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कैब से बेडरूम तक

4.1
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दोस्तो, मैं सपना जैन … मेरी दोनों कहानियों
गाँव में ससुर जी के लंड के मजे
काश वो चुदाई खत्म ना होती
का अच्छा रेस्पॉन्स मिला, उसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद. मुझे उम्मीद है कि यह कहानी भी आपको बहुत पसंद आएगी।

अपने बारे में मैं पिछली कहानी में बता चुकी हूं जिन्होंने नहीं पढ़ा वो जरूर पढ़ें।

कहानी कुछ दिन पहले की ही है मैंने कंप्यूटर कोर्स किया था. उसके लिये मुझे रोज़ सुबह 11 बजे क्लास जाना पड़ता था। मैं रोज़ कैब से जाती थी।

एक दिन मेरे पति से झगड़ा हो गया. धीरे धीरे झगड़ा बढ़ गया और उन्होंने बात करना बंद कर दिया. 5-6 दिन बीत गए, मैंने उन्हें मनाया भी पर वो नहीं माने. उनके लिए हॉट सी नाइटी पहनी पर उन्हें फर्क ही नहीं पड़ा. एक रात तो मैंने सोते सोते उनके लंड पर हाथ भी रखा पर उन्होंने हटा दिया.

फिर मैं भी गुस्सा हो गयी पर मुझे अपनी प्यास बुझानी थी तो कोशिश करती रही कि वो मान जायें और मेरी जोरदार चुदाई करके मेरी तन की आग बुझा दें!
पर तभी उनका टूर आ गया और 6 दिन बाहर चले गए।

एक दिन मैं कैब बुक कर क्लास को जा रही थी तो उस कैब वाले से बात शुरू हो गयी. मैंने नोटिस किया कि वो मेरे बूब्स, जो ब्लाउज से बाहर तक दिख रहे थे, वो घूर रहा था. फिर उसने बातों बातों में अपना नम्बर दिया और बोला- आप कैब मत बुलाइये, मुझे फ़ोन कर दीजिए, आपको कैब से सस्ता और सेफ पड़ेगा.
मैंने उसको स्माइल दे दी. वो बहुत खुश था.
ब्रेक लगने पर मैं आगे झुक गयी तो उसने मेरे बूब्स देख लिए. मैंने देखा कि वो एक हाथ से अपना लोड़ा ठीक कर रहा है. काफी दिन से लोड़ा ना मिलने के कारण मेरा मन बस उस पर ही अटका रहा।

2 बजे छुट्टी होने पर मैंने उसे कॉल कर बुलाया और रास्ते में बहुत सी बातें हुईं और उसने मुझे मेरे घर ड्राप कर दिया और मैंने उसे आने जाने का टाइम बता दिया।

अगले दिन भी वो टाइम पर आ गया. मैंने उसे स्माइल दी और रास्ते में ढेर सारी बातें की. अब मुझे उससे अपने मतलब की बात शुरू करनी थी।
मैंने बोल दिया- ऐसे मुझे घूरोगे तो एक्सीडेंट हो जाएगा.
तो वो बोला- ऐसे ही हो जाएगा? 2 साल से गाड़ी को टक्कर तक नहीं लगी.
तो मैं हंस दी.

उसने फिर बोला- अब घूरता रहूँ या कुछ और करने का मौका दोगी?
इस बात पर मैंने गुस्सा होने का नाटक कर दिया तो वो बहुत डर गया।
फिर मैं हंस दी.
और वो बोला- यार, आपने तो डरा ही दिया था!
मैं हंस रही थी.

फिर मेरी क्लास आ गयी, वो साथ उतरा और उसने बोला- जरूरत पड़े तो फ़ोन करना!
और मेरा हिप दबा दिया.
मैंने भी स्माइल दे दी।

अगले दिन अच्छा मौका मिल गया. मेरे सास ससुर बाहर अपने रिश्तेदारों से मिलने चले गये. मैं खुश हो गयी और मैंने सुबह ही उसे कॉल कर घर बुला लिया।
अरे उसका नाम बताना भूल गई … उसका नाम राकेश है।

वो 10 मिनट में ही आ गया. मैंने रेड नाइटी पहन रखी थी और दरवाजा खोल लिया। मेरी नाइटी वेस्टर्न स्टाइल थी, वो देखता ही रह गया. मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अंदर आने का इशारा दिया.

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वो अंदर आया, मैंने उसे पानी दिया और उसकी गोदी में ही बैठ गयी. मैंने फील किया कि उसका लंड पूरा तना हुआ है और फुंफकार रहा है.
उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू किए और मैं उसे स्माइल देकर उसका जोश बढ़ा रही थी.

फिर मैं उसे बेडरूम में ले गयी और उसका शर्ट खोल और वेस्ट खोल कर देखा. उसकी बॉडी मस्त थी. उसने बताया कि वो जिम करता है।
मैंने उसे चेस्ट पे किस कर दिया और नीचे बैठ गयी. मैंने उसकी पैन्ट खोली और अंडरवियर खोल कर उसके लंड को आज़ाद कर दिया.
मैंने उसे कहा- सांप नहीं, अजगर लग रहा है.
उसने कहा- आज ये अजगर तेरा शिकार करेगा.
मैंने उसे स्माइल दे दी.
उसका लंड 8 इंच लम्बा और काफी मोटा था, उसके मोटाई बाकी से दोगुना ज्यादा थी।

उसने मेरा सर पकड़ा और धक्का दे दिया उसका लंड पूरा मेरे मुंह में चला गया. उसका लंड मेरे गले तक पहुंच रहा था. फिर उसने बहुत से धक्के लगाए, मुझे बहुत मज़ा आया. फिर मैंने उसका लंड बाहर निकाला और किस करके कहा- मुझे मुख में लंड लेना बहुत पसंद है.
उसने पूछा- कितनों के लिए हैं?
मैंने कहा- गिना नहीं!

और उसने वापस धक्का लगा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरा मुंह चोदने लगा. मैं भी पूरे मज़े में उसका लोड़ा चूस रही थी.
उसने कहा- बहुत मज़े किये हैं तूने तो!
उसके लंड से मेरा पूरा मुंह भर गया था.

फिर उसने मुझे उठाया और मेरी नाइटी उतार दी. अब मैं उसके सामने नंगी थी. उसने मुझे बेड पर फेंक दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गया और फिर से अपना लोड़ा मेरे मुंह में घुसेड़ दिया, कुछ धक्के मारने के बाद उसका छूट गया और पूरा मैंने रस पी लिया.

फिर मैंने उसका लंड मसल मसल कर खड़ा किया. उसने मेरी चूत पर थूक लगाया, और अपना लंड मेरी गीली हो चुकी चूत के दरवाजे पर रखा और धक्का लगाया. एक ही धक्के में उसका पूरा लोड़ा मेरी चूत में घुस गया. मेरी आँखें बाहर आ गयी, मैं बहुत तेज़ चिल्ला उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्योंकि उसका लंड बहुत मोटा था.

फिर उसने धक्के लगाने शुरू किये और कुछ मिनट तक मैं चीखती रही. फिर उसने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. कुछ देर बाद मुझे दर्द बंद हो गया.
उसने बोलना शुरू किया- रंडी साली, अभी तक चिल्ला रही हैं जैसे तेरी चूत में पहली बार लोड़ा घुसा हो. चुद चुद के तेरा भोसड़ा अभी भी जवान है रंडी कहीं की. इतना मोटा लंड तेरी चूत और गांड फाड देगा. बोल रंडी, कभी देखा भी है ऐसा लंड?

मैं और जोश में उसका साथ देने लगी- हाँ मेरे राजा, फाड़ दो मेरी चूत को … तुम्हारा लंड बहुत मीठा दर्द दे रहा है. और जोर से मार डालो राजा!
वो बहुत गंदी तरह से मेरे भोसड़े को मार रहा था. मुझे बहुत मज़े आ रहे थे, मैं चाहती थी कि बस वो दिन भर ऐसे ही करता रहे।

फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपनी मोटा लोड़ा घुसा दिया. मैं दर्द से कराहती रही और वो बोलता रहा- रांड तेरी गांड की सवारी बहुत मज़े दे रही है. तू आज बस चुदती रह।
मैं उछल उछल कर पूरे मज़े ले रही थी.

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फिर उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मैं ऊपर नीचे होकर अपनी गांड चुदवाती रही.

फिर उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया और थोड़े से धक्कों में वो झड़ गया। मैं पूरे मज़े में थी. वो मेरे पास ही गिर गया. मैं भी सो गई.

1 घण्टे बाद मैंने उसे उठाया और घर जाने को बोल दिया.
उसने कहा- अभी मेरा और मन है तेरी चुदाई करने का!
मैंने उसे बताया- मन तो मेरा भी है … पर मेरे सास ससुर आ जायेंगे.
वो बोला- मैं एक बार और तेरी गांड मारना चाहता हूँ.
मैंने हां कर दी.

इतने में मेरी सास का फोन आया कि वो आज रात नहीं आयेंगे.
मैं खुश हो गयी. मैंने उसे बताया वो भी बहुत खुश हो गया.

उसने मुझे दीवार के साथ खडी होने को कहा तो मैं फिर दीवार के सहारे खड़ी हो गयी और उसने गांड पे लंड रख कर धक्का लगाया और मैं मज़े में आ गयी. वो ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड मारने लगा और मैं पूरे मज़े ले रही थी.

उसने मुझे नीचे बिठाया और पूरा मेरे मुंह में झड़ गया. मैं हंसते हुए सारा माल पी गयी।
और हम सो गये।

रात को उठने के बाद उसने अपने एक दोस्त को भी बुला लिया और कहा- तू मेरे दोस्त विक्रम से भी चुदेगी.
मैंने स्माइल दे दी।
उसके दोस्त के आने के बाद उसने मुझे तैयार होने को कहा. मैंने मना किया तो वो बोला- विक्रम की यह पहली चुदाई है, उसे सुहागरात वाला फील आना चाहिए।
मैंने हाँ कर दी और तैयार हो गई.

विक्रम फूल लेकर आया था तो उसने बेड पर फूल डाल दिए, मैं बेड पर बैठ गयी.
फिर विक्रम ने बोला- राकेश यार, तू बाद में आ जाना, वैसे ही तूने पहले पूरे मज़े ले लिए हैं. एक राउंड मैं अकेले लगाऊंगा.

उसने मेरी तरफ देखा, मैंने भी हामी में सर हिला दिया।
तो राकेश बोला- तो मैं बाहर घूम आता हूँ.
और वो चला गया।

विक्रम ने धीरे से मेरा घूंघट हटाया और बोला- क्या गजब माल फंसाया है राकेश ने!
मैं हँस दी और उसने मेरे बूब्स दबा लिए और मेरे कपड़े निकलने लगा. मुझे पूरी नंगी करने के बाद बोला- मैंने राकेश से झूठ कहा था. मैं कई बार राकेश की कजिन को चोद चुका हूँ।
मैंने उसे स्माइल दी और उसके कपड़े उतार दिए.

उसका सांप अंडरवियर से बहुत बेताब लग रहा था, मैंने उसे बाहर लिया और मसलने लगी. उसका लंड राकेश से काला था और मोटाई थोड़ी कम थी और लम्बाई बराबर!
मैंने जल्दी से उसे मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
वो मज़े में आ गया और बोलने लगा- रंडी आज तू चूदेगी!
मैं और ज़ोर से उसका चूसने लगी.

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और फिर उसने मेरी चुत पर थूक लगाया और कंडोम पहना और मेरी टाँगें ऊपर ले ली और चुत में अपना काला लोड़ा घुसा दिया और धक्के लगाने लगा. उसके धक्कों से लग रहा था कि वो भी पक्का खिलाड़ी है.
मैं मज़े ले रही थी और सिसकारियां निकाल रही थी.

वो भी गालियाँ बके जा रहा था- रंडवी साली … तेरे भोसड़े में मेरा लोड़ा … तुझे आज घोड़ी बना दूंगा, तेरी चुत चोद चोद कर फाड़ दूंगा, तेरी गांड मार दूंगा.
मैं और ज़ोश में आकर उसे और ज़ोर से मारने का बोल रही थी. वो भी पूरे जोश से मार रहा था.
फिर वो झड़ गया और उसने कंडोम उतार फेंका और मेरे ऊपर लेटकर मेरे बूब्स चूसने लगा.

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मैं उसे पकड़ कर बोलने लगी- यार मज़ा दे दिया तूने आज तो।

और थोड़ी देर में उसका दुबारा खड़ा हो गया. उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरी चुत में लंड फिक्स कर दिया. फिर मैं उछाल के साथ उसका लंड ले रही थी. मुझे धीरे धीरे पूरे मज़े आने लगे और मैं उछल उछल कर उसका लंड लेने लगी. वो जोश में मुझे गालियाँ दे रहा था।
करीब 8-10 मिनट तक मैं उछलती रही, फिर वो झड़ गया और मैं उसके ऊपर लेट गयी।

इतना चुदने के बाद मुझमें और चुदने की हिम्मत नहीं थी. मैं दिन भर बहुत चुद चुकी थी तो नींद आ गयी और वो भी सो गया।

घण्टे भर बाद राकेश आया और उसने मुझे साइड में लिया तो मैंने उसे थोड़ा रुकने को कहा. कुछ देर में उसे भी नींद आ गयी.

रात 3:30 वो उठा और उसने मुझे और विक्रम को उठाया। मैं तैयार नहीं थी पर वो हैवान होकर मेरे नंगे जिस्म पर टूट पड़े और मुझे उठा लिया. आगे से राकेश और पीछे से विक्रम शुरू हो गया. ये मर्द लोग पता नहीं इतना जोश कहाँ से लाते हैं. मैं थकी हुई थी तो मज़े नहीं ले पा रही थी पर वो हैवानों की तरह मुझे चोदते जा रहे थे.

फिर उन्होंने मुझे नीचे उतारा और लेटा कर विक्रम ने चुत में डाला और राकेश ने मेरे मुंह में लोड़ा डाल कर धक्के लगाने शुरू किए. मुझे अच्छा नहीं लग रहा था पर वो दोनों मेरे कहने पर रुकने वाले नहीं थे. वो पूरे जोश में धक्के लगा रहे थे.
उनके झड़ने के बाद हम वापस नंगे ही सो गए।

सुबह उठ कर वो फिर शुरू हो गए. मैं टूट रही थी पर उनमें अभी भी जोश था. मेरे लाख मना करने पर भी वो शुरू हो गये. मेरी चुत और गांड में दोनों का लंड था और दोनों बैठ कर मुझे चोद रहे थे।
कुछ देर में झड़ने के बाद मैंने उन्हें जाने को कहा. वो मना कर रहे थे तो मैंने उन्हें वापस जल्दी बुलाने का वादा कर उन्हें भेज दिया और सो गई।

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