Bhai-Bahan Chudai Kahani :चचेरे भाई के साथ वो रात

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Bhai-Bahan Chudai Kahani :

हाई फ्रेंड्स, मैं हूँ चुलबुली रेखा। आज में आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी.

हमारा परिवार मेरे चाचा के परिवार के साथ ही रहता था लेकिन बाद में दोनों परिवारों में झगड़ा होना शुरू हो गया. उसके बाद हमारा परिवार चाचा के परिवार से अलग हो गया. लड़ाई की वजह भी ज्यादा बड़ी नहीं थी. चूंकि परिवार काफी बड़ा था इसलिए खाना बनाने को लेकर अक्सर हमारे बीच में झगड़ा रहने लगा था. फिर अलग होने के बाद चाचा और मेरे परिवार में खाना अलग ही बनने लगा था.

हम दोनों परिवार अलग तो हो गये थे लेकिन फिर भी हमारे बीच में प्यार बहुत था. कोई भी त्यौहार होता था तो हम सब साथ मिल कर ही मनाते थे. इसलिए चाचा के यहां आना-जाना वैसा ही बना हुआ था. लेकिन बस खाना अलग बनने लगा था.

हमारा घर काफी बड़ा है और उसमें कई सारे कमरे हैं. हर सदस्य का अपना अलग कमरा है. सब लोग अपने-अपने कमरे में ही सोते थे. हमारे जो बाहर वाले कमरे थे उनको हमने किराये के लिए बनाया हुआ था. उनमें केवल किरायेदार ही रहते थे. उन दिनों हमारे घर कुछ नये किरायेदार आये थे. उनमें एक कमरे में एक जवान लड़का भी था. उसने हमारे घर में एक कमरा अलग से लिया हुआ था.

बाकी कमरों में फैमिली वाले लोग रहते थे. उस नौजवान लड़के की उम्र उम्र 23-24 के करीब थी और उसकी शादी नहीं हुई थी. वो अभी पढा़ई कर रहा था. मैं कई बार जब मेन गेट से होकर गुजरती थी तो वो गेट पर ही खड़ा होता था.

वो मुझे देखता और मैं उसको देखती थी. उसके शरीर को देख कर मेरे मन में कुछ होने लगता था. वो देखने में काफी अच्छा था. लेकिन मैं ये बात उसको जाहिर नहीं होने देती थी. बस चोर नजरों से उसको देख कर निकल जाती थी.

लेकिन मेरी चोरी बहुत दिनों तक नहीं चली. पता नहीं उसको कैसे पता चला कि मैं उसको पसंद करती हूं. एक बार घर के बाहर खड़े हुए उसने मेरे ऊपर कमेंट किया और मैं शरमा कर अंदर आ गई. मुझे उसके कमेंट का बुरा नहीं लगा बल्कि मैं तो चाहती थी कि वो मेरी तारीफ करे. उस दिन के बाद से हम दोनों की नजरें मिलने लगीं.

वो जान गया था कि मैं उसको पसंद करती हूं. हम दोनों कई बार बात भी कर लिया करते थे. ऐसे ही कई दिन बीत गये थे. मैं उसको प्यार करने लगी थी. लेकिन अभी हमारे बीच में कुछ भी नहीं हुआ था. वैसे भी मैं अपनी फैमिली के साथ रहती थी तो घर में रहते हुए कुछ होने वाला भी नहीं था. हम दोनों रात में फोन पर घंटों तक बातें किया करते थे. घर वालों के सोने के बाद मैं उसको मिसकॉल कर दिया करती थी और वो फिर मुझे कॉल किया करता था.

ऐसे ही करते-करते मेरे चाचा के लड़के यानि कि मेरे भाई को मेरे बारे में पता लग गया कि मैं किरायेदार लड़के को पसंद करती हूँ और उससे रात भर बातें करती रहती हूं. उसने एक दिन मुझे अपने पास बुलाया और सीधा बोल दिया कि अगर मैंने शादी से पहले कुछ गलत करने की कोशिश की तो मेरे मां और पापा को मेरे बारे में सब कुछ बता देगा. उस दिन के बाद से मैंने उस किरायेदार लड़के से बात करना बंद कर दिया.

मैं अपने चाचा के लड़के को भाई बुलाती थी. हम दोनों भाई-बहन में काफी प्यार था इसलिए वो मेरी फिक्र किया करता था. इसलिए मुझे उसकी बात का बुरा नहीं लगा क्योंकि वो मेरे अच्छे के लिए कह रहा था. लेकिन मैं भी जवान हो रही थी. मेरे चूचे बड़े हो रहे थे. कई बार गलती से रात को जब चूचों पर हाथ चला जाता था तो मैं उनको अपने हाथों से ही दबाने लगती थी. बहुत दिनों तक मैंने अपने हाथ से काम चलाया. लेकिन अब मेरा मन करने लगा था कि कोई लड़का मेरे चूचों को दबाये और उनको चूसे. लेकिन मैं कुछ नहीं कर पा रही थी.

मेरा भाई मेरे ऊपर निगरानी रखता था. मैं उस किरायेदार के लड़के से भी यह काम नहीं करवा सकती थी. मेरा भाई हमेशा मेरे साथ रहने की कोशिश किया करता था. वो मेरी सारी बातें जानता था. इसलिए मैं उसके सामने कुछ नहीं बोलती थी क्योंकि मुझे पता था कि अगर मैंने उसकी मर्जी के खिलाफ उस किरायेदार लड़के से बात की तो वो घर पर मेरी शिकायत कर देगा.

एक दिन की बात है जब मेरे घर वाले और उसके घरवाले यानि कि मेरे चाचा और चाची भी साथ में कहीं पर फंक्शन में गये हुए थे. हम दोनों भाई-बहन घर पर अकेले थे. घर को हमने दो हिस्सों में बांटा हुआ था. पीछे की तरफ हमारे रहने का मकान था और बीच में खाली जगह और आगे वाले हिस्से में किरायेदार रहते थे. उस दिन शाम को घर वालों का फोन आया कि वो लोग रात को नहीं आएंगे और मैं घर पर चौकसी के साथ रहूं.

मैंने ये बात अपने चाचा के लड़के को भी बता दी. जब मैंने उसको ये बात बताई तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान फैल गई. मैं उसकी उस मुस्कान का मतलब समझ नहीं पाई.

रात को हम दोनों घर पर अकेले ही थे. वो बोला कि खाना बाहर से ही लाना पड़ेगा.
मैंने कहा- ठीक है.
वैसे भी घर पर हम दोनों ही थे तो बाहर से लाकर खा लेंगे. वो बाहर से खाना लेकर आ गया और हम दोनों ने साथ में खाना खाया.

फिर मैं अपने रूम में सोने के लिए जाने लगी. रात काफी हो गई थी और मुझे अपने कमरे में अकेले डर लग रहा था. मैं उठ कर अपने चाचा के लड़के के पास गई और उससे कहा कि वो मेरे कमरे में आकर मेरे साथ सो जाये क्योंकि मैं अकेले नहीं सोना चाह रही थी.
मेरे कहने के बाद वो मेरे वाले कमरे में उठ कर आ गया.

मेरे कमरे में एक ही बेड था. चूंकि हम दोनों भाई-बहन थे तो मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं थी. वैसे भी हम दोनों दोस्त की तरह रहते थे. उसने मेरे बेड पर लेट कर लाइट बंद कर दी. लेकिन मुझे अभी भी नींद नहीं आ रही थी. डर तो नहीं लग रहा था क्योंकि भाई साथ में ही लेटा हुआ था. लेकिन फिर भी मेरी आंखों में नींद का नाम-निशान नहीं था. मैं बहुत देर तक ऐसे ही लेटी रही और सोने की कोशिश करती रही. फिर पता नहीं कब मुझे नींद आ गई.

मगर रात में मुझे महसूस हुआ कि मेरे भाई का हाथ मेरी जांघ पर रखा हुआ है. उसका हाथ रखा होने की वजह से मेरी नींद टूट गई. मेरी आंख खुल गई थी लेकिन मैंने कुछ कहा नहीं. मैं चुपचाप लेटी रही.

उसका हाथ मेरी जांघ को दबा रहा था. उसका हाथ मेरी चूत के बिल्कुल पास में ही था. मैं धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी. मुझे मर्दों के छूने का अहसास अच्छा लगता था. वो मेरी जांघ को सहला रहा था. फिर उसने धीरे से मेरे चूचों पर हाथ रख दिया. वो मेरे चूचों पर कुछ देर तक हाथ रखे रहा. मैंने उसको कुछ नहीं कहा. फिर कुछ देर के बाद वो मेरे चूचों को दबाने भी लगा. अब मेरे चूचों में तनाव सा आना शुरू हो गया था.

जब मैं उसको कुछ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत बढ़ती ही चली गई. वो मेरे चूचों को जोर से दबाने लगा. मेरी चूत से गीला सा पदार्थ निकलना शुरू हो गया था और मैं गर्म होने लगी थी. उसने काफी देर तक मेरे बूब्स को दबाया और फिर मेरी पजामी के ऊपर से ही मेरी चूत पर हाथ रख दिया.

मैं इस वक्त उस किरायेदार के लड़के के बारे में सोच रही थी क्योंकि मैं उसको पसंद करती थी. मैंने सोचा कि भाई की जगह अगर वो होता बहुत मजा लेती मैं. लेकिन मैंने मन में सोच लिया कि वो लड़का ही मेरे बदन के साथ खेल रहा है.

फिर भाई ने मेरे कपड़ों पर हाथ चलाते हुए उनको खोलना शुरू कर दिया. अब वो भी समझ गया था कि मैं जाग रही हूं और बस सोने का नाटक कर रही हूं. उसने मुझे अपनी तरफ किया और मेरे कान में कहा- मजा करना है क्या?
मैंने उसको कुछ नहीं बोला. मैं बस चुपचाप लेटी रही.

लेकिन वो समझ गया कि मैं भी कुछ करना चाहती हूं. उसके बाद उसने मेरे टॉप को निकाल दिया. मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे चूचों को दबाने लगा. मुझे मजा आने लगा. फिर मैंने अपनी ब्रा भी खोल दी. मेरे चूचे बाहर आ गये. मेरे बूब्स काफी मोटे हैं. भाई ने मेरे बूब्स को अपने हाथों में भर लिया और उनको जोर से पीने लगा. मैं भी अब मस्त होने लगी थी. मैंने भाई के बालों को सहलाना शुरू कर दिया. उसके बाद वो मेरे निप्पलों को मुंह में लेकर काटने लगा. मैं जोर से सिसकारियां लेने लगी. अब मैं गर्म होती जा रही थी.

काफी देर तक मेरे निप्पलों को चूसने के बाद भाई ने मेरी पजामी को भी निकाल दिया. उसने मेरी पैंटी को निकाल कर मेरी चूत में उंगली दे दी. मैं मस्त होने लगी. मेरी चूत गीली होने लगी थी. वो मेरी चूत में उंगली करने लगा और मुझे काफी मजा आने लगा.

फिर बीच में ही उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा दिया. मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और उसको कपड़ों के ऊपर से ही दबाने-सहलाने लगी. वो भी काफी जोश में आ चुका था.

फिर उसने मेरी टांगों को चौड़ी कर दिया और मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा. जब भाई की गर्म जीभ चूत में गई तो मैं पागल सी हो उठी. मैं अपनी चूत को उसके मुंह पर फेंकने लगी. वो तेजी के साथ मेरी चूत को चूस रहा था. मेरी चूत से गीला पदार्थ निकल रहा था जिसको वो साथ में चाट रहा था.

मैं बहुत कामुक हो चुकी थी और अब उसके लंड को भी चूत में लेने के तड़प उठी थी. फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिये और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा.

फिर मुझसे रहा न गया और मैंने उसको अपने ऊपर लेटा लिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. काफी देर तक होंठों को चूसने के बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. उसका लंड चूत में गया तो मुझे मजा आ गया. वो तेजी के साथ मेरी चूत को चोदने लगा.

कई मिनट तक उसने मेरी चूत को चोदा और फिर लंड को बाहर निकाल लिया. मैंने पूछा- क्या हुआ, रूक क्यों गये?
वो बोला- मेरा मन तेरी गांड मारने को कर रहा है.

मैंने उसको मना कर दिया. मुझे गांड मरवाने में डर लगता था. मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी. मेरी एक सहेली ने एक बार मुझे बताया था कि गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है. इसलिए मैंने उसको साफ मना कर दिया.

फिर वो दोबारा से मेरी चूत पर लंड को रगड़ने लगा. कुछ देर चूत में धक्के देने के बाद उसने एकदम से मेरी टांगों को उठाया और अपने कंधे पर रख लिया.
अपने कंधे पर टांगों को रखने के बाद उसने फिर से मेरी चूत में लंड को डाल दिया और तेजी के साथ मेरी चूत की चुदाई करने लगा. मुझे काफी मजा आने लगा. मैं सिसकारियां लेना चाह रही थी. मैं उसको कहना चाह रही थी कि मुझे बहुत मजा आ रहा है. लेकिन मैं चुप ही रही. अगर मैं उसको इस तरह से कहती तो उसको पता चल जाता कि मैं चुदक्कड़ हूं.

वो तेजी के साथ मेरी चूत में धक्के लगाता रहा. उसका लंड जब चूत में जा रहा था तो पच-पच की आवाज हो रही थी. मेरी चूत से काफी पानी निकल चुका था और मैं अब झड़ने के करीब पहुंच चुकी थी क्योंकि उसके लंड के धक्के चूत की गहराई तक जाकर मुझे चूत में मजा दे रहे थे.

फिर दो मिनट के बाद मेरी चूत एकदम से सिकुड़ गई और मैं झड़ने लगी. लेकिन भाई मेरी चूत की चुदाई करता रहा. वो रुक नहीं रहा था. उसके लंड से मेरी चूत में जलन होने लगी क्योंकि वो बहुत तेजी के साथ धक्के लगा रहा था. फिर मैं चुदते हुए दोबारा से गर्म हो गई और उसका साथ देने लगी.

वो मुझे चोदते-चोदते मेरे होंठों को चूस रहा था तो कभी मुझे चोदते चोदते मेरी गर्दन को किस कर रहा था. मेरी चूत को चोदते हुए उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और उसके बाद अपनी जीभ मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी चूत को चाटने के बाद उसने अपना लंड मेरी मुंह में डाल दिया और मुझसे कहने लगा कि मेरा लंड चाटो और मैं अपने भाई का लंड चाटने लगी.

भाई का लंड चाटने के बाद भाई ने अपना लंड एक बार फिर से मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत को चोदने लगा. हम दोनों लोग एक दूसरे का पूरा साथ दे रहे थे. मुझे भाई के लंड से चुदते हुए बहुत मजा आ रहा था.

फिर भाई ने मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा और मेरे पैर को चाटने लगा. मुझे इससे गुदगुदी सी होने लगी लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था. भाई का लंड मेरी चूत में था और वो मेरे पैर की उंगलियों अपने मुंह में लेकर चूस रहा था. इस दौरान मैं एक बार फिर से झड़ गई. कुछ देर के बाद वो भी धक्के लगाता हुआ मेरी चूत में ही झड़ गया.

हम दोनों लोग सेक्स करने के बाद बहुत खुश थे. मुझे भी बॉयफ्रेंड बनाने के कोई जरुरत नहीं थी कि क्योंकि अब तो मुझे घर में लंड मिल रहा था. मुझे सेक्स करने के बाद नींद भी बहुत अच्छी आई.

मैं जब सुबह उठी तो भाई मेरी चूत को चाट रहे थे. मेरी चूत से पानी निकल रहा था. मैं भी सोने का नाटक करती रही और भाई से अपनी चूत चटवाती रही. फिर भाई को पता चल गया था कि मैं जाग रही हूँ और उनसे चूत चटवा रही हूँ.

उसने अपना लंड मेरे होंठों पर लगाया और मैंने मुंह खोल दिया. उसके लंड को चूसते हुए मैं भी मजा लेने लगी. काफी देर तक हम दोनों ओरल सेक्स करते रहे. उसने मेरी चूत को चाटा और मैंने उसके लंड को चूसा. फिर हम दोनों एक दूसरे के मुंह में पानी छोड़ कर सो गये. हम नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सोये हुए थे.

हम लोग सोये थे कि कुछ घंटे के बाद घरवालों का फ़ोन आया कि वो लोग घर आ रहे हैं तो मैं बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चली गई. उसके बाद मैंने उनके लिए नाश्ता बनाया और भाई भी फ्रेश हो गए थे.

कुछ देर के बाद घर वाले भी आ गये. हम सब लोगों ने साथ में नाश्ता किया. फिर वो अपने रूम में चला गया और मैं अपने घर में आराम करने लगी.

उस दिन के बाद से भाई के साथ मेरी चूत चुदाई होती रहती है. अब भाई और मैं अक्सर चुदाई का मजा लेते रहते हैं. अब तो वो मुझे किसी और लड़के से बात करने से भी नहीं रोकता है. उसके बाद मैंने कई लड़कों को अपने जाल में फंसाया और उनके लंड लिये. वो सब मैं आपको अपनी अगली कहानियों में बताऊंगी.

इस कहानी के बारे में मुझे मेल जरूर करना मैं आप लोगों से पूछना चाहती हूं कि घर में ही भाई के साथ सेक्स करना कितना सही है. अगर कहानी आपको पसंद आई हो तो कहानी पर कमेंट भी करना. मुझे आप सब के मैसेज का इंतजार रहेगा. मैं जल्दी ही अपनी अगली कहानी लिखूंगी.

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