प्रेषिका: अरुशी
मेरा नाम अरुशी है. उमर अभी केवल 19 साल है. मैं एकलौती हूँ मेरी माँ अभी केवल ३२ साल की हैं. मेरे छोटे मामा अक्सर घर आया करते हैं. वी ज़्यादातर मम्मी के कमरे मे ही घुसे रहते हैं. मुझे पहले तो कुछ नही लगा पर एक दिन जान ही गयी कि मम्मी अपने छोटे भाई यानी मेरे मामा से ही मज़ा लेती हैं. मुझे बहुत आश्चर्य हुवा पर अजीब सा मज़ा भी मिला दोनो को देखकर. मैं जान गयी मम्मी अपने भाई से फँसी है और दोनो चुदाई का मज़ा लेते हैं. मामा करीब 25 साल के थे. मामा अब मुझे भी अजीब नज़रो से देखते थे. मैं कुछ ना बोलती थी. घर के माहौल का असर मुझ पर भी पड़ा. मामा को अपनी चूचियों को घूरते देख अजीब सा मज़ा मिलता था.
अगर पापा नही होते तो मम्मी मामा को अपने रूम मे ही सुलाती. एक रात मम्मी के रूम मे कान लगा दोनो की बात सुन रही थी तो दोनो की बात सुन दंग रह गयी. मामा ने कहा, “दीदी अब तो अरुशी भी जवान हो गयी है. दीदी आप ने कहा था कि अरुशी का मज़ा भी तुम लेना.” “ओह्ह मेरे प्यारे भाई तुमको रोकता कौन है. तुम्हारी भांजी है जो करना है करो. जवान हो गयी है तो चोद दो साली को. जब मैं अरुशी की उमर की थी तो कई लंड खा चुकी थी. ५ साल से सिर्फ़ तुमसे ही चुदवा रही हूँ. आजकल तो लड़किया choti उम्र मैं चुदवाने लगती हैं.” मैं चुपचाप दोनो की बात सुन रही थी और बेचैन हो रही थी. “वह गुस्सा ना हो जाए.” “नही होगी. तुम गधे हो.
पहली बार सब लड़कियाँ बुरा मानती है पर जब मज़ा पाएगी तो लाइन देने लगेगी. ज़रा चूत चाटो.” “जी दीदी.” वह मम्मी की चूत को चाटने लगा. कुछ देर बाद फिर मामा की आवाज़ आई, “पूरी गदरा गयी है दीदी.” “हां हाथ लगाओगे तो और गदरायेगी. डरने की ज़रूरत नही. अगर नखरे दिखाए तो पटक कर चोद दो. देखना मज़ा पाते ही अपने मामा की दीवानी हो जाएगी जैसे मैं अपने भाई की दीवानी हो गयी हूँ. चॅटो मेरे भाई मुझे चटवाने मे बहुत मज़ा आता है.” “हां दीदी मुझे भी तुम्हारी चूत चाटने मे बड़ा मज़ा मिलता है.” मैं दोनो की बात सुन मस्त हो गयी.
मॅन का डर तो मम्मी की बात सुन निकल गया. जान गयी कि मेरा कुँवारापन बचेगा नही. मम्मी खुद मुझे चुदवाना चाह रही थी. जान गयी की जब मम्मी को इतना मज़ा आ रहा है तो मुझे तू बहुत आएगा. मम्मी तो अपने सगे भाई से चुदवा ही रही थी साथ ही मुझे भी चोदने को कह रही थी. मम्मी और मामा की बात सुन वापस आ अपने कमरे मे लेट गयी. दोनो चूचियों तेज़ी से मचल रही थी और रानो के बीच की चूत गुदगुदा रही थी.
कुछ देर बाद मैं फिर विंडो के पास गयी और अंदर की बात सुनने लगी. अजीब सा पुक्क पुक्क की आवाज़ आ रही थी. मैने सोचा कि यह कैसी आवाज़ है. तभी मम्मी की आवाज़ सुनाई दी, “हाए थोड़ा और. साले बहन्चोद तुमने तो आज थका ही दिया.” “अरे साली रंडी अभी तो 100 बार ऐसे ही करूँगा. ” मैं तड़प उठी दोनो की गंदी बातें सुनकर. जान गयी कि पुक्क पुक्क की आवाज़ चुदाई की है और मम्मी अंदर चुद रही हैं.
मामा मम्मी को चोद रहे हैं. तभी मम्मी ने कहा, ” हाए बहुत दमदार लंड है तुम्हारा. ग़ज़ब की ताक़त है मेरी दो बार झाड़ चुकी है. आआअहह बस ऐसे ही तीसरी बार निकलने वाला है. आअहह बस राजा निकला. तुम सच्च मे एक बार मे दो तीन को खुश कर सकते हो. जाओ अगर तुम्हारा मॅन और कर रहा हो तो अरुशी को जवान करदो जाकर.” “कहाँ होगी.” “अपने कमरे मे. जाओ दरवाज़ा खुला होगा.
मुझमे तो अब जान ही नही रह गयी है.” मम्मी ने तो यह कह कर मुझे मस्त ही कर दिया था. घर मे सारा मज़ा था. मामा अपनी बड़ी बहन को चोदने के बाद अब अपनी कुँवारी भांजी को चोदने को तैय्यार थे. मम्मी के चुप हो जाने के बाद मैं अपने कमरे मे आ गयी. जान गयी की मामा मम्मी को चोदने के बाद मेरी कुँवारी चूत को चोदकर जन्नत का मज़ा लेने मेरे कमरे मे आएँगे. पूरे बदन मैं करेंट दौड़ने लगा.
रूम मे आकर फ़ौरन मॅक्सी पहनी. मैं चड्डी पहनकर सोती थी पर आज चड्डी भी नही पहनी. आज तो कुँवारी चूत की ओपनिंग थी. चूत की धड़कन इनक्रीस हो रही थी और चूचियों मे रस भर रहा था. मॅन कर रहा था कि कह दूँ मामा मम्मी तो बूढ़ी है. मैं जवान हूँ.
चोदो मुझे. रात के 11:30 हो चुके थे. दरवाज़ा खुला रखा था. मॅक्सी को एक टाँग से ऊपर चढ़ा दिया और एक चूची को गले की ओर से थोड़ी सी बाहर निकाल दिया और उसके आने की आहट लेने लगी. मैं मस्त थी और ऐसे पोज़ मे थी कि कोई भी आता तो उसे अपनी चखा देती. अभी तक लंड नही देखा था. बस सुना था. 10 मिनिट बाद उसकी आहट मिली. मेरे रोएँ खड़े हो गये. मुझे करार नही मिला तो झटके से पूरी चूची को बाहर निकाल आँख बंद कर ली. जब 35 साल की चूत का दीवाना था तो मेरी 15-16 साल की देखकर तो पागल हो जाता.
तभी वह कमरे मे आया. मैं गुदगुदी से भर गयी. जो सोचा था वही हुवा. पास आते ही उसकी आँख मेरी बिखरी मॅक्सी पर रानो के बीच गयी. मम्मी के पास से वापस आने पर मज़ा खराब हुवा था पर अब फिर आने लगा था. वह अपने दोनो हाथ पलंग पर जमा मेरी रानो पर झुका तो मैने आँखे बंद कर ली. मेरी साँस तेज़ हुई मेरी चूचियों और चूत मे फुलाव आया. मैं दोनो रानो के बीच 1 फुट का फासला किए उसे 19 साल की चूत का पूरा दीदार करा रही थी.
कुछ देर तक वा मेरी चूत को घूरता रहा फिर मेरे दोनो उभरे उभरे अनारो को निहारता धीरे से बोला, “हाए क्या उम्दा चीज़ है, एकदम पाव रोटी का टुकड़ा. हाए राज़ी हो जाती तो कितना मज़ा आता.” और इसके साथ ही उसने झुककर मेरी चूत को बेताबी के साथ चूम लिया तो पूरे बदन मे करेंट दौड़ा. मैं तो बहाना किए थी. चूमकर कुछ देर तक मेरी कुँवारी चूत को देखता रहा फिर झुककर दुबारा मुँह से चूमते एक हाथ से मेरी मॅक्सी को ठीक से ऊपर करता बोला….
“हाए क्या मस्त माल है. अब तो चुदी माँ के साथ बेटी की कुँवारी फाँक का पूरा मज़ा लूँगा.” मैने अपने बहन्चोद मामा के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनी तो और मस्त हुई. चूत पे किस से बहुत गुदगुदी हुई और मन किया कि उससे लिपट कर कह दूं कि अब नही रह सकती तुम्हारे बिना मैं तैय्यर हूँ लूटो मेरी कुँवारी चूत को मामा. पर चुप रही. तभी मामा बेड पर बैठ गये और मेरी रानो पर हाथ फेर मेरी चूत को सहलाने लगा.
उससे चूत पर हाथ लगवाने मे इतना मज़ा आ रहा की बस मन यह कहने को बेताब हो उठा कि राजा नगी करके पूरा बदन सहलाओ. मम्मी का कहना सही था कि हाथ लगाओ, मज़ा पाते ही लाइन क्लियर कर देगी. तभी उसकी एक उंगली चूत की फाँक के बीच मे आई तो मैं तड़प कर बोल ही पड़ी, “हाए कौन?” “मैं हूँ मेरी जान, तुम्हारा चाहने वाला. हाए अच्छा हुवा तुम जाग गयी. क्या मस्त जवानी पाई है. आज मैं तुमको……..”
और किसी भूखे कुत्ते की तरह मुझे अपनी बाँहो मे कसता मेरी दोनो चूचियों को टटोलता बोला, “हाए क्या गदराई जवानी है.” मैं अपने दोनो उभारों को उसके हाथ मे देते ही जन्नत मैं पहुँच गयी. वह मेरे चिकने गाल पर अपने गाल लगा दोनो को दबा बोला, “बस एक बार चखा दो, देखो कितना मज़ा आता है.” “हाए मामा आप छ्चोड़ो यह क्या कर रहे हैं आप. मम्मी आ जाएगी.” “मम्मी से मत डरो. उन्होने ही तो भेजा है. कहा है कि जाओ मेरी बेटी जवान हो गयी है. उसे जवानी का मज़ा दो. बहुत दिनो से ललचा रही हो, बड़ा मज़ा पओगि.
मम्मी कुछ नही कहेंगी.” और इसके साथ ही मेरी चूचियों को मॅक्सी के ऊपर से कसकर दबाया तो मेरा मज़ा सातवे आसमान पर पहुँच गया. “मम्मी सो गयी क्या?” मैने पूछा तो वा बोला, “हां. आज तुम्हारी मम्मी को मैने बुरी तरह थका दिया है. अब वे रात भर मीठी नींद सोएंगी. बस मेरी रानी एक बार. देखना मेरे साथ कितना मज़ा आता है.” और उसने दोनो निपल को चुटकी दे मुझे राज़ी कर लिया.
सच आज उसकी हरकत मे मज़ा आ रहा था. दोनो निपल्स का नशा रानो मे उतर रहा था. “मामा आप मम्मी के साथ सोते हैं. वह तो आपकी बहन हैं.” “आज अपने पास सुलकर देखो, जन्नत की सैर करा दूँगा. हाए कैसी मतवाली जवानी पाई है. बहन है तो क्या हुवा. माल तो बढ़िया है मम्मी का.” “दरवाज़ा खुला है.” मैने मज़े से भरकर कहा. मेरी नस नस मे बिजली दौड़ रही थी. अब बदन पर कपड़ा बुरा लग रहा था. उसने मेरी चूचियों को मसल्ते हुवे मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया.
उसे मेरी जैसी कुँवारी लड़कियों को राज़ी करना आता था. होंठ चुसते ही मैं ढीली हो गयी. मामा मेरी मस्ती को देख एकदम से मस्त हो गये. धीरे से मेरे बदन को बेड पर कर मेरी चूचियों पर झुक कर मेरी रान पर हाथ फेरते बोले, “अब तुम एकदम जवान हो गयी हो. कब मज़ा लोगि अपनी जवानी का. डरो नही तुमको कली से फूल बना दूँगा. मम्मी से मत डरो, उनके सामने तुमको मज़ा दूँगा बस तुम हां कर दो.” हाथ लगवाने मे और मज़ा आ रहा था. मैं मस्त हो उसे देखती बोली, “मम्मी को आप रोज़ …….” “हां मेरी जान तुम्हारी मम्मी को रोज़ चोद्ता हूँ.
तुम तैय्यार हो तो तुमको भी रोज़ चोदेन्गे. हाए कितनी खूबसूरत हो. ज़रा सा और खोलो ना. ” मैं तो जन्नत मे थी. मामा चूचियों को दबाए एक हाथ गाल पर और दूसरा रानो के बीच फेर रहे थे. “मुझसे छोटी छोटी?” “हां मेरी जान. ज़्यादा बड़ी हो जाओगी तो इसका मज़ा उतना नही पओगि जितना अभी. तुम्हारी एकदम तैय्यार है बस हां कर दो.” “मैं तो अभी बहुत छोटी हूँ.” और दोनो रानो को पूरा खोल दिया. मामा चालाक थे. पैर खोलने का मतलब समझ गये. मुस्काराकार मेरे होंठ चूम कर बोले, “मेरी छोटी बहन को तो तुम जानती हो, अभी 20 की भी नही है. उसकी चूचियों भी तुमसे छोटी हैं. वह भी मुझसे खूब चुदवाती है.”
और चूत की फाँक को चुटकी से मसला तो मैं कसमसकर बोली, “हाए मामा अपनी छोटी बहन को भी मेरी मम्मी की तरह चोद्ते हो?” “हां यहाँ रहता हूँ तो तुम्हारी मम्मी को यानी अपनी बड़ी बहन को चोद्ता हूँ और घर मे मैं अपनी छोटी बहन यानी तुम्हारी मौसी को खूब हचक कर चोद्ता हूँ तभी वह सोने देती है. तुम्हारी चूचियाँ तो खूब गदराई हैं. बोलो हो राज़ी.” और मॅक्सी के गले से हाथ अंदर डाला तो मैं राज़ी हो गयी और बोली, “राज़ी हूँ पर मम्मी से मत बताना.” मैं उसे यह एहसास नही होने देना चाहती थी कि मैं तो जाने कब से राज़ी हूँ.
उसके पास आते ही पूरा मज़ा आने लगा. मैं अपना 19 साल का ताज़ा बदन उसके हवाले करने को तैय्यार थी. अगर वह मम्मी को चोद्कर ना आए होते तो मेरी कुँवारी चूत को देखकर चोदने के लिए तैय्यार हो जाते. पर वह मम्मी को चोद्कर अपनी बेकरारी को काबू मे कर चूक्के थे. वह मेरी नयी चूचियों को हाथ मे लेते ही मेरी कीमत जान गये थे. मेरे लिए यह पहला चान्स था. मामा मुझसे ज़बरदस्ती ना कर प्यार से कर रहे थे.
अब तक वह मेरी नंगी चूत को देख उसपर हाथ फेर चूम भी चूक्के थे पर मैने अभी तक उनका लंड नही देखा था. मॅक्सी के अंदर हाथ डाल चूचियों को पकड़ और बेकरार कर दिया था. मामा ने दुबारा मॅक्सी के ऊपर से चूचियों को पकड़कर कहा, “मम्मी से मत डरो. मम्मी ने पूरी छुट दे दी है. बस तुम तैय्यार हो जाओ.” और चूचियों को इतनी ज़ोर से दबाया कि मैं तड़प उठी.
“मुझे कुछ नही आता.” मैं राज़ी हो बोली तो उसने कहा, “मैं सिखा दूँगा.” और मेरे गाल काटा तो मैं बोली, “ऊई बड़े बेदर्द हो मामा.” मेरी इस अदा पर मस्त हो गाल सहलाते मॅक्सी पकड़ कर बोले, “इसको उतार दो.” “हाए पूरी नंगी करके.” “हां मेरी जान मज़ा तो नंगे होने मे ही आता है. बोलो पूरा मज़ा लोगि ना.” ” हां.” “तो फिर नंगी हो मैं अभी आता हूँ.”
वह कमरे से बाहर चला गया. मैं कहाँ थी, बता नही सकती थी. पूरे बदन मैं चीटियाँ चलने लगी. चूत फुदकने लगी थी. मैं पूरी तरह तैय्यार थी. मैने जल्दी से मॅक्सी उतार दी और पूरी नंगी हो बेड पर लेट गयी. मम्मी तो चुदवाने के बाद अपने कमरे मे आराम से सो रही थी और अपने यार को मेरे पास भेज दिया था. मैं अपने नंगे जवान बदन को देखती आने वाले लम्हो की याद मे खोई थी कि मेरी माँ का यार वापस आया.
मुझे नंगी देख वह खिल उठा. पास आ पीठ पर हाथ फेर बोले, “अब पओगि जन्नत का मज़ा.” मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेर मज़ा दे उसने झटके से अपनी लूँगी अलग की तो उनका लंड मेरे पास आते ही झटके खाने लगा. अभी उसमे फुल पॉवेर नही आया था पर अभी भी उसका कम से कम 6 इंच का था.
मैं ग़ज़ब का लंड देख मस्ती से भर गयी. वह बेड पर आए और पीछे बैठ मेरी कमर पकड़कर बोले, “गोद मे आओ मेरी जान.” मेरा कमरा मेरे लिए जन्नत बन गया था. अब हम दोनो ही नंगे थे. जब मामा की गोद मे अपनी गांड रखी तो मामा ने फ़ौरन मेरी दोनो चूचियों को अपने दोनो हाथों मे ले बदन मे करेंट दौराया “ठीक से बैठो तभी असली मज़ा मिलेगा. देखना आज मेरे साथ कितना मज़ा आता है.” नंगी चूचियों पर उसका हाथ चला तो आँख बंद होने लगी.
अब सच ही बड़ा मज़ा आ रहा था. “अरुशी.” “जी” “कैसा लग रहा है?” मेरी गांड मे उसका खड़ा लंड गढ़ रहा था जो एक नया मज़ा दे रहा था. अब मैं बदहवास हो उसकी नंगी गोद मे नंगी बैठी अपनी चूचियों को मसल्वाती मस्त होती जा रही थी. तभी मामा ने चूचियों के टाइट निपल को चुटकी से दबाते पूछा, “बोलो मेरी जान.” “हाए अब और मज़ा आ रहा है. मामा.”
“घबराओ नही तुमको भी मम्मी की तरह पूरा मज़ा दूँगा. हाए तुम्हारी चूचियाँ तो दीदी से भी अच्छी हैं.” वह मेरी मस्त जवानी को पाकर एकदम से पागल से हो गये थे. निपल की छेड़छाड़ से बदन झनझना गया था. तभी मामा ने मुझे गोद से उतारकर बेड पर लिटाया और मेरे निपल को होंठो से चूस्कर मुझे पागल कर दिया. हाथ की बजाए मुँह से ज़्यादा मज़ा आया. मामा की इस हरकत से मैं खुद को भूल गयी. उसको मेरी चूचियाँ खूब पसंद आई. मामा 10 मिनिट तक मेरी चूचियों को चूस चूस्कर पीते रहे. चूचियों को पीने के बाद मामा ने मुझसे रानो को फैलाने को कहा तो मैने खुश होकर अपने बहन्चोद मामा के लिए जन्नत का दरवाज़ा खोल दिया.
पैर खोलने के बाद मामा ने मेरी कुँवारी चूत पर अपनी जीभ फिराई तो मैं तड़प उठी. वह मेरी चूत को चाटने लगे. चटवाते ही मैं तड़प उठी. मामा ने चाटते हुवे पूछा, “बोलो कैसा लग रहा है?” “बहुत अच्छा मेरे राजा.” “तुम तो डर रही थी. अब दोनो का मज़ा एक साथ लो.” और अपने दोनो हाथ को मेरी मस्त चूचियों पर लगा दोनो को दबाते मेरी कुँवारी गुलाबी चूत को चाटने लगे तो मैं दोनो का मज़ा एक साथ पा तड़पति हुई बोली, “हाए आआहह बस करो मामा ऊई नही अब नही.”“अभी लेटी रहो.” मुझे ग़ज़ब का मज़ा आया.
वह भी मेरी जवानी को चटकार मस्त हो उठे. 10 मिनिट तक चाटते रहे फिर मुझे जवान करने के लिए मेरे ऊपर आए. मामा ने पहले ही मस्त कर दिया था इसलिए दर्द कम हुवा. मामा भी धीरे धीरे पेलकर चोद रहे थे. मेरी चूत एकदम ताज़ी थी इसलिए मामा मेरे दीवाने होकर बोले, “हाए अब तो सारी रात तुमको ही चोदुन्गा.” मैं मस्त थी इसलिए दर्द की जगह मज़ा आ रहा था.
“मैं भी अब आपसे रोज़ चुदवाउंगी.” उस रात मामा ने दो बार चोदा था और जब वह अगली रात मुझे पेल रहे थे तो अचानक मम्मी भी मेरे कमरे मे आ गयी. मैं ज़रा सा घबराई लेकिन मामा उसी तरह चोद्ते रहे. मम्मी पास आ मेरी बगल मे लेट मेरी चूचियों को पकड़कर बोली, “ओह बेटी अब तो तुम्हारी चोदने लायक हो गयी है. लो मज़ा मेरे यार के तगड़े लंड का.” “ओह मम्मी मामा बहुत अच्छी हैं. बहुत अच्छा लग रहा है.” अब मैं और मम्मी दोनो साथ ही मामा से चुदवाते हैं. मामा अक्सर आते हैं ओर हम दोनो मोम आंड डॉटर का मज़ा लेते हैं. और हमे मज़ा देते है | अभी मै अपनी मम्मी के साथ पनवेल में रहती हु अब मै और मम्मी मामा से चुद कर थक चुकी हु अगर कोई है जिसका लंड काफी मजबूत हो तो प्लीज मुझे ईमेल करो |
कैटेगरी: Mama Bhanji Sex Story - मामा भांजी की चुदाई, Antarvasna Sex Stories - अन्तर्वासना सेक्स कहानियाँ, Bhai-Bahan Chudai Kahani | भाई बहन की चुदाई, Hindi Sex Story, Kamukta Hindi Sexy Story, Teenage Girl, Threesome - थ्रीसम चुदाई, Virgin Girl - कुंवारी लड़की की चुदाई, देसी कहानियां - Desi Kahani.
टैग्स: 69, boobs show, Chudai ki kahani, Hardcore Chudai ki kahani, oral sex story, ब्रा पैंटी, लंड चुसाई, हिंदी सेक्स कहानी.
Related Posts💋
Pati Ne Karai Bahu Sasur Ki Chudai-2 |
Pati Ne Karai Bahu Sasur Ki Chudai-1 |
Mummy ki Saheli ki Chudai |
Lockdown Mein Girlfriend Ki Chudai |
Sheetal ko Patakar Dost ke Ghar Par Choda |
आपको यह कहानी कैसी लगी?
स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।
Average rating 4.5 / 5. Vote count: 4
अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें
We are sorry that this post was not useful for you!
Let us improve this post!
Tell us how we can improve this post?