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ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 5

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नेहा और रामपाल के बीच अब तक की सबसे ज्यादा खतरनाक और उत्तेजक रात की शुरुआत होने वाली थी। इस बार खेल थोड़ा अलग था। रामपाल नेहा को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में रखने का फैसला किया था। “आज मैं तुझे वो मजा दूंगा, जिसे तूने कभी नहीं सोचा होगा,” रामपाल ने कहा।
कहानी का पिछला भाग: ससुर और बहू का खतरनाक खेल – भाग 4

नेहा ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और शरारत से कहा, “बाबूजी, मुझे तो आपके हर खेल में मजा आता है। आप चाहे जो भी करो, मैं तैयार हूँ।”

रामपाल ने नेहा को पलंग पर धकेला और उसकी साड़ी को उठा दिया। उसकी आंखों में वासना और जुनून झलक रहा था। उसने अपने हाथ से नेहा के चूचियों को जोर-जोर से मसलना शुरू कर दिया। नेहा की सांसें तेज हो गईं। रामपाल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे नेहा की चूत के पास ले जाकर रगड़ने लगा।

“आह, बाबूजी, और जोर से, मेरी चूत को चीर दो,” नेहा ने सिसकारी लेते हुए कहा।

रामपाल ने एक जोरदार धक्का मारा और अपना लंड नेहा की चूत में घुसा दिया। नेहा के मुंह से तेज कराह निकली, और वह अपनी कमर को ऊपर उठाने लगी, ताकि रामपाल का लंड और गहराई तक जा सके।

अब रामपाल ने नेहा को पूरी तरह से अपने कब्जे में कर लिया था। उसने नेहा के नितम्बों को जोर से दबाते हुए उसकी चूत के अंदर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। नेहा की चूत से लगातार रस बह रहा था, और उसकी सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थीं।

“आह, बाबूजी, मेरी चूत को पूरी तरह से भर दो… और तेज़, और जोर से,” नेहा ने कराहते हुए कहा।

रामपाल अब पूरी तरह से पागल हो चुका था। उसने अपनी पूरी ताकत से नेहा की चूत में धक्के मारना शुरू कर दिया। नेहा का शरीर तड़पने लगा और उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं।

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“आज मैं तेरी चूत को पूरा फाड़ दूंगा,” रामपाल ने कहा और अपना लंड नेहा की चूत के अंदर और जोर से धकेल दिया।

रामपाल ने नेहा के शरीर को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया था। उसका लंड नेहा की चूत में तेजी से अंदर-बाहर हो रहा था। लेकिन नेहा के दिमाग में कुछ और ही योजना चल रही थी। वह चाहती थी कि इस बार खेल का सारा नियंत्रण उसके हाथ में हो, और उसे यकीन था कि रामपाल को भी इसका भरपूर मजा आएगा।

कुछ देर तक रामपाल ने नेहा की चूत में अपना लंड धकेलते रहने के बाद, नेहा ने अचानक कहा, “बाबूजी, अब मेरी बारी है। आज आपको कुछ नया अनुभव कराना चाहती हूँ।” रामपाल ने हैरानी से उसकी तरफ देखा, लेकिन वह इतना उत्तेजित था कि उसने कुछ भी कहे बिना नेहा के इशारे को मान लिया। नेहा ने रामपाल को बिस्तर पर लेटाया और उसके हाथों को ऊपर की ओर बांध दिया।

फिर उसने अपनी साड़ी को नीचे उतार कर रामपाल की आंखों पर बांध दिया, जिससे वह कुछ भी देख न सके। “अब बाबूजी, आपको मेरे नियमों से चलना होगा,” नेहा ने शरारत भरी मुस्कान के साथ कहा। रामपाल अब पूरी तरह से नेहा के नियंत्रण में था। नेहा ने अपने होंठों से रामपाल के लंड को चूसना शुरू कर दिया, और फिर धीरे-धीरे उसके नितम्बों तक आई। उसने अपने हाथों से रामपाल की गांड को मसलना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे अपनी जीभ से उसकी गांड को सहलाने लगी। रामपाल को यह सब बिल्कुल नया लग रहा था। “आह… बहू, ये क्या कर रही है?” उसने हांफते हुए कहा। “बस बाबूजी, आज आपको एक नया मजा दूंगी,” नेहा ने हंसते हुए जवाब दिया और अपनी जीभ से रामपाल की गांड में अंदर तक चाटने लगी। उसकी जीभ रामपाल की गांड के चारों ओर घूम रही थी और वह इसे साफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।

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नेहा ने कुछ देर बाद एक नया कदम उठाने का फैसला किया। उसने बिस्तर के नीचे छिपाकर रखे हुए अपने नए खिलौने को निकाला – एक बड़ा, मोटा स्ट्रैप-ऑन जिसे उसने ऑनलाइन मंगवाया था। उसने इसे अपनी कमर पर बांधा और रामपाल की गांड की ओर बढ़ी। “बाबूजी, अब आपको कुछ ऐसा करने वाली हूँ जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे,” नेहा ने कहा और रामपाल की गांड पर अपने स्ट्रैप-ऑन को रगड़ने लगी। रामपाल पूरी तरह से स्तब्ध था। 

नेहा अब पूरी तरह से कमान संभाल चुकी थी। उसने रामपाल की गांड को पूरी तरह से तैयार कर दिया था, और अब उसके पास था एक बड़ा प्लास्टिक का नकली लंड, जिसे उसने अपनी कमर पर बांध रखा था। रामपाल को इसका जरा भी अंदाजा नहीं था, और नेहा उसकी गांड के पास अपना प्लास्टिक का नकली लंड ले जाकर रगड़ने लगी। “बाबूजी, अब आपको एक ऐसा मजा देने वाली हूँ, जो आपने कभी महसूस नहीं किया होगा,” नेहा ने कहा और धीरे-धीरे अपने प्लास्टिक के नकली लंड को रामपाल की गांड के अंदर डालने की कोशिश करने लगी।

रामपाल की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी, और वह इस नई अनुभूति से स्तब्ध था। नेहा ने उसकी गांड को और अच्छी तरह से तैयार करने के लिए अपनी जीभ से पहले एक बार फिर उसे चाटा, फिर अपने प्लास्टिक के लंड को जोर से उसकी गांड में धकेल दिया। “आह… बहू, ये क्या कर रही है तू?” रामपाल ने चौंकते हुए कहा, लेकिन उसकी आवाज में एक अजीब सी उत्तेजना भी थी। “बाबूजी, आपको ऐसा मजा पहले कभी नहीं मिला होगा,” नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा और प्लास्टिक के नकली लंड को जोर से धकेलने लगी।

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उसने धीरे-धीरे रामपाल की गांड में धक्के मारने शुरू किए। रामपाल अब पूरी तरह से नेहा के नियंत्रण में था। उसकी सिसकारियां अब नेहा की उत्तेजना को और बढ़ा रही थीं। नेहा ने अपने हाथों से रामपाल की पीठ को मसलते हुए, उसके नितम्बों पर थपथपाया। फिर वह और तेज़ी से धक्के मारने लगी। “आह… बाबूजी, आपको ऐसा मजा पहले कभी नहीं मिला होगा, मेरी कसम।” रामपाल की सिसकारियां और बढ़ गईं।

नेहा ने जोर-जोर से उसके नितम्बों पर धक्के मारने शुरू कर दिए, और रामपाल की गांड में प्लास्टिक का नकली लंड अब पूरी तरह से समा गया था। कुछ ही देर में, नेहा और रामपाल दोनों की सांसें तेज हो गईं। रामपाल को इस नए खेल का मजा आने लगा था, और नेहा अब पूरी तरह से खेल पर हावी थी। उसने रामपाल की गांड में और तेज़ी से धक्के मारते हुए, उसकी पीठ पर एक प्यार भरी थपकी दी और कहा, “बाबूजी, अब आप भी मानोगे कि मेरी मस्ती का कोई जवाब नहीं।”

 

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