हेलो दोस्तों! मैं निकिता फिर से हाज़िर हूँ अपनी नई कहानी के साथ। पिछली बार ठरकी टीचर सूरज, उसकी बीवी और हॉस्टल की होली में मैंने आपको बताया था कि कैसे सूरज सर की पत्नी सीमा तुषार, रोहन और केशव के साथ होली वाली चुदाई के मजे लेने के बाद नंगी ही होस्टल के बाकी लड़कों के साथ रंगों में खो गई थी।
अगर आप मेरे बारे में और जानना चाहते है तो मेरी पिछली कहानियां
निकिता का वैलेंटाइन वीक पार्ट 1, पार्ट 2, पार्ट 3 पढ़ सकते हैं।
सूरज सर ने स्कूल में क्या चुदास मचा रखी थी पढ़ना चाहते है तो उनकी कहानियां मोनिका के साथ सेक्स और पायल की गुफा में चुदाई भी पढ़ सकते हैं
चलिए कहानी पर आते हैं
असल में, सीमा ने इस बार बिना किसी झिझक या लोक-लाज की परवाह किए नंगी होकर होली के रंगों में पूरी तरह डूबने का मन बना लिया था। उसकी हंसी और बेफिक्री देखते ही बनती थी। मैं और रिया दूर खड़े ये सब देख रहे थे—थोड़े बोर हो रहे थे, और कहीं न कहीं हमें सीमा से जलन भी हो रही थी। असल में, परेशानी ये थी कि रिया का बॉयफ्रेंड तुषार और मेरा बॉयफ्रेंड केशव भी सीमा के साथ ही होली खेल रहे थे,अभी वे उसके नंगे बदन को रंगने में लगे थे और उनकी मस्ती को देखकर हम और भी बेचैन हो रहे थे।
जैसे-जैसे होली की मस्ती बढ़ती गई, तुषार और केशव ने सीमा को लड़कों के होस्टल में ले जाने का फैसला किया, उन लोगों ने सीमा को नंगी ही उठाया और बॉयज हॉस्टल में ले गए। सभी लड़के उनके पीछे-पीछे उसकी चूत में उंगली करते हुए और बूब्स छेड़ते हुए वहीं चले गए। हम दोनों के लिए अब ये और भी अजीब हो गया था, क्योंकि हमारे बॉयफ्रेंड्स भी सीमा के साथ होस्टल चले गए थे। थोड़ी देर इंतजार करने के बाद, हमने खुद से कहा कि आखिर हम क्यों दूसरों पर निर्भर रहें? हमने फैसला किया कि इस होली का मजा हम उनके बिना ही लेंगे।
हमारी लेस्बियन होली
तो मैं और रिया पुराने कपड़े पहनकर नीचे बाकी सहेलियों के बीच में चले गए.
नीचे जाकर मैं अपने सभी दोस्तों से मिली.
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अब सिर्फ हम लड़कियां ही थी क्योंकि लड़के सीमा को लेकर बॉयज हॉस्टल में चले गए थे ।
तो मैंने सबको रिया से भी मिलवाया.
सभी ने रिया का स्वागत बहुत गर्म जोशी के साथ किया.
मेरे ग्रुप में जो लड़कियां थी वो महा मादरचोद किस्म की लड़कियां थी. बस कोई सेक्सी लड़की देखी नहीं कि उसे देखते ही लार टपकाने लगती थी, यहां तक की आधी से ज्यादा लड़कियां डिल्डो और डिक बेल्ट रखती थीं… डिक बेल्ट वो टॉय है जिसको पहनकर लड़कियां फेक लण्ङ लगा कर दूसरी लड़कियों को चोद सकती हैं।
मैंने कभी किसी को भाव नहीं दी क्योंकि मैं लेस्बियन नहीं हूं. बस मैं उन सबकी अच्छी दोस्त जरूर बन गयी.
फिर उसके बाद तो सोसाइटी में जो भी नया लड़का या लड़की आती थी, सब उसे पूरी शिद्दत से ताड़ते थे और मज़े लेते थे.
मगर यह बात जरूर है कि मैने आज तक अपनी लिमिट्स कभी क्रॉस नहीं की थी.
हम लोगों ने आपस में कभी सेक्स नहीं किया था।
खैर अब बात होली की करते हैं तो रिया को देखते ही हमारे ग्रुप की लड़कियां उसे ताड़ने लगी.
मैंने कहा- साली ठरकियो, ये मेरी दोस्त है, इसे तो कम से कम छोड़ दो।
तो उनमें से एक लड़की ने बोला- हाँ जी, क्यों नहीं … इन्हें भी चोद देंगे. मेरा मतलब छोड़ देंगे.
उसकी बात सुनकर सब हंसने लगे.
रिया भी हंसने लगी तो वो साली हरामी लड़कियां समझ गई कि लड़की चालू है, आराम से उनकी बातों में आ जाएगी.
फिर सब लोग एक दूसरे को रंग लगाने लगे.
हमारे ग्रुप की सब लड़कियाँ एक दूसरे को जबरदस्त तरीके से रंग लगा रहे थे और मौका देखकर वो एक दूसरी लड़कियों के आपस में बूब्स चूतड़ सब दबा रहे थे.
तभी मैंने देखा कि एक लड़की जिसका नाम सुमन था, वो रिया को रंग लगा रही थी.
फिर उसने होली विश करने के बहाने से रिया को गले लगा लिया और उसकी पीठ पर रंग लगाने लगी.
रिया ने उस वक़्त टीशर्ट पहनी हुई थी तो सुमन ने रिया की टीशर्ट में अंदर हाथ डालकर उसकी कमर सहलानी शुरू कर दी.
अब वो अपने होंठ रिया की गर्दन पर घुमा रहा थी.
मैंने देखा कि रिया भी मज़े ले रही थी क्यूंकि रिया के हाथ भी सुमन की कमर पर थे और वो इन सब चीजों का मज़ा ले रही थी.
तभी एक लड़की अंकिता मेरे पास आई और मुझे रंग लगाकर मुझे होली विश की.
तो मैंने भी उसी से रंग लेकर उसे रंग लगाया.
अंकिता ने मुझे गले से लगा लिया फिर मुझसे अलग होते हुए उसने मुझे गाल पर किस किया.
मैंने उसे हंस कर बात को टाल दिया.
फिर मैंने देखा कि सुमन और रिया कही दिखाई नहीं दे रहे थे.
तभी मुझे मेरी सहेलियां अपने साथ ले गयी जहाँ वो सब होली खेल रहे थे.
मुझे होली खेलना बहुत पसंद है तो मैंने भी उनके साथ जमकर होली खेली.
हमारे ग्रुप की सीनियर लड़किया जूनियर लड़कियों को उठा उठाकर पानी के बड़े से बर्तन में डाल रहे थे.
हम सब पूरी तरह से भीग गए थे.
कुछ लड़किया रंग लगाने के बहाने से दूसरी लड़कियों के बूब्स दबा रहे थे, कोई जूनियर लड़कियों के चूतड़ सहला रही थी तो कोई चूतड़ दबा रही थी.
सब लड़कियां पूरे मज़े लेने के मूड में थी इसलिए कोई भी विरोध नहीं कर रही थी.
मैं खुद किसी का विरोध नहीं कर रही थी.
अंकिता मुझे कभी बाँहों में लेती तो कभी मेरे चूतड़ सहला देती.
एक बार तो उसने रंग लगाने के बहाने से मेरे बूब्स दबा दिए.
तो मैंने भी स्माइल करके उसकी चूत पर रंग लगा दिया.
फिर मैंने देखा कि रिया को दो लड़कियों ने आगे पीछे से पकड़ लिया और उसे रंग लगाने के बहाने रगड़ने लगी.
बाकी सब ये देखकर मज़े ले रहे थे.
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तभी पीछे वाली लड़की ने रिया का पजामा पीछे से नीचे कर दिया और रिया की पैंटी दिखने लगी. रिया ने खुद अपनी पैंटी भी नीचे कर दी और वो लोग उसकी गेंद पर रंग लगाने लगे ।
तो मुझे लगा कि अब ये सब कुछ ज्यादा हो रहा है.
मैंने पास खड़ी एक लड़की, जो है लड़की पर लड़कों से भी ज्यादा तगड़ी है ,जो मेरी दोस्त भी है, नेहा से बोला- यार, ये सब कुछ ज्यादा हो रहा है.
तो उसने हंस कर कहा- अरे यार, होली पर हम सब लोग ऐसे ही मस्ती करते हैं. और अभी तो कुछ नहीं … असली मज़ा तो आगे देखना. यहाँ क्या क्या काण्ड होंगे.
ये कहकर वो हंसने लगी। और मेरी चूची दबा दी ।
सूरज सर की बीवी का गैंगबैंग और थ्रीसम
फिर थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि सीमा केशव और तुषार के साथ हंसती हुई आ रही थी.
मैंने इशारे से सीमा से पूछा तो वो बस मुस्कुरा दी.
फिर मैंने सीमा को पकड़ा और पूछा- तूने मेरे केशव के साथ क्या क्या किया?
वो बोली:
यार केशव बहुत हॉट है., उन लोगों ने मुझे हॉस्टल के ग्राउंड में पटक दिया और बोले सब बारी बारी चोद लो । तो केशव बोला नहीं मैने कल रात को ही रिया को चोदा है और अभी अपनी गर्लफ्रेंड को चोदूंगा तुम लोग मजे करो.. सब लोग मुझ पर टूट पड़े मै सबका लुंड चूसने लगी बारी बारी पर्वितन ज्यादा लंद में नहीं चूस सकती थी, मै बोली मैं फिर कभी आ जाऊंगी अभी मुझे तुषार से चुदाना है ।
तुषार मुझे अपने फ्लैट में ले गया.
वहां और कोई नहीं था.बस केशव था जो तुषार को गाइड कर रहा था ।
अन्दर जाते ही तुषार बोला- आज तुम पहली बार मेरे रूम में आई हो, एक हग तो बनता है.
उसने मुझे हग किया और अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरे चूतड़ सहलाने लगा. तुमने तो देखा मै नंगी ही गई थी तो मुझे झुरझुरी सी हुई ।
हम दोनों रंग में रंगे हुए थे इसलिए सोफे पर या बेड पर नहीं बैठ सकते थे इसलिए हम सब कुछ खड़े खड़े ही कर रहे थे.
फिर तुषार ने मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठों को अपने कब्ज़े में ले लिया और मुझे किस करने लगा.
मुझे उसके साथ किस करने में बहुत मज़ा आ रहा था तो मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.
तुषार ने लगभग 5 मिनट तक मेरे होंठो को भयंकर तरीके से चूसा या यूँ कहिये कि उसने मेरे होंठों को खाया.
किस करते हुए अचानक तुषार को पता नहीं क्या हुआ, उसने मुझे गोद में उठा लिया और मेरी गर्दन को चाटने लगा.
फिर वो तुरंत मेरे बूब्स काटने लगा,मेरे बूब्स चाटने लगा. फिर मेरे निप्पल को काटने लगा.
मेरे हाथ बस तुषार के बालों पर ही चल रहे थे. मुझे तुषार से ऐसे बूब्स चूसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने उसके सीने पर किस करना शुरू कर दिया.
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फिर केशव मेरे पास आया और उसने मुझे नीचे बैठा दिया. मैंने केशव की जीन्स उतार दी और उसकी चड्डी भी उतार दी.
उसका लगभग 7 इंच लम्बा लंड उछलकर बाहर आ गया.
उसने अपना लंड पकड़कर मेरे मुंह में डाल दिया तो मैंने भी उसे मना नहीं दिया और उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
उसने मेरा मुंह पकड़ा और जोर जोर से धक्के देने लगा.
लगभग 5 मिनट बाद उसने मेरी चूत चोदना चालू किया , मै बोली आप तो नहीं चोदने वाले थे ना उसने बोला मैने कभी भाभियां नहीं चोदी तो मन कर रहा है.. तभी तुषार ने कमरे का दरवाजा खोल दिया ताकि बाकी लोग देख सके मुझे केशव को मुझे चोदते हुए
थोड़ी देर बाद केशव ने कहा पानी किधर निकालू तो मैने बोला चूत में ही छोड़ दो, मै शादीशुदा हु कोई दिक्कत नहीं है ।
उसने सारा पानी मेरी चूत में छोड़ दिया ।
मुझे बहुत मज़ा आया.
फिर तुषार ने मुझे सीधा खड़ा किया और मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी.
तुषार ने मुझे कहा- वाह मेरी जान, तेरी चूत तो एकदम चिकनी है. पर इसमें तो केशव का वीर्य भरा है , लगता है कि पहले चुदाई करवाने के मूड में थी.
मैंने कहा- नहीं, बस मैं अपनी चूत हमेशा ऐसे ही साफ रखती हूँ.
यह सुनते ही तुषार ने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए.
तुषार ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और खुद मेरी चूत चाटने लगा.
थोड़ी देर मेरी चूत चाटने के बाद मैंने देखा कि उसका लंड पूरे उफान पर आ चूका था.
तुषार ने मुझे सीधा लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गया.
वो मेरे होंठ चूसने लगा और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा.
फिर उसने मेरी चूत से लंड को सटा कर एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.
मेरे मुख से निकला- अआह्ह आह्ह आराम से जानू … मेरी चूत फट जाएगी … अआह ऊऊ ऊईई ईईईई ईअ आह्ह!
तुषार बहुत जोर जोर से मेरी चूत में झटके दे रहा था. उसकी चुदाई की स्पीड बहुत तेज थी.
उसके तेज तेज झटके मुझे बहुत मज़ा दे रहे थे.
मेरी ऐसी चुदाई आज बहुत दिनों बाद हुई थी.
उसने लगभग 5-6 मिनट तक मेरी चुदाई एक ही स्पीड में की.
उसके बाद वो थक गया तो उसने मुझे अपने लंड पर बैठ लिया और मुझे चुदाई करने को कहा.
तो मैंने भी उसके लंड पर उछालना शुरू कर दिया।
तुषार के दोनों हाथ मेरे बूब्स पर थे और मेरे दोनों हाथ उसके सीने पर थे.
मैं भी पूरी ताकत से झटके दे दे कर चुदाई करवा रही थी पर मुझे कहीं न कहीं यह डर था कि केशव भी मुझे बिना कंडोम चोद चुका है और तुषार भी मुझे बिना कंडोम के चोद रहा था. कही में सच में प्रेगनेंट न हो जाऊ।
इसलिए मैंने कहा- तुषार, जैसे ही तुम झड़ने वाले हो तो मुझे बता देना.
तो उसने बस हाँ का इशारा किया और मुझे अपने मुंह के पास लाकर मुझे किस करने लगा.
अब मेरे बूब्स उसकी छाती से चिपके हुए थे.
फिर तुषार ने मेरे चूतड़ पकड़ लिए और उन्हें फ़ैलाने लगा. उसने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगा.
मैंने मन में सोचा कि इस बेचारे को क्या पता कि एक उंगली से मेरी गांड की गर्मी शांत नहीं होने वाली!
मगर उसे दिखने के लिए मैंने मेरी गांड टाइट कर ली जिससे इसे लगे कि मेरी गांड अनचुदी है.
अब वो पीछे से मेरी चूत चुदाई भी कर रहा था और साथ मेरी गांड में भी उंगली कर रहा था.
मुझे अब दोनों तरफ से चुदाई का मज़ा मिल रहा था।
थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद जब वो झड़ने को हुआ तो उसने लंड मेरी चूत से निकाल लिया.
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मुझे उठाकर उसने घुटनों के बल बैठा दिया और लंड मेरे मुंह में दे दिया.
वो झटके देने लगा.
थोड़ी देर में ही उसने लंड का पानी मेरे मुंह में छोड़ना शुरू कर दिया और जब उसका पानी ख़त्म हो गया तो लंड मेरे मुंह से बाहर निकाल लिया और मुझे लंड चाटने को बोला.
मैंने उसका लंड अच्छे से साफ़ कर दिया.
फिर मैं बाथरूम चली गयी और खुद को साफ़ करके जैसे ही वापस आई, तुषार ने मुझे बाँहों में ले लिया और किस करते हुए बोला- भाभी मेरी जान, आज तुम्हारे साथ सेक्स करके बहुत मज़ा आया.
मैंने उसे बोला- हाँ, मुझे भी तुम दोनों के साथ सेक्स करके बहुत मज़ा आया. उसने मुझे कही से अरेंज करके ये कपड़े पहनाए ।
फिर हम दोनों यहां आ गए।
ये कहकर सीमा तुषार की तरफ मुस्कुराई और बोली तुम्हारा भले ही छोटा है पर मजा बहुत आया ।
मेरी और केशव की होली
तभी मेरा बॉयफ्रेंड केशव मुझे रंग लगाने लगा, वो मुझे मसल मसल कर रंग लगा रहा था.
मैं समझ गयी कि अभी थोड़ी देर में मुझे टांगें फैलाकर इसके लंड की नीचे लेटना है.
मैंने भी कोई विरोध नहीं किया.
केशव ने तो रंग लगाने के चक्कर में मेरे बूब्स भी दबा दिए, जब मैंने उसकी ओर देखा तो वो मुस्कुरा दिया.
तभी केशव ने मौका देखकर मेरे चूतड़ सहला दिए.
मैंने पीछे पलटकर देखा तो केशव ने स्माइल कर दिया और मेरे कान में बोला- यार , अगर बुरा न मानो तो एक बात कहूँ?
मैंने उससे कहा- हां बोलो?
वो बोला अब बहुत होली होगई अब मुझे तेरी चुदाई करनी है ।
मैंने उससे कुछ नहीं कहा, बस स्माइल करके आगे चलने लगी.
उसे मेरी स्माइल हां में लगी, तो उसने मुझे पीछे से गले लगा लिया, फिर उसने मेरे बूब्स दबा दिए.
मैंने उसे खुद से दूर किया और कहा- अभी होली खेलने दो, बाद में ये सब देखेंगे.
मैं सबके साथ आगे बढ़ गयी.
फिर सबने एक दूसरे को रंग लगाया … या यूँ कहिये कि सबने एक दूसरे को रंगों से पोत दिया.
मुझे नहीं पता था कि ये लोग ऐसे होली खेलते हैं.
मुझे होली खेलने का बहुत शौक है मगर मैंने ऐसी होली पहले कभी नहीं खेली थी.
लेकिन मुझे मज़ा बहुत आया होली में!
रंग लगाने के चक्कर में सभी लड़कियों ने दूसरी लड़कियों के जमकर बूब्स दबाए.
थोड़ी देर बाद केशव मेरे पास आया और मुझे पकड़कर कहीं ले जाने लगा.
तो मैंने उसे कहा- कहां ले जा रहा है?
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उसने कहा- बस मेरी जान, अब मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैं भी उसके साथ जाने लगी.
वो मुझे बिल्डिंग के पीछे ले गया.
मैंने कहा- यार देख … यहां किसी ने देख लिया तो बहुत परेशानी हो जाएगी.
तो वो बोला- माँ चुदाने गयी परेशानी … मेरा लंड अब मेरे काबू में नहीं है.
मैंने कहा- यार तू हम दोनों को मरवाएगा.
वो बोला- अच्छा चल चुदाई बाद में करेंगे मगर पहले तू मेरा लंड चूस दे!
मैंने हार मान ली.
उसने मुझे नीचे बैठा दिया. अपना पजामा नीचे कर दिया और लंड बाहर निकाल लिया.
खैर मैंने उसका लंड पकड़ा, मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया.
केशव का लंड मेरे मुँह में जाते ही उसके मुँह से आह निकली.
फिर उसने मेरे सर पर हाथ रखकर मेरे मुँह में धक्के देने शुरू कर दिए.
वो जोर जोर से मेरा मुँह चोद रहा था.
फिर उसने अपने लंड को जड़ तक मेरे मुँह में डाल दिया.
अब उसकी झांटें जो बहुत छोटी छोटी थीं, वो मेरी नाक से छूने लगीं.
लगभग 5 मिनट लंड चुसवाने के बाद उसके धक्के तेज हो गए और वो बोलने लगा- आह्ह मेरी जान … आह्ह रंडी आह चूस बहन की लौड़ी … आआअ ह्हह मैं गया बहनचोद!
तभी उसने सारा पानी मेरे मुँह में निकाल दिया.
मैंने लंड बाहर निकल कर सारा पानी बाहर थूक दिया.
उसने मुझे गले से लगाया और मेरी टी-शर्ट ऊपर करके मेरे बूब्स नंगे कर दिए.
लेकिन मेरे बूब्स पर रंग लगा हुआ था, तो उसने बूब्स चूसे नहीं, बस मेरे बूब्स दबा कर शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चूत सहलाने लगा.
तभी वो नीचे बैठ गया और उसने मेरी शॉर्ट्स को नीचे कर दिया.
फिर उसने मेरी पैन्टी भी नीचे कर दी.
अब मेरी चिकनी चूत देखकर उससे रहा न गया तो उसने अपने रंग लगे चेहरे को मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चूत चाटने लगा.
उसके चूत चाटते ही मेरे मुँह से जोर की आह्ह ह्ह्ह निकली. मैंने उसका सर अपनी चूत पर दबा दिया.
वो थोड़ी देर तक मेरी चूत चाटता रहा. मगर थोड़ी देर बाद किसी की आने की आहट हुई, मैंने तुरंत अपनी पैन्टी और शॉर्ट्स ऊपर कर लिए और केशव ने भी मुझे छोड़ दिया.
फिर हम जाने लगे तो वो बोला- तू चिंता मत कर, आज तेरी सारी आग मिटा दूंगा.
मैंने कहा- अच्छा जी, वो तो तुम ही मिटाओगे ।
हम दोनों हंस दिए और जाकर सबके साथ होली खेलने लगे.
होली खेलते खेलते नेहा ने मेरे बूब्स सबके सामने दबा दिए.
ज्यादा लोगों ने तो नहीं देखा मगर केशव और रिया ने नेहा को मेरे बूब्स दबाते हुए देख लिया.
केशव मेरे पास आया और मेरे बूब्स दबाता हुआ बोला- मेरी जान, आज तुझ पर सिर्फ मेरा हक है, आज तो बूब्स दबा दबाकर चोदूंगा.
फिर हम चारों लोग मै, रिया, सीमा और केशव आपस में होली खेलने लगे.
कोई भी किसी के बूब्स दबा रहा था.
हम तीनों भी कम नहीं थीं, मौका देखकर कभी किसी के बूब्स , तो कभी केशव का लंड दबा देती थीं.
खैर दोपहर के 2 बज चुके थे तो सीमा ने सबको इकट्ठा किया और बोली- चलो अब सब घर जाती हूं . बहुत देर हो गयी. फिर शाम को अपने पति से भी तो मिलना है.
मैं समझ गयी कि वो चुदाई की बात कर रही है.
वो अपने घर जाने लगी ।
केशव मेरे पास आया और मेरी गांड सहलाता हुआ बोला- आज तो तेरी मस्त चुदाई करूंगा.
मैंने कहा- रोका किसने है?
यह कहकर मैं भाग कर अपने रूम में आ गयी.
और केशव भी मेरे पीछे पीछे आ गया ।
हम दोनों ने चुदाई की और सोने लगे थे तभी
नेहा और उसके साथ चार लड़कियां रिया, अंकिता, सुमन और नैना। मैं हॉस्टल में पहले माले पर रहती हूं।
उन्होंने दरवाजे की घण्टी बजाई, तो मैंने ऊपर से देखा, वे 5 लोग रंगों में डूबे हुए थे, कुछ के तो कपड़े भी फटे हुए थे, वो दरवाजे पर खड़े थे। ध्यान से देखने पर मैं एक को पहचान पाई और केशव ने नीचे जाकर दरवाजा खोला। वो सभी ऊपर आ गए। मैंने और केशव ने उनका स्वागत किया और होली की शुभकामनाएँ दीं।
आप यह थ्रीसम और गैंगबैंग चुदाई की कहानी हमारी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
फिर मैं नाश्ता ले आई, तो नेहा बोली- पहले रंग तो खेल लो… फिर नाश्ता करवा देना… यह कहते हुए उसने टेढ़ी नज़रों से मेरी तरफ देखा और कुटिल मुस्कान दी। वो लोग मेरे रंगे हुए बूब्स निहारने लगी थी
फिर उन लोगों ने केशव को पकड़ा, बाहर ही नल से पानी भरा और उस पर डाल दिया। अब वे लोग जेब से पक्का रंग निकालने लगे और केशव पर झपट पड़ी। उन्होंने केशव के कपड़े भी थोड़े फाड़ दिए और उसकी अंडरवियर के अन्दर रंग डाल दिया।
मैं ये सब देख कर थोड़ी सी परेशान और बेचैन हो गई। मैं समझ गई कि अब मुझ पर हमला होने वाला है इसलिए मैं अन्दर जाने लगी।
यह देख कर नेहा मुझको पकड़ने के लिए आई, तो मैंने भागना शुरू किया तो वो भी मेरे पीछे भागी। मैं दो कमरों और हॉल से होती हुई, बाल्कनी में जा पहुँची और बाहर से दरवाजा बंद करने लगी। लेकिन उससे पहले ही वो वहाँ पहुँच गए और दरवाजे को ज़ोर से धक्का दिया, जिससे मैं पीछे की ओर हो गई और दरवाजा खुल गया।
मैने कहा- प्लीज़ नहीं.. मै बहुत रंग लगवा चुकी हुं ।
तो वो बोली- अरे डरने की क्या बात है.. मै सारा रंग छुड़ा दूंगी ।
फिर वो मुझे पकड़ने लगी, पर मैं उससे बच रही थी। यह देख कर उसने मुझको एकदम से झपट्टा मार कर पेट से पकड़ कर उठा लिया और इसी तरह उठा कर हॉल में ले आई। यह सब इतना जल्दी हुआ कि मैं कुछ समझ ही नहीं पाई। जैसे ही मैं चिल्लाई, तो केशव अन्दर आने लगा।
तो मेरे दोस्तों ने रोक लिया और कहा- होली है यार थोड़ा बहुत तो चलता है।
फिर वो मुझे पकड़ कर बाथरूम में ले गई और मुझको दबा कर खड़ी हो गई। उसने अपनी पैंटी से रंग निकाला और साथ ही फव्वारा चालू कर दिया। मैं पूरी भीग गई, मेरे कपड़ों के अन्दर का नजारा मेरे पतली सी टॉप के आर-पार से सब दिखने लगा।
मैं शर्म के मारे दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हो गई। नेहा ने रंग हाथ में लिया और मेरे मुँह पर पूरा ज़ोर लगा कर रगड़ने लगी। आगे से देखने पर मेरे नेहा को पता चला कि मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे चूचुक दिख रहे थे। मेरे मुँह पर रँग रगड़ने के बाद उसने थोड़ी सी पकड़ ढीली की.. तो मैं भागने लगी।
लेकिन उसने फिर पकड़ लिया और कहा- अभी तो रंग लगाया ही कहाँ हैं।
फिर नेहा मुझको दबोच कर खड़ी हो गई, जिससे मैं भाग ना सकी और रंग की डिब्बी खोली। इस बार उसने आधी डिब्बी रंग हथेली पर लिया और मेरी तरफ हाथ बढ़ाया और फिर पूरे मुँह पर, गर्दन पर और हाथों पर रंग लगा दिया। इसके बाद नेहा मेरे गले से लग गई और मुझे अपनी बाँहों में भर कर ‘हैप्पी होली’ कहने लगी।
यह देख कर मैं घबरा गई और चिल्लाई… मै केशव को आवाज़ देने लगी।
केशव अन्दर आया, तब तक वो मुझे को छोड़ चुकी थी।
केशव के आते ही उसने कहा- जीजू आप इंटरफेयर मत करो, अपनी सहेली के साथ होली ही तो खेल रही हूं ।
मैं कुछ बोलती इससे पहले उसने रंग लगाने के बहाने मेरा मुँह दबा दिया और केशव बाहर चला गया।
इसके बाद मैं डर गई और कहने लगी- मुझे छोड़ दो.. क्या कर रही हो नेहा?
उसने बाल्टी में रंग घोला और मुझ पर पूरी बाल्टी उड़ेल दी। इसके बाद उसने और रंग लिया और इस बार उसने मेरी गर्दन और पीठ पर से टॉप के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगा दिया। फिर वो मेरे मम्मे पकड़ कर दबाने लगी और छाती पर भी रंग लगा दिया।
फिर उसने और रंग लिया और छाती के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगाने लगी और मम्मे भी मसलने लगा। मैं सिसकारियाँ भरने लगी और वो उन्हें और दबाने लगी। इस सबसे टॉप के 2 बटन टूट गए और मेरे मम्मे एकदम निकलने को होने लगे।
फिर नेहा ने मेरी गाण्ड दबाई और थोड़ा रंग पीठ के अन्दर डाल दिया और गाण्ड की दरार में अन्दर हाथ डाल कर रंग लगाने लगी।
फिर वो हैप्पी होली बोल कर बाहर चली गई ।
मैं कुछ देर बाद संभली, अपने कपड़ों को सही किया और अपने ब् मम्मों को ढका और बाहर आई। मेरे पूरे शरीर पर रंग ही रंग था। मुझे पूरा काले, हरे, लाल रंगों से रंग दिया था। मेरी गीली टॉप और रंग की वजह से और दबाने से मेरे मम्मे व गाण्ड और भी मस्त हो गए थे। नेहा के बाहर जाते ही मैने मुँह धोया और थोड़ा रंग साफ़ किया ताकि रँग चढ़ ना जाए।
उतनी देर में केशव ने आवाज़ लगाई- नाश्ता मिलेगा या नहीं?
तो मैने कहा- लाती हूँ।
और मैं नाश्ता लेकर गई, तो नेहा बोली- लो निकिता ने तो मुँह भी धो लिया.. लगता है इन्हें फिर से होली खेलनी है।
सब लोग हँसने लगे, मै बिना बोले अन्दर चली आई।
इसके बाद बाकी लड़कियों ने बोला – निकिता अरे हमारे साथ तो होली खेल लो ।
केशव ने कहा – नहीं अब वो होली नहीं खेलेगी
वो लोग बहाने करने लगे कि अरे जीजू सिर्फ़ गुलाल से ही होली खेलेंगे, आप निकिता को बुलाओ।
लेकिन केशव ने मना कर दिया, यह देख कर नेहा बोली- अरे बुला लो.. यार होली है और यह लोग तो उसकी सहेलियां हैं.. खेलने दो होली…
केशव कुछ नहीं बोला और दो मिनट सब चुप हो गए।
तभी नेहा ने पूछा- टॉयलेट किधर है?
और वो बिना जबाव का इन्तजार किए अन्दर चले आए। मैं एक तरफ खड़ी थी, टॉयलेट से बाहर निकल कर उन्होंने मुझ से पानी माँगा, तो मैं पानी लेकर आई और उन्होंने पानी का गिलास लेने के बजाए मेरा हाथ पकड़ लिया।
इस पर मै चिल्लाई- छोड़ो.. छोड़ो..
तो नेहा भी ज़ोर से बोली- होली है बुरा न मानो.. होली है..
वो मुझे खींच कर बाहर ले आए। बाहर लाकर मुझको सबके बीच में खड़ा करके कहा- लो खेल लो होली… अपनी सहेली के साथ…
यह देख कर मैंने नेहा की तरफ देखा तो नेहा ने इशारे में मुझे चुप कर दिया और जबरदस्ती केशव का हाथ अपने बूब्स पर रखा और बोली चलो होली खेलते हैं। बाकी चारों लड़कियां मुझको लेकर निकलने लगी। मैं जब बाहर आई तो खींच-तान में मेरी टॉप के बाकी बटन भी टूट गए और मेरे मम्मे दिखने लगे थे।
मेरे 34 साइज़ के सुंदर मम्मे देख कर और सेक्सी फिगर देख कर सबकी आँखें चमक गईं। मैंने खुद को देखा और जल्दी से टॉप को शॉर्ट्स के अंदर दबा लिया ताकि मेरे बूब्स थोड़े ढके रहे । फिर वो लोग मुझे बड़ी तमीज़ से एक-एक करके गुलाल लगाने लगे। उधर नेहा केशव का मुंह अपने टॉप में घुसा चुकी थी ताकि उसे कुछ न दिखे
जैसे ही वो लोग मुझे नीचे लेकर गए, रिया ने हाथ में पक्का रंग लिया और मेरी तरफ झपटी और मुँह पर रगड़ने लगी। मैं भागने लगी लेकिन चारों तरफ से उन्होंने घेर लिया था। फिर तो बस उन्होंने पानी भरा और एक-एक करके मुझको रंगने लगे। वो सब मेरे चेहरे के अलावा गर्दन पर भी रंग लगा रहे थे और रंगों के पानी और बालों में रंग डाल रहे थे।
एक अंकिता ने एक ट्यूब निकाली और पूरी ट्यूब का रंग हाथ में लेकर मुझे लगा दिया। तभी सुमन ने पीछे से आकर मेरी छाती पर और टॉप के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरी टॉप जमीन में निकल फेंकी और मेरे बूब्स पर बहुत प्यार से रंग लगाने लगी
मैं चिल्लाने लगी, तो नैना ने आकर मुँह पर रंग लगाने शुरू किया। फिर तो उन्होंने मेरे जिस्म का कोई भी हिस्सा नहीं छोड़ा। होली में इस चुदास से भरी छीना-झपटी में कब उन लोगों ने मेरी शॉर्ट्स उतार दी समझ ही नहीं आया, मेरी पैंटी का रंग भी पूरा बदल गया था।
आप यह थ्रीसम और गैंगबैंग चुदाई की कहानी हमारी वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
सब लोग आकर मेरे मम्मे और गाण्ड दबाते थे और मेरे नंगे बदन पर रंग लगा रहे थे। रिया ने तो सूखा रंग मेरी चड्डी तक में डाल दिया था और तुरंत ही अंकिता ने मेरी चूत पर भी हाथ रगड़ दिया। सुमन बोली लगता है अब इसकी चूत गुलाबी नहीं बल्कि लाल हो गई होगी, तुरंत रिया ने मेरी पैंटी भी उतार दी हालांकि अब मुझे भी मजा आ रहा था फिर वो मुझे गले लग कर होली की मुबारक बाद देने लगी और बोली- मज़ा आ गया आज तो…
जब वो लोग हटे तब मेरा हाल-बेहाल हो गया था, मेरे गीले और रंगे हुए मम्मे, जो कि सबके सामने नंगे थे, चमक रहे थे। सिल्वर कलर जो कि मेरी गाण्ड पे चमक रहा था, मुझे बहुत ही मादक बना रहा था और हॉस्टल के बाकी लड़कियां भी छत पर आकर और बाल्कनी से इस सबका मज़ा ले रहे थे।
मेरी हालत एक कुतिया के जैसी हो गई थी। रिया बोली याद है निकिता उस दिन मै तेरे बॉयफ्रेंड के लिए कुतिया बनी थी, अब तू भी बिल्कुल कुतिया लग रही है … मैं हसने लगी । पर मेरी हंसी टेंशन में बदल गई जब मैने देखा सुमन और नैना डिक बेल्ट पहन कर खड़ी है … मतलब अब मुझे सबके सामने ये लड़कियां चोदने वाली थी.. छी:
उधर नेहा खुद मेरे बॉयफ्रेंड से चूद रही थी जिसकी आह आह की आवाज मेरे रूम से यहां तक साफ सुनाई दे रही थी
आगे क्या हुआ होगा कॉमेंट्स में बताओ
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Altogether different concept…
Let’s see what happens…
Thankyou very much
Intzaar 😐
Jyada nahi karna padega
आगे क्या हुआ ?
Next story me padhna
Good story
Thankyou
स्टोरी तो अच्छी है लेकिन अगले पार्ट के लिए इंतजार करना पड़ेगा
अपनी राय या सुझाव मुझे भेजें [email protected] पर