही थी और अपनी दोनों चुचियों को ज्योति के मुंह में दिये हुए थी और ज्योति के सिर पर हाथ फेर कर उसको दिलासा दे रही थी । फिर जिजाजी ने अपने लंड को आधा बाहर निकाला और अबकी बार पूरी ताकत से धक्का लगाया पूरा लंड ज्योति के चुत के अंदर घुस गया । ज्योति के नितंबों ने एक जोरदार उछाल मारी और ज्योति की चीख सुप्रिया के चुचियों में दबकर रह गयी । ज्योति दर्द के मारे बेहोश हो गयी ।

ज्योति की सील टूट गयी थी यानि एक भाई के द्वारा एक बहन का चुत भेदन सफल रहा । तुम्हारे जीजाजी घबड़ा गये लेकिन मैने इशारा किया धक्का लगाते रहो वे लगातार धक्का लगाते रहे । मैने पानी का छिंटे मारकर ज्योति को होश में लाया । ज्योति कुछ देर यों ही पड़ी रही लेकिन अब लग रहा था कि इसे भी आनंद मिल रहा था क्योकिं अब वह भी अपने निंतंबो उछाल उछालकर मजा ले रही थी ।

ज्योति के भैया ने ज्योति को बाहों जकड़कर धक्के पर धक्का लगा रहे थे और ज्योति उसका साथ दे रही थी लगभग 45 मिनट की चुदाई के बाद तुम्हारे जीजाजी और ज्योति दोनो पसीने पसीने हो गये थे तभी ज्योति अपने पैरों को जीजाजी के कमर के चारो और कसकर लपेट लिया और उछल उछल कर मजे लेने लगी । बहुत देर तक घमासान चुदाई के बाद ज्योति ने एक जोरदार चीख मारी और ढीली पड़ गयी । जीजाजी ने ज्योति की चुत में दबाकर अपना सारा वीर्य ज्योति की चुत में उढेल दिया था । तुम्हारे जीजाजी ने अपना लंड ज्योति की योनी से बाहर निकाल लिया ।

उनका लंड वीर्य के साथ साथ खून से भी सन गया था और ज्योति की चुत पूरी सूज गयी थी । देखकर ज्योति घबड़ा गयी मैने उसे प्यार से समझाया – घबड़ाओ नहीं पहली बार में ऐसा होता है । तुम्हारी सील टूटी है अब तुम कली से फूल बन गयी हो । बहुत समझाने के बाद ज्योति शांत हुई मैने उसे बताया कि ये सब पहली बार में ही होता है अब केवल मजा मजा आयेगा । मैं मन ही मन सोच रही थी ज्योति रानी दर्द की दवा का असर कम होने दो ।

दर्द तो उसके बाद होगा । फिर मैने गर्म पानी कर ज्योति की योनी की सिंकाई की तो सूजन कुछ कम हुआ , फिर मैने सूजन और दर्द कम करने वाली महलम उसमें लगा दी । क्योंकि अब दर्द होना शुरू हो गया था । ज्योति को मैने दो दिन तक बिस्तर से उठने नहीं दिया और उसकी खुब सेवा की क्योकिं ननद रानी अपने भाई से अपनी चुत का उद्धघाटन करवा कर अपनी सील तुड़वाई थी । बहन को चोदने की खुशी में तुम्हारे जीजाजी ने सबको पार्टी दी । सब बहुत खुश थे । ज्योति की चुत का दर्द भी खत्म हो गया था । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।
दो दिन बाद मैने और तुम्हारे जीजाजी ने प्रोग्राम बनाया कि अब ज्योति को असली मजा दिया जाए । रेनू को तुम्हारे जीजाजी नहलाकर सुबह स्कुल भेज दिया । उसे भी खुब मजा दे दे कर नहलाया । रेनू के स्कुल जाने के बाद घर में केवल हम तीनों यानी मैं , ज्योति और तुम्हारे जीजाजी रह गये थे । तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को गोद में उठाया और बेड रूम में आ गये । मैने 84 इंच की टीवी में मस्त इंगलिश ब्लू फिल्म लगा दी । जो एक फैमली सैक्स ब्लू फिल्म थी । जिसमें एक लड़का अपनी दो बहनों के साथ सेक्स कर रहा था । पाँच मिनट फिल्म देखने के बाद ही ज्योति अच्छी खासी उत्तेजित हो उठी । तब तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति के होठो पर एक प्यारा सा चुम्बन लिया और उसके स्तनों को दबाते सहलाते हुए उसके कपड़े उतारने लगे । इधर मैं भी अपने सारे कपड़े खोलकर बिल्कुल नंगी हो गयी और तुम्हारे जीजाजी को भी पूरा नंगा कर दिया ।

वैसे तुम्हारे जीजाजी ने तो अब घर में कपड़े पहनना कब का छोड़ दिया था घर में तो ज्यादातर वे बिल्कुल निवस्त्र ही रहते कभी कभी केवल कमर में एक छोटा गमछा लपेट लेते । तुम्हारे जीजाजी , ज्योति और मैं तीनो अब बिल्कुल ही निवस्त्र यानी नंगे हो गये थे , जीजाजी का उत्तेजित लंड सलामी दे रहा था उन्होने ज्योति को बाँहो में समेट लिया और गले से लगा लिया फिर मैने ज्योति को अपनी ओर लेकर ज्योति को होठो पर एक प्यारा सा चुम्बन दिया और तुम्हारे जीजाजी का मोटा उत्तेजित लंड को चुमकर प्यार से ज्योति के हाथ में रख लिया । ज्योति हाथों में लेकर उसे आश्चर्य से देखने लगी उसे विश्वास नहीं हो रहा कि इतना बड़ा और मोटा लंड उस दिन उसकी फिक्की घुस गया था । वह कभी तुम्हारे जीजाजी के लंड को देखती तो अपनी एक अंगुली अपनी फिक्की में घुसा कर देखती ।

मैने कहा – ज्योति रानी , यही लंड रोज मैं अपनी चुत के अंदर लेती हूँ बड़ा मजा आता है और आज से यही मजा तुम्हारे भैया तुम्हें भी देगें । कहते हुए मैं तुम्हारे जीजाजी का लंड पकड़कर चूसने लगी । ज्योति देख कर पूरा उत्तेजित हो गयी । तुम्हारे जीजाजी ने पहले मुझे चोदना चाहा लेकिन मैने कहा कि भाई के लंड पर बहन का हक पहले बनता है इसलिए पहले बहन को चोदो उसके बाद बीबी को , यह सुनकर तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को गोद में उठाकर बेड पर लिटा दिया और खुद उसपर सवार हो गये । सबसे पहले तुम्हारे जीजाजी ने अपनी बहन ज्योति के ओठो को चुमने के बाद ज्योति का पोर पोर चुमा साथ ही लगातार उसके स्तनों को दबाते सहलाते और चुसते रहे । उसके बाद जब उसके चुत को चुमने लगे और चुत के अंदर जीभ डालकर योनी को चुसने लगे तो ज्योति बैचैन हो गयी ।

तब मैने कहा – बेचारी को क्यों तड़पा रहे हो अब अंदर डाल दो ना । ज्योति की चुत अच्छी खासी गीली हो गयी थी यहाँ तक कि रस बाहर टपक रहा था फिर भी तुम्हारे जीजाजी के लंड में ढ़ेर सारी चिकनाई लगा दी । जीजाजी ने अपना लंड ज्योति के चुत के छेद पर रखा और धीरे धीरे अंदर डालते हुए एक जोर का झटका दिया । ज्योति उछल पड़ी । ज्योति की चुत बहुत टाईट थी फिर उसने लंड को आधा बाहर निकाला और पूरी ताकत लगाकर एक जोरदार झटका दिया । पूरा लंड ज्योति की योनी के अंदर चला गया । ज्योति छटपटा उठी ।

मैं पहले से अपनी एक चूची से ज्योति का मुंह बंद कर रखा था और लगातार ज्योति के स्तनों और शरीर को सहला रही थी । जीजाजी ने अपने लंड को बहन की चुत में आगे पीछे करते हुए घर्षण करने लगे और धक्के लगाने लगे । ज्योति को भी मजा आने लगा वो आनंद के सागर में गोते लगाने लगी । जीजाजी दोनो हथेलियों से ज्योति के स्तनों को दबाते और मसलते हुए लगातार धक्के लगा रहे । ज्योति के मुंह में चूकिं मैने अपनी चुची डाल रखी थी इसलिए उसके मुंह से गूं …गूं ….की आवाज आ रही थी । लेकिन इतना तय था कि अब वो भी मजा ले रही थी । इस बीच मैनें देखा ज्योति दो तीन बार झड़ी । क्यों इस बीच उसने संतुष्टी के आह्… ह् ….ह्…. की लम्बी आहें भरी ।

करीब 45 मिनट की घमासान चुदाई के बाद तुम्हारे जीजाजी भी खलास हो गये और अपना लंड ज्योति की चुत से निकाल दिया । मैने आज जो उनके चेहरे पर खुशी और संतुष्टी देखी थी , वैसी संतुष्टी और खुशी पहले कभी नहीं देखी थी । मैने चिकोटी काटी – क्यों बहन को चोदने में मजा आया ? उसने भी एक लम्बी सांस लेते हुए कहा – सचमुच ! सुप्रिया अपनी बहन को चोदने का जो आनंद और खुशी है ना वह दुनिया में कहीं नहीं है । जिस भाई बहन ने आपस में संभोग नहीं किया उसका जीवन व्यर्थ है । मैं सचमुच आज ज्योति को चोद कर बहुत बहुत खुश हूँ । कहते हुए उन्होने मुझे और ज्योति को गले लगा लिया । तब मैने ज्योति से पूछा – क्यों ज्योति मजा आया ? ज्योति शरमाकर मुझसे लिपट गई । मुँह से कुछ नहीं कहा , लेकिन चेहरे से साफ पता चल रहा थी वह भी आज बहुत खुश है । तब मैने फरमान जारी किया – आज से घर में कोई कपड़े नहीं पहनेगा , दिस इज माई ऑर्डर ।

तुम्हारे जीजाजी ने सर झुकाकर कहा – यस् मी लार्ड , जैसी आपकी आज्ञा । लेकिन रेनू ? मैने कहा – उसकी चिंता मत करो , मैं हूँ ना ! तब मैने तुनक कर कहा – इतना देर तो अपनी बहन को खुश किये अब पत्नी पर भी थोड़ा ध्यान दो । जीजाजी बोले – तुम भी विशु को बुला लो , तुम भी कुछ दिन अपने भाई से चुदवा लेना । मैने कहा – अगर विशु रहता तो मैं तुमको क्यों बोलती ? पति से ज्यादा मजा बहन को भाई से चुदवाने में आता है , क्यों ज्योति ? ज्योति हँस पड़ी ।

मैं तुम्हारे जीजाजी का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी । उनका लंड दो तीन मिनट में ही सलामी देने लगा । फिर उन्होने मुझे वहीं बिस्तर पर पटक दिया और ताबोड़ ताड़ मेरी चुदाई शुरू कर दी । ज्योति वहीं बैठी हमारी चुदाई देख रही थी । मैं ज्योति का उत्साह बढ़ाने के जोर जोर मजा मजा ले ले कर चुदवा रही थी । आह ….हू ……रूको नहीं ….और जोर से ….. हाँ अब ठीक है ….. आ …. ह ….. बहुत मजा ….. आ रहा है …… चिल्लाते हुए चुदवाने लगी । मैने देखा तुम्हारे जीजाजी आज दुगुने तिगुने जोश से मुझे चोद रहे थे इतना जोश पहले कभी नहीं देखा था । मैं समझ गयी कि यह ज्योति की चुत का असर है । मैं तीन चार बार झड़ चुकी थी लेकिन आज ये थकने का नाम ही नहीं ले रहे थे ।

फिर उन्होने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरे चुत में लंड डालकर ताबोड़ तोड़ चुदाई करने लगे । मैने ज्योति को अपनी ओर खिंच लिया और उसकी चुत पर अपना मुंह लगा दिया । ये पीछे से धक्का मारते रहे और मैं ज्योति की चुत में मुंह चलाते रही । ये पीछे जितने जोर से धक्का मारते मैं ज्योति की चुत में उतना ही जोर से जीभ चलाती और उतना ही तेजी से उसके योनी को चूसती । करीब पंद्रह मिनट बाद हम तीनों ही एक साथ साथ खलास हुए । आज हम तीनों ही बहुत खुश थे । हम तीनों एक दूसरे से गले मिले और एक दूसरे का चुम्बन लिया । मेरी आज्ञा के अनुसार सचमुच आज किसी ने कपड़े नहीं पहने और सब वैसे ही अपना अपना काम करने लगे ।

तीन बजे रेनू स्कूल से आयी । मैने ही दरवाजा खोला , रेनू अंदर आयी , सबको नंग धडंग देख कर हंसने लगी । मैने कहा – गरमी बहुत है , इसलिए हम सभी ने सोचा है कि हम लोग आज से घर में कोई कपड़े नहीं पहनेगें , इसलिए आज से तुम भी घर में कपड़े मत पहनना । रेनू हँसते हुए बोली – ठीक है भाभी । फिर हम सबने वैसे ही नंगे ही खाना खाया । रेनू अपने भैया की गोद बैठ कर खाने लगी । उसको अपने भैया की गोद में बैठकर खाना अच्छा लगता था क्योंकि जब उसके भैया का खड़ा लंड उसकी योनी में सटता था तो उसे बहुत अच्छा लगता था दूसरा खाना खाते हुए उसके भैया उसके पूरे शरीर को भी प्यार से सहलाते रहते थे तो उसको बहुत मजा आता था ।

खाना खाने के बाद हम लोग बेड रूम में आकर बैठे । रेनू मेरी गोद में और ज्योति इनकी गोद में । फिर मैने ज्योति और रेनू को समझाया कि कभी भी घर की ये सब बातें बाहर किसी से भूलकर भी नहीं कहना साथ ही सबको अपनी सौगंध दिलाई । क्योकिं मैं जानती थी कि ये सभी सबसे ज्यादा मुझे ही प्यार करते हैं इसलिए मेरे मरने पर इन्हे सबसे ज्यादा दुख होगा । ये भगवान की सौगंध तोड़ सकते हैं लेकिन मेरी नहीं । फिर मैने रेनू को और तुम्हारे भैया ने ज्योति को खुब प्यार किया । फिर हमने स्त्री पुरूष के शरीर के बारे में, संभोग के बारे में विस्तार से बहुत सारी बातें की । कैसे लंड चूसते हैं , कैसे चुत चाटते हैं , स्तनों को चूसने , चाटने सहलाने में क्यों मजा आता है ये सब बाते विस्तार से बतायी । सबको सुनने में बहुत मजा आ रहा था । एक तरह से मैं इनकी सैक्स टीचर थी । रेनू ने कहा – भाभी कर के बताओ ना ।

मैने कहा – ठीक है सब कुछ करके बताती हूँ । कहकर मैं तुम्हारे जीजाजी का लंड हाथ में लेकर उसे दिखलाई , बोली – इसे लंड कहते हैं , देखो यह छोटा है अब मैं इसे मुंह में लेकर चूसती हूँ , कहकर मैं तुम्हारे जीजाजी का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी , रेनू आश्चर्य से देखने लगी । बोली – मैं भी चूसूगीं भैया का लंड । मैने कहा – लो चूसो । वह अपने भैया का लंड चूसने लगी । जीजाजी का लंड उत्तेजित होकर मोटा और लम्बा हो गया । उसका पूरा मुंह भर गया । बोली – भाभी लो अब तुम चूसो ,मेरा पूरा मुंह भर गया , पता नहीं कैसे यह इतना बड़ा और मोटा हो जाता है । मैने बताया – तुम मुंह में लेकर इसको इतना प्यार की ना इसलिए यह खुश हो गया । फिर मैंने अपनी चुत को फैलाकर उसे अंदर तक दिखलाया । बताया कि उपर जो छोटा छेद है , उससे पेशाब करते हैं और नीचे वाला बड़ा छेद है ना यही छेद मजा करने के लिए है ।

रेनू ने पूछा – मजा कैसे करते हैं ? मैं बोली – अच्छा , कर के बताती हूँ । कहकर मैं उठी और ज्योति और रेनू को दिखाते हुए अपने चुत के छेद में तुम्हारे जीजाजी के उत्तेजित लंड को घुसा लिया , पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में समा गया । मैं रेनू और ज्योति को दिखलाते हुए बतायी – देखो चुत के इस छेद में लंड घुसाते हैं , कहकर मैने अपनी चुत पूरी तरह फैला कर उन्हें दिखलायी । दोनों बहुत ध्यान से देख रही थी । फिर तुम्हारे जीजाजी मेरी चुचियों को दबाने सहलाने लगे और मैं तुम्हारे जीजाजी के लंड की सवारी करने लगी । दोनो बहन बहुत ध्यान से लंड को चुत के अंदर आते जाते देख रही थी । रेनू को देखने में बहुत मजा आ रहा था वह एकदम मेरी चुत के पास आ कर देख रही थी कि कैसे भैया का इतना मोटा और लम्बा लंड इतनी आसानी से भाभी की चुत में आ जा रहा है और भाभी को दर्द भी नहीं कर रहा है और इतना मजा आ रहा है ।

वह बार बार अपनी चुत के अंदर अंगुली घुसाकर देख रही थी । फिर मैं पलट गयी और तुम्हारे जीजाजी मेरी चुचियों को मुंह लगाकर चुसने लगे और मेरे नितंबों को सहलाने लगे और साथ नीचे से धक्का लगाने लगे , मैं उपर नीचे होकर मजा ले रही थी और आह…उह ….और जोर से ….आवाज निकाल रही थी । ज्योति और रेनू को यह सब देखने में खुब मजा आ रहा था । थोड़ी देर बाद हम लोग झड़ गये और हम अलग हो गये । मैने दोनों से पूछा – क्या ज्योति ,क्या रेनू मजा आया ? दोनो एक साथ बोली – हाँ भाभी , बहुत मजा आया । प्लीज भाभी रोज हमको इसी तरह प्यार करके दिखाना ना , देखने में बहुत मजा आता है । दोनो मेरी खुब खुशामद करने लगी , भाभी प्लीज ।

मैने कहा – ठीक है बाबा , तुमलोग जब कहोगी तब तुम लोगों को सबकुछ कर के दिखाऊँगी । कहते हुए मैने रेनू को अपनी और खिंच लिया और अपनी एक चुची रेनू के मुंह में डाल दी और रेनू के दूसरे हाथ को अपनी दूसरी चूची पर रख कर दबाने और सहलाने को कहा । वह मजे से मेरी चुची चूसने लगी और दूसरी चुची को दबाने लगी उसे भी खुब मजा आने लगा । मैं उसके पीठ नितंबों को सहलाने लगी और वह मजे ले ले कर मेरी दोनो चुचियों को पीने , दबाने और सहलाने लगी ।

तब तुम्हारे जीजाजी ने ज्योति को अपनी ओर खिंच लिया और इसकी दोनो चुचियों को पीने , दबाने , सहलाने और चुसने लगे । सबको बहुत मजा आने लगा । मैने रेनू से वादा किया किया रात को तुम्हारे भैया ज्योति को चोद कर दिखलायेगें । मैने तुम्हारे जीजाजी को कहा – देखा मेरा कमाल ? आखिर मैने तुम्हें बहन चुदवा दिया ना अब रेनू को भी जितना जल्दी हो सके चोद लेना तब तक उपर से जितना मजा ले सकते हो लेते रहो ।
वादे के अनुसार तुम्हारे जीजाजी को रेनू के सामने रात को ज्योति को चोदकर दिखलाना था । रात को हम चारो जल्दी ही बेड पर आ गये । मैने तुम्हारे जीजाजी का लंड मुंह में लेकर थोड़ी देर चूसा । तुम्हारे जीजाजी ज्योति को प्यार करने लगे , उसके ओठो पर चुमने और पूरे शरीर को सहलाने चूमने के बाद उसकी चुचियों दबाने , सहलाने और चूसने लगे । फिर उन्होने ज्योति की चुत में मुंह लगा दिया । ज्योति उत्तेजना से आह ….उह ….करने लगी । रेनू बड़े ध्यान से ये सब देख रही थी । फिर तुम्हारे जीजाजी ने अपना लंड ज्योति के चुत के छेद पर रखा और धक्का दिया । लंड आधा अंदर चला गया था फिर उन्होने लंड को बाहर निकाला और जोर धक्का मारते हुए अपने पूरे लंड के ज्योति के चुत के अंदर ढेल दिया ।

पूरा लंड अंदर चला गया । ज्योति उछल पड़ी । पहले तो तुम्हारे जीजाजी धीरे धीरे ज्योति की चुत में अंदर बाहर करते रहे फिर अपनी स्पीड बढ़ाते हुए जोरदार चुदाई कर रहे थे । रेनू आश्चर्य से बड़े ध्यान से देख रही थी । ज्योति ने आह … उह… करके मजे ले लेकर अपने भैया के साथ संभोग कर रही थी और मैं रेनू को सब कुछ दिखा दिखा कर विस्तार से सब समझा रही थी । ज्योति ने अपने दोनों पैरो को अपने भैया को कमर के चारो ओर लपेट लिया था और उसके भैया ज्योति की चुत में अपने लंड से धक्के पर धक्का लगा रहे थे । बहुत देर बाद ज्योति चीख मारकर शांत पर गयी यानि झड़ गयी थी तुम्हारे जीजाजी का भी जब हो गया उन्होने अपना लंड ज्योति की चुत से बाहर निकाला और ज्योति को होठो पर एक लम्बा Kiss लिया । ज्योति भी अपने भैया को चुमने लगी । रेनू यह सब देख कर बहुत रोमांचित थी ।

वह ज्योति की चुत में अंगुली डाल डाल कर देख रही थी । फिर उसने मुझसे रिक्वेस्ट की – भाभी , भैया को बोलो ना , मेरे साथ भी वैसे ही प्यार करे । मेरी भी चुत में अपना लंड डालकर मुझे भी प्यार करे । तब मैनें उसे समझाया तुम्हारी चुत का छेद अभी बहुत छोटा है अभी तुम्हारे भैया इसको उपर से प्यार करेंगें , जब तुम थोड़ी बड़ी हो जाएगी तो तुम्हारे छेद में तुम्हारे भैया अपना ये वाला डालकर तुम्हें बहुत प्यार करेगें । फिर मैने तुम्हारे जीजाजी को रेनू को भी प्यार करने को कहा । तुम्हारे जीजाजी ने भी रेनू का पूरे शरीर को अपने होठों से हौले हौले सहलार , चूमकर बहुत प्यार किया और उसके स्तनों को देर तक चूसा और उसकी चुत में जीभ घुसाकर देर तक चाटते चूसते रहे जब तक रेनू का मन भर नहीं गया वे रेनू को प्यार करते रहे । उसके बाद तुम्हारे जीजाजी ने मुझे ज्योति और रेनू के बीच में लिटाया मेरे साथ संभोग करने लगे । रेनू और ज्योति मजे ले लेकर देखती रही । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

रेनू और भैया भाभी का प्यार

सुप्रिया दी ने बताया कि अब रोज रात को दोनों बहनों (ज्योति और रेनू) के बीच सोती और तुम्हारे जीजाजी मेरे उपर चढ़कर मुझे प्यार करते साथ साथ दोनों बहन के स्तनों को चूसते , सहलाते ,दबाते , मसलते और दोनो बहनों के चुत में भी अंगुली करते रहते । अपना उत्तेजित लंड कभी ज्योति के मुंह में डालते तो कभी रेनू के मुंह में डालते तो कभी मेरे मुंह में । फिर वहीं मुझे घोड़ी बनाकर अपनी दोनो बहनों के सामने ही मेरी सवारी करते । मेरे स्तनों को पकड़कर जोर जोर धक्का मारते और मैं जोर जोर आह …उह …चिल्लाते रहते कभी कभी मेरी चुदाई करते करते अपना उत्तेजित लंड ज्योति की चुत में डालकर उसकी चुदाई करने लगते ।

फिर उसकी योनी से लिकाल कर मेरी चुत में डाल देते इस तरह एक साथ मेरी और ज्योति दोनो की चुदाई एक साथ करते । रेनू को यह सब देख कर बहुत मजा आता । फिर तुम्हारे जीजाजी देर तक रेनू को प्यार करते । उसते दोनो चुचियों को खुब पीते , चूसते सहलाते और उसकी चुत में जीभ डालकर खुब देर तक चाटते और चूसते । वह भी खुश हो जाती । हम लोगों के बड़े मजे से कट रहे थे । घर में तो कोई कपड़ा पहनता नहीं था । सब एकदम नंगे ही रहते थे तो तुम्हारे जीजाजी 84 इंच की टीवी पर HD Qua।ity की मस्त ब्लू फिल्म लगा लेते और ज्योति या मुझे अपनी गोद में बैठाकर दिन रात मेरी और ज्योति की चुदाई करते रहते । रेनू को भी गोद में बैठाकर उसके स्तनों को चूसते , दबाते और मसलते रहते और उसकी चुत में अंगुली करते करते यानि दिन रात मेरे घर में कामुकता और संभोग का ही माहौल रहता ।

जिसको जब मन किया किसी की चुत को चाट चूस लिया , स्तनों को मसल दिया चूस लिया । तुन्हारे भैया को जिसको जब मन किया चोद लिया । बहुत ही आनंदायक जीवन है हमलोगों का ।
तुम्हारे जीजाजी रोज रेनू की चुत अंगुली घुसा घुसा कर उसके चुत के छेद को बड़ा करते ताकि लंड घुसाते समय ज्यादा दर्द ना हो और लंड को भी चुत के उपर रोज रगड़ते ताकि मजा मिलते रहे और थोड़ा थोड़ा रेनू की चुत में घुसाने का प्रयास करते । इतने दिनों के प्रयास से अभी तक आधा लंड ही रेनू की चुत में घुस पाया था वह भी बड़ी कठीनाई से । रेनू भी अब 18 साल की हो गयी थी । अब उसकी भी चुदाई कर देनी जरूरी थी और जब भी करें तो सील टूटने में दर्द तो होगा ही । सो मैने एक दिन घर में ऐलान कर दिया कि कल रेनू की सील तुम्हारे भैया तोड़ेंगें । सो कल सब लोग घर में ही रहेगे क्योकिं कल रेनू का चुत का उद्धघाटन होगा । सभी लोग बहुत उत्सुक थे ।
मैने पहले ही ज्योति के चुत के उद्धघाटन की तरह रेनू के चुत के उद्धघाटन की सब तैयारी कर ली थी । रेनू को दर्द वाला दो टेबलेट खिला दिया और तुम्हारे जीजाजी को वियाग्रा की दो टेबलेट । साथ ही रेनू को जोश वाली टेबलेट भी खिला दी ताकि रेनू का जोश बना रहे । सबसे पहले तुम्हारे जीजाजी ने रेनू को गोद में उठाया और बिस्तर पर ले आये । पीछे पीछे मैं और ज्योति भी आयी । हम चारो एकदम नंगे थे । सबसे पहले हम सबने एक एक करके रेनू के चुत को चुम चुम कर रेनू को चुत के उद्धघाटन की शुभकामानें दी और बेस्ट ऑफ लॅक कहा ।

रेनू भी अच्छी खासी उत्साहित थी कि आज के बाद वह भी मन भर कर हमारी तरह अपमे भैया से चुदवा सकेगी । सबसे पहले तुम्हारे जीजाजी ने रेनु के होठो को चुमना शुरू किया और दस मिनट तक चुमते रहे साथ ही रेनू के स्तनों को सहलाते और मसलते रहे । उसके बाद वे रेनू के उरोजों को प्यार से सहलाते हुए उसके निप्पलों को चुसना चालू किया उधर रेनू बार बार मचल रही थी । साथ ही तुम्हारे जीजाजी उसके चुत को भी अंगुली से सहला रहे थे । रेनू जोश और कामवासना से पागल हो रही थी और अपने चुतड़ों को बार बार उछाल उछाल रही थी । फिर तुम्हारे जीजाजी ने उसके सारे शरीर को अपने होठो से हौले हौले सहलाने और चूमने के बाद उसकी चुत में अपना मुंह रखा तो वो चिंहुक पड़ी ।

तुम्हारे जीजाजी अपनी बहन की योनि को चुम कर उसके अंदर अपनी जीभ डाल कर चाटने चूसने लगे रेनू जोश से पागल हुए जा रही थी, चुत से रस नीचे टपकने लगा था । फिर मैने उन्हें रूकने का इशारा किया और ढेर सारी चिकनाई रेनू के योनि और तुम्हारे जीजाजी के लंड पर डाल दी । फिर मैने इशारा किया तो तुम्हारे जीजाजी ने अपने लंड का टोपा रेनू के चुत के छेद के मुहाने पर रखा और थोड़ा घुसाकर जोर से धक्का मारा चुत को चीरते हुए आधा लंड चुत से अंदर घुस गया । रेनू छटपटा उठी , उसने दर्द को बर्दाश्त करने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर भी आँखों से आँसू निकल आये ।

मैने अपनी एक चुची पहले ही रेनू के मुंह में डाल रखा था । ये तो दर्द के टेबलेट के कारण था , वरना रेनू बर्दाश्त नहीं कर पाती । फिर मैने तुम्हारे जीजाजी को थोड़ा रूक कर रेनु को प्यार करने को कहा । वे प्यार करने लगे । रेनू शांत हो गयी तब तुम्हारे जीजाजी ने दुबारा कोशिश की । इसबार जोर का धक्का दिया तो लंड रेनू की योनी को चीरते हुए पूरी तरह चुत में समा गया । रेनू बर्दाश्त नहीं कर पायी । बेहोश हो गयी ।

मैने तुम्हारे जीजाजी को कहा रूके नहीं धक्का लगाते रहे फिर मैने रेनू के मुंह पर पानी के छिटें मारकर होश में लाया । थोड़ी देर दर्द बर्दाश्त करने के बाद रेनू भी मजे लेने लगी और मुंह से आह …. उह …. उई मां ….. करने लगी और अपने दोनों पैरो को अपने भैया के कमर के चारो ओर लपेट लिया । उसके भैया धक्के पर धक्के लगा रहे थे और वह अपनी पहली चुदाई के मजे ले रही थी । बहुत देर बाद रेनू चीख मारकर शांत हो गयी यानि झड़ गयी थी थोड़ी देर बाद तुम्हारे जीजाजी भी झड़ गये और अपना सारा का सारा वीर्य रेनू की चुत में उढेल दिया ।

तुम्हारे जीजाजी ने अपने बहन की चुत से अपना लंड बाहर निकाला । पूरा लंड वीर्य और खून से सना था । यानी रेनू की चुत की सील टूट गयी थी । हम सबने रेनू को चुत के उद्धघाटन , पहली चुदाई और सील टूटने की बहुत बहुत बधाई दी । खून देखकर रेनू घबड़ा गयी हम सबसे उसे समझाया कि पहली बार में यह सब होता है इसमें घबड़ाने की कोई बात नहीं है । अब ना दर्द होगा ना खून निकलेगा , बस मजा ही मजा आएगा । उसके हम सबने उसे मिठाई खाने को दी और तुम्हारे जीजाजी ने एक बड़ा सा स्पेशल चॉकलेट , एक लाल गुलाब और एक सुन्दर सा रेनू का मनपसंद ड्रेस रेनू को उपहार में दिया । रेनू भी खुश हो गयी । मैने देखा कि रेनू की चुत सुज गयी थी । मैने गर्म पानी कर रेनू की चुत के अच्छे से सिंकाई की और उसमें दर्द और सूजन को खत्म करने वाली महलम लगा दी । फिर मैने दो दिन तक रेनू को केवल आराम करने को कहा और रेनू की खुब सेवा की । अब हम चारो बहुत खुश थे । अब तुम्हारे जीजाजी मेरे अलावे अपनी दोनो बहनों ज्योति और रेनू को भी आराम से चोद सकते थे । शाम को हम लोगों ने मस्त पार्टी की । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।
कुछ दिन बाद ज्योति और रेनू के स्कूल से फोन आया कि अर्जेटली मुझे और तुम्हारे जीजाजी को स्कूल में बुलाया गया है । हम घबड़ा कर स्कूल पहुँचे और टीचर से मिले । वो हम लोगों को प्रिंसपल के कमरे में ले गयी । वहाँ रेनू और ज्योति सिर झुकाए खड़ी थी । प्रिंसपल ने हमें बैठने को कहा । हम चुपचाप बैठ गये । प्रिंसपल ने रेनू और ज्योति का रिजल्ट निकाल कर हमारे सामने रख दिया । हमने कांपते हाथों से रिजल्ट खोल कर देखा । जोर का झटका लगा । रेनू और ज्योति अपने अपने क्लास में फर्स्ट आयी थी । हमारे साथ साथ रेनू और ज्योति भी उछल पड़ी । प्रिंसपल ने हमें दोनों को और रेनू , ज्योति को बहुत बहुत बधाई दी साथ इतने अच्छे संस्कार और अनुशासन के पालने के लिए हमारी खुब तारीफ की ।

फिर बोले परसो शाम को आप स्कूल के वार्षिक उत्सव में जरूर आना है क्योकि रेनू और ज्योति दोनों को अपने अपने क्लास में बेस्ट स्टुडेंट , वेस्ट डिसिप्लीन , वेस्ट प्रोफोरमेंस और अन्य कई पुरस्कार मिले हैं । फिर प्रिसिपल ने रेनू और ज्योति को उसके क्लास में भेज दिया । उसके बाद उनकी टिचर ने बताया कि जहाँ उसकी बाकि क्लास की लड़कियां कभी प्यार , कभी लव लेटर , कभी ब्रेक अप, कभी और कुछ के चक्कर में पड़ी रहती वहीं ये दोनों बहने किसी लड़के की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देखती है और पढ़ाई ही नहीं खेल कूद और कम्पीटीशन में भी सबसे आगे रहती है और सबसे खुश और मिलजुल कर रहती है । आज तक इन दोनों की कोई छोटी से छोटी शिकायत भी नहीं मिली है । हम बाकि लड़के लड़कियों को इन दोनों बहनों की मिशाल देते हैं ।

आप लोगों को बहुत बहुत बधाई कि आप लोगों ने इनको इतनी अच्छी परवरिश दी । हम बहुत खुश थे । स्कूल खत्म होने के बाद दोनो बहन घर आयी तो मुझसे लगे लगकर दोनो ने मुझे चुमकर थैंक यू कहा और कहा – भाभी आपको Many Many Thanks . अगर आप ना होती ये ये कभी नहीं होता । आप अगर हम दोनों बहनों को भैया से चुदवा नहीं देती तो आज हम भी किसी लड़के के चक्कर में पड़कर और लड़कियों की तरह बर्बाद हो गये होते फिर दोनों बहन अपने भैया से गले मिली और उनका लंड लिकाल कर होठों से चुम लिया ।

बोली – भैया आपका और आपके इस लंड का बहुत बहुत शुक्रिया कहते हुए दोनो ने बारी बारी से अपने भैया का लंड चूस लिया तब मैने कहा – केवल सारा प्यार भाई के लिए ही है कि भाभी के लिए भी कुछ बचा है ? ज्योति बोली – अरे भाभी , आप तो हमारी सब कुछ हैैं कहते हुए दोनो बहनों ने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरी चुत में मुंह लगा दी और दोनों ने एकदम अंदर तक जीभ घुसा घुसा कर बहुत देर तक मेरी चुत चाटी और चूसी । मैं उनका प्यार देख कर भाव विभोर हो गयी । फिर सबने कपड़े खोले और हमेशा की तरह सबने नंगें ही खाना खाये ।

ज्योति ने अपने भैया की गोद में बैठ कर खाना खाने और अपने भैया का लंड अपनी चुत के अंदर डाल ली । उसके भैया नीचे से धक्के लगा लगाकर उसकी चुदाई भी करते रहे और प्यार से उसे खाना भी खिलाते रहे । मैं खुश होकर दोनों भाई बहन का प्यार देखती रही । पेट भरने के साथ साथ उनका मन भी तृप्त हो गया । खाना खाकर हम लोग बिस्तर पर आ गये और टीवी पर एक मस्त ब्लू फिल्म लगा दी । सब फिल्म देखने लगे जिसमे एक भाई अपनी मस्त बहन को प्यार कर रहा था और चोद रहा था ।

असलदर मुझे भाई बहन की चुदाई वाली ब्लू फिल्में ही सबसे ज्यादा पसंद थी इसलिए मैं वही फिल्मे ही हमेशा देखती थी । भाई बहन की चुदाई देखकर ही मैं बहुत ज्यादा रोमांचित होती थी इसलिए मैं चाहती थी तुम्हारे जीजाजी अपनी बहनों को ज्यादा से ज्यादा चोदे । तो मैने तुम्हारे जीजाजी को कहा – ज्योति को तो खुश कर दिये , रेनू भी अपने क्लास में टॉप की है , उसे भी तो खुश करते बधाई दो रेनू के भैया बोले हाँ क्यों नहीं ! कहते हुए उन्होने रेनू को अपनी ओर खींच लिया और उसके स्तनों को सहलाने और चूसने लगे और उसकी चुत में जीभ डालकर चाटने लगे ।

फिर मैने रेनू की चुत में और तुम्हारे जीजाजी के लंड में चिकनाई डाली और तुम्हारे जीजाजी को रेनू को पेलने के लिए कहा । तुम्हारे जीजाजी पहले थोड़ा सा घुसाया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे रेनू को भी मजा आने लगा । उसने स्पीड बढ़ाने को कहा तो तुुम्हारे जीजाजी ने स्पीड बढ़ा दी । अब रेनू जोर जोर से आह …. उह …..हाय मर गयी ….उई माँ …… चिल्लाने लगी तो मैने तुम्हारे जीजाजी को स्पीड बढ़ाने को बोली । तुम्हारे जीजाजी ने स्पीड बढ़ा दी आज रेनू को संभोग का सच्चा सुख मिल रहा था । वो आनंद के सागर में गोते लगा रही थी । तुम्हारे जीजाजी उसके चुचियों को पीते हुए धक्के पर धक्के लगा रहे थे चालीस पैतालिस मिनट की घमासान चुदाई के बाद रेनू ने एक जोरदार चीख मारी और शांत हो गयी । तुम्हारे जीजाजी भी शांत हो गये वो भी झड़ गये थे । उन्होने अपना लंड रेनू की चुत से बाहर निकाला और रेनू के होठो चुम लिया ।

रेनू ने भी अपने भैया को चुम कर कहा – I ।ove You भैया , आज मैं बहुत खुश हूँ , I ।ove You . कहते हुए अपने भाई के होठो पर एक जोरदार पप्पी ली ।यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।
दो दिन रेनू और ज्योति के स्कूल में वार्षिक उत्सव था । मुझे और तुम्हारे जीजाजी विशेष सम्मान के साथ बुलाया गया था । रेनू और ज्योति के साथ हमें भी स्टेज पर बुलाकर सम्मानित किया गया और सभी से हमारा परिचय कराया गया । सभी ने हमें ढेर सारी बधाईयाँ दी । हम बहुत खुश हुए तुम्हारे जीजाजी ने तारीफ वाली निगाहों से मेरी ओर देखा । अब मैं और तुम्हारे जीजाजी नीचे आकर बैठ गये । रेनू और ज्योति स्टेज के पीछे चली गयी । थोड़ी ही देर में घोषणा हुई कि हमारे स्कुल की दो बेहतरीन कलाकारों का युगल नृत्य होगा और विशेष बात यह है कि दोनों संगी बहनें हैं और कला और नृत्य में कोई किसी से कम नहीं है । स्टेज का लाईट जलने के साथ ही दो बहुत सुबसूरत खुबसूरत लड़कियां स्टेज पर प्रकट हुई और भारतीय क्लासिकल नृत्य करने लगी । दोनों के युगल नृत्य ने दर्शकों मंत्र मुग्ध कर दिया ।

यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।कोई किसी से कम नहीं लग रही थी । तभी मुझे लगा कि दोनो लड़कियों का चेहरा कुछ जाना पहचाना लग रहा है । मैं ध्यान से पहचानने की कोशिश करने लगी । मैं उछल पड़ी , अरे ! ये दोनों तो अपनी ज्योति और रेनू है । ये इतना सुन्दर नृत्य कब सिखी ? हमें तो कुछ पता नहीं चला ? ये तो सरप्राईज गिफ्ट था हमारे लिए । सभी दर्शक वाह ! वाह ! करते हुए ताली बजाने लगे । तो उन दोनो़ दर्शकों को प्रणाम करने के बाद स्टेज ने नीचे आकर अपने प्रिंसपल , टीचर , अपने नृत्य गुरू माता और हमारे पांव छू लिए । हमने खड़े होकर दोनों को गले लगा लिया ।
घर आते ही ज्योति और रेनू ने उन्हें मिले ढेर सारे पुरस्कार लाकर मुझे और अपने भैया के हाथों में देकर बोली – भाभी यह आपकी ही मेहनत और प्यार का फल है ।

कहाँ हमें ठीक से नहाना तक नहीं आता था और आपने हमें क्या से क्या बना दिया और अगर आप और भैया हमें इतना प्यार नहीं देते तो हमारा दिमाग कहां कहां भटकते रहता और ठीक से पढ़ लिख भी नहीं पाती और किसी आवारा लड़के के पीछे हम दोनों बरबाद हो जाती । भैया का थैक्स , कि हम दोनों बहनों को इतना प्यार करते हैं कि हमें और किसी के प्यार की जरूरत ही पड़ती । लेकिन भैया को हम दोनों से इतना प्यार करवानी वाली आप ही वो हमारी वो प्यारी भाभी है । आपको बहुत बहुत थैंक्स ।
मैने पूछा – वो सब तो ठीक है । लेकिन तुमने इतना अच्छा नृत्य कहां से सिखा ? हमें बताया भी नहीं ?
ज्योति ने बताया कि स्कूल जो खाली पिरियड होता था उस समय बाकि लड़कियाँ इधर उधर बातें और चुहलबाजियां करती थी तो हमे उन सब में मन नहीं लगता था हम दोनो बहन अपने नृत्य टीचर के पास जाकर नृत्य सिखते थे और वो भी हम दोनों के सीखने की ललक और गुरूभक्ति देखकर बहुत प्रेम और लगन से हमें सिखाती और हम भी पूरी लगन से सिखते । आपलोगों को इस लिए नहीं बताया कि हम दोनों बहन भैया और भाभी को सरप्राईज देना चाहते थे । यह कहानी आप दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।
तब मैनें उन्हें बताया कि मुझे भी नृत्य का बड़ा शौक है । लेकिन कुछ कारणों से नहीं सीख पायी । तुम दोनो बहन मुझे भी सीखा देना । दोनों एक साथ बोली – हाँ भाभी । कहकर दोनों मेरे गले लग गयी ।
मैं याद कर रही थी कि अगर उस दिन मैं तुम्हारे जीजाजी को अपनी बहनों के साथ नहाने के लिए नहीं मना लेती तो यह सब होना मुश्किल था । इसलिए सब भाई बहन को हमेशा साथ में नहाना चाहिए ।

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