website banner-not ads-just-self-branding

ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 3

4.5
(150)

नेहा अब पूरी तरह से अपनी मर्जी की मालकिन बन चुकी थी। इस बार उसने फैसला कर लिया था कि खेल को और भी मजेदार बनाया जाए। घर की चारदीवारी के भीतर छुप-छुप कर प्यार का खेल अब उसे नीरस लगने लगा था। अब उसे कुछ नया और खतरनाक करना था, और इस बार उसने रामपाल को लेकर जंगल में जाने का सोचा।

कहानी के पिछले दो भाग: ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 1, ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 2

रामपाल खुद भी बहू की नई-नई हरकतों से हैरान था, लेकिन वह पूरी तरह से नेहा के जाल में फंस चुका था। नेहा ने रात को विनोद को किसी काम का बहाना बनाकर भेज दिया, ताकि वह रामपाल के साथ अपनी योजना को अंजाम दे सके। नेहा और रामपाल एक सुनसान जगह पर पहुंचे, जहां चारों ओर पेड़-पौधे थे और कोई भी देखने वाला नहीं था। नेहा ने जैसे ही वहां कदम रखा, उसने अपनी साड़ी का पल्लू उठाया और कहा, “बाबूजी, आज आपको जंगल की हवा में मजा लेने का मौका मिलेगा। आज मैं आपको वो सब कुछ दिखाऊंगी, जो आपने कभी सोचा भी नहीं होगा।” रामपाल का लंड खड़ा हो चुका था।

नेहा ने उसकी पैंट की ज़िप खोलते हुए कहा, “देखो बाबूजी, तुम्हारा लंड मेरे लिए कितना बेताब है। आज मैं तुम्हें ऐसा मजा दूंगी, जो तुम जिंदगी भर याद रखोगे।” नेहा ने रामपाल की पैंट नीचे खींच दी और उसका लंड जोर से पकड़ लिया। उसने रामपाल को एक पेड़ के सहारे टिकाया और खुद उसके सामने घुटनों के बल बैठ गई। नेहा ने उसके लंड को चूसना शुरू किया, और साथ ही अपनी उंगलियाँ रामपाल की गांड पर फिराने लगी। “आह… बाबूजी, तुम्हारा लंड तो किसी जानवर से कम नहीं है। आज मैं इसे पूरी तरह से चूस कर तृप्त कर दूंगी,” नेहा ने कहा और उसकी सिसकारियां तेज हो गईं।

नेहा ने अपनी जीभ से रामपाल की गांड को चाटना शुरू किया और फिर अपने होंठों से उसके लंड को जोर से चूसने लगी। रामपाल अब खुद को रोक नहीं पा रहा था। उसकी सांसें तेज हो गईं और वह नेहा की कमर को पकड़ कर जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगा। “बहू, तू तो गजब कर रही है। अब मेरी लोड में अपना मुंह भर और मुझे तड़पा मत,” रामपाल ने कराहते हुए कहा। नेहा ने अपना खेल और तेज कर दिया।

आप यह ससुर बहु की चुदाई की कहानी हमारी इंडियन सेक्स स्टोरीज की ऑफिशल वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

इसे भी पढ़ें:  ठरकी टीचर और मोनिका की दूसरी मुलाकात – होटल में सुहागरात

उसने अपनी साड़ी को पूरी तरह उतार दिया और अब वह सिर्फ अपनी ब्लाउज और पेटीकोट में थी। उसने रामपाल के लंड को एक बार फिर अपने मुंह में लिया और उसे अंदर-बाहर करना शुरू किया। फिर नेहा ने एक और शरारत की। उसने रामपाल को पेड़ के साथ ही टिकाए रखा और उसकी गांड में अपनी उंगली डाल दी। रामपाल ने एक जोरदार सिसकारी ली, “आह… बहू, तूने मुझे पागल कर दिया है।” नेहा ने उसकी उंगली को और गहराई में डाला और फिर से लंड चूसना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ अब रामपाल की गांड में मस्ती कर रही थीं, और रामपाल का लंड उसकी चूत में जाने के लिए बेताब हो रहा था।

रामपाल अब पूरी तरह से नेहा की मर्जी के गुलाम बन चुका था। जंगल की खुली हवा में, उस सुनसान जगह पर, उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह कोई सपना देख रहा हो। नेहा के हाथ और उसकी उंगलियां उसकी गांड में पूरी मस्ती से खेल रही थीं, और रामपाल का लंड अब और ज्यादा सख्त हो चुका था।

नेहा ने अब रामपाल को जमीन पर लिटा दिया। उसने खुद को पूरी तरह से नंगा कर दिया। रामपाल ने जैसे ही नेहा का गोरा और गदराया बदन देखा, उसकी सांसें तेज हो गईं। नेहा ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “बाबूजी, अब मैं आपको वो मजा दूंगी जो आप कभी भूल नहीं पाएंगे।” नेहा ने रामपाल के लंड पर अपना चूत रखा और धीरे-धीरे उस पर बैठने लगी। रामपाल ने एक जोरदार सिसकारी भरी, “आह… बहू, तेरी चूत तो एकदम आग है।” नेहा ने अपनी कमर को जोर से हिलाना शुरू कर दिया।

उसका गोरा और जवान बदन रामपाल के लंड पर सवार था, और वह उसकी चूत में अंदर-बाहर कर रही थी। रामपाल का लंड पूरी तरह से नेहा की गीली चूत में समा चुका था, और दोनों की सिसकारियां जंगल की खामोशी को तोड़ रही थीं। “आह… बाबूजी… जोर से मारो, और तेज़… मेरी चूत तुम्हारे लंड के लिए ही बनी है,” नेहा ने जोर से कहा और अपनी कमर को और तेजी से हिलाने लगी। रामपाल की हालत अब और बिगड़ती जा रही थी। उसने नेहा की कमर को कसकर पकड़ लिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।

नेहा की चूत से रस टपक रहा था, और दोनों ही अब चरम सुख की ओर बढ़ रहे थे। नेहा ने रामपाल के लंड को पूरी ताकत से अंदर लिया और फिर अचानक खड़ी हो गई। उसने रामपाल को घुटनों के बल बिठाया और कहा, “अब मेरी गांड में डालो, बाबूजी… आज मैं तुम्हारी पूरी मर्दानगी का स्वाद चखूंगी।” रामपाल ने बिना कोई समय गंवाए नेहा की गांड को पकड़ा और अपने लंड को उसकी गांड के पास ले गया।

इसे भी पढ़ें:  Threesome :पड़ोसन लड़की और आंटी की मजेदार चुदाई

नेहा की गांड चुत की पानी बहने से पहले से ही गीली हो चुकी थी, और रामपाल का लंड उसकी गांड के अंदर जाने के लिए तैयार था। उसने एक जोर का धक्का मारा और उसका लंड नेहा की गांड में घुस गया। “आह… बाबूजी, और जोर से… मेरी गांड फाड़ दो,” नेहा ने तड़पते हुए कहा और रामपाल को अपनी गांड में और गहराई तक धकेलने लगी। रामपाल अब पूरी तरह से नेहा की गांड में डूबा हुआ था। उसने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए और नेहा की सिसकारियां और तेज हो गईं।

दोनों का शरीर पसीने से तर हो चुका था, और दोनों एक-दूसरे को पूरी ताकत से भोग रहे थे। रामपाल ने नेहा की गांड में और तेज धक्के मारते हुए कहा, “बहू, तू तो एकदम छिनाल है… तेरी गांड और तेरी चूत, दोनों का स्वाद आज तृप्त कर दूंगा।” नेहा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी। उसकी गांड अब रामपाल के लंड को पूरी तरह से अंदर समेटे हुए थी, और उसकी सिसकारियां जंगल की हवा में गूंज रही थीं।

रामपाल की मर्दानगी अब चरम पर थी, और नेहा भी पूरी तरह से अपने आप को उसके हवाले कर चुकी थी। जंगल की वह खामोशी और दोनों के शरीर की गर्मी, सब कुछ और ज्यादा उत्तेजक हो गया था। रामपाल ने अब नेहा की गांड में जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए थे।

आप यह ससुर बहु की चुदाई की कहानी हमारी इंडियन सेक्स स्टोरीज की ऑफिशल वेबसाइट दी इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

नेहा की हर सिसकारी और कराह रामपाल को और ज्यादा तेज धक्के मारने पर मजबूर कर रही थी। नेहा ने अपनी कमर को और उठाकर, रामपाल को और अंदर आने का मौका दिया। “आह… बाबूजी, और जोर से, मेरी गांड को पूरी तरह से फाड़ डालो,” नेहा ने जोर से कहा, और उसकी सिसकारियां पूरे जंगल में गूंजने लगीं। रामपाल अब खुद को संभाल नहीं पा रहा था। उसने एक जोरदार धक्का मारा और नेहा की गांड के अंदर उसके लंड का पूरा जोर से घुसा दिया। “आह… बहू, तेरी गांड तो जन्नत है,” रामपाल कराहते हुए बोला।

नेहा ने अपनी कमर को और हिलाना शुरू कर दिया, और अब दोनों के शरीर एक दूसरे के साथ ताल में ताल मिला रहे थे। नेहा की चूत से रस लगातार बह रहा था, और रामपाल की सख्त लोड उसकी गांड में अन्दर-बाहर हो रही थी। नेहा ने अपने हाथों से रामपाल के गालों को कस कर पकड़ा और कहा, “बाबूजी, अब मेरी चूत को भी भर दो। आज मुझे तुम्हारे लंड का पूरा-पूरा मज़ा चाहिए।” रामपाल ने उसे तुरंत पलटाया और अब नेहा को जमीन पर पेट के बल लिटा दिया।

इसे भी पढ़ें:  Bete se ek mahine ki judai chudai me badal gayi kaise, jaaniye

उसने अपनी सख्त लोड को नेहा की चूत पर रखा और जोर का धक्का मारा। “आह… बाबूजी, मेरी चूत पूरी तरह से तुम्हारे लिए ही बनी है,” नेहा ने तड़पते हुए कहा। अब रामपाल ने नेहा की चूत में जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। नेहा की चूत गीली हो चुकी थी, और रामपाल का लंड उसकी चूत के अन्दर पूरी तरह से डूबा हुआ था। दोनों की सिसकारियां अब और तेज हो चुकी थीं। “आह… बाबूजी, और तेज़, मेरी चूत को पूरा भर दो,” नेहा ने कराहते हुए कहा। रामपाल ने अपनी पूरी ताकत लगा दी और नेहा की चूत में अपना लंड और तेज गति से धकेलने लगा। नेहा का शरीर अब तड़पने लगा था, और उसने रामपाल की हर धक्के पर जोर से सिसकारी ली। कुछ ही देर बाद, रामपाल ने खुद को रोक नहीं पाया और जोर से कराहते हुए नेहा की चूत में स्खलित हो गया। नेहा ने भी एक जोरदार सिसकारी ली और दोनों एक साथ झड़ गए।

दोनों का शरीर अब पूरी तरह से पसीने में लथपथ हो चुका था। नेहा ने अपनी साड़ी को उठाया और रामपाल की ओर मुस्कुराते हुए बोली, “बाबूजी, आज आपने मेरी सारी इच्छाएं पूरी कर दीं। अब मैं हमेशा के लिए आपकी हूँ।” रामपाल ने मुस्कुराते हुए कहा, “बहू, आज तूने मुझे वो मज़ा दिया जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था।” दोनों ने अपनी कपड़े पहने और फिर जंगल से वापस घर की ओर चल पड़े, इस वादे के साथ कि यह खतरनाक खेल अब और भी मजेदार बनेगा।

कहानी का अगला भाग: ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 4

Related Posts💋

आपको यह कहानी कैसी लगी?

स्टार्स को क्लिक करके आप वोट कर सकते है।

Average rating 4.5 / 5. Vote count: 150

अभी तक कोई वोट नहीं मिला, आप पहला वोट करें

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

2 thoughts on “ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 3”

Leave a Comment