कुवारी गरम भांजी और मामा

4.5
(2)

नमस्ते दोस्तो, मैं गुजरात का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र 23 की है और मेरा लिंग का आकार 6 इंच का है.

यह Xxx गर्ल वर्जिन पुसी लिक कहानी मेरे और मेरी दूर की भानजी की है.

मेरी भानजी का नाम डॉली है, उसकी उम्र 19 की थी और एकदम दिखने में गर्म माल लगती थी.

वह मेरे पास के गांव में रहती थी.
उसके गांव में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं था तो पढ़ने के लिए उसका बस में आना जाना था.

मेरी मम्मी की तबियत ठीक नहीं रहती थी तो मेरी मम्मी ने डॉली की मम्मी को बोल दिया कि डॉली मेरे घर पर ही रहे और वह यहां से ही स्कूल चली जाएगी.
उसके यहां रहने से मुझे भी कुछ सहारा हो जाएगा. वह थोड़ा सा काम में मेरी मदद भी कर देगी.

वैसे तो मेरा घर बहुत बड़ा है इसलिए उसके रहने से कोई दिक्कत नहीं होनी थी.
फिर हम दोनों की आपस में बहुत बनती भी थी; हमारा बचपन साथ में गुजरा था.
हम दोनों हमारी सारी बातें आपस में शेयर करते थे.

वह मुझे चार साल ही छोटी थी.
हालांकि मैंने कभी उसे गलत नजर से देखा नहीं था.

मैं पहले अपनी भानजी के बारे में बता देता हूं.
मेरी भानजी देखने में एकदम हॉट कंटीला माल थी.
उसका साइज़ 30-28-32 का है. उसके दूध एकदम तने हुए हैं और गांड के दोनों हिस्से किसी गोल गेंद की तरह हैं.
जब वह चलती थी, तो मम्मी की कसम उसकी गांड पर चमाट मारने का जी करता था.

एक दिन मैं अपनी भानजी से अपने एक दोस्त की बात कर रहा था.
मेरे दोस्त का उसके पास वाली एक लड़की का कुछ चक्कर चल रहा था तो मैं डॉली को वही सब बता रहा था.

उसी चर्चा में मैंने डॉली से कह दिया कि साली पूरी रांड है. मेरा दोस्त बता रहा था कि उसके ऊपर खूब घुड़सवारी करती है.

अब डॉली कोई बच्ची तो थी नहीं … वह घुड़सवारी का मतलब बखूबी समझती थी कि जब एक लड़की लड़के के लंड पर चूत फंसा कर उचकती है, तो उसे घुड़सवारी करना कहते हैं.

डॉली मुझसे पूछने लगी- क्या तुम सच में बोल रहे हो?

वह इस बात में कुछ ज्यादा ही रुचि दिखा रही थी.
मैंने बोल दिया- क्यों तुझे कुछ गलत लग रहा है?

वह मेरे सामने बोली- नहीं, मुझे क्या मतलब … वह चाहे घोड़े की सवारी करे या लौ …
इतना कह कर उसने अपने होंठ काट लिए और मुँह दबा कर हंसने लगी.

मैंने थोड़ा जोर देकर पूछा- बता न, तुझे उसकी इस हरकत को सुनकर कैसा लगा?
उसने बताया- मुझे क्या कैसा लगना … मैं तो बस ऐसे ही कह रही हूँ कि मेरे ऐसे दिन कब आएंगे.

मैंने उसकी बात समझ ली कि ये भी चुदने को मचल रही है.
तो मैंने कहा- तुझे कैसे दिन का इंतजार है?

उसने मेरी तरफ देखा और इठला कर बोली- क्यों समझ नहीं आया क्या?
मैंने भी मजाक में बोल दिया कि तू परेशान क्यों है … मैं सब समझता हूं और मैं हूँ ना तेरे लिए. तुझे किसी बात की कमी महसूस नहीं होने दूंगा.

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वह मेरी तरफ देखने लगी और मुस्कुरा दी.
उसकी नजरों में प्यार दिख रहा था.
मुझे बड़ा अच्छा लगा.

कुछ देर बाद उसने मेरे कंधे से सर टिका दिया और हम दोनों चुप होकर एक दूसरे के मन को पढ़ने लगे.

मैं अब रोज उससे मजाक करने लगा.
वह भी मेरे साथ मस्ती करने लगी.

फिर एक दिन मैंने बोल दिया- मैंने किस करना है.
उसने मेरी तरफ देखा और कह दिया- किसी को भी कर लो. मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

मैं इस बात पर गंभीर था मगर वह मजाक समझ रही थी तो उसने मुझे इस तरह से कह कर मना कर दिया.

फिर मैं जब गुस्सा सा हो जाता, तो वह मुझे मनाने लगती.
मैं भी उससे प्यार से मान जाता और हम दोनों बातें करने लगते.

एक दिन वह बोली- तुमने काफी दिन से अपने उस दोस्त की गर्ल फ्रेंड की चर्चा नहीं की!
मैंने कहा- कौन सी वाली लड़की की? वो जो घुड़सवारी करती थी?

उसने मेरी बांह पर मुक्का जड़ते हुए कहा- हां, वही घुड़सवारी वाली लड़की की!
मैंने कहा- तुमको घुड़सवारी की चर्चा सुनना है या उस लड़की की?

वह हंसने लगी और बोली- जब उस लड़की की चर्चा करोगे, तो उसकी किसी भी तरह की सवारी की चर्चा भी तो करोगे ना!
मैंने कहा- क्यों घुड़सवारी की ही चर्चा क्यों सुननी है? वह चुम्मी भी तो लेती है.

वह समझ गई कि मैं बात को घुमा फिरा कर किस की बात करना चाहता हूँ.
मैंने उसी के सामने अपने दोस्त को फोन लगा दिया और उससे कुछ देर इधर उधर की बात करने के बाद पूछा- और सुना आजकल तेरी घुड़सवारी करने वाली के क्या हाल चाल हैं?

उसकी तरफ से कोई जवाब आता, उससे पहले ही मैंने फोन को स्पीकर पर डाल दिया था.
मेरा दोस्त हंसने लगा और बोला- अरे साली लपक लपक कर लेती है. जिस स्पीड से वह अन्दर बाहर करती हैं ना … उससे तो लगता है कि साली खूंटा ही उखाड़ देगी.

मैंने कहा- अरे बड़ा कमजोर है तेरा खूंटा!
वह जबाव में हंसने लगा और बोला- उसके जर्क से ऐसा लगता है … मगर खूंटा थोड़ी उखड़ने वाला है.

अब मैंने डॉली की तरफ देखा.
वह बड़ी खामोशी से बात सुन रही थी और उनकी आंखों में एक वासना की खुमारी सी दिखने लगी थी.

मैंने उसे देखा और इशारा किया- और पूछूँ?
उसने मुस्कुरा कर हां में सर हिला दिया.

मैंने कहा- हां, वह तो मैं भी जानता हूँ कि खूंटा ऐसे उखड़ने लगा तो फिर मर्दों की तो दुकान ही बंद हो जाएगी.
वह हंसा और बोला- हां, फिर तो उसे किसी असली घोड़े के लंड को लेना पड़ेगा.

लंड शब्द सुनकर डॉली की आंखें तमतमा उठीं और उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया.
मैं समझ गया कि इसकी चूत में आग लग गई है.

मैंने एक कदम और आगे बढ़ कर पूछा- जब तेरी वह साँडनी तेरे खूँटे की सवारी करती है, तब उसके गुब्बारे किधर रहते हैं.
वह बोला- अरे भाई मत पूछो, साली के दूध इतने मस्त हिलते हैं कि लौड़े की मां चुद जाती है.

इसी तरह से कुछ देर बाद मेरी मेरे दोस्त से बात खत्म हो गई.
और डॉली अचानक से मेरे बाजू से उठ कर चली गई थी.

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मैं समझ गया कि बंदी बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली करने गई है.

उसके बाद कुछ ऐसा हो गया था कि जब भी हम दोनों अकेले होते थे, तो मैं उससे किस मांगने लगता था या उससे सेक्सी बात करने लगता था.
वह भी हर बार मज़ाक समझ कर मेरी मांग को नज़रअंदाज़ कर देती थी.

फिर एक दिन हम दोनों एक साथ में सो रहे थे.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.
उस वक्त डॉली मेरे बाजू में ही लेटी थी.

मैंने उसे इशारे में बोल दिया- मुझे किस करना है.
वह मेरी बात को नजरअंदाज करती हुई करवट बदल कर सो गई.

मैं भी उदास हो गया और करवट बदल कर सो गया.

वह सुबह जब 6 बजे उठी तो उस वक्त मैं गहरी नींद में था.

उसने मुझे जगाया और कहा- उठो दरवाजे के सामने से उठ कर एक साइड में आओ.
मैंने भी बोल दिया- क्या है सोने दो ना!

डॉली- किस करना है कि नहीं?
मैं- हां करना है, पर तुम देती ही नहीं हो.

उस वक्त कमरा पूरा खाली था.
उधर हम दोनों ही थे बाकी सब बाहर अपना काम कर रहे थे.

डॉली- आज दूँगी, जल्दी से इधर आओ!
मैं- मज़ाक तो नहीं कर रही हो?
डॉली- नहीं बाबा, जल्दी आओ वर्ना मैं जा रही हूं.

मैं उसके पास गया और सीधा उसे चुंबन कर दिया.
वह भी मेरा साथ देने लगी.

हम दोनों एक दूसरे के होंठों से होंठ लगा कर चालू हो गए और कुछ ही देर में हमारी जीभें एक दूसरे से लड़ने लगीं.

थोड़ी देर के बाद उसने मुझे धक्का देकर दूर कर दिया और बोल दिया- मुझे बाहर जाना है कोई आ जाएगा.
मैंने भी बोल दिया- दूसरी बार कब करने दोगी?
वह मुस्कुरा कर चली गई.

मैं उस दिन बहुत खुश था.

अब जब भी मुझे मौका मिलता, मैं उसका दूध दबा देता या चूचुक मसल देता या अपनी उसे बांहों में ले लेता.

उसे भी अब मेरे साथ मजा आने लगा था.

एक दिन मैंने उससे रात को मेरे पास आने के लिए बोल दिया.
मैं अक्सर कमरे के कोने सोता था.

मैं उसका इंतजार कर रहा था.

करीब एक बजे वह मेरे पास आ गई और बाजू में आकर लेट गई.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने पास खींच लिया तो वह मुझे किस करने लगी.

मैं भी उसके स्तन जोर से दबाता हुआ उसे किस करने लगा.

वह मुझे पागलों की तरह चुंबन कर रही थी और मेरे पूरे बदन पर हाथ फेर रही थी.

मैंने उसके पजामे में हाथ डाल दिया और उसकी चूत को रगड़ने लगा.
उसे बहुत मजा आने लगा, उसकी चूत पानी छोड़ने लगी.

मैंने धीरे से चूत में उंगली डाली तो वह मना करने लगी.
लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और उंगली अन्दर बाहर करने लगा.

उसकी सांसें तेज चलने लगीं और मैं जोर से उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
वह मेरे लौड़े को सहला रही थी तो मेरा लौड़ा पूरा ताव में आ गया था.

मेरा हाथ पकड़ कर वह जोर जोर से चूत में उंगली चलाने को बोल रही थी.
मैंने ऐसा ही किया और जोर जोर से हाथ चलाने लगा.
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेरा हाथ पूरा गीला हो चुका था.

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उसने मुझे किस किया और मुझे लिपट कर गहरी सांसें भरने लगी.

कुछ देर बाद मैंने धीरे से उसका हाथ मेरे लौड़े पर रखा और धीरे से कहा- इसका भी तो कुछ करो!

वह उठी और उलट कर 69 में हो गई.
उसका मुँह मेरे लौड़े के पास हो गया.

उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

मैं सातवें आसमान पर उड़ने लगा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैंने उसके पजामे को नीचे कर दिया और चड्डी सरका कर चूत चाटनी शुरू कर दी.
साथ ही साथ मैं उसके दूध दबा दबा कर उसे उत्तेजित कर रहा था.

थोड़ी देर के बाद मैंने उसका सर पकड़ कर जोर जोर से लंड चूसने को कहा.
वह समझ गई कि मैं झड़ने वाला हूँ.

तो वह अपना मुँह जोर जोर से चलाने लगी और मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया.
वह Xxx गर्ल सारा माल खा गई और लंड को चूस कर साफ कर दिया.

अब हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे.

फिर कुछ देर बाद मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत के ऊपर से पजामा और चड्डी को हटा दिया.
वह टांगें खोल कर लेट गई और लंड पेल देने के लिए कहने लगी.

मैंने कहा- अभी लंड ले लोगी?
वह बोली- क्यों नहीं ले सकती हूँ?

मैंने कहा- चूत वर्जिन पुसी है तुम्हारी … लंड अन्दर जाएगा तो तुम्हारी आवाज निकलेगी. मम्मी जाग गईं तो मां चुद जाएगी.
वह बोली- यार कुछ करो, मेरी में बहुत आग लगी है.

मैंने उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और चाट चाट कर उसे झाड़ दिया.

तब मैंने कहा- कल या किसी और दिन किसी होटल में चल कर चूत चुदाई का सुख ले लेंगे.
वह राजी हो गई और उठकर अपनी जगह पर चली गई.

उसके बाद मैंने डॉली की सीलपैक चूत को कैसे फाड़ कर उसे चोदा, वह सेक्स कहानी आपको बाद में सुनाऊंगा.

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